मोदी सरकार को जवाब देने ममता केन्द्र से मिलती-जुलती योजनाएं और नीतियां करेंगी लागू

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कोलकाता। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अपने मंत्रियों और पार्टी नेताओं से केंद्र सरकार से मिलती-जुलती योजनाओं और नीतियों पर सलाह देने को कहा है। साथ ही इन्हें सोशल मीडिया और जनसभाओं में प्रचारित करने को भी कहा गया। पार्टी कार्यकतार्ओं का कहना है कि मुख्यमंत्री इन योजनाओं को बंगाल के विकास की कहानी के तौर पर दिखाना चाहती हैं, जो कि केंद्र के आंकड़ों से बेहतर हो।
Mamta Center will have plans and policies to address the Modi government.
जैसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंत्रिमंडल के न्यूनतम समर्थन मूल्य को बढ़ाने के फैसले को तृणमूल कांग्रेस ने ज्यादा महत्व नहीं दिया। पार्टी का दावा था कि बंगाल सरकार पहले ही राज्य के किसानों की आय तीन गुना बढ़ा चुकी है। बनर्जी ने नबन्ना में गुरुवार को कहा, ‘केंद्र के बंगाल के साथ सौतेले व्यवहार के बावजूद हम किसानों की आय अपने राज्य में पहले ही तीन गुना कर चुके हैं।’ उन्होंने बताया कि वह विकास योजनाओं के लिए पैसे बचाने के लिए कदम उठा रही हैं।

केंद्र को राज्य सरकार का आंकड़ों में जवाब
ऐसा पहली बार नहीं है जब ममता ने केंद्र की योजनाओं को तवज्जो नहीं दी। ‘मोदी केयर’, ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ और ‘आयुष्मान भारत’ का जवाब बनर्जी के पास होता है। सरकार केंद्र सरकार के आंकड़ों से बेहतर राज्य के आंकड़े पेश कर देती है। भारतीय सांख्यिकी संस्थान में इकनॉमिक्स के प्रफेसर और बनर्जी की अर्थशास्त्रियों की टीम के सदस्य अभिरूप सरकार कहते हैं कि ममता सरकार की प्राथमिकता वंचित लोग और उनकी सुरक्षा है। इसलिए पिछले कुछ साल में किसानों की आय तीन गुनी होती देखी गई है। उन्होंने बताया कि ममता ने किसान को जमीन की सुरक्षा दी है जिससे किसान ने अपनी जमीन में निवेश करना शुरू किया। केंद्र अगर उन्हें न्यूनतम समर्थन मूल्य देता भी है, तो वह काफी देर से राज्य तक पहुंचेगा और राज्य को यह एमएसपी चुकाने के लिए कर्ज लेना पड़ेगा।