बाईक रैली और नुक्कड़ नाटक के जरिए ‘एमएएनएम’ ने बताया वॉटर बॉडीज से खिलवाड़ पड़ता है महंगा, देश में डूबने से सबसे ज्यादा मौतें प्रदेश में

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भोपाल 

भोपाल और मप्र सुंदर तालों के कारण पहचाना जाता है, लेकिन इसे दुर्भाग्य ही कहा जा सकता है कि जागरूकता के अभाव में मप्र में डूबने से होने वाली मौतों का आंकड़ा प्रतिवर्ष 4000 के करीब है। पूरे देश में डूबने से हर साल लगभग 35 हजार मौतें होती हैं और मप्र इस मामले में पहले नंबर है। यही वजह है कि लोगों को डूबने से बचाने के लक्ष्य के साथ मंदार एंड नो मोर फाउंडेशन (एमएएनएम) बनाया गया। इसी आर्गेनाइजेशन के बैनर तले रविवार को एक जागरूकता बाईक रैली आयोजित की गई, जिसका उददेश्य लोगों को वॉटर बॉडीज के रिस्क फैक्टर बताना और लोगों को डूबने से होने वाली मौतों के प्रति अवेयर करना था।

बाईक रैली को वंदे मातरम चौराहा, बिटटन मार्केट से भूतपूर्व डीजीपी अरूण गुर्टू, डायरेक्टर गवर्नर इलेक्ट धीरन दत्ता, वंदे मातरम उत्सव समिति के अध्यक्ष पयोज जोशी, रोटरी क्लब ईस्ट भोपाल की अध्यक्ष अल्पना मिश्रा और सचिव अजय भटनागर ने फ्लैग ऑफ करके रवाना किया।
बाईक रैली के अलावा इस अवसर पर भोपाल के मनीषा मार्केट्, बिटटन मार्केट, केरवा डेम, कलिया सोत डेम और बोट क्लब पर नुक्कड़ नाटक कर यह संदेश दिया गया कि आपकी जान कीमती है और आपको खुद अपनी सेफ्टी का ध्यान रखना चाहिए। नाटक के जरिए बताया गया कि गहरी नदिया, डेम, समुद्र या फिर इस तरह की किसी भी वॉटर बॉडी के करीब जाने पर लापरवाही न बरतें। वहां किस तरह बिहेव करें यह लोगों को समझना चाहिए। नाटक के जरिए कृत्रिम सांस लेने की प्रक्रिया और ऐसी स्थिति में किस तरह किसी को बचाया जा सकता है इसकी जानकारी भी दी गई।
एमएएनएम के फाउंडर डायरेक्टर विश्वास घुसे ने बताया कि जागरूकता के अभाव में देश में डूबने से हर घंटे में औसतन 14 मौत होती है और �