अस्पताल में भर्ती मरियम की बहन आसिमा बी बोलीं- हम सामान लेकर रैंप पर चढ़े ही थे, तभी आगे का हिस्सा ढह गया, शुक्र है जान बच गई

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TIO भोपाल

भोपाल रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म दो और तीन का रैंप अचानक से ढह गया, जिसमें 8 लोग जख्मी हुए हैं, इसमें तीन की हालत गंभीर है। 2-3 प्लेटफार्म पर इटारसी और बीना दोनों ओर से आने वाली करीब डेढ़ दर्जन ट्रेनों को डायवर्ट कर दिया गया है। 7 घायलों का चिरायू अस्पताल और एक का हमीदिया अस्पताल इलाज कराया जा रहा है। रेलवे ने सीसीटीवी फुटेज जारी किया है, जिसमें रैंप गिरते दिख रही है और इसके बाद मौके पर अफरातफरी मची हुई है।

जहांगीराबाद निवासी एक ही परिवार के पांच लोग जख्मी हुए हैं। परिवार की सदस्य और गंभीर घायल मरियम की बहन आसिमां बी ने बताया कि इस हादसे में सबसे ज्यादा नुकसान हमारा ही हुआ है। अल्ला का शुक्र है कि हमारी जान बच गई। मेरी बहन मरियम गंभीर रूप से घायल हैं, वहीं नाहिद, सलीमुर्रहमान, खालिद और एक बच्चा अयान चोटिल हुए हैं। हम सब एक ही परिवार के लोग तिरुपति निजामुद्दीन संपर्क क्रांति एक्सप्रेस से हैदराबाद से भोपाल आए थे। हम सब (28 लोग) प्लेटफार्म नंबर 2 पर 9.04 बजे उतरे।

हमारा रिजर्वेशन ट्रेन के एस 1, एस 3 और एस 6 बोगियों में था। थोड़ी देर सबको एक जगह होने में लगा, इसके बाद हम सामान लेकर एफओबी में जाने के लिए रैंप से ऊपर चढ़ने लगे, तभी उसका एक हिस्सा गिर गया। इसमें मरियम, दब गईं। वहीं नाहिद, अमान और अयान भी छज्जे के साथ ही नीचे गिर गए। कुछ लोग नीचे बैठे हुए थे, वह भी दब गए। हमें समझ नहीं आ रहा था कि क्या हुआ। जोर से आवाज हुई और इसके बाद चीख-पुकार मच गई। हमने सामान फेंका और एक-दूसरे को खोजने लगे।

रैंप का हिस्सा अचानक ढह गया 

परिवार के अन्य सदस्य आदर खान ने बताया कि हमें लगा कोई धमाका हुआ है। हम सब सामान-असबाब के साथ जीने से ऊपर चढ़ रहे थे, तभी रैंप का हमारे आगे का हिस्सा टूटकर नीचे गिरा, इस दौरान जितने भी लोग थे, वह नीचे गिर पड़े। स्टेशन पर हमें फौरन कोई मदद नहीं मिली तो हम एंबुलेंस से परिजनों का लेकर चिरायू अस्पताल आ गए। 

रेलवे अधिकारियों को दी गई थी ब्रिज के जर्जर होने की जानकारी 
घटना की सूचना मिलते ही रेलवे पुलिस मौके पर पहुंची और यात्रियों को वहां से हटाया। घटना के दो घंटे बाद रेलवे कर्मचारियों ने घटना स्थल से मलबा हटा लिया है। प्लेटफार्म नंबर 2 से दो ट्रेनों को डायवर्ट किया गया है। घटना में रेलवे की बड़ी लापरवाही सामने आ रही है। कैंटीन संचालक रमेश स्टेशन मास्टर से रैंप और ब्रिज के कमजोर होने और उसका हुक निकल जाने की जानकारी दी थी। लेकिन रेलवे ने शिकायत को किया अनसुना कर दिया। जब रैंप गिरा तो कुछ यात्री इसके नीचे भी बैठे हुए थे। तभी छज्जा नीचे गिरा, कुछ लोग भागे और चिल्लाए।इस दौरान भी कुछ लोग चोटिल हो गए।

हालांकि रेलवे के अधिकारियों ने इस बात से इंकार किया है कि उन्हें रैँप या रेलवे ब्रिज के जर्जर होने की जानकारी दी गई थी। उन्होंने बताया कि अगर जानकारी मिलती तो इसकी जांच कराई जाती।

ट्रेन का इंतजार कर रहे थे, तभी रैंप का हिस्सा गिरा 
दो नंबर प्लेटफार्म पर दुकान के वेंडर अंशुमान सिंह भदौरिया ने बताया कि हम ट्रेन का इंतजार कर रहे थे। सुबह के 9 बजे होंगे, तिरुपति-निजामुद्दीन संपर्क क्रांति इटारसी की तरफ से आ रही थी, तभी अचानक पुल का छज्जा पहले सीमेंट सा कुछ नीचे झरा इसके अगले 5 सेंकेंड में पूरा छज्जा गिर गया। हमें बाहर निकले भर का मौका मिला। एक वेंडर अजय सिंह राठौर बाहर था, उसे चोट लगी है। उसे भी नजदीक के अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा है।

18 ट्रेनों को डायवर्ट किया गया 
हादसे वाले दो-तीन नंबर प्लेटफार्म में इटारसी और बीना दोनों तरफ से आने वाली करीब 18 ट्रेनों को 4-5 नंबर पर शिफ्ट किया गया है। रेलवे कर्मचारियों ने वहां से मलबा हटा दिया है। रैंप को दोबारा बनाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। भोपाल रेल मंडल डीआरएम उदय बोरवणकर ने घटना स्थल का मौका मुआयना किया है। उन्होंने कहा कि हम मामले की जांच करा रहे हैं। इसमें दोषियों पर कार्रवाई होगी। हमारे यहां पर रेलवे ब्रिज की रुटीन में जांच और निरीक्षण कराया जाता है।

1992 में बना था रैंप
रेल एडीजी अरुणा मोहन राव ने कहा- मुझे जानकारी दी गई है कि ये रैंप 1992 में बना था। ज्यादा पुराना होने से कमजोर हो गया होगा। इसकी सुरक्षा के प्रोटोकॉल क्या हैं, हम इसकी जानकारी ले रहे हैं। इसमें कानूनी कार्रवाई होगी, जो भी दोषी हैं। एडीजी ने कहा- स्टेशन के जर्जर हालत में पहुंचे ओवरब्रिज और रैंप की जांच और परीक्षण तकनीकी टीम से कराएंगे।

जांच कमेटी बना दी गई है, जांच कराएंगे 

ये हादसा नहीं होना चाहिए था। ये दुखद है। एफओबी का एक रैंप गिरा है। इसमें घायलों की संख्या 8 है, इसमें एक घायल को हमीदिया और 7 घायलों को रेलवे अस्पताल में भर्ती कराया गया, इसके बाद उन्हें चिरायू अस्पताल शिफ्ट किया गया। इस दौरान उनके साथ रेलवे के डॉक्टर्स की टीम भी साथ थी। इसकी एसएजी लेवल की जांच के आदेश दिए गए हैं।

प्रियंका दीक्षित, मुख्य जनसंपर्क अधिकारी, पश्चिम मध्य रेलवे