भोपाल। आगामी विधानसभा चुनाव के लिए प्रदेश में लंबे समय से राजनीतिक दलों के बीच गठबंधन को लेकर अटकलों का दौर जारी है, लेकिन अभी तक किसी भी दल के साथ गठबंधन नहीं हुआ है। हालांकि राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि प्रमुख राजनीतिक दल कांग्रेस एवं भाजपा को छोड़कर अन्य छोटे दल आपस में एक साथ होकर चुनाव लड़ सकते हैं।
May be coalition against Shivraj, eight political parties joined hands
राज्य में आचार संहिता लागू होने के बाद ये दल गठबंधन भी कर सकते हैं और सीटों का बंटवारा कर चुनाव मैदान में उतर सकते हैं। हालांकि इन छोटे दलों का कांग्रेस या भाजपा के साथ किसी भी तरह का समझौता नहीं रहेगा। गठबंधन को लेकर रविवार को आठ राजनीतिक दलों की भोपाल में बैठक हुई है। बैठक में अभी अंतिम फैसला नहीं लिया गया है।
जानकारी के अनुसार राजधानी में आगामी चुनाव को लेकर हुई बैठक में लोकतांत्रिक जनता दल, सीपीआई, सीपीएम, बहुजन संघर्ष दल, गोंडवाना गणतंत्र पार्टी, समाजवादी पार्टी, राष्ट्रीय समानता दल और प्रजातांत्रिक समाधान पार्टी शामिल हुई। हालांकि बैठक में सिर्फ चुनाव को लेकर चर्चा हुई, गठबंधन जैसा फैसला फिलहाल नहीं लिया गया है।
लोकतांत्रिक जनता दल के नेता गोविन्द यादव के अनुसार मध्यप्रदेश के आगामी विधानसभा चुनाव के लिए गैर-बीजेपी राजनैतिक दलों के गठबंधन निर्माण के लिए आठ विभिन्न राजनैतिक दलों की बैठक भोपाल में हुई। जिसमें ं 8 राजनीतिक पार्टियां वैकल्पिक राजनीति के लिए साथ आने पर विचार कर रही है, लेकिन अभी तक सहमति नहीं बन पाई है। अब अगली बैठक 7 अक्टूबर को होगी।
कांग्रेस को नहीं किया जाएगा शामिल
राजनीतिक दलों के प्रतिनिनिधयों के बीच कांग्रेस को गठगंधन में शामिल करने पर सहमति नहीं बन पाई। बताया जा रहा है कि कांग्रेस को भी इस गठबंधन में शामिल कर महागठबंधन बनाने के मुद्दे पर चर्चा की गई, लेकिन क युनिस्ट पार्टी (सीपीआई) और मार्क्सवादी क युनिस्ट पार्टी (सीपीएम) ने इसका विरोध किया जिस कारण गठबंधन नहीं हो सका।
तो चुनाव में नहीं कटेंगे वोट
राजनीतिक जानकारों के मुताबिक, यह देखा गया है कि विपक्षी दलों के वोटों का बिखराव हर विधानसभा चुनाव में होता है। इसका सीधा फायदा सत्ता सीन पार्टी को मिलता है। यदि सभी पार्टियां साथ आती हैं तो काफी हद तक बीजेपी को इसका नुकसान होगा।