TIO भोपाल
विगत दिवस भोपाल के वकील जगदीश छवानी के छोटे भाई भीषम की पत्नी दिशा का हलालपुर, बीरआरटीएस बस स्टैण्ड पर बस से उतरते समय दुर्घटनावश निधन हो गया था, हमीदिया अस्पताल के डॉक्टरों की सलाह पर उनके 10 वर्षीय एकमात्र पुत्र मयंक ने मां के अंगदान किए और अब एक कदम और आगे बढ़ाते हुए 28 जनवरी मंगलवार को सुबह 11:30 बजे अस्थि संचय के बाद मयंक ने अपनी मां दिशा छावानी की स्मृति में एयरपोर्ट रोड स्थित 211, ओम शिव नगर कॉलोनी में घर के पास अपनी आयु जितने 10 पेड़ लगाने का प्रण किया है। बुधवार को मयंक ने मां की चिता की राख गड्ढे में डालकर पौधा लगाया।
पर्यावरण और पुरखों की स्मृति को संजोने की इस अलख को फैलाने की जवाबदारी उठाई भोपाल के कई समाजों ने। समाज सेवा के इस अनोखे उदाहरण के साक्षी बनकर साथ देने के लिए विजय नगर ने समाज के हर वर्ग विशेषकर युवा और महिलाओं को इस अवसर पर उपस्थित रहकर पंचायत और दरबार के सबसे छोटे सेवक मयंक की हौंसला अफजाई करने की अपील भी की है, ताकि समाज में एक सकारात्मक संदेश के साथ पर्यावरण को बचाने और परिवार व रिश्तों को बिखरने से बचाने व जोड़कर रखने के एक अनूठे उदाहरण को बढ़ावा मिल सके। कल अंतिम संस्कार में मयंक ने अपनी मां की चिता को अग्नि देने के बाद स्वयं वहां जपुजी साहिब का वाचन अपनी मां की आत्मा की शांति के लिए अरदास के तौर पर किया। जिसे न सिर्फ देखकर अपितु सुनकर भी वहां मौजूद लोगों की आँखों में माँ-बेटे के इस अनोखे प्यार को देखकर बरबस ही पानी भर आया।
इससे पहले अपने परिजनों के साथ बातचीत में मयंक ने खुद ही इच्छा जाहिर करते हुए कहा कि यदि मेरी मम्मी के सभी अंग, दान नहीं हो सके तो क्या मैं नीम व तुलसी का पौधा लगाकर उसमें मम्मी की चिता की राख का कुछ हिस्सा इस्तेमाल करुँ यह गलत होगा ? नहीं न तो मैं करूँगा । सभी 10 वर्ष के उस बच्चे की समझ देखकर और यह सुनकर स्तब्ध हो गए।