श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर में महबूबा मुफ्ती की पीपल्स डेमोक्रैटिक पार्टी के भविष्य पर खतरा मंडरा रहा है। पार्टी के नेता और विधायक खुलेआम बगावत के सुर तेज कर रहे हैं। वे पार्टी नेतृत्व पर परिवार को बढ़ावा देने का आरोप लगा रहा हैं। भारतीय जनता पार्टी के सरकार से समर्थन वापस लेने के बाद राज्य में पीडीपी की राहें मुश्किल होती दिख रही हैं।
Mehbooba’s party is in danger, the rebel MLA has claimed, 14 legislators and leave party
जादीबल से पीडीपी के नाराज नेता आबिद अंसारी ने दावा किया है कि 14 विधायक पार्टी छोड़ने के लिए तैयार हैं। शिया नेता इमरान अंसारी रजा और अंसारी ने पिछले हफ्ते पीडीपी छोड़ने का ऐलान किया था। दरअसल, महबूबा ने अपने भाई तसद्दुक सिद्दीकी को पर्यटन मंत्री बना दिया था और मामा सरताज मदनी को भ्रष्टाचार के आरोपों के बावजूद कई अधिकार दिए थे। इस बात से नेता नाराज हैं।
बारामुला से विधायक जाविद हुसैन बेग ने मुफ्ती पर राज्य में घराने की राज स्थापित करने का आरोप लगाया था। उन्होंने हुए पार्टी छोड़ने का फैसला अपने रिश्तेदार और सांसद मुजफ्फर हुसैन बेग पर छोड़ दिया है। गुलमर्ग विधायक मोहम्मद अब्बास वानी ने भी परिवारवाद और भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए पार्टी छोड़ने का ऐलान किया था।
महबूबा ने पिछले हफ्ते कई विधायकों और पार्टी नेताओं से एक-एक कर मुलाकात की था। पार्टी सूत्रों के मुताबिक पार्टी के वरिष्ठ नेताओं जैसे एआर वीरी, जीएन लोन, मोहम्मद खलील बंद, जहूर मीर, एमवाई भट, नूर मोहम्मद भट, यावर दिलावर मीर और एजाज अहमद मीर ने मुफ्ती को समर्थन का भरोसा दिलाया है।
हालांकि, बांदीपोरा से एमएलसी यासिर रेशी ने दूसरे नेताओं के साथ मिलकर जम्मू-कश्मीर में परिवार की राजनीति का विकल्प तलाशने को समर्थन दिया। रेसी ने कहा है कि नए नेतृत्व को मौका देना ही विकल्प है। उन्होंने कहा है कि राज्य को परखे जा चुके और फेल हो चुके दो परिवारों के मॉडल से राहत चाहिए। नूराबाद से विधायक अब्दुल मजीद पदरू ने भी मुफ्ती के खिलाफ आवाज उठाई है। उन्होंने पार्टी से हारे हुए उम्मीदवारों को बाहर करने की वकालत की है।