मिशन 2019: यूपी साधने में जुटे अमित शाह, कई मंत्रियों को उतार सकते हैं लोकसभा चुनाव में

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लखनऊ। 2019 के लोकसभा चुनाव के मद्देनजर यूपी में बनते-बिगड़ते राजनीतिक समीकरणों पर बीजेपी की पैनी नजर है। एसपी-बीएसपी गठबंधन की चुनौती और मौजूदा सांसदों के खिलाफ विरोधी फैक्टर का मुकाबला करने के लिए बीजेपी यूपी सरकार के अपने कई ताकतवर मंत्रियों को मैदान में उतारने की तैयारी कर रही है।
वैसे अभी एसपी और बीएसपी का अलायंस औपचारिक तौर पर आकार नहीं ले सका है, पर बीजेपी पहले से ही सभी संभावनाओं का तोड़ निकालने में जुट गई है।
Mission 2019: Amit Shah engaged in UP tools, can take out many ministers in Lok Sabha elections
पार्टी के एक वरिष्ठ नेता के मुताबिक बीजेपी का पहला उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि दोनों धुर विरोधी पार्टियां एक साथ न आएं। इसके बावजूद अगर एसपी-बीएसपी 2019 में साथ चुनाव लड़ती हैं, तो उस परिस्थिति के लिए भी पार्टी खुद को तैयार कर रही है।  पार्टी के एक नेता ने कहा, ‘पार्टी हाई कमान ने साफ संकेत दिए हैं कि वह 71 विजयी उम्मीदवारों में से 50 फीसदी को इस बार मौका नहीं देंगे। ऐसे में पार्टी को जिताऊ उम्मीदवारों की जरूरत है जिससे राज्य में सीटों का गणित न गड़बड़ाए। यूपी में शानदार प्रदर्शन एनडीए की सत्ता में वापसी की राह आसान करेगा।’

इन मंत्रियों की सूची तैयार
पार्टी के सूत्रों के अनुसार बीजेपी राज्य के अपने सबसे प्रभावशाली मंत्रियों की सूची तैयार कर रही है, जिनकी चुनाव क्षेत्र में अच्छी पकड़ है। वरिष्ठ कैबिनेट मंत्री सतीश महाना, एसपी शाही, दारा सिंह चौहान, एसपीएस बघेल और स्पीकर हृदय नारायण दीक्षित कुछ ऐसे ही बड़े नाम हैं जो 2019 का लोकसभा चुनाव लड़ सकते हैं।

जिताऊ उम्मीदवार पर फोकस, गोरखपुर पर दुविधा
वहीं एक राजनीतिक विश्लेषक का कहना है, ‘वैसे तो पार्टी भावनात्मक मुद्दों और विकास के अजेंडे के साथ मतदाताओं तक जाने की तैयारी कर रही है। इसके साथ बीजेपी का इस बात पर भी फोकस है कि उम्मीदवार मजबूत हों और उनकी जीत पक्की हो।’ हालांकि गोरखपुर सीट को लेकर बीजेपी बड़ी दुविधा में है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पांच बार से यहां का प्रतिनिधित्व करते आ रहे हैं। हालांकि इसी साल हुए उपचुनाव में एसपी-बीएसपी ने यह सीट बीजेपी से छीन ली। दरअसल, इस बार बीजेपी ने 33 साल बाद गोरक्ष पीठ से बाहर के किसी उम्मीदवार पर भरोसा जताया था।