कंप्यूटर बाबा का मिशन… शिवराज हटाओ, बाबा बोले, न मैं दिग्विजय से मिला न कांग्रेस से नजदीकी

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भोपाल। मध्यप्रदेश में राज्यमंंत्री दर्जा पद से इस्तीफा देने वाले कंप्यूटर बाबा का कहना है कि अब मेरा मिशन मध्यप्रदेश से शिवराज सरकार को हटाना है। इसके लिए वे प्रदेश के सभी जिलों में संतों और पुजारियों के साथ बैठक करेंगे और चुनाव से पहले जबलपुर में एक बड़ी संतों की संसद होगी, जिसमें भाजपा सरकार के संत विरोधी रूख पर बड़ा निर्णय लिया जाएगा।
Mission of computer Baba … Shivraj remover, Baba said, I did not meet Digvijay or close to Congress
राज्य में नर्मदा में अवैध उत्खनन का पुरजोर विरोध करने के फलस्वरूप राज्यमंत्री पद का तोहफा हासिल कर लेने वाले कंप्यूटर बाबा अपना इस्तीफा देने के बाद सरकार से एक बार फिर खफा हैं। बाबा की जुबान से अब आक्रोश फूट रहा है। उन्होंने कहा कि शिवराज ने संतों और पुजारियों के साथ भी धोखाधड़ी करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। उनसे फरेब किया और झूठ बोला। जब उनसे पूछा गया कि चुनाव से पहले क्या वे कांग्रेस को मदद करेंगे या वो कांग्रेस नेताओं के संपर्क में है तो उन्होंने इससे इनकार करते हुए साफ कहा कि वे न तो वे किसी नेता के संपर्क में हैं और न ही वे अगला चुनाव लड़ेंगे।

अटकलें थीं कि शुक्रवार को बाबा ने कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह से लंबी बात की है लेकिन बाबा ने इसका खंडन किया है। बाबा ने यह भी कहा कि अब वे कभी भी बीजेपी के साथ नहीं जाएंगे। बाबा ने कहा कि बीजेपी धर्म विरोधी है, इसलिए वे और साधु-संत अब कतई भी बीजेपी सरकार को बर्दाश्त नहीं करेंगे। बाबा का कहना था कि अगर बीजेपी धर्म की राह पर चलकर काम कर रही होती और जनकल्याण किया होता, तो फिर सपाक्स जैसे आंदोलन राजनैतिक दल के तौर पर सामने क्यों आते! इधर, कांग्रेस के अंदरखाने की मानें तो भले ही बाबा इस बात से इंकार करे कि वे कांग्रेस के संपर्क में नहीं हैं, लेकिन बाबा ना केवल भोपाल बल्कि दिल्ली तक भी कांग्रेस में खुद के लिए थाह लेने में लगे हुए हैं।

भाजपा कर रही है मनाने की कोशिश
कंप्यूटर बाबा ने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण बीजेपी नहीं, अब हम साधु-संत ही करेंगे! उन्होंने कहा कि नर्मदा को छलनी करने वाली यह सरकार अब मध्यप्रदेश में नहीं रहेगी। बाबा ने 1 अक्टूबर को दिए गए अपने इस्तीफे के दौरान मौजूद साधु-संतों का हवाला देते हुए यह पुरजोर दावा भी किया कि मध्यप्रदेश ही नहीं, बल्कि प्रदेश के साधु-संत अब उनकी सरकार उखाड़ने की मुहिम में पूरा साथ देंगे। बाबा से जब बीजेपी से नाराजगी के बाद उन्हें मनाने का सवाल किया गया तो बाबा ने तपाक से कहा कि उनकी मान-मनोव्वल के लिए कई नेता उनसे संपर्क कर रहे हैं, लेकिन मैं किसी भी नेता का नाम नहीं बताऊंगा।