जीएसटी के बाद एक और बड़े बदलाव की मोदी सरकार, समान स्टैंप ड्यूटी के लिए बदलेगी कानून

0
352

नई दिल्ली। गुड्स ऐंड सर्विसेज टैक्स के बाद भारत में ईज आॅफ डूइंग बिजनस को बढ़ाने के लिए सरकार एक और बड़े रिफॉर्म की ओर बढ़ रही है। स्टॉक्स, डिबेंचर सहित किसी फाइनैंशल इंस्ट्रूमेंट के ट्रांसफर पर सरकार देशभर में समान स्टैंप ड्यूटी दर को लागू करने की तैयारी में है।
Modi government to change another major change after GST, law to change for similar stamp duty
यह कदम पिछले साल टैक्स सिस्टम को लेकर किए गए बड़े बदलाव जीएसटी की तरह है, जिसने राज्यों और केंद्रों के दर्जनों टैक्सों को एक कर दिया। नए सुधार के तहत सरकार पूरे देश में स्टैंप ड्यूटी को एक समान करना चाहती है। हितधारकों ने सौ साल पुराने कानून के लिए बदलाव भी तैयार कर लिए हैं।

इकनॉमिक्स टाइम्स को एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि प्रस्ताव तैयार है और राज्यों की भी सहमति है। अधिकारी ने बताया कि संसद के शीतकालीन सत्र में इस बदलाव को पारित कराने के लिए लाया जा सकता है। उन्होंने यह भी जोड़ा कि इस कदम से राज्यों के राजस्व पर असर नहीं पड़ेगा।

बता दें, कि स्टैंप ड्यूटी भूमि खरीद से जुड़े ट्रांजैक्शंस और डॉक्युमेंट्स पर लगता है, लेकिन इसे जीएसटी के दायरे से बाहर रखा गया था। बिल्स आॅफ एक्सचेंज, चेक, लेडिंग बिल्स, लेटर्स आॅफ क्रेडिट, इंश्योरेंस पॉलिसीज, शेयर ट्रांसफर, इकरार-नामा जैसे वित्तीय साधनों पर स्टैंप ड्यूटी की दर संसद तय करता है। हालांकि, अन्य वित्तीय साधनों पर स्टैंप ड्यूटी की दर राज्य दर करते हैं।

स्टैंप ड्यूटी में भिन्नता की वजह से अक्सर लोग ट्रांजैक्शन ऐसे राज्यों के जरिए करते हैं, जहां दर कम होती है। मार्केट रेग्युलटर सिक्यॉरिटीज ऐंड एक्सचेंज बोर्ड आॅफ इंडिया (रएइक) ने इससे पहले राज्यों को सलाह दी थी कि इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से होने वाले फाइनैंशल ट्रांजैक्शन पर स्टैंप ड्यूटीज को एकसमान बनाएं या माफ कर दें।