इलाहाबाद। 65 साल बाद एक बार फिर इलाहाबाद में कुंभ का आयोजन सीधे प्रधानमंत्री के देखरेख में होगा। इससे पहले 1954 में हुए कुंभ की निगरानी सीधे पीएमओ कर रहा था। तब देश के प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू थे। अब 2019 में होने वाले कुंभ पर भी पीएमओ की नजर है।
Modi will be on the path of Nehru, PM will be in Allahabad’s Aquarius
चुनावी साल में पड़ रहे इस कुंभ से बीजेपी को बड़ी उम्मीदें हैं। यही वजह है कि पार्टी और सरकार की तरफ से कुंभ की तैयारियों में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी जा रही है । कुंभ के प्रचार-प्रसार से लेकर इसकी व्यवस्थाओं तक पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नजर है ।
माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री मोदी कुंभ से पहले तैयारियों का जायजा लेने इलाहाबाद भी पहुंच सकते हैं। 1954 के कुंभ को लेकर भी केंद्र सरकार बहुत संजीदा थी। तत्कालीन प्रधानमंत्री नेहरू के स्पष्ट निर्देश थे कि कुंभ की तैयारियों में किसी तरह की कोताही न बरती जाए। इलाहाबाद के क्षेत्रीय अभिलेखागार में मौजूद दस्तावेज बताते हैं कि 1954 में प्रधानमंत्री के निर्देश पर कुंभ की तैयारियों के लिए एक उच्च स्तरीय कमिटी बनाई गई थी। इसमें सीआईडी के एसपी भी शामिल थे।
1954 में कुंभ के दौरान हर दिन की गतिविधियों की जानकारी सीधे पुलिस हेडक्वॉर्टर को भेजी जाती थी। वहां से जानकारियां पीएमओ तक भेजी जाती थीं। 2019 में भी होने जा रहे कुंभ को लेकर वर्तमान मोदी सरकार कुछ ऐसी ही तैयारी में है। चुनावी साल होने के नाते पार्टी कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहती। यही वजह है कि इस बार सीधे पीएमओ की नजर कुंभ पर होगी।
65 साल बाद एक बार फिर इलाहाबाद में कुंभ का आयोजन सीधे प्रधानमंत्री के देखरेख में होगा। इससे पहले 1954 में हुए कुंभ की निगरानी सीधे पीएमओ कर रहा था। तब देश के प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू थे। अब 2019 में होने वाले कुंभ पर भी पीएमओ की नजर है।
चुनावी साल में पड़ रहे इस कुंभ से बीजेपी को बड़ी उम्मीदें हैं। यही वजह है कि पार्टी और सरकार की तरफ से कुंभ की तैयारियों में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी जा रही है । कुंभ के प्रचार-प्रसार से लेकर इसकी व्यवस्थाओं तक पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नजर है ।
माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री मोदी कुंभ से पहले तैयारियों का जायजा लेने इलाहाबाद भी पहुंच सकते हैं। 1954 के कुंभ को लेकर भी केंद्र सरकार बहुत संजीदा थी। तत्कालीन प्रधानमंत्री नेहरू के स्पष्ट निर्देश थे कि कुंभ की तैयारियों में किसी तरह की कोताही न बरती जाए। इलाहाबाद के क्षेत्रीय अभिलेखागार में मौजूद दस्तावेज बताते हैं कि 1954 में प्रधानमंत्री के निर्देश पर कुंभ की तैयारियों के लिए एक उच्च स्तरीय कमिटी बनाई गई थी। इसमें सीआईडी के एसपी भी शामिल थे।
1954 में कुंभ के दौरान हर दिन की गतिविधियों की जानकारी सीधे पुलिस हेडक्वॉर्टर को भेजी जाती थी। वहां से जानकारियां पीएमओ तक भेजी जाती थीं। 2019 में भी होने जा रहे कुंभ को लेकर वर्तमान मोदी सरकार कुछ ऐसी ही तैयारी में है। चुनावी साल होने के नाते पार्टी कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहती। यही वजह है कि इस बार सीधे पीएमओ की नजर कुंभ पर होगी।