हरिवंश की मोदी ने की तारीफ, कहा- हरिवशंजी से सांसदों को सीखने का मिलेगा मौका

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दिल्ली। वरिष्ठ पत्रकार हरिवंश के राज्यसभा का उपसभापति चुने जाने के बाद गुरुवार को एक तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनकी जमकर तारीफ की तो वहीं विपक्ष के नेताओं ने उन्हें सलाह भी दी। प्रधानमंत्री ने कहा कि कलम की प्रतिभा के धनी हरिवंश जी से सभी माननीय सांसदों को सीखने का मौका मिलेगा। उन्होंने सदस्यों को भी नए उपसभापति के चुनाव के लिए बधाई दी और विपक्ष के उम्मीदवार बीके हरिप्रसाद का भी संसदीय गरिमा के पालन के लिए आभार जताया।
Modi’s praise of Harivansh, said – opportunity will be learned from Harivsanji to learn MPs
वहीं, राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा, ‘हरिवंश जी पहले एनडीए के प्रत्याशी थे, लेकिन चुनाव जीतने और उपसभापति बनने के बाद यह पूरे सदन के हो गए हैं। वह अपना काम अच्छे से करें, हमारी शुभकामनाएं उनके साथ हैं।’ उन्होंने यह भी उम्मीद जताई कि एक पत्रकार के उपसभापति बनने से मीडिया में सदन की कार्यवाही की खबरें ज्यादा आएंगी। समाजवादी पार्टी के रामगोपाल सिंह ने हल्के-फुल्के अंदाज में कहा, ‘हरिवंश जी आप कभी सदस्यों से नाराज मत होइएगा क्योंकि सदस्य के नाराज होने से आपका कुछ नहीं जाएगा लेकिन आपके नाराज होने से सदस्यों का बहुत कुछ जा सकता है।’

मोदी ने बताया, प्रतिभा के धनी
पीएम मोदी ने कहा, ‘आज भारत छोड़ो आंदोलन की वर्षगांठ का भी महान दिन है। हरिवंश जी कलम की प्रतिभा के धनी हैं और बलिया के हैं। सभी जानते हैं कि आजादी के आंदोलन में बलिया की भूमि का अहम योगदान रहा है।’ पीएम ने नए उपसभापति के पत्रकारीय कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि हैदराबाद, कोलकाता जैसे बड़े शहरों की चकाचौंध को छोड़कर तब के संयुक्त बिहार और अब के झारखंड में उन्होंने लौटने का फैसला किया।

‘अपने अखबार को भी नहीं लगने दी भनक’
पीएम ने कहा, ‘हम जानते हैं कि एसपी सिंह के साथ उन्होंने काम किया, धर्मयुग में भारती जी के साथ ट्रेनी के तौर पर काम किया। दिल्ली में चंद्रशेखर के जी के चहेते थे। पूर्व पीएम चंद्रशेखर जी के साथ उस पद पर थे जहां सब जानकारी उन्हें थी। चंद्रशेखर जी इस्तीफा देने वाले थे, यह बात उनको पहले से पता थी। पत्रकारिता की दुनिया से जुड़े थे लेकिन खुद के अखबार को भी भनक नहीं लगने दी कि चंद्रशेखर जी इस्तीफा देने वाले हैं। उन्होंने पद की गरिमा को बनाते हुए सीक्रेट को मेंटेन किया।’

‘4 लाख इकट्ठा कर शहीद की पत्नी को दे आए’
पीएम ने कहा कि रांची में जब हरिवंश जी गए तो प्रभात खबर का सकुर्लेशन 400 था। बैंक में अवसर था, प्रतिभावान थे, लेकिन 400 सकुर्लेशन वाले अखबार में खुद को खपा दिया। मैं मानता हूं कि हरिवंश जी का सबसे बड़ा योगदान होगा कि उन्होंने जन आंदोलनों को आगे बढ़ाया। परमवीर अल्बर्ट एक्का शहीद हुए थे तो उनकी पत्नी बेहाल जिंदगी गुजार रही थी। हरिवंश जी ने जिम्मा लिया कि लोगों से धन इकट्ठा किया और 4 लाख रुपए इकट्ठा कर शहीद की पत्नी को पहुंचा आए। दशरथ मांझी को खोजकर उनकी कथा प्रकाशित करने का जिम्मा भी इन्होंने ही उठाया था।

‘अंपायर का काम सदन में खिलाड़ियों से कठिन होता है’
उनके संघर्ष का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा, ‘सदन की अपनी चुनौती होती है। यहां खिलाड़ियों से ज्यादा अंपायर परेशान रहते हैं। नियमों में खेलने के लिए सांसदों को मजबूर करना चुनौतीपूर्ण काम है।’ पीएम ने उपसभापति की पत्नी को भी याद किया और कहा, ‘हरिवंश जी की पत्नी आशा जी चंपारण से हैं। उन्होंने राजनीति विज्ञान में एमए किया है। उनके अकैडमिक नॉलेज से आपको मदद मिलेगी।