TIO BHOPAL
मौसम विभाग ने अगले 24 घंटे के दौरान जिले में 40 मिमी तक बारिश का पूर्वानुमान जारी किया है। इसके बाद बादल छंटेंगे। हालांकि यह स्थिति 16 अक्टूबर तक ही है। कार्तिक महीना शुरू होने के बाद भी मानसून अपने हठ पर अड़ा है। सोमवार की रात भी जिले में तेज बारिश हुई। जिससे नदी-नालों में फिर से उफान आ गया। मंगलवार सुबह जारी रिपोर्ट के अनुसार पिछले 24 घंटे के दौरान जिले में 30 मिमी औसत बारिश रिकार्ड हुई है। सबसे ज्यादा आष्टा में 2 इंच से ज्यादा बारिश हुई।
सीहोर, श्यामपुर, जावर और बुदनी में एक-एक इंच से ज्यादा बारिश हुई है। ऐसे में जिले की सामान्य औसत बारिश का आंकड़ा 1642.2 मिमी तक पहुंच गया। जबकि जिले की सामान्य औसत बारिश 1147.4 मिमी मानी गई है। पिछले साल के आंकड़ों पर नजर डालें तो जिले में अब तक मात्र 974 मिमी औसत बारिश ही दर्ज हुई थी। आरएके कॉलेज स्थित ग्रामीण कृषि मौसम सेवा केंद्र के विशेषज्ञ डाॅ. सत्येंद्र सिंह तोमर ने बताया कि अगले 24 घंटे और तेज बारिश हो सकती है। इसके बाद मौसम साफ होगा।
18 अक्टूबर को सक्रिय हो सकता है नया सिस्टम
मौसम विभाग के अनुसार बंगाल की खाड़ी में 18 अक्टूबर तक फिर नया सिस्टम सक्रिय होने की संभावना मौसम विभाग ने जताई है। ऐसे में किसानों को अपनी फसल काटने का पर्याप्त समय मिल जाएगा।
गोरखपुर की नदियों में उफान, बारिश के बाद शहर में जलभराव, आज बंद रहेंगे 12वीं तक स्कूल
जिलाधिकारी के निर्देश पर बुधवार को जनपद के बोर्ड एवं परिषद के नर्सरी से लेकर कक्षा 12 तक के सभी स्कूल कॉलेज बंद रहेंगे। जिला प्रशासन ने यह निर्णय जिले में भारी बारिश के बाद जलभराव का संकट होने के कारण दिया है।
राप्ती नदी के उफनाने से शहर के बंधों पर भी दबाव बढ़ गया है। शहर क्षेत्र में जलभराव का संकट खड़ा हो गया है। ग्रीन सिटी क्षेत्र से पानी की निकासी नहीं हो पा रही है। क्षेत्रवासियों का कहना है कि पंपिंग सेट लगा है, लेकिन पूरी क्षमता से नहीं चल पा रहा है। अब गोरखनाथ क्षेत्र से आने वाला पानी नहीं निकल पाएगा। सब ग्रीन सिटी क्षेत्र में जमा होगा। घर, स्कूल व कॉलेज में पानी घुस जाएगा।
गोरखपुर से होकर छह नदियां बहती हैं, जिनमें से पांच खतरे का निशान पार कर चुकी हैं। सिंचाई विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक, राप्ती, रोहिन, सरयू और कुआनो खतरे के निशान से ऊपर बह रही थीं। सोमवार शाम चार बजे तक गोर्रा नदी ने भी खतरे के निशान को छू लिया। देर रात तक इसका जलस्तर खतरे का निशान पार कर गया। आमी नदी भी उफनाई है। हालांकि, आमी नदी का जलस्तर नहीं मापा जाता है।
राप्ती, रोहिन, सरयू, कुआनो और गोर्रा नदी से जुड़े कई गांव हैं, जिनका संपर्क मुख्य मार्गों से कट गया है। ऐसे गांवों में लोगों की मदद के लिए करीब 67 नावें लगाई गई हैं। राहत और बचाव कार्य जारी है। करीब 2849 हेक्टेयर फसल बाढ़ के पानी में डूब गई है।