भोपाल। 25 जून से मध्यप्रदेश विधानसभा का मानसून सत्र शुरू होने जा रहा है। 5 दिन चलने वाले इस सत्र में सरकार अनुपूरक बजट भी पेश करने जा रही है। सियासी गलियारों में इस सत्र को बीजेपी-कांग्रेस की चुनावी रणनीति से जोड़कर देखा जा रहा है। सत्ता पक्ष हो या विपक्ष दोनों ही मानसून सत्र के लिए कमर कस चुके हैं। जहां एक ओर विपक्ष अविश्वास प्रस्ताव के जरिये अपनी ताकत दिखाना चाहता है, तो वहीं दूसरी तरफ सत्तारूढ़ बीजेपी भी विपक्ष की हर रणनीति के लिए तैयार है। प्रदेश के संसदीय कार्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा पहले ही अविश्वास प्रस्ताव पर झिड़की दे चुके हैं कि विपक्ष के पास बहुमत भी है जो अविश्वास प्रस्ताव ला रहा है।
MP Monsoon Session: Both parties of the electoral community will show their waist, the opposition will show their strength through non-confidence motion
इसके साथ ही सत्ता पक्ष की इस सत्र में कई विधेयक लाने की योजना है। इस सत्र में अनुपूरक बजट भी पेश किया जाएगा। चुनावी सुगबुगाहट के बीच आने वाले अनुपूरक बजट में भी कुछ ऐसी चीजें हो सकती हैं जो मतदाताओं का ध्यानाकर्षित कर सकें। मानसून सत्र में ताकत दिखाने के उद्देश्य से ही दोनों पार्टियों ने इसके शुरू होने से ठीक एक दिन पहले अपनी-अपनी पार्टी के विधायक दल की बैठक बुलाई है। विधायक दलों की बैठक में भी ये रणनीति तैयार की जाएगी कि चुनावी साल में एक-दूसरे को कैसे घेरा जाए।
हालांकि सत्र की अवधी बढ़ाने की विपक्ष की मांग को खारिज कर सत्ता पक्ष पहले ही अपने इरादे जता चुका है। लेकिन, पार्टी नेतृत्व में हुए परिवर्तन के बाद आक्रामक हुई कांग्रेस भी सत्र की सियासत में मात खाकर किसी भी तरह से खुद को कमतर नहीं साबित करना चाहती। इसलिए कहा जा सकता है कि मध्यप्रदेश विधानसभा में 25 जून से शुरू हो रहा मानसून सत्र सियासी गर्माहट को बढ़ाने वाला होगा।