भोपाल। जय किसान फसल ऋण मुक्ति योजना के आवेदन भरवाने के दौरान उजागर हो रहे फर्जी कर्ज और राशि की गड़बड़ी के मामलों को लेकर सरकार ने सख्त रुख अपना लिया है। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने रविवार को इस मामले की विशेष जांच कराए जाने की बात कही। साथ ही उन्होंने संकेत दिए कि यह घोटाला हजारों करोड़ रुपए का हो सकता है क्योंकि यह लंबे समय से चला आ रहा है। इस मामले में दोषी सहकारी बैंकों के खिलाफ एफआईआर भी कराई जाएगी। मुख्यमंत्री कमलनाथ रविवार को सुबह साढ़े 11 बजे मंत्रालय पहुंचे और देर शाम तक विभिन्न योजनाओं को लेकर फीडबैक लेते रहे। इस दौरान मुख्य सचिव सुधिरंजन मोहंती के साथ काफी देर चर्चा की।
MP: Strict government in cases of fake debt problems, tax scams scam probe
सूत्रों ने बताया कि मोहंती से उन्होंने कर्जमाफी योजना के क्रियान्वयन और पिछले कर्ज में हुई गड़बड़ियों को लेकर उठाए जा रहे कदमों का ब्योरा लिया। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट संकेत दिए कि किसानों से साथ धोखाधड़ी का यह खेल लंबे समय से प्रदेश में चला आ रहा है। किसान को पता ही नहीं और उसके नाम से कर्ज निकाल लिया। इसका खुलासा जय किसान फसल ऋण मुक्ति योजना के तहत जब किसानों के ऊपर चढ़े कर्ज की सूची पंचायतों में चस्पा होना शुरू हुई, तब हुआ।
कुछ जगह जांच में यह बात प्रमाणित भी हो चुकी है। इसे लेकर अब सरकार ने सख्त कदम उठाने का निर्णय लिया है। बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री सोमवार को योजना की समीक्षा करेंगे और उस वक्त जांच के औपचारिक आदेश अधिकारियों को दिए जा सकते हैं। इस मामले में जिला सहकारी केंद्रीय बैंकों के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज कराई जा सकती है, क्योंकि बैंक अधिकारियों की मिलीभगत के बिना घोटाला संभव ही नहीं है।
प्रशासनिक फेरबदल भी जल्द
सूत्रों का कहना है कि प्रदेश में एक बार फिर प्रशासनिक फेरबदल हो सकता है। इसमें मंत्रालय से लेकर मैदानी स्तर पर बदलाव होंगे। मंत्रालय में कुछ प्रमुख सचिवों को नया दायित्व देने के साथ कुछ कलेक्टर बदले जाने के संकेत हैं। इसमें शहडोल कलेक्टर अनुभा श्रीवास्तव का नाम प्रमुखता के साथ लिया जा रहा है। श्रीवास्तव का नाम विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस के प्रत्याशी को हरवाने संबंधी कथित तौर पर वायरल वाट्सएप चैट विवाद में सामने आया था। इस मामले में एफआईआर भी दर्ज हो चुकी है।
पत्रकारिता विवि की जांच का लिया फीडबैक
सूत्रों के मुताबिक रविवार को मंत्रालय में जनसंपर्क विभाग के अपर मुख्य सचिव एम. गोपाल रेड्डी ने भी मुख्यमंत्री ने मुलाकात की। माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री ने उनसे माखनलाल चतुवेर्दी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय की जांच से जुड़ा फीडबैक लिया। सरकार ने रेड्डी की अध्यक्षता में जांच के लिए कमेटी बनाई है, जिसे 15 दिन में सरकार को अपनी रिपोर्ट देनी है।