नई दिल्ली। चेन्नई सुपरकिंग्स के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी पर मैदान में उतर कर अंपायर से बहस करने के लिए मैच फीस का 50% जुर्माना लगाया गया है। दरअसल, राजस्थान के खिलाफ चेन्नई की बल्लेबाजी के दौरान 19वें ओवर में एक मौका ऐसा था जब स्टोक्स की गेंद पर अंपायर ने नो बॉल देने के बाद अपना फैसला बदल लिया था। इस पर धोनी आउट होने के बावजूद गुस्से में मैदान में उतर आए और अंपायर को दलीलें देने लगे। हालांकि, फैसला नहीं बदलने पर वे गुस्से में ही लौटे।
आईपीएल के इतिहास में शायद यह पहला मौका था, जब धोनी गुस्से में मैदान के बीच में चले गए हों। बीसीसीआई ने इस हरकत को आईपीएल कोड ऑफ कंडक्ट का उल्लंघन मानते हुए धोनी पर जुर्माना लगाया है। धोनी ने भी अपनी गलती मानते हुए लेवल-2 के तहत जुर्माने का आदेश मान लिया। नियमों के मुताबिक, आईपीएल में किसी भी खिलाड़ी पर लगे जुर्माने को उसकी फ्रेंचाइजी भरती है।
लंबे समय तक याद रखा जाएगा यह वाकया: फ्लेमिंग
चेन्नई सुपरकिंग्स के कोच स्टीफन फ्लेमिंग ने कहा कि अंपायर ने जब अपना फैसला बदला तो धोनी काफी गुस्से में आ गए। वह जानना चाहते थे कि आखिर क्यों अंपायर ने अपना फैसला बदल दिया। फ्लेमिंग ने कहा कि यह थोड़ा असामान्य था, क्योंकि धोनी काफी सोच-समझकर कदम उठाते हैं। इसलिए यह तो तय है कि इस वाकये की चर्चा लंबे समय तक रहेगी।
बटलर ने कहा- धोनी का फैसला गलत
राजस्थान रॉयल्स के ओपनर जोस बटलर ने मैच के बाद कॉन्फ्रेंस में धोनी के मैदान पर उतरने के फैसले को गलत करार दिया। उन्होंने कहा कि आईपीएल में हमेशा दबाव ज्यादा रहता है और हर रन अहम होता है, लेकिन किसी का पिच पर आना ठीक नहीं है।
19वें ओवर की चौथी गेंद पर हुआ विवाद
राजस्थान के लिए आखिरी ओवर बेन स्टोक्स डाल रहे थे। क्रीज पर धोनी के साथ रवींद्र जडेजा मौजूद थे। ओवर की तीसरी गेंद पर स्टोक्स ने यॉर्कर पर धोनी को बोल्ड कर दिया। इसके बाद बल्लेबाजी के लिए मिशेल सैंटनर आए। स्टोक्स ने चौथी गेंद फुलटॉस फेंकी, जिस पर अंपायर उल्हास गांधे ने शुरुआत में नो-बॉल का इशारा करने के लिए हाथ उठाया, लेकिन लेग अंपायर ब्रूस ऑक्सेनफोर्ड की तरफ से गेंद के कमर से ऊपर रहने का कोई संकेत नहीं मिला। इसके बाद गांधे ने नो-बॉल नहीं दी।
इस पर ही गुस्सा होते हुए धोनी मैदान पर उतर आए। हालांकि, बाद में ऑक्सेनफोर्ड के समझाने पर वे नाखुश होकर वापस डगआउट लौट गए।
पहले भी हो चुका है अंपायरिंग पर विवाद
इससे पहले मुंबई इंडियंस और रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु के बीच खेले गए मैच में भी अंपायरिंग को लेकर विवाद हो चुका है। उस मैच में आरसीबी को आखिरी गेंद पर 7 रन चाहिए थे। लेकिन मलिंगा का पैर लाइन से बाहर होने के बावजूद अंपायर एस रवि यह नहीं देख पाए और बेंगलुरु 6 रन से हार गई। अगर अंपायर रवि इस बॉल को नो बॉल करार देते तो आरसीबी को एक गेंद पर और एक रन अतिरिक्त मिलता और साथ ही फ्री हिट भी। आरसीबी के कप्तान विराट कोहली इससे खासे नाराज दिखे थे।