नरेंद्र गिरि: अंतिम दर्शन के लिए पहुंचे सीएम योगी, पुलिस पूछताछ के दौरान महंत को फंदे से उतारने वाला शिष्य हुआ बेहोश

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TIO NEW DELHI

निरंजनी अखाड़े के महंत और अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरि की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत के बाद मामला लगातार उलझता ही जा रहा है। पुलिस ने महंत को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में उनके शिष्य योगगुरु आनंद गिरि, लेटे हुए हनुमान मंदिर के पुजारी आद्या तिवारी और उनके बेटे संदीप तिवारी को गिरफ्तार कर लिया है। वहीं, अब महंत के अंतिम संस्कार की भी तैयारियां की जा रही हैं। उनके पार्थिव शरीर को मंगलवार यानी आज बाघंबरी गद्दी मठ में अंतिम दर्शन के लिए रखा गया है। सीएम योगी और अखिलेश यादव सहित कई लोग दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं। सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बाघंबरी मठ पहुंचकर महंत नरेंद्र गिरि को श्रद्धांजलि अर्पित की। इस दौरान उनके साथ प्रदेश भाजपा अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह भी मौजूद रहे।

साधु संत चाहेंगे तो सीबीआई जांच होगी: मौर्य
श्रद्धांजलि देने पहुंचे केशव प्रसाद मौर्य ने अंतिम दर्शन के बाद कहा कि साधु संत चाहेंगे तो इस मामले की सीबीआई जांच होगी। कांग्रेस को हर चीज में राजनीति दिखती है। वहीं, मंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि किसी भी दोषी को नहीं छोड़ा जाएगा।

अखिला भारतीय अखाड़ा परिषद अध्यक्ष नरेंद्र गिरी की रहस्यमय तरीके से हुई मौत के मामले में अब एक सपा नेता का नाम सामने आ रहा है। वहीं महंत के सबसे करीबी शिष्य रहे आनंद गिरी के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज किया गया है। इसके साथ ही हनुमान मंदिर के मुख्य पुजारी आद्या तिवारी और उसके पुत्र संदीप तिवारी को भी नामजद किया गया है। अब इस मामले में समाजवादी पार्टी के एक नेता के नाम की भी चर्चा है। सपा नेता का नाम सामने आने के बाद पुलिस अब पूछताछ शुरू कर सकती है। 

बता दें कि अखाड़ा परिषद अध्यक्ष के साथ पूर्व में भी सपा के एक पूर्व विधायक महेश नारायण सिंह से मठ की जमीन को लेकर काफी दिनों तक विवाद चला था। बाद में उसका बड़े नेताओं के हस्तक्षेप के बाद पटाक्षेप किया गया। अब दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री का नाम सामने आने के बाद लोग दंग हैं। 

सुसाइड नोट में लिखा है कि उन्होंने पूरा जीवन सम्मान के साथ जिया
मौके से मिले सुसाइड नोट में सबसे महत्वपूर्ण यह है कि इसमें महंत के सबसे करीबी शिष्य रहे आनंद गिरि, लेटे हनुमान मंदिर के पुजारी आद्या तिवारी व उनके बेटे संदीप तिवारी के नाम के साथ लिखा है कि वह इनके व्यवहार से आहत थे। सुसाइड नोट में लिखा है कि उन्होंने पूरा जीवन सम्मान के साथ जिया।

उनके दामन में कभी किसी तरह का दाग नहीं रहा। लेकिन कुछ लोगों ने उन्हें मिथ्या आरोप लगाकर अपमानित किया। जिससे वह बेहद दुखी हैं। अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि आखिर वह कौन सा अपमान था जिसने महंत को इस कदर आहत कर दिया।

आनंद, आद्या या संदीप, कौन किस बात के लिए कर रहा था परेशान?
सुसाइड नोट में लिखी बातें सामने आने के बाद कई सवाल उठ रहे हैं जिनका जवाब किसी के पास नहीं है। इन सवालों से सबसे ज्यादा घेरे में आनंद गिरि, बड़े हनुमान मंदिर के मुख्य पुजारी आद्या तिवारी व उनके बेटे संदीप तिवारी की भूमिका है।