चुनाव से पहले नाथ की पार्टी में कलह, एकजुट कांग्रेस में फिर सामने आई गुटबाजी

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भोपाल। प्रदेश में एकजुट होने का दावा करने वाली प्रदेश कांग्रेस कमेटी में एक बार फिर गुटबाजी सामने आई है। हाल ही में प्रदेश कांग्रेस प्रभारी के साथ नेताओं के समर्थकों द्वारा दुर्व्यवहार, सिंधिया की मंच से कांग्रेस नेत्री को भगाना एवं मीडिया प्रमुख के दायित्स से मानक अग्रवाल की अचानक छुट्टी होने को कांग्रेस अंदरूनी कलह से जोड़कर देखा जा रहा है।
Nath’s party disagreements before elections, factionalism in united Congress again
हालांकि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ समेत चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष ज्योतिरादित्य सिंधिया इन घटनाक्रमों को पार्टी का आंतरिक मामला बता रहे हैं। कांग्रेस के अंदरखाने चल रही उठापटक पर सत्तारूढ़ी दल भाजपा की पैनी नजर है और कांग्रेस की गुटबाजी को भाजपा एक बार फिर चुनाव में भुनाने की तैयारी में है।

एकजुट होकर प्रदेश में सत्ता की वापसी में लगी कांग्रेस को उस समय झटका लगा, जब पिछले महीने मीडिया विभाग के अध्यक्ष मानक अग्रवाल की अचानक छुट्टी कर दी। मानक अग्रवाल से कमलनाथ ने लि ट में पूछा कि उन्हें विधानसभा चुनाव लडा है कि जिस पर मानक ने हां में जवाब दिया। तीसरे माले पर पहुंचकर नाथ ने मानक से कहा कि पीसीसी उन्हें मीडिया की जि मेदारी से अभी मुक्त करती है। इसके बाद मानक नीचे आए और पीसीसी से चले आए।

उसके बाद से मानक अभी तक पीसीसी नहीं पहुंचे। प्रदेश कांग्रेस में दूसरा घटनाक्रम चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ हुआ। जब पिछले ह ते उज्जैन में प्रेस कांफ्रेंस के दौरान मंच पर बैठी कांग्रेस नेत्री नूरी खान को सिंधिया ने नीचे कुर्सी पर बैठा दिया। नूरी ने इसकी शिकायत हाईकमान तक भेजी। भाजपा ने इस मामले में सिंधिया को महिला स मान से जोड़कर घेरने की कोशिश की। हालांकि बाद में पार्टी स्तर पर मामला सुलझ गया।

बावरिया फिर पिटते-पिटते बचे
प्रदेश प्रभारी दीपक बावरिया अपने बयानों को लेकर शुरू से ही विवादों में रहे हैं। पिछले महीने उन्होंने रीवा प्रवास के दौरान मु यमंत्री पद के प्रत्याशी को लेकर बयान दिया था। जिससे अजय समर्थक उखड़ गए और बावरिया को निशाने पर लिया। यह मामल हाईकमान तक पहुंचा और अजय समर्थकों को बाहर का रास्ता दिखा दिया गया। यह मामला ठंडा नहीं हुआ कि विदिशा में बावरिया फिर नेताओं के समर्थकों के निशाने पर आ गए। जहां पार्टी कार्यकतार्ओं की उदंण्डता से नाराज बावरिया ने पार्टी कार्यकतार्ओं को संघ से अनुशासन सीखने की नसीहत दे डाली।