नेशनल हेराल्ड की जमीन को सरकार लेजी अपने कब्जे में, जमीन को हो रहा है दुरुपयोग

0
160

नई दिल्ली। सरकार ने जमीन आवंटित किए जाने की शर्तों के उल्लंघन के कारण सेंट्रल दिल्ली स्थित हेरल्ड हाउस बिल्डिंग को अब अपने नियंत्रण में लेने का फैसला किया है। यह बिल्डिंग कांग्रेस पार्टी के मुखपत्र ‘नैशनल हेरल्ड’ से संबंधित है। सूत्रों ने बताया है कि यह प्लॉट नैशनल हेरल्ड अखबार की प्रिटिंग के लिए आवंटित किया गया था लेकिन इसका इस्तेमाल किसी भी प्रकार की प्रिंटिंग के लिए नहीं हुआ। उनका यह भी कहना है कि बिल्डिंग का ज्यादातर हिस्सा किराए पर दिया गया है।
National Herald’s land is under the occupation of the government Leji, the land is being misused
सूत्रों ने बताया कि आवंटन को रद्द करने से संबंधित कानूनी आदेश अलॉटी को भेज दिया गया है। एक अधिकारी ने कहा, ‘इस मामले में सभी तय प्रक्रियाओं का पालन किया गया है। नियमों का पालन करने के बाद (जिसमें ग्राउंड सर्वे और हमारे नोटिस पर आया जवाब शामिल है) आॅर्डर पास किया गया है।’

अथॉरिटी का तर्क
सूत्रों का कहना है कि अगर परिसर का इस्तेमाल प्रिंटिंग प्रेस के लिए नहीं हुआ, जो जमीन को मामूली रेट पर पब्लिशर को लीज पर देने की प्राथमिक शर्त थी, तो इसका मतलब यह है कि आवंटित जमीन का दुरुपयोग किया गया। ऐसे में अथॉरिटी के पास यह अधिकार है कि वह इसे वापस ले ले। जांच टीम ने भी पाया था कि बिल्डिंग में अवैध निर्माण हुआ है। उन्होंने आगे कहा कि पास के इलाके में ऐसा ही उल्लंघन दूसरे परिसरों में भी हुआ है और आधिकारिक अलॉटीज को नोटिस भेजकर जवाब मांगा गया है।

कांग्रेस ने कहा, कोर्ट में चुनौती देंगे
अधिकारी ने कहा, ‘उल्लंघन करने वाले दूसरे लोगों के लिए नैशनल हेरल्ड केस एक उदाहरण होगा। उसी इलाके में एक और बिल्डिंग के लिए मामला कोर्ट में है।’ उधर, मंत्रालय के फैसले के बारे में पूछे जाने पर कांग्रेस के प्रवक्ता मनीष तिवारी ने कहा, ‘अगर राजनीति से प्रेरित और पक्षपातपूर्ण आदेश जारी किया जाता है तो उसे कोर्ट में चुनौती दी जाएगी। राजनीति के कारण लिए गए कदमों को कानूनी चुनौती देंगे।’