किम-ट्रंप की ऐतिहासिक समिट की सुरक्षा में तैनात रहेंगे नेपाल के गोरखा जवान

0
373

सिंगापुर। जब अमेरिकी राष्ट्रपि डॉनल्ड ट्रंप और उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग-उन सिंगापुर में अपनी पहली ऐतिहासिक मुलाकात करेंगे, तब उनकी सुरक्षा दुनिया में हिम्मत का दूसरा नाम माने जाने वाले नेपाल के गोरखा करेंगे। भले ही दोनों नेता अपनी सुरक्षा टीम के साथ वहां पहुंचेंगे लेकिन सिंगापुर पुलिस समिट के दौरान सुरक्षा व्यवस्था देखेगी और उनकी टीम का एक हिस्सा गोरखा टुकड़ी भी होगी।
Nepal’s Gorkha Jawan will be deployed in the security of the historic summit of Kim-Trump
गोरखा जवान सिंगापुर में बेहद कम हैं और ये अधिकतर खास मौकों पर ही नजर आते हैं। जैसे, हाल ही में शांगरी-ला होटल में हुई सुरक्षा मुद्दे पर कॉन्फ्रेंस के दौरान गोरखा जवान तैनात थे। इस कॉन्फ्रेंस में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अमेरिकी रक्षा मंत्री जिम मैटिस और अन्य देशों के नेता शामिल थे।

सिंगापुर पुलिस ने इन गोरखाओं को नेपाल की दूरदराज की पहाड़ियों से भर्ती किया है। इनके पास बेल्जियम निर्मित एफएन एससीएआर असॉल्ट राइफल्स और पिस्टल्स जैसे अडवांस्ड हथियार हैं लेकिन इसके बावजूद गोरखा बिना खुखरी (धारदार चाकू) युद्ध की तैयारी नहीं करते। यह गोरखा जवानों का पारंपरिक और पसंदीदा हथियार है। इंटरनैशनल इंस्टिट्यूट फॉर स्ट्रैटजिक स्टडीज में सिंगापुर सशस्त्र बल के विशेषज्ञ टीम हक्सली कहते हैं, ‘सिंगापुर इससे बेहतर नहीं दे सकता और मुझे यकीन है कि समिट में उन्हें शामिल किया जाएगा।’ हालांकि, सिंगापुर पुलिस के प्रवक्ता ने गोरखाओं की तैनाती पर पूछे गए सवालों पर कोई जवाब देने से इनकार कर दिया।

आईआईएसएस मिलिटरी बैलेंस के मुताबिक सिंगापुर पुलिस की 6 पैरामिलिटरी कंपनियों में 1800 गोरखा सेवा दे रहे हैं। गोरखा सैनिकों का पश्चिम के साथ पहला संपर्क 1814-16 में तब हुआ जब ईस्ट इंडिया कंपनी ने नेपाल के खिलाफ लड़ाई लड़ी। हालांकि इस लड़ाई का अंत अंग्रेजों की जीत के साथ हुआ लेकिन गोरखा जवानों ने उन्हें भारी नुकसान पहुंचाया। गोरखाओं की युद्धक्षमता से प्रभावित अंग्रेजों ने इनकी भर्ती ब्रिटिश सेना में शुरू कर दी।अब गोरखा ब्रिटिश, भारतीय, नेपाली सेना में सेवा दे रहे हैं। इसके अलावा वे ब्रूनेई और सिंगापुर की सुरक्षाबलों का भी हिस्सा हैं।