नई दिल्ली
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को कहा- सरकार ने इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास पर 51 लाख करोड़ रुपए खर्च किए हैं। यह देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 5-6% हिस्सा है। सरकार ने अगले 5 साल में इस पर करीब 100 लाख करोड़ रुपए खर्च करने का लक्ष्य रखा है। इस फंड को 21 मंत्रालयों के बीच आवंटित किया जाएगा। इस फंड से राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास पर काम किया जाएगा।
सीतारमण ने मंगलवार को नेशनल इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट लॉन्च किया। इसके बाद उन्होंने बताया कि इसका मकसद 2024-25 तक 5 ट्रिलियन डॉलर की जीडीपी का लक्ष्य हासिल करना है। इस प्रोजेक्ट के तहत कुल 102 लाख करोड़ रुपए इन्फ्रास्ट्रक्चर सेक्टर पर खर्च किए जाएंगे। इनमें से 25 लाख करोड़ रुपए एनर्जी, 20 लाख करोड़ रोड और 14 लाख करोड़ रुपए रेलवे प्रोजेक्ट पर खर्च होंगे। ये प्रोजेक्ट पीपीपी (पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप) के तहत पूरे होंगे।
मंत्रालय/विभाग | वित्तीय वर्ष 2020 से 2025 के बीच खर्च |
ऊर्जा | 2,454,249 |
सड़क | 1,963,943 |
रेलवे | 1,368,523 |
बंदरगाह | 100,923 |
हवाई अड्डे | 143,398 |
शहरी विकास | 1,629,012 |
दूरसंचार | 320,498 |
सिंचाई | 772,678 |
ग्रामीण विकास | 772,765 |
कृषि और खाद्य प्रसंस्करण | 60,553 |
सामाजिक सुरक्षा | 356,701 |
औद्योगिक सुविधाएं | 307,462 |
कुल रकम (करोड़ रुपए में) | 10,250,704 |
पीपीपी मॉडल पर होगा विकास
वित्त मंत्री ने कहा- देश में इन्फ्रास्ट्रक्चर का विकास करना सरकार की प्राथमिकता है। इसकी योजनाओं में केंद्र और राज्य सरकार 39-39% निवेश करेंगे, जबकि निजी क्षेत्र की भागीदारी 22% होगी। 2025 तक निजी क्षेत्र की हिस्सेदारी बढ़ाने का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने कहा कि निजी क्षेत्र से निवेश आकर्षित करने के लिए सरकार 2020 की दूसरी छमाही में ग्लोबल इन्वेस्टर्स मीट आयोजित करेगी।