पटना। एक कथित साइबर एक्सपर्ट के इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) को लेकर किए गए दावे पर मचे विवाद के बीच बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि ईवीएम में कोई गड़बड़ी नहीं है। बिहार के सीएम ने ईवीएम पर उठाए जा रहे सवालों को खारिज किया है। इससे पहले बीएसपी प्रमुख मायावती और एसपी प्रमुख अखिलेश यादव ने बैलट पेपर से चुनाव की वकालत करते हुए चुनाव आयोग से जल्द निर्णय लेने की मांग की थी। वहीं, बीजेपी ने लंदन में ईवीएम हैकथॉन को कांग्रेस द्वारा प्रायोजित बताया था।
Nitish Kumar spoke in the midst of the controversy – said there is no disturbance in the EVM, strengthening the right to vote
मीडिया से बातचीत के दौरान ईवीएम विवाद को लेकर पूछे गए सवाल पर नीतीश कुमार ने कहा, ‘ईवीएम बिल्कुल ठीक है। जब हर बूथ पर वीवीपैट (वोटर वेरिफायबल पेपर आॅडिट ट्रेल) मशीन उपलब्ध होगी तो किसी तरह की कोई समस्या नहीं आएगी।’ नीतीश ने ईवीएम हैकिंग के आरोपों पर छिड़े सियासी घमासान के बीच कहा, ‘ईवीएम के संबंध में जो बातें कही गई हैं मैं उनसे सहमत नहीं हूं। ईवीएम ने जनता के वोट देने के अधिकार को मजबूती दी है।’
क्या है ईवीएम हैकिंग विवाद
लंदन में हैकथॉन के दौरान कथित साइबर एक्सपर्ट सैयद शुजा ने दावा किया था कि वह ईवीएम डिजाइन टीम के सदस्य थे और भारत में इस्तेमाल हो रही एश्ट को हैक कर सकते हैं। शुजा ने यह भी दावा किया कि 2014 के लोकसभा चुनाव में धांधली हुई थी। इसके बाद चुनाव आयोग ने दिल्ली पुलिस को खत लिखकर पूरे मामले की जांच की मांग की, जिस पर संसद मार्ग थाने ने ऋकफ दर्ज की है।
हैकथॉन में शुजा ने आरोप लगाया कि बीजेपी नेता गोपीनाथ मुंडे की 2014 में इस वजह से हत्या की गई थी क्योंकि मुंडे को ईवीएम हैक करने के बारे में जानकारी थी। कथित साइबर एक्सपर्ट शुजा ने यह भी दावा किया है कि महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश और गुजरात में भी धांधली हुई थी। शुजा के साथ इस हैकथॉन में कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल भी मौजूद थे। वहीं इलेक्शन कमीशन आॅफ इंडिया ने कहा है कि भारत में इस्तेमाल की जाने वाली ईवीएम पूरी तरह सेफ है।
चुनाव आयोग ने इस पूरे मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, ‘हमारे ध्यान में आया है कि लंदन में एक इवेंट में दावा किया जा रहा है कि ईसीआई द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली मशीनों में छेड़छाड़ की सकती है। ईसीआई इस मामले में कोई पार्टी नहीं बनना चाहती है। यह प्रायोजित चुनौती है और ईसीआई अपने दावे पर कायम है कि भारत में इस्तेमाल की जाने वाली ईवीएम को हैक नहीं किया जा सकता है।’