नामक्कल/चेन्नै
एआईएडीएमके की दिवंगत नेता और तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता के प्रशंसकों ने मंदिर बनवाया था। अब उनके कट्टर प्रतिद्वंद्वी और डीएमके के संस्थापक दिवंगत एम करुणानिधि की बारी है। मंदिर के निर्माण पर 30 लाख रुपये का खर्च आने का अनुमान है। हालांकि दिलचस्प बात यह है कि कद्दावर शख्सियत वाले करुणानिधि एक स्वघोषित नास्तिक थे, जो तार्किकता के साथ विचारों को रखते थे। दूसरी ओर इसके उलट करिश्माई राजनेता जयललिता एक आस्थावान शख्सियत थीं।
करुणानिधि के सम्मान में बनने वाले इस मंदिर को टेंपल ऑफ रैशनैलिटी (तर्कशक्ति का मंदिर) नाम दिया गया है। रविवार को नामक्कल जिले के कुचिकडु गांव में मंदिर के लिए भूमिपूजा का आयोजन किया गया। इलाके में निवास करने वाले अरुंथाथियार दलित समुदाय के लोगों ने यह पहल की है।
करुणानिधि ने अरुंथाथियार समुदाय को दिया था आरक्षण
अरुंथाथियार मुनेत्र पेरावई चिन्नासामी (एएमपीसी) के अध्यक्ष के चिन्नासामी का कहना है, ‘मनुष्य ने ईश्वर की खोज की, जिसके पास आलौकिक शक्ति है और ईश्वर हमें वह दे सकता है जो कोई मनुष्य नहीं दे सकता। हमारे लिए यह कलैनार (करुणानिधि का चर्चित नाम) थे, जिन्होंने हमें ऐसी चीज दी जो केवल ईश्वर दे सकता था।’ चिन्नासामी 2009 में करुणानिधि द्वारा सरकारी नौकरियों में 18 फीसदी अनुसूचित जाति कोटा (SC) में से अरुंथाथियार समुदाय को 3 फीसदी आरक्षण दिए जाने का जिक्र कर रहे थे।
करुणानिधि के इस फैसले को समाज में निचले पायदान पर खड़े अरुंथाथियार समुदाय के उत्थान के लिए बड़ा कदम माना गया। दूसरी दलित जातियों के बीच उनसे भेदभाव के मामले अकसर देखे जाते थे। तमिलनाडु के पश्चिमी इलाके में रहने वाले ज्यादातर अरुंथाथियार से ज्यादातर छोटे काम (सेवक या गुलाम) कराए जाते थे। चिन्नासामी ने कहा, ‘नौकरियों में मिले आरक्षण की वजह से हमारे बच्चे इंजिनियर और डॉक्टर बनने का सपना देख सकते हैं।’
कुचिकडु में समुदाय के लोगों का कहना है कि जिस दिन करुणानिधि का निधन हुआ, उसी दिन हमने उनका मंदिर बनवाने का फैसला कर लिया था। तभी से अरुंथाथियार समुदाय के लोग इसके लिए धन इकट्ठा कर रहे थे। हाल ही में मंदिर के लिए एक जमीन भी खरीदी गई। कुचिकडु पट्टनम शहर पंचायत में आता है। यहां के पूर्व अध्यक्ष पी नल्लाथंबी कहते हैं, ‘हम जितना संभव हो सकता है, उतना बड़ा मंदिर बनाएंगे। हम एक ट्र्स्ट बनाएंगे, जिसमें पदाधिकारियों की नियुक्ति के बाद पैसा इकट्ठा करना शुरू कर देंगे।’ नल्लाथंबी का कहना है कि अभी मंदिर पर 30 लाख का अनुमानित खर्च हो सकता है।