अब पाकिस्तान के साथ बदलेगा बातचीत का तरीका

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नई दिल्ली

केंद्र सरकार ने कश्मीर से धारा 370 को खत्म कर दिया गया है। अनुच्छेद 370 का केवल पहला खंड अब प्रभावी रहेगा बाकी के खंडों को निरस्त कर दिया गया है। इससे भारत और पाकिस्तान के बीच भविष्य में होने वाली बातचीत का तरीका भी बदल जाएगा। जम्मू-कश्मीर पूरी तरह से भारतीय संघ का एकीकृत हिस्सा बन गया है। जिसके कारण अब भारत को कश्मीर को विषयों की सूची में शामिल नहीं करना पड़ेगा।

वहीं पाकिस्तान की भारत के साथ वार्ता कश्मीर मुद्दे पर ही केंद्रित होती है। लेकिन सोमवार को राज्य के पुनर्गठन के बाद वह ऐसा नहीं कर पाएगा। लद्दाख को अलग केंद्र शासित प्रदेश बनाने से भारत ने इस क्षेत्र को अधिक से अधिक सामरिक महत्व दिया है जो पाकिस्तान नियंत्रित गिलगित-बलिस्तान और चीन नियंत्रित अक्साई चीन के बीच पड़ता है और सुरक्षा के लिहाज से भारत के लिए काफी महत्वपूर्ण है।

पूर्व विदेश सचिव श्याम सरण ने पहले कहा था कि विशेष दर्जा होने से भारत ने इस बात को स्वीकार किया है कि जम्मू-कश्मीर विवाद वाला विषय था। अब भारत पाकिस्तान के साथ चर्चा या वार्ता के लिए कश्मीर को एक विषय के रूप में रखने पर सहमत नहीं होगा। इसका भारत और पाकिस्तान के बीच भविष्य में होने वाली वार्ता और चर्चा पर गहरा प्रभाव पड़ेगा क्योंकि यह अब वैध रूप से भारत का आंतरिक मुद्दा है।

सरण ने कहा, ‘गिलगिल-बलिस्तान पर हमारा दावा कायम है।’ यह भारत के आधिकारिक दावे का भी हिस्सा है, जैसा कि 1994 के संसद प्रस्ताव द्वारा निर्धारित किया गया था। यह साफ नहीं है कि भारत इसपर चर्चा करना चाहता है या नहीं। अभी तक भारत का ध्यान पाकिस्तान के आतंकवाद पर और पाकिस्तान का कश्मीर पर रहा है। पाकिस्तान ने विधेयक का विरोध करते हुए भारत पर संयुक्त राष्ट्र के नियमों का उल्लंघन करने का आरोप लगाया है।

भारतीय सूत्रों का कहना है कि पाकिस्तान ने संकल्प की पहली दो शर्तों को पूरा करने से मना कर दिया है। भारतीय अधिकारियों का कहना है कि पाकिस्तान खुद भारत के दावे वाले गिलगित-बलिस्तान में इसी तरह का अभ्यास कर चुका है। वहीं पाक अधिकृत कश्मीर पर खुले तौर पर इस्लामाबाद का राज चलता है। भाजपा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने सोमवार को ट्वीट करते हुए कहा कि भारत सरकार को अगले कदम के तौर पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् से पंडित जवाहर लाल नेहरू की उस याचिका को वापस ले लेना चाहिए जिसमें कश्मीर में जनमत संग्रह की बात कही गई है।