देहरादून
उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में रविवार को कहर बरपाने के बाद अब भी बादल शांत होने का नाम नहीं ले रहे हैं। मौसम विभाग ने उत्तरकाशी सहित देहरादून, चमोली, पिथौरागढ़, नैनीताल और पौड़ी जिले के लिए अगले 24 घंटे भारी बताए हैं। उत्तरकाशी में करीब 13 गांव आपदा से प्रभावित हुए हैं। रविवार देर शाम तक उत्तरकाशी के आराकोट और माकुड़ी से आठ लोगों के शव बरामद हो चुके थे। सोमवार को मृतकों की संख्या बढ़कर नौ हो गई है और छह लोग अभी भी लापता हैं। लेकिन एएनआई अब तक आपदा में 17 लोगों की मौत होने की बात कह रहा है।
उत्तरकाशी जिले के मोरी आराकोट क्षेत्र में आपदा सचिव अमित नेगी, आईजी संजय गुंजयाल और उत्तरकाशी डीएम आशीष चौहान सोमवार को मौके पर हालात का जायजा लेने पहुंचे। सचिव आपदा अमित नेगी ने निर्देश दिए हैं कि गाड़, गदेरों (बरसाती नालों) में पानी बढ़ने से प्रभावित हुए किराणु, टिकोची, मोलडी में एसडीआरएफ की मदद से वैकल्पिक ब्रिज बनाया जाए। वहीं आराकोट आपदा में घायल सोहन लाल पुत्र राथू लाल उम्र 48 साल, राधा पत्नी बालदास उम्र 42 साल, जालम पुत्र मधु उम्र 20 साल और राजेंद्र सिंह पुत्र मोहर सिंह उम्र 26 साल को हेलीकॉप्टर देहरादून के सहस्रधारा हेलीपैड पर लाया गया। घायलों को यहां से 108 के माध्यम से दून अस्पताल भेजा गया है। सभी की हालत सामान्य बताई जा रही है।
देहरादून अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड को मरीजों के लिए सभी सुविधाओं से तैयार रखा गया है। सामान्य घायलों को एयरलिफ्ट कर मोरी पीएचसी लाया जा रहा है। आराकोट के लिए हेलीकॉप्टर द्वारा हेलीड्रॉप पैकेट व आवश्यक दवाइयां भेजी गई हैं। इसके साथ ही वहां तीन मेडिकल टीमें भेजी गई हैं। मकोड़ी और दगोली में हेलीपैड बनाया जा चुका है। जहां जल्द ही राहत बचाव टीम के साथ जरूरी सामान भेजा जाएगा। वहीं राहत बचाव कार्य के लिए एयरफोर्स से भी मदद मांगी गई है।