आतंकी हमले के बाद सोमवार को तेल की कीमतों में 10 फीसद से अधिक का इजाफा

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रियाद

सऊदी अरब के दो संयंत्रों पर हुए आतंकी हमले के बाद सोमवार को तेल की कीमतों में 10 फीसद से अधिक का इजाफा हुआ है। इस हमले की वजह से दुनिया के शीर्ष तेल उत्पादनकर्ता की क्षमता में उत्पादकता आधे से कम हो गई है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस हमले के पीछे ईरान का हाथ बताया है, जिसके बाद दोनों देशों के संबंधों में तनाव और भी बढ़ गया है।

आशंका जाहिर की जा रही है कि ईरान पर अमेरिका सैन्य हमला कर सकता है। हालांकि, तेहरान ने अमेरिका के इन आरोपों से इनकार किया है। मगर, इस साल की शुरुआत में कई तेल के टैंकर्स में किए गए हमलों में भी ईरान का नाम सामने आया था, जिसके बाद अब मध्य-पूर्व में संघर्ष को लेकर खतरा पैदा हो गया है।

सरकारी तेल कंपनी आरामको में हुए धमाके के बाद एशिया एशिया के शुरुआती कारोबार में वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट 10.68 प्रतिशत उछलकर 60.71 डॉलर पर पहुंच गया और ब्रेंट 11.77 प्रतिशत बढ़कर 67.31 डॉलर पर पहुंच गया। पड़ोसी देश यमन में तेहरान समर्थित हौती विद्रोहियों के हमले के बाद वैश्विक आपूर्ति में करीब 6 फीसद की कमी आई है। बताते चलें कि सऊदी के नेतृत्व में एक गठबंधन पांच साल से यमन में लड़ाई लड़ रहा है।

OANDA के वरिष्ठ बाजार विश्लेषक जेफ्री हैली ने कहा- मध्य पूर्व में तनाव तेजी से बढ़ रहा है। इसका मतलब है कि आज सुबह तेल बाजारों में लगे झटके के बाद भी यह कहानी जारी रहेगी। बताते चलें कि सऊदी अरब की सरकारी तेल कंपनी अरामको के दो संयंत्रों में शनिवार सुबह हौती विद्रोहियों ने ड्रोन से हमले किए थे।

हौती विद्रोहियों ने चेतावनी दी है कि भविष्य में सऊदी पर किए जाने वाले हमलों में और तेजी आएगी और उसके लिए उन्होंने 10 ड्रोन तैनात किए हैं। इस मामले में ट्रंप ने रविवार को कहा था कि हमले का जवाब देने के लिए अमेरिका तैयार था।

विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने कहा- संयुक्त राज्य हमारे सहयोगियों और साझेदारों के साथ काम करेगा, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि ऊर्जा बाजार में आपूर्ति अच्छी तरह से हो और ईरान को उसकी आक्रामकता के लिए जवाबदेह ठहराया जाए।