श्रीनगर । जम्मू-कश्मीर में एसपी वैद को हटाकर दिलबाग सिंह को राज्य का नया डीजीपी बनाया गया है। इस बीच जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने राज्य के पुलिस चीफ के ट्रांसफर में जल्दबाजी पर सवाल उठाए हैं। उमर ने ट्वीट कर कहा कि वैद के ट्रांसफर में इतनी जल्दबाजी नहीं दिखानी चाहिए थी। स्थायी इंतजाम होने पर ही यह तबादला किया जाना चाहिए था। एसपी वैद को ऐसे समय हटाया गया है जब कुछ दिन पहले ही घाटी में आतंकियों ने 3 पुलिसकर्मियों और अन्य पुलिसकर्मियों के 8 परिजनों को अगवा किया था और जिनकी रिहाई के बदले आतंकियों के गिरफ्तार परिजनों को छोड़ा गया।
Omar questions on transfer of DGP in Valley, now Dilbagh Singh will be new police captain
जम्मू-कश्मीर के नए राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कार्यभार संभालने के कुछ ही दिनों बाद एसपी वैद की अहम प्रशासनिक शक्तियों में कटौती कर दी थी, जिसमें आॅपरेशनल फंड को मंजूरी देने का अधिकार भी शामिल था। इतना ही नहीं, वैद से कुछ अहम शक्तियां वापस लेकर उनके जूनियर मुनीर खान को सौंप दी गईं।
कौन हैं नए डीजीपी दिलबाग सिंह
दिलबाग सिंह को यह जिम्मेदारी ऐसे समय में दी गई है, जब आतंकियों द्वारा पुलिस के जवानों और उनके रिश्तेदारों को अगवा करने के मामलों में काफी तेजी देखी जा रही है। पिछले हफ्ते ही दक्षिण कश्मीर में आतंकियों ने एक दर्जन से ज्यादा पुलिसकर्मियों और उनके रिश्तेदारों को अगवा कर लिया था। हालांकि दिलबाग सिंह को अभी डीजीपी का अतिरिक्त प्रभार मिला है।
दिलबाग सिंह का नाम इस साल उस वक्त भी चर्चा में आया था, जब श्रीनगर के श्री महाराजा हरि सिंह हॉस्पिटल के अंदर लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादियों ने हमला कर एक पाकिस्तानी आतंकवादी अबु हंजूला उर्फ नावीद जट को छुड़ा लिया था। इस हमले में दो पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे। फरवरी 2018 में हुई इस घटना के बाद 1987 बैच के आईपीएस अफसर दिलबाग सिंह को अगले ही महीने जेल विभाग का डीजी नियुक्त किया गया था।
बतौर डीजी जेल बनाई अलग पहचान
बतौर डीजी जेल अपने कार्यकाल के दौरान कई मोर्चों पर अपनी कार्यकुशलता से उन्होंने अलग पहचान बनाई है। इसमें राज्य की जेलों के अंदर कैद आतंकियों को लेकर उन्होंने नई रणनीति पर काम किया। इसमें घाटी के कई खूंखार आतंकियों की जेल बदलने जैसे कदम भी शामिल हैं। हालांकि यूपीएससी से मुहर लगने के बाद ही उनकी डीजीपी पद पर नियमित नियुक्ति होगी।