भोपाल। किसानों को लोन देने के नाम पर ग्वालियर में ऐसे-ऐसे घोटाले हुए कि सुनकर सिर चकरा जाए। किसानों के नाम पर फर्जी लोगों ने तो लोन लिए ही, ऐसे नामों पर भी लोन लिया गया जिस नाम से कोई है ही नहीं। किसान ऋण माफी की प्रक्रिया शुरू होते ही ग्वालियर की 76 कृषि साख सहकारी समितियों के घोटाले की परतें खुल रही हैं। 2000- किसानों के नाम पर फर्जी लोन लेने का खुलासा तो हुआ ही। करीब 500 भूतिया लोन भी लिए गए। ये वो मामले हैं जिनमें ऐसे किसानों के नाम पर लोन दिया गया, जिस नाम का कोई है ही नहीं।
Once the farmers’ debt waiver process begins, the pole of scandals opened, the names of ghosts have also been released.
ऊर्वा सोसायटी की लिस्ट में ऐसे 500 किसान हैं। जिन किसानों का कर्ज माफ किया जा रहा है उनकी लिस्ट सोसायटी और बैंकों के हर चस्पा की जा रही है। अकेले ऊर्वा सोसायटी में 1200 किसानों की लिस्ट लगी, जिसमें करीब दो सौ लोगों के नाम पर दो-बार का कर्ज चढ़ा है। करीब 300 किसान ऐसे हैं जिनके नाम पर फर्जी तरीके से कर्ज़ा लिया गया है। वहीं करीब 500 ऐसे किसानों का कर्जमाफी में नाम है जिस नाम का कोई है ही नहीं। जब बैंक में दिए गए पते पर जाकर तलाश की गयी तो पता चला कि इन नामों के किसान हैं ही नहीं।
ग्वालियर संभाग के सहकारिता विभाग ने सोसायटी और बैंकों से कर्जदार किसानों का डाटा तैयार किया। इसके बाद किसानों की तस्दीक के लिए लिस्ट जारी की गई। माफी पाने वाले किसानों की लिस्ट के आधार पर अब कर्जमाफी की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। लिस्ट के आधार पर अब वो किसान आपत्ति दर्ज करा रहे हैं जिन्होंने कर्ज लिया ही नहीं और उनके नाम का कर्ज माफ होने वाला है।
ग्वालियर जिले में कुल 1 लाख किसानों पर 1787 करोड़ रुपए का कर्ज है। ऋण माफी की लिस्ट में 37273 किसानों के नाम हैं। इनका करीब ढाई सौ करोड़ का कर्ज माफ होने जा रहा है। कर्ज़माफी के दौरान सरकार इनमें शामिल घोटालेबाजों को दबोचने की कवायद में है। उन जालसाजों को शिकंजे में लेने की तैयारी में है, जिन्होंने ऐसे नाम पर कर्ज़ डकार लिया जो दरअसल कभी थे ही नहीं।