भोपाल। भारतीय जनता पार्टी की चुनाव समिति की बैठक में विधानसभा चुनाव के टिकट के लिए किसी भी नेता पुत्र की दावेदारी पर चर्चा नहीं की गई और न ही किसी उम्रदराज नेता की दावेदारी को शामिल किया गया। पार्टी सूूत्रों के मुताबिक हाईकमान ने संगठन को साफ हिदायत दी थी कि प्रदेश में किसी भी नेता पुत्र का नाम टिकट के लिए विचार में नहीं लिया जाए।
Only the rounds of meetings in BJP election committee, now in Delhi will decide after brainstorming
जिस किसी नेता को अपने पुत्र को टिकट दिलाना हो, वह लिखकर दे कि स्वयं के लिए टिकट की मांग नहीं करेगा। खुद राजनीति छोड़ दें, फिर बेटे को टिकट दिलाने की बात करें। उधर, सोमवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान आज होने वाली हाईकमान की बैठक में शामिल होने के लिए दिल्ली पहुंच गए हैं। बैठक में टिकट को लेकर मंथन किया जाएगा।
रविवार रात को आठ घंटे चली चुनाव समिति की बैठक सिर्फ सदस्यों के सुझाव लेने तक ही सिमट गई। पार्टी के सर्वे, फीडबैक या विधानसभा सम्मेलन के जरिए किन-किन दावेदारों के नाम आए हैं, उनके नाम भी समिति के सदस्यों को नहीं बताए गए। विधानसभावार चर्चा में सदस्यों से टिकट के उपयुक्त दावेदारों के नाम मांगे गए और उन्हें सूचीबद्ध कर लिया गया। पार्टी नेताओं की मानें तो सारा मामला संघ, सर्वे और हाईकमान के फीडबैक के आधार पर दिल्ली से तय होगा।
पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष राकेश सिंह, संगठन महामंत्री सुहास भगत मंगलवार को दिल्ली पहुंच रहे हैं। जहां केंद्रीय नेतृत्व के साथ उनके फीडबैक से सारे नाम मिलान के बाद अंतिम सूची संसदीय बोर्ड के सामने रखी जाएगी। इस बीच मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और संगठन के नेताओं ने सोमवार को सभी सीटों पर फाइनल बातचीत की। प्रदेशाध्यक्ष राकेश सिंह ने कहा कि राज्य का काम सिर्फ नाम प्रस्तावित करना होता है। निर्णय तो हमेशा ही संसदीय बोर्ड से होता है।
महापौर को टिकट देने से भी परहेज
चुनाव समिति ने इंदौर की महापौर मालिनी गौड़ को छोड़कर अन्य किसी महापौर का नाम पैनल में नहीं लिया। पार्टी सूत्रों के मुताबिक इसकी वजह ये थी कि हाईकमान ने पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि किसी भी महापौर का नाम विधानसभा टिकट की दावेदारी में शामिल नहीं किया जाए। इस गाइडलाइन के चलते भोपाल महापौर आलोक शर्मा, ग्वालियर से विवेक शेजवलकर, सागर से अभय दरे, जबलपुर से स्वाति गोड़बोले, सतना से ममता पांडे सहित कई महापौर टिकट की दौड़ से बाहर हो गए थे। मालिनी गौड़ को विधायक होने के नाते पैनल में स्थान मिला।
उम्रदराज को मनाएंगे
सूत्रों के मुताबिकउम्रदराज नेताओं के मामले में यह भी तय किया गया है कि युवाओं और महिलाओं को अवसर देने के लिए उन्हें मनाया जाएगा कि वे अब चुनाव न लड़ें। पार्टी ने कहा कि जिन सीटों पर सर्वे में बुजुर्ग नेता को ही जिताऊ बताया है, वहां पर पार्टी उम्रदराज को भी लड़ा सकती है।
केंद्रीय समिति को भेजे पैनल: मोघे
चुनाव समिति के सदस्य कृष्ण मुरारी मोघे ने कहा कि प्रदेश स्तर पर अब चुनाव समिति की बैठक नहीं होगी। सभी 230 सीटों के नाम पर हुई चर्चा के बाद पैनल बनाकर नाम केंद्रीय चुनाव समिति के पास भेजे गए हैं।
नई पीढ़ी को मौका मिले: विजयवर्गीय
भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि मेरी व्यक्तिगत राय है कि नए लोगों को मौका दिया जाए। उन्होंने कहा कि वे अपनी राय से चुनाव समिति को अवगत करा चुके हैं। मीडिया से बातचीत में विजयवर्गीय ने कहा कि प्रदेश में भाजपा की मौजूदा टीम 60 साल के पार हो चुकी है। 1990 में पटवाजी ने हम लोगों का मौका दिया था, अब हमें भी नई पीढ़ी को मौका देना चाहिए।