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समय से पहले तेलंगाना में विधानसभा भंग, केसीआर बने रहेंगे कार्यवाहक मुख्यमंत्री

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हैदराबाद। तेलंगाना सरकार के विधानसभा भंग करने के प्रस्ताव को राज्यपाल ईएसएल नरसिंहन ने मंजूरी दे दी है। यानी अब राज्य में समय से पहले विधानसभा चुनाव का रास्ता साफ हो गया है जो अभी तक लोकसभा चुनाव के साथ ही होने थे। इससे पहले कैबिनेट मीटिंग के दौरान तेलंगाना विधानसभा भंग करने का प्रस्ताव पास हो गया था। फिलहाल चुनाव तक के चंद्रशेखर राव कार्यवाहक मुख्यमंत्री बने रहेंगे। टीआरएस की इस मीटिंग के लिए बुधवार से ही अटकलें लगाई जा रही थीं।
Before the dissolution of assembly in Telangana, KCR will remain caretaker chief minister
इस बैठक के लिए सभी मंत्रियों को हैदराबाद में मौजूद रहने के लिए कहा गया है। दरअसल तेलंगाना सरकार के राज्य में विधानसभा चुनाव पहले कराने की तीन वजहें मानी जा रही है। पहली वजह- लोकसभा में अविश्वास मत और राज्यसभा के उपसभापति के चुनाव में टीडीपी और कांग्रेस एक कैंप में थे। टीआरएस को लग रहा है कि लोकसभा चुनाव के वक्त इन दोनों में एसपी-बीएसपी जैसा अलायंस हो सकता है।

दूसरी वजह- केसीआर लोकसभा के बजाय राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के साथ चुनाव कराना पसंद करेंगे। उन्हें डर है कि अगर इन उत्तरी राज्यों में से एक या दो में कांग्रेस को जीत मिलती है तो इससे सुस्त पड़ी तेलंगाना कांग्रेस में जान लौट सकती है और वह लोकसभा चुनाव में कड़ी टक्कर देने की हालत में होगी।

तीसरी वजह- लोकसभा के साथ विधानसभा चुनाव नहीं होने पर असदुद्दीन ओवैसी की एआईएमआईएम के साथ प्रत्यक्ष या परोक्ष गठबंधन के जरिए टीआरएस राज्य के 12 पर्सेंट अल्पसंख्यक वोटरों को लुभाने में सफल रह सकती है। वहीं, अगर चुनाव साथ होते हैं तो केसीआर के केंद्र के साथ करीबी रिश्ते का इस वोट बैंक पर असर पड़ सकता है।

कांग्रेस-टीडीपी करेंगी गठबंधन?
दूसरी ओर सूत्रों के अनुसार, यह खबर भी सामने आ रही है कि कांग्रेस और टीडीपी मिलकर विधानसभा और लोकसभा चुनाव में एकसाथ उतर सकती है। इसके लिए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और टीडीपी प्रमुख चंद्रबाबू नायडू के बीच चुनावी प्रक्रिया को लेकर आपसी समझ बन चुकी है। भले ही आंध्र प्रदेश के विभाजन के बाद चंद्रबाबू नायडू हैदराबाद से शिफ्ट हो गए हों लेकिन तेलंगाना के कई विधानसभा क्षेत्रों खासकर ग्रेटर हैदराबाद में टीडीपी की पकड़ अभी भी मजबूत है। 2014 चुनावों में टीडीपी-बीजेपी के गठबंधन ने 24 विधानसभा सीटों में से 14 सीटें जीती थीं।

06-09-2018

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सवर्णों का भारत बंद को मिला रहा समर्थन, मप्र सहित कई राज्यों में असर, प्रदर्शनकारी सड़कों पर

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नई दिल्ली/भोपाल। एट्रोसिटी एक्ट में संशोधन के खिलाफ अनारक्षित वर्ग के 114 संगठनों द्वारा मप्र, राजस्थान समेत पूरे देश में बुलाए गए भारत बंद का असर नजर आने लगा है। इस बंद के दौरान बिहार के कई शहरों में प्रदर्शन हुए हैं। बिहार के बेगूसराय में लोगों के साथ दुर्व्यवहार की सूचना है वहीं सीतामढ़ी और आरा में प्रदर्शनकारियों ने एक ट्रेन को भी रोक लिया है। माकामा में भी प्रदर्शनकारियों ने हाईवे पर 20 किमी लंबा जाम लगा दिया है।
Support of the Bharat bandh of the upper castes, impacts in many states, including MPs, on protesters roads
एससी, एसटी एक्ट में संशोधन कर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को पलटने वाले सरकार के कदम के विरोध में सवर्ण लामबंद हो रहे हैं। सवर्णों का कहना है कि इस एक्ट में बिना जांच के दंड का प्रावधान है और अधिकांश मामलों में इसका दुरुपयोग होता आया है। मध्य प्रदेश में इसे सपाक्स समाज संस्था ने समर्थन दिया है। प्रदेश भर में करीब 35 संगठन समर्थन में आए हैं।

संगठनों का दावा है कि बंद के दौरान सुबह 10 से शाम 4 बजे तक प्रदेशभर में व्यापारिक प्रतिष्ठान, पेट्रोल पंप सहित बाजार बंद रहेंगे। दूध सप्लाई समेत रोजमर्रा की जरूरत की वस्तुओं को बंद से बाहर रखा है। कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस मुख्यालय ने जिलों में करीब साढ़े 10 हजार अतिरिक्त पुलिस बल भेजा है। अधिकतर जिलों में धारा 144 लगा दी है और धरना-प्रदर्शन की अनुमति नहीं दी जा रही है।

उप्र में आगरा-मथुरा व आसपास के जिलों में बंद को लेकर विशेष सरगर्मी है। यहां से हजारों लोग मध्य प्रदेश के लिए कूच कर सकते हैं। ब्राह्माण और क्षत्रिय संगठन इसकी अगुआई में जुटे हैं। कुछ ब्राह्मामण विधायक भी बिना सामने आए आंदोलन को हवा दे रहे हैं। भारतीय नागरिक परिषद के अध्यक्ष चंद्र प्रकाश अग्निहोत्री ने कहा कि भाजपा बताए कि बिना जांच केगिरफ्तारी को क्या वह सही मानती है। पदोन्नतियों में आरक्षण का विरोध कर रही सर्वजन हिताय संरक्षण समिति ने अपने आंदोलन में एससी, एसटी एक्ट के विरोध को भी शामिल किया है। समिति ने 28 सितंबर को लखनऊ में बड़ा सम्मेलन आयोजित किया है।

यह था सुप्रीम कोर्ट का फैसला
सुप्रीम कोर्ट के फैसले में कहा गया था कि एससी-एसटी एक्ट से जुड़े मामले में किसी भी व्यक्ति पर मुकदमा दर्ज होने से पहले उसके खिलाफ लगाए गए आरोपों की जांच होनी चाहिए। एससी-एसटी संगठनों ने फैसले का विरोध करते हुए दो अप्रैल को भारत बंद का आह्वान किया था, जिसमें काफी हिंसा भी हुई। विपक्ष और भाजपा के सहयोगी दलों ने इस पर सरकार से दखल देने की मांग की। केंद्र सरकार ने अध्यादेश लाकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को पलट दिया और अब स्थिति पूर्ववत हो गई है। मतलब, बिना जांच के भी मुकदमा दायर करने और गिरफ्तारी का रास्ता साफ हो गया है। लेकिन अब यह मुद्दा केंद्र सरकार के लिए मुसीबत बन गया है।

लोकसभा में 131 सीटें आरक्षित
लोकसभा में (84 एससी और 47 एसटी) सदस्यों के लिए कुल 131 सीटें आरक्षित हैं। इनमें से 67 भाजपा के हैं। जाहिर है भाजपा ने इस वर्ग की नाराजगी मोल लेने के बजाय सुप्रीम कोर्ट का फैसला पलटना उचित समझा।

भाजपा में विरोध के स्वर
केंद्रीय मंत्री कलराज मिश्र ने कानून पर निजी राय रखते हुए कहा कि जमीन पर एससी-एसटी एक्ट का दुरुपयोग हो रहा है। इससे लोगों के अंदर असमानता का भाव पैदा हो रहा है। अधिकारी भी डर रहे हैं कि अगर मुकदमा दर्ज नहीं हुआ तो कार्रवाई हो जाएगी। हालांकि, इन बयानों पर सफाई देते हुए केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं आधिकारिता मंत्री विजय सांपला ने कहा कि किसी व्यक्ति की निजी राय मायने नहीं रखती है। बयान उनकी निजी राय हो सकती है। संसद में सभी ने कानून के समर्थन में वोट किया।

भारत बंद का प्रमुख केंद्र मध्यप्रदेश
देशभर में एक्ट में हुए बदलाव का विरोध सबसे ज्यादा मध्यप्रदेश में दिख रहा है. इसलिये माना जा रहा है कि प्रदेश ही आंदोलन का केंद्र है. मध्यप्रदेश से ही एक्ट के विरोध में आवाज उठी है. प्रदेशभर में लगातार रैली और विरोध प्रदर्शन ने इस मुद्दे को हवा दी है. इसी के चलते प्रदेश सरकार सतर्क है.

मुख्य सचिव का दौरा रद्द
आज होने वाले इस आंदोलन को देखते हुए मुख्य सचिव बसंत प्रताप सिंह ने अपना शहडोल दौरा 5 सितंबर को निरस्त कर दिया. उन्होंने वीडियो कांफ्रेंस के जरिए सभी जिलों के कलेक्टर और पुलिस अधीक्षकों से बात कर आज होने वाले बंद को लेकर समझाइश दी. उन्होंने कहा कि भारत बंद के आव्हान को लेकर सभी सतर्क रहें. कोई भी अधिकारी-कर्मचारी ऐसे किसी आंदोलन में शामिल न हों.

खंडवा में मुख्यमंत्री शिवराज का कार्यक्रम
आंदोलन के इस माहौल में भी आज मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान खंडवा में कार्यक्रम करेंगे. बीते दिनों मुख्यमंत्री के कार्यक्रम में जूता फेंकने की घटना के बाद सीएम का सुरक्षा अमला भी अपनी पूरी तैयारी के साथ तैनात है. खंडवा में प्रशासन को सुरक्षा में कोई भी लापरवाही न बरतने की हिदायत दी गई है. वहीं चप्पे-चप्पे पर सुरक्षा बल तैनात है.

राजधानी में 3 हजार पुलिसकर्मी तैनात
इस आंदोलन का केंद्र प्रदेश को माना जा रहा है ऐसे में प्रदेश की राजधानी भोपाल में प्रशासन कोई भी ठील नहीं बरतना चाहता है. सोशल मीडिया पर होने वाली गतिविधियों के साथ ही भोपाल के संवेदनशील इलाकों में विशेष सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है. हाइवे पर लगातार पेट्रोलिंग की जा रही है. पुलिस कंट्रोल रूम से शहरभर की मॉनिटरिंग की जा रही है. एहतियातन अधिकांश सीबीएससी और एमपी बोर्ड स्कूलों की भी छुट्टी कर दी गई है.

इंदौर में सुबह से ही दिख रहा असर
सपाक्स संगठनों का कहना है कि हम अपने हितों की लड़ाई लड़ेंगे. बंद के मद्देनजर प्रशासन अलर्ट है और शहर की हर गतिविधियों पर नजर बनाए हुए है. शहर सुबह से ही बंद का असर नजर आ रहा है. शहर के संयोगितागंज, छावनी मंडी, दवा और कपड़ा बाजार बंद हैं. वहीं बताया जा रहा है कि सपाक्स के कार्यकर्ता धीरे-धीरे कलेक्ट्रट के पास एकत्रित हो रहे हैं. इस बंद से बाजार में अरबों रुपये का नुकसान होगा लेकिन इसके बावजूद भी शहर के 10 बड़े व्यापारी संगठन व अन्य संगठन मिलाकर लगभग 40 संगठनों ने बंद का समर्थन किया है.

ग्वालियर में 30 हजार से ज्यादा सश्त्र लाइसेंस
ग्वालियर चंबल संभाग में 2 अप्रैल को हुए आंदोलन के दौरान भड़की हिंसा को देखते हुए यहां प्रशासन की तैयारियां कई दिनों से चल रही थीं. इसी के चलते 30 हजार से भी अधिक शस्त्र लाइसेंस निरस्त कर दिए गए हैं. सुबह से ही बंद का असर ग्वालियर शहर में दिखाई दे रहा है. सुरक्षा के मद्देनजर चप्पे-चप्पे सुरक्षा कर्मी तैनात हैं रात से ही डायल 100 व अन्य पुलिस वाहन पेट्रोलिंग कर रहे हैं. धारा 144 लागू होने बावजूद भी सपाक्स कलेक्टर को ज्ञापन सौंपने की बात कह रहा है. वहीं भिंड, मुरैना, श्योपुर, दतिया और शिवपुरी से प्राइवेट बसें बंद हैं.

पर्रिकर के बीमार होने से गोवा में सरकार बनाने सक्रिय हुई कांग्रेस, कहा- तीन भाजपा विधायक हमारे साथ

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पणजी। गोवा में स्वास्थ्य कारणों से मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर की सक्रियता घटने के बीच कांग्रेस ने बुधवार को दावा किया कि सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के तीन विधायक उनके संपर्क में है, जिनकी सहायता से वह मनोहर पर्रिकर की अगुआई वाली गठबंधन सरकार को गिरा सकती है। हालांकि, बीजेपी ने दावे को खारिज करते हुए कहा कि कांग्रेस सिर्फ ‘मूर्ख’ बना रही है।
Congress activists formed in Goa by Parrikar’s sickness, said, “Three BJP MLAs with us
कांग्रेस गोवा के प्रवक्ता और विधायक दयानंद सोप्ते ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में दावा किया, बीजेपी के तीन विधायक पर्रिकर नीत सरकार को गिराने के लिए कांग्रेस में शामिल होना चाहते हैं और वे पार्टी के संपर्क में भी हैं।’ हालांकि, उन्होंने विधायकों के नाम बताने से इनकार कर दिया। सोप्ते ने कहा, मैंने आज समाचार पत्रों में पढ़ा कि कुछ कांग्रेस विधायक बीजेपी के पास जा सकते हैं। जहां तक मेरा संबंध है, किसी ने मुझसे संपर्क नहीं किया है और न ही मैंने किसी से संपर्क किया है। ये बीजेपी द्वारा फैलाई गई अफवाहें हैं।

उन्होंने दावा किया, ‘इस खबर के विपरीत, बीजेपी के तीन विधायकों ने हमसे संपर्क किया है। यदि तीन विधायक आ गए तो संख्या कांग्रेस के पक्ष में हो जाएगी। यदि आप संख्या देखें तो कांग्रेस के 40 सदस्यीय सदन में 16 विधायक हैं। यदि उनके (बीजेपी के) तीन विधायक हमारे साथ आ जाते हैं तो हमारी संख्या 19 हो जाएगी। सत्तारूढ़ बीजेपी के पास फिलहाल 14 विधायक हैं। जब इस संबंध में बीजेपी की गोवा इकाई के अध्यक्ष विनय तेंडुलकर से संपर्क किया गया तो उन्होंने सोप्ते के दावे को खारिज किया।

राफेल डील पर विपक्ष को तथ्यों के साथ जवाब देने मोदी के मंत्रियों को डोभाल ने दी जानकारी

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नई दिल्ली। मोदी सरकार फिलहाल राफेल डील पर विपक्ष के तीखे हमले का सामना कर रही है। देश में सुरक्षा से जुड़े उच्चाधिकारियों ने मंत्रियों के एक समूह को इस फाइटर एयरक्राफ्ट डील के बारे में जानकारियां दी हैं ताकि वे विपक्ष के हमले का तथ्यों से जवाब दे सकें। सूत्रों के मुताबिक राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और रक्षा सचिव संजय मित्रा ने बैठक में एक विस्तृत प्रेजेंटेशन के माध्यम से मंत्रियों को समूह को डील के विभिन्न पहलुओं की जानकारी दी।
Dowler has given information to the ministers of the state to respond to the opposition on the Rafael Deal
यह बैठक ढाई घंटे से अधिक समय तक चली। मंत्रियों को बताया गया कि यह दो सरकारों के बीच की डील है और इसमें कोई प्राइवेट पार्टी शामिल नहीं है। इस हिसाब से इस डील में करप्शन का कोई स्कोप नहीं है। सुरक्षा अधिकारियों ने राफेल एयरक्राफ्ट की क्षमताओं के बारे में भी अवगत कराया। यह भी बताया गया कि राफेल भारतीय वायुसेना की युद्धक क्षमता के लिए अहम साबित होगा।

कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्ष राफेल डील को लेकर मोदी सरकार पर ताबड़तोड़ हमले कर रहा है। सरकार पर महंगा विमान खरीदने के साथ-साथ सरकारी कंपनी हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड को दरकिनार कर एक भारतीय व्यवसायी को फायदा पहुंचाने का आरोप लगाया जा रहा है।

इस प्रेजेंटेशन में अपने सहयोगियों को साथ लेकर चलने के पीएम मोदी के प्रयासों को भी रेखांकित किया गया। मंत्रियों के समूह में सहयोगी दलों का भी प्रतिनिधित्व है। इसके अलावा मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी योजना ‘आयुष्मान भारत’ और ‘स्वच्छ भारत’ मिशन को लेकर भी अलग से प्रेजेंटेशन दिए गए।

मजदूर की खुली किस्मत, लॉटरी ने बना दिया करोड़पति

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चंडीगढ़। रातोंरात करोड़पति बनने की कहानियां आपने भी सुनी होंगी, लेकिन पंजाब के संगरूर जिले में ऐसा असली में हुआ है। यहां मनोज कुमार नाम के एक मजदूर को लॉटरी ने करोड़पति बना दिया। किस्मत के इस खेल में मनोज ने 1.5 करोड़ रुपये जीते हैं। सबसे दिलचस्प बात यह है कि लॉटरी के टिकट को खरीदने के लिए मनोज ने 200 रुपये उधार लिए थे।
Labor’s open fate, lottery made millionaires
दरअसल, मनोज ने पंजाब राज्य राखी बंपर 2018 प्रतियोगिता के लिए लॉटरी का टिकट खरीदा था जिसमें उन्हें पहला इनाम मिला है। विभाग के प्रवक्ता ने बताया कि मनोज बुधवार लॉटरी के डायरेक्टर टीपीएस फुलका से मिले और अपना दावा पेश किया। डायरेक्टर ने उन्हें आश्वासन दिया की पेमेंट जल्द से जल्द किया जाएगा।

लॉटरी के लकी ड्रा की घोषणा 29 अगस्त को हुई थी। इसी के साथ यह खुलासा हुआ था कि 1.5 करोड़ रुपये के पहले दो इनाम दो टिकट होल्डर को दिए जाएंगे जिसमें मनोज भी शामिल हैं। यूं तो मनोज ने कभी सोचा नहीं होगा कि एक दिन वह करोड़पति बन जाएंगे लेकिन लॉटरी ने ऐसा संभव कर दिया है। मनोज इस रुपयों से अपने सभी सपने पूरे कर सकते हैं।

भारत से तनाव कम करने पाक ने अमेरिकी विदेश मंत्री से लगाई गुहार

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इस्लामाबाद। अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पॉम्पियो के सामने पाकिस्तान ने भारत से जारी तनाव को कम करने की गुजारिश की। अमेरिकी विदेश मंत्री बुधवार को पाक दौरे पर थे। पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने कहा कि पश्चिमी सीमा से सटे अफगानिस्तान में शांति और स्थिरता के लिए जरूरी है कि पूर्वी सीमा क्षेत्र पर तनाव न रहे। हालांकि, खुले तौर पर भारत के नाम का इस्तेमाल करने की जगह पर पाक की तरफ से पूर्वी सीमा का प्रयोग किया गया।
Pak pays tribute to India’s foreign minister
पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने अमेरिकी समकक्ष से बातचीत के बाद मीडिया से कहा, ‘अगर देश की पश्चिमी सीमा की तरफ हम ध्यान देना चाहते हैं तो हमें पूर्वी सीमा पर शांति और स्थिरता चाहिए।’ उन्होंने एलओसी पर सीजफायर उल्लंघन की वजह से लोगों की परेशानी का जिक्र करते हुए कहा, ‘हमें देखना होगा कि हम यहां (पूर्वी सीमा पर) कैसे सुधार कर सकते हैं और कौन हमें मदद कर सकता है।’

बता दें कि पाकिस्तान के पड़ोसी भारत के साथ अफगानिस्तान भी पाक को आतंकी संगठनों को पनाह देने के लिए जिम्मेदार बताते रहे हैं। बुधवार को पाकिस्तान के पीएम इमरान खान से भी मुलाकात में अफगानिस्तान में स्थिरता और आतंकी संगठनों पर कार्रवाई का मुद्दाअमेरिकी विदेश मंत्री ने उठाया था।

पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने एलओसी पर सीजफायर उल्लंघन का ठीकरा नाम लिए बिना भारत पर फोड़ दिया। उन्होंने कहा कि एलओसी सीजफायर दो देशों के बीच विश्वास बहाल करने के लिए महत्वपूर्ण है, लेकिन जब इसका उल्लंघन होता है तो लोगों की भावनाएं आहत होती हैं। पाक विदेश मंत्री ने जोर देकर कहा कि पाकिस्तान अपने सभी पड़ोसी मुल्कों का सम्मान करता है और उनके साथ शांतिपूर्ण संंबंध चाहता है। कुरैशी ने कहा, ‘अमेरिका चाहता है कि पाकिस्तान बातचीत के लिए पहल करे और हम भी इसके समर्थन में हैं और हमने अपनी तरफ से इसका प्रस्ताव भी दिया है। अफगानिस्तान में शांति बहाल करना हमारी प्राथमिकता है।’

पाकिस्तान के शांति प्रस्ताव पर भारत के सेना प्रमुख का जवाब: कहा- बातचीत से पहले आतंकवाद रोको

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नई दिल्ली। पाकिस्तानी सेना की तरफ से ‘शांति प्रस्ताव’ के पैंतरे पर सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने कहा है कि अगर पाकिस्तान बातचीत चाहता है तो वह पहले आतंकवाद रोके। जनरल रावत ने कहा, ‘पहल उनकी (पाकिस्तान) तरफ से होनी चाहिए। उनको आतंकवाद रोकना है, अगर वे आतंकवाद रोकेंगे तो हम (भारतीय सेना) भी नीरज चोपड़ा बनेंगे।’ बता दें कि हाल में हुए एशियन गेम्स में भारत के नीरज चोपड़ा ने जेवलिन थ्रो में गोल्ड मेडल जीता था, जबकि पाकिस्तान को ब्रॉन्ज मिला था। चोपड़ा ने तब खेल भावना का परिचय देते हुए आगे बढ़कर ब्रॉन्ज जीतने वाले पाकिस्तानी खिलाड़ी से हाथ मिलाया था।
India’s Chief of Army Staff on Peace Resolution: SAY: Stop the Terrorism Before Talking
सेना प्रमुख ने एशियन गेम्स में मेडल जीतने वाले सेना के खिलाड़ियों के सम्मान समारोह के दौरान एक सवाल के जवाब में यह बात कही। इस दौरान उन्होंने कहा कि कश्मीर में हालात 2017 से पहले के मुकाबले बेहतर हुए हैं और 2018 में इसमें और सुधार हो रहे हैं। बता दें कि नीरज चोपड़ा पिछले साल ही बतौर जूनियर कमिशंड आॅफिसर सेना का हिस्सा बने। हालिया एशियन गेम्स में गोल्ड जीतने के बाद पाकिस्तानी ब्रॉन्ज मेडलिस्ट से हाथ मिलाने की उनकी तस्वीर को टेनिस स्टार सानिया मिर्जा ने भी ट्विटर पर शेयर किया था और उनके कदम की तारीफ की थी।

पाक सेना का ‘शांति प्रस्ताव’ पैंतरा
अमेरिकी अखबार न्यू यॉर्क टाइम्स की एक हालिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि पाकिस्तानी सेना ने भारत के साथ गुपचुप तरीके से संपर्क किया है लेकिन इस पर भारत की तरफ से कुछ खास प्रतिक्रिया नहीं मिली है। न्यू यॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान चुनाव से महीने भर पहले यह संपर्क अभियान पाक आर्मी चीफ जनरल कमर जावेद बाजवा की तरफ से सामने आया।

पाकिस्तान ने 2015 के बाद से ठप पड़ी बातचीत को शुरू करने का प्रस्ताव दिया है। बातचीत शुरू करने की जुगत में लगे पाकिस्तान का एक प्रमुख उद्देश्य दोनों देशों के बीच व्यापार के गतिरोध को खत्म करना है। इस समय पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था खस्ताहाल है और उस पर चीन का भारी कर्ज लगातार बढ़ रहा है।

कांग्रेस में शुरू हो गया आईटी का धंधा, दावेदारों को लाइक्स बढ़ाने के लिए नोयडा से आने लगे मैसेज

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भोपाल। कांग्रेस के नए आईटी चीफ अभय तिवारी ने प्रदेश संगठन मंत्री चंद्रप्रभाष शेखर की सहमति से दो दिन पहले फरमान जारी किया था कि सोशल मीडिया पर 15 हजार लाइक्स और फालोअर्स वालों को ही टिकट दिया जाएगा। पार्टी के इस फरमान का ज्यादातर मौजूदा विधायकों ने तो विरोध किया है, लेकिन कांग्रेस में लाइक्स बढ़ाने का धंधा जरूर शुरू हो गया है।
Congress started functioning in IT, message coming from Noida to increase the likes of claimants
नोयडा की कंपनी द्वारा दावेदारों को एमएसएस भेजे जा रहे हैं कि एक तय राशि देकर महज 7 दिन के भीतर ही लाइक्स एवं फॉलोअर्स बढ़ाएं। इसके पीछे आईटी सेल का बढ़ा खेल सामने आ रहा है। क्योंकि दावेदारों के नामों की सूची प्रदेश कांग्रेस की ओर से ही आईटी कंपनी को मुहैया कराई गई।

नोयडा की जीव्हीए कैंपेनर इंडिया प्रालि के दिनेश शर्मा की ओर से कुछ दावेदारों को मैसेज आया है कि 10 हजार रुपए देकर फेसबुक पेज पर 15 हजार लाइक्स बढ़ाए जा सकते हैं। जबकि 15 हजार में ट्विटर पर 5 हजार लाइक्स 15 दिन में बढ़ाए जाते हैं। कंपनी द्वारा दावेदारों को मैसेज भेजने से दो दिन पहले ही प्रदेश कांग्रेस कमेटी की ओर से फरमान जारी किया था कि टिकट के लिए फेसबुक पर 15000 लाइक और ट्विटर पर 5000 फॉलोवर होना अनिवार्य है। यदि संगठन की चली तो फिर पार्टी के मौजूदा विधायकों में 40 टिकट की दौड़ से बाहर हो जाएंगे।

6 महीने लगेंगे सक्रियता बढ़ाने: एक्सपर्ट
जैसे ही कांग्रेस का नया फरमान चर्चा में आया कई संदिग्ध कंपनियों सक्रिय हो गईं। नोएडा की कंपनी जीवीए कैपेंनर इंडिया प्रालि की ओर से दावेदारों को मैसेज भेजना शुरू भी कर दिया। जबकि सोशल मीडिया एक्सपर्ट बताते हैं कि सोशल मीडिया पर अचानक सक्रियता नहीं बढ़ती है। अगर आज शुरू करेंगे तो करीब 6 से 8 महीने तो लगना सामान्य बात है, लोकसभा चुनाव तक भी स भवत: पूरे नही हो पाएंगे

ऐसे समझिए 7.7 करोड़ के धंधे का गणित
प्रदेश कांग्रेस ने टिकट के दावेदारों के फार्म भी भरवा यिा है। करीब 3000 से ज्यादा दावेदारों ने फार्म भरे हैं। आईटी कंपनियों द्वारा इन्हीं दावेदारों को मैसेज किए जा रहे हैं। एक दावेदार के लिए कुल पैकेज 25000 रुपए हैं। जबकि 3 हजार दोवदार हैं। यदि एक दावेदार से कंपनी 25 हजार रुपए लेती है तो फिर 7,5000000 रुपए का धंधा होता है। फिलहाल प्रदेश कांग्रेस में यह मंथल चल रहा है कि अखिर नोयडा की कंपनी को दावेदारों के नंबर किसने पहुंचाए।

इससे तकलीफा किसको है। पहले आईटी काम नहीं करती तो सब खुश थे, अब काम कर रही है तो लोगों को तकलीफ हो रही है। यह भाजपा द्वारा मुहित चलाई जा रही है।
शोभा ओझा, अध्यक्ष, मप्र कांग्रेस मीडिया विभाग

ये सब कोरी बाते हैं, लिखित में कुछ नहीं है। तथ्यात्मक जानकारी के बिना किसी पर कैसे कार्रवाई की जाए। यूं तो मेरे पास 50 आईटी कंपनियां आ चुकी हैं।
चंद्रप्रभाष शेखर, संगठन मंत्री, मप्र कांग्रेस

जातिवाद की प्रयोगशाला बना मप्र

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दिमाग की बात
सुधीर निगम

राजनीति में नए नए प्रयोग देखने को मिलते हैं। शाहबानो से लेकर मंडल कमीशन तक हम बहुत प्रयोग देख चुके हैं। अब नए प्रयोग की जमीन तैयार हो गई है। इसकी प्रयोगशाला बना है मध्यप्रदेश। इस प्रयोगशाला में होने वाले प्रयोगों से किसे फायदा मिलेगा , किसे नहीं, ये तो आने वाला वक़्त बताएगा, लेकिन इसके केमिकल रिएक्शन लंबे समय तक अपना असर दिखाएंगे ये तय है। एससी एसटी एक्ट में संशोधन के खिलाफ उमड़े असंतोष को यूं ही खारिज करना किसी भी दल के लिए आसान नहीं होगा।

अभी तो भाजपा हो या कांग्रेस, दोनों मौन हैं। हालांकि कोई कुछ बोल नहीं रहा, लेकिन इस वक्त कांग्रेस के मन मे जरूर लड्डू फूट रहे होंगे। आखिर कोई भी विरोध होता है तो उसका खामियाजा सत्ताधारी दल को ही भुगतना पड़ता है। सभी नवंबर में होने वाले विधानसभा के चुनावी समर के मद्देनजर अपने गुणाभाग में जुटे हुए हैं। सवर्ण और अन्य पिछड़ा वर्ग के इस विरोध को नजरअंदाज करना किसी भी दल के लिए बहुत भारी पड़ सकता है। प्रदेश में एससी एसटी लगभग 35 फीसदी हैं, वही सवर्ण और अन्य पिछड़ा वर्ग को मिला दें तो उनका प्रतिशत 55 के करीब पहुंच जाता है। अन्य में अल्पसंख्यक हैं।

अब सीधा गणित देखा जाए तो इसमें एससी एसटी और अल्पसंख्यक कभी भाजपा का वोट बैंक नहीं रहा। वह सवर्णों की पार्टी के रूप में अपनी पहचान रखती है और चुनाव भी उसी की बदौलत जीतती है। यही वर्ग अभी विरोध की कमान संभाले है। यदि सवर्ण भाजपा को वोट नहीं देंगे तो आप समझ सकते हैं उसकी डगर कितनी कठिन होने वाली है। भले ही अधिकतर सवर्ण कांग्रेस को वोट न दें, लेकिन उसका कमिटेड वोटर तो उसके पास ही रहेगा और सवर्ण भाजपा से नाराज हो गए, जैसा कि दिख रहा है, तो कांग्रेस के लिए उम्मीद की किरण दिखाई देती है।

दूसरा बसपा भी इस प्रयोगशाला में होने वाले प्रयोगों पर नजर रख रही होगी। वह अपने वैज्ञानिकों को इससे पैदा होने वाले ‘केमिकल लोचे’ का लाभ उठाने के लिए तैयार कर रही होगी। हालांकि प्रदेश में उसका बहुत ज्यादा जनाधार नहीं है, लेकिन वो कई सीटों पर खेल तो बिगाड़ ही सकती है। भाजपा भी ये जानती है और उसकी कोशिश होगी कि कांग्रेस और बसपा में समझौता न हो।

जातिवाद की प्रयोगशाला बने मध्यप्रदेश में होने वाले प्रयोगों की आंच अगले साल के लोकसभा चुनावों पर भी अच्छा खासा असर डालेगी। इन प्रयोगों से होने वाले केमिकल रिएक्शन से किसके हाथ जलते हैं और किसके हाथ नया फॉमूर्ला लगता है, इसके लिए नवंबर तक इंतजार करिए। ‘माई के लाल’ से शुरू हुआ ये तमाशा किसे माई बाप बनाता है ये देखना होगा।

लेखक वरिष्ठ पत्रकार है