महाराष्ट्र में बेटियों को दिया जा रहा बढ़ावा, घर के सामने उनके नाम की लगाई जा रही है नेम प्लेट
नासिक। महाराष्ट्र के लोगों ने अनोखा आंदोलन शुरू किया है- नेम प्लेट आंदोलन। इसके जरिए वह अपने घर की नेम प्लेट पर अपनी बेटियों को जगह दे रहे हैं। अब तक प्रदेश के लगभग 6500 घरों की नेम प्लेट बेटियों के नाम पर की जा चुकी हैं। महाराष्ट्र की जनसंख्या के हिसाब से भले ही यह संख्या कम हो लेकिन इसका प्रभाव काफी गहरा है। इस मुहिम के माध्यम से पिछड़े तबके के लोग भी एक रुढ़िवादी सोच को खत्म कर रहे हैं और बेटियों को प्रोत्साहित कर रहे हैं।
Promotion given to the daughters in Maharashtra, their name is being named in front of the house name plate
इस मुहिम की शुरूआत स्कूल डी. पेमोडे ने की है जिन्होंने अपनी बेटियों की इच्छा पूरी करने के लिए अपने घर के दरवाजे पर उनके नाम की नेम प्लेट लगा दी। इस मुहिम को प्रमोट करने के लिए वह अब तीन जिलों के 80 गांवों का दौरा कर चुके हैं। पेमोडे ने बताया कि यह पहल बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ मुहिम का हिस्सा है।
पहले विरोध, अब स्वीकारोक्ति
पुंतांबा और अहमदनगर के ग्रामीणों ने इस पहल का स्वागत किया और अपने घरों की नेम प्लेट को बेटियों के नाम कर दिए। अब वह नेमिंग इवेंट (नामकरण कार्यक्रम) को पारंपरिक त्योहार के रूप में मनाने लगे हैं। हालांकि शुरूआत में कई लोगों ने इस पहल का विरोध भी किया था लेकिन धीरे-थीरे लोगों ने इसे स्वीकारना शुरू किया और अपने घरों में बेटी के नाम की नेमप्लेट लगाई।
सरकार से सहयोग की उम्मीद
पेमोडे से प्रभावित होकर बारामती तालुक, पुणे और यवतमाल जिले की गांव पंचायतों ने इस पहल को आगे ले जाने का काम किया। पेमोडे को यकीन है कि सरकार के सहयोग से इस मुहिम को पूरे प्रदेश में प्रसिद्धि मिल सकती है।
नव्या नवेली के साथ न्यू यॉर्क में छुट्टियां मना रहीं जाह्नवी और खुशी
श्रीदेवी और बोनी कपूर की बेटी जाह्नवी और खुशी कपूर इन दिनों न्यू यॉर्क में छुट्टियां मना रही हैं। हालांकि, अपने इंस्टाग्राम पर अक्सर हॉलिडे की तस्वीरें पोस्ट करने वाली इन स्टार बहनों ने अभी तक अपने इंस्टा पर वहां की कोई तस्वीर पोस्ट नहीं की है, लेकिन उनके ट्विटर फैन पेज से कुछ फोटोज़ और विडियो शेयर जरूर किए गए हैं।
Holidays in New York with new adventures are going on and happy
इस फैन पेज से शेयर की गई तस्वीर में जाह्नवी और खुशी एकसाथ पोज़ देती दिख रही हैं। मजेदार बात यह है कि इस हॉलिडे पर उनके साथ कुछ और फ्रेंड्स के अलावा अमिताभ बच्चन की नातिन नव्या नवेली नंदा भी नजर आ रही हैं। बता दें कि इन स्टार किड्स की दोस्ती आज की नहीं, बल्कि काफी पुरानी है।
अब चूंकि जाह्नवी की लॉन्चिंग ऑलरेडी हो चुकी है तो नव्या के बॉलिवुड डेब्यू को लेकर भी चर्चा तेज हो गई है। हाल ही में खबर आई थी कि बिग बी की नातिन नव्या को करण जौहर लॉन्च करना चाहते हैं। हालांकि, नव्या डेब्यू से पहले ही अपनी हॉट तस्वीरों और इंस्टाग्राम फोटोज़ की वजह से सुर्खियों में छाई रहती हैं। सूत्रों की मानें तो करण जौहर ने नव्या को लॉन्च करने के सम्बंध में अभिषेक बच्चन से बातचीत की और बच्चन परिवार इसके लिए अब तैयार बताए जा रहे हैं।
नहीं थम रहा रुपए में गिरावट का दौर, पहुंचा नए सर्वकालिक निचले स्तर पर
मुंबई। शुरूआती कारोबार में सुधार के लक्षण दिखाने के बाद बुधवार को रुपये में जल्द ही गिरावट देखी गई। डॉलर के मुकाबले यह 21 पैसे टूटकर 71.79 पर पहुंच गया। इसकी अहम वजह बैंकों और आयातकों की ओर से डॉलर की अचानक की गई लिवाली रही। मंगलवार को डॉलर के मुकाबले रुपया 37 पैसे टूटकर 71.58 पर बंद हुआ था। इसके बाद सुबह इसमें सुधार देखा गया और यह 71.43 पर खुला। सुबह के कारोबार में रुपया अस्थिर रहकर डॉलर के मुकाबले 71.40 से 71.79 के बीच बना हुआ है।
Not a rupee fall in the rupee fall, at the new all-time low level
मुद्रा कारोबारियों के अनुसार उभरती अर्थव्यवस्थाओं की मुद्राओं के संकट में रहने और कच्चे तेल की कीमतों में लगातार बनी तेजी के चलते रुपये की अनुमानित मांग से इसके रुख उतार-चढ़ाव भरा बना हुआ है। इसके अलावा अन्य विदेशी मुद्राओं के लगातार मजबूत होने से भी रुपया में गिरावट का दौर जारी है।
गर्दिश के दिनों में रैनबैक्सी लैबोरेट्रीज, भाईयों में बढ़ा विवाद, मामला पहुंचा कोर्ट
नई दिल्ली। कारोबार के मामले में गर्दिश के दिनों में गुजर रहे रैनबैक्सी लैबोरेट्रीज के पूर्व प्रमोटर और फोर्टिस हॉस्पिटल्स के फाउंडर शिविंदर सिंह ने अपने बड़े भाई मालविंदर सिंह के खिलाफ कोर्ट में मामला दायर किया है। शिविंदर सिंह ने बड़े भाई के साथ ही रेलिगेयर इंटरप्राइजेज के पूर्व सीईओ एवं एमडी सुनील गोधवानी के खिलाफ भी केस किया है। शिविंदर सिंह ने मालविंदर और गोधवानी पर फैमिली बिजनस को ‘नुकसान पहुंचाने और मिसमैनेजमेंट’ का आरोप लगाया है।
Ranbaxy Laboratories, increased dispute among brothers, court reaching case
परिवार का यह झगड़ा रैनबैक्सी कंपनी को जापान की दाइची सांक्यो को बेचे जाने के बाद से शुरू हुआ था। इस कंपनी को एक दशक पहले 4.6 अरब डॉलर में बेचा गया था। शिविंदर सिंह ने मंगलवार को बताया कि उन्होंने मालविंदर के खिलाफ नैशनल कंपनी लॉ ट्राइब्यूनल में केस दर्ज कराया है। मालविंदर ने अपनी याचिका में आरोप लगाया है, ‘मालविंदर सिंह और सुनील गोधवानी ने कंपनियों के हितों को लगातार नजरअंदाज किया।’ इन कंपनियों में आरएचसी होल्डिंग, रेलिगेयर और फोर्टिस हेल्थकेयर शामिल हैं।
‘मुझे और मेरे परिवार को विरासत से दूर रखा गया’
शिविंदर की यह कानूनी कार्रवाई अब कंपनी के मामलों को और जटिल बना सकती है। इस बात की पहले से ही अटकलें लगाई जाती रही हैं कि सिंह ब्रदर्स के बीच गहरे मतभेद हैं। फोर्टिस के पूर्व एग्जिक्युटिव वाइस चेयरमैन शिविंदर सिंह का कहना है कि जब फोर्टिस ने प्रमोटर्स से जुड़ी तीन कंपनियों अनसिक्योर्ड लोन दिए थे, तब वह अथॉरिटी की पोजिशन में नहीं थे।
इसके जवाब में मालविंदर का कहना है कि सभी फैसले सामूहिक रूप से लिए गए थे। मालविंदर ने इसी साल फरवरी में फोर्टिस के एग्जिक्युटिव वाइस-चेयरमैन के पद से इस्तीफा दिया था। इससे पहले शिविंदर ने गोधवानी पर आरोप लगाया था कि करीब एक दशक तक गोधवानी ने गुप्त रूप से ट्रांजैक्शंस की थीं और 2016 में कंपनी को बड़े कर्ज के साथ छोड़ गए।
कांग्रेस ने मुख्यमंत्री पर नहीं पिछड़े वर्ग के सम्मान पर हमला किया
एससी-एसटी एक्ट के विरोध के बीच भाजपा ने खेला ओबीसी कार्ड
भोपाल। प्रदेश में एससी-एसटी एक्ट के विरोध में उपजे आंदोलन के बीच भाजपा ने ओबीसी कार्ड खेल दिया है। सीएम निवास पर बुलाए गए पिछड़े वर्ग के सम्मेलन में हमले के विरोध में निंदा प्रस्ताव पारित किया गया। साथ ही कहा कि मुख्यमंत्री पर हमला किसी व्यक्ति पर नहीं, बल्कि समूचे पिछड़ा वर्ग समाज पर हमला है। उसके स मान और स्वाभिमान पर हमला है और संवैधानिक व्यवस्था पर हमला है। इसलिए पिछड़ा वर्ग समाज मुख्यमंत्री पर हुए कायराना हमले का समुचित जवाब देगा।
Congress attacked the honor of backward class not on the chief minister
सम्मेलन में पटेल ने कहा कि पिछड़ा वर्ग समाज का वह महत्वपूर्ण अंग है, जिसने सदैव अगड़ी जातियों और अनुसूचित वर्ग को जोड़ने के लिए कड़ी का काम किया है। पहले भी किया है, आज भी कर रहे हैं और आगे भी करेंगे। जिन लोगों को पिछड़े वर्ग की समाज को जोड़ने वाली यह भूमिका पसंद नहीं है उन्होंने हमारी समरसता की इस मुहिम को बाधित करने के लिए ही शिवराज सिंह पर हमला कराने का षडयंत्र किया है।
कांग्रेस ने पिछड़े वर्ग की 50 साल तक की अनदेखी
पिछड़े वर्ग के सम्मेलन में मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस ने 50 सालों तक पिछड़ा वर्ग समाज की घोर अनदेखी और उपेक्षा की है। जब भी पिछड़ा वर्ग के कल्याण का विषय आया तभी कांग्रेस ने टांग अड़ाई। लेकिन दूसरी तरफ भाजपा ने पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा दिए जाने के मामले पर तत्परता से कार्यवाही करने का ऐतिहासिक निर्णय किया।
सम्मेलन में पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा दिए जाने पर प्रधानमंत्री का आभार व्यक्त किया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा ने इस ऐतिहासिक निर्णय को करके पिछडे वर्ग के कल्याण का रास्ता साफ कर दिया। हमारी सरकारों का प्रयास है कि सबका साथ हो, सबका विकास हो। समाज के भीतर समरसता बनी रहे, लेकिन कांग्रेस वोट की राजनीति के लिए समरसता में खलल डालती रहती है। भाजपा की सरकार ने पिछडा वर्ग समाज को स मान और समुचित प्रतिनिधित्व दिया है यह बात किसी से छिपी नहीं है।
कांग्रेस आईटी सेल अध्यक्ष की नियुक्ति का मामला दिल्ली तलब, मप्र संगठन खंगाल रहा अभय तिवारी से जुड़े दस्तावेज
भोपाल। प्रदेश कांग्रेस में हाल ही में नियुक्त किए गए आईटी सेल के नवागत अध्यक्ष अभय तिवारी की नियुक्ति का मामला दिल्ली पहुंच गया है। नियुक्ति को लेकर संगठन के अंदर ही इस बात को लेकर विवाद छिड़ गया है कि भाजपा से उपकृत नेता कांग्रेस की छवि कैसे चमकाएगा।
Documents related to the appointment of Congress IT Cell President, Delhi Talab, MP organization Khangal Abhay Tiwari
प्रदेश कांगे्रस अध्यक्ष कमलनाथ ने जिस अभय तिवारी को आईटी सेल का प्रभारी बनाया है उसके बारे में बड़ा खुलासा हुआ है कि वह भाजपा नेताओं से उपकृत हुआ है। भाजपा के कई सांसद तिवारी के एनजीओ को करोड़ों रुपया दे चुके हैं। ऐसे में सवाल उठाया जा रहा है कि भाजपा से उपकृत तिवारी अगले विधानसभा चुनाव में सत्तारूढ़ दल के खिलाफ कितनी ईमानदारी से काम कर पाएंगे।
कमलनाथ ने तीन दिन पहले प्रदेश कांग्रेस के आईटी सेल के अध्यक्ष धर्मेन्द्र वाजपेयी को हटाकर अभय तिवारी को अध्यक्ष बनाया है। तिवारी सोसायटी फार अवेयरनेस एण्ड मोटीवेशन इन बेसिक आसपेक्टस आॅफ लाईफ (संबल) नाम का एनजीओ चलाते है। तिवारी के इस एनजीओ को देवास-शाजापुर के भाजपा सांसद मनोहर ऊंटवाल, उज्जैन सांसद चिंतामण मालवीय और राज्यसभा सांसद मेघराज जैन ने फंड दिया था। प्रदेश के पास तिवारी के एनजीओ से जुड़ी दस्तोवज पहुंंच गया है। जिनका परीक्षण चल रहा है।
आईटी के प्रभार से तिवारी की हो सकती है छुट्टी
आगामी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस सोशल मीडिया पर भाजपा को टक्कर लेने के लिए आईटी पर विशेष ध्यान दे रही है। इसी को ध्यान में रखकर आईटी के अध्यक्ष को बदला गया है। पार्टी ने हाल ही में तय किया है कि टिकट चाहने वालों के सोशल मीडिया पर 15 हजार फॉलोअर होना चाहिए।
इस बीच आईटी प्रभारी का भाजपा नेताओं द्वारा उपकृत होने का मामला उजागर होने के बाद पार्टी में चर्चा शुरू हो गई है कि तिवारी सोशल मीडिया पर भाजपा के खिलाफ प्रचार कर पाएंगे। खबर है कि हाईकमान ने इस नियुक्ति को गंभीरता से लिया है, यदि कुछ गड़बड़ी सामने आती है तो फिर तिवारी को हटाया जा सकता है।
वाजपेयी ने किया ट्रोल, ये संबल के हितग्राही हैं
कांग्रेस में आईटी प्रभारी की नियुक्ति पर भाजपा ने ट्रोल किया है। खाद्य एव नागरिक आपूर्ति निगम के अध्यक्ष एवं वरिष्ठ भाजपा नेता डॉ हितेश वाजपेयी ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर लिखा है कि ‘शिवराज जी की संबल योजना की हितग्राही कांग्रेस। वाजपेयी ने कांग्रेस में आईटी सेल के प्रभारी की नियुक्ति को लेकर लेकर ट्वीट भी किया है।
अभय तिवारी से जुड़े कुछ दस्तावेज हम तक पहुंचे हैं। जिनका परीक्षण किया जा रहा है। यदि जो बातें सामने आ रही हैं, यदि वे सही साबित होती हें तो फिर कार्रवाई की जाएगी।
चंद्रप्रभाष शेखर, प्रदेश संगठन मंहामंत्री, मप्र कांग्रेस
भाजपा प्रवक्ता और नेताओं की हो रही रिकॉर्डिंग, आईटी की टीम बयानों पर रख रही नजर
भोपाल। यह खबर बेहद चौंकाने वाली है कि सत्तारूढ़ दल भाजपा अपने ही नेताओं की निगरानी करा रही है। कौन वक्ता, प्रवक्ता और नेता कब, कहां और क्या बोल रहा है, इसकी पूरा रिकार्ड तैयार हो रहा है। साथ ही टीवी चैनल पर डिबेट में जाने वाले और मीडिया को बाइट देने वाले एवं अखबारों को बयान देने वाले की रिकॉर्डिंग की जा रही है। यह सब गुप-चुप तरीके से किया जा रहा है। खास बात यह है कि इस काम की जिम्मेदारी पार्टी के एक प्रवक्ता को ही सौंपी गई है।
BJP spokespersons and leaders getting recordings, keeping eye on team statements of IT
भाजपा नेताओं के बयानों की निगरानी का काम हाल ही में शुरू किया गया है। पार्टी हाईकमान के निर्देश पर बेहद गोपनीय तरीके से हो रहे इस काम के लिए प्रदेश कार्यालय में ही स्टाफ तैनात किया गया है। इस टीम के पास यह जानकारी रहती है कि किस चैनल पर कौनसा नेता डिबेट में भाग लेने जाएगा। साथ ही समाचार पत्रों में किस नेता का क्या बयान छपा है।
पार्टी के विरोध में बयान देने वाले नेताओं का बयान रिकॉर्ड करके हाईकमान को फारवर्ड किया जाता है। नेताओं के बयानों की निगरानी का काम देख रहे वरिष्ठ पदाधिकारी ने बताया कि यह सेटअप आगामी चुनाव की दृष्टि से तैयार किया गया है। बयान रिकॉर्ड करने आश्य सिर्फ इतना है कि यदि किसी नेता से कोई त्रुटि हुई हो उसमें सुधार किया जा सके। जिस पर मीडिया विभाग की नियमित होने वाली बैठक में चर्चा भी होती है।
प्रदेश भर के नेताओं की होती है निगरानी
प्रदेश कार्यालय में बैठी टीम भोपाल ही नहीं, प्रदेश भर के नेताओं के बयानों की रिकॉर्डिंग करती है। यदि कोई नेता पार्टी या सरकार को कठघरे में खड़ा कर देने वाला बयान देता है तो उससे उसी दिन पूछताछ होती है। बताया गया कि नेताओं के विवादित बयानों को अलग से रिकॉर्ड किया जा रहा है। पार्टी के विरोध में या विवादित बयान देने वाले नेताओं की क्लिप वरिष्ठ नेताओं तक पहुंचाई जाती है। इसके बाद उसे तलब किया जाता है।
टीवी चैनलों पर बहस में नेताओं के राजनीतिक नजरिए की मॉनीटरिंग मीडिया विभाग की जि मेदारी है। यह चुनाव के दौरान हमेशा होती रही है।
दीपक विजयवर्गीय, मुख्य प्रवक्ता, मप्र भााजपा
भीमा कारेगांव मामले की याचिका पर महाराष्ट्र सरकार ने सुको को दिया जवाब, कहा- याचिका सुनवाई योग्य नहीं
नई दिल्ली: भीमा कोरेगांव मामले में पांच मानवाधिकार कार्यकर्ताओं की याचिका पर महाराष्ट्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में जवाब दाखिल किया है. महाराष्ट्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा है कि यह याचिका सुनवाई योग्य नहीं है. क्योंकि गिरफ्तार लोगों से अनजान लोगों की जनहित याचिका पर सुप्रीम कोर्ट को सुनवाई नहीं करनी चाहिए.
The response of the Maharashtra government to Sukha on the petition of Bhima Karegaon case, said- The petition is not suitable for hearing
महाराष्ट्र पुलिस के एसीपी की ओर से दाखिल हलफनामे में कहा गया है कि पांचों गिरफ्तार आरोपी समाज में अफरातफरी मचाने के प्रयास में थे, वो हिंसा फैलाने के अपवित्र इरादों का हिस्सा हैं. इन पांचों के खिलाफ भरोसेमंद सबूत मिले तब जाकर गिरफ्तारी की गई. इन्हें सरकार से मतभेद या असहमति जताने पर गिरफ्तार नहीं किया गया.
महाराष्ट्र सरकार ने कहा कि पूरी याचिका आरोपियों के बारे में जानकारी, मीडिया रिपोर्ट, बुद्धिजीवी और एक्टिविस्ट के गिरफ्तारी के खंडन करने को लेकर दाखिल की गई है. पुलिस इन्हें रिमांड पर लेकर पूछताछ करना चाहती है. बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने गिरफ्तार पांचों एक्टीविस्टों को हाउस करने के आदेश दिए थे.
जिसे लेकर कल सुनवाई है. इतिहासकार रोमिला थापर सहित पांच लोगों ने सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर कर प्रोफेसर सुधा भारद्वाज, वामपंथी विचारक वरवर राव, वकील अरुण फरेरा, मानवाधिकार कार्यकर्ता गौतम नवलखा और वेरनन गोंजाल्विस की गिरफ्तारियों को चुनौती दी है.
भाजपा के पूर्व सांसद के ट्विटर हैंडल ने मचाई खलबली, फिर दी सफाई
नई दिल्ली: बीजेपी के पूर्व सांसद तरुण विजय के ट्विटर हैंडल से मंगलवार की रात हुए कुछ ट्वीट ने खलबली मचा दी. वजह कि उनके ट्वीट जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ , वहीं कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी का समर्थन करने वाले थे. मामला तूल पकड़ने पर तरुण विजय ने बाद में ट्वीट कर सफाई दी कि उनका ट्विटर हैंडल हैक हो गया था. यह भी बताया कि ट्वीट चलाने वाले शख्स को उन्होंने हटा दिया है. हालांकि तब तक तरुण विजय के ट्वीट के स्क्रीनशॉट्स सोशल मीडिया में वायरल हो चुका था. उत्तराखंड से बीजेपी के राज्यसभा सांसद रह चुके तरुण विजय आरएसएस के मुखपत्र पांचजन्य के संपादक भी रह चुके हैं.
Former BJP MP Twitter Handle stirred up the issue, again the cleaning
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की हालिया मानसरोवर यात्रा पर बीजेपी हमलावर है. इस मुद्दे पर पार्टी के ही नेता तरुण विजय के हैंडल से धड़ाधड़ कुछ ट्वीट हुए तो बीजेपी ही नहीं विरोधी दलों के लोग भी चौंक पड़े. वजह कि इसमें बीजेपी की लाइन से हटकर तरुण विजय ने कैलाश मानसरोवर यात्रा पर राहुल के आलोचकों को आडेÞ हाथ लिया था. उन्होंने ट्वीट कर लिखा कि राहुल गांधी की यात्रा का की खिल्ली उड़ाना और निशाना साधना किसी हिंदू को शोभा नहीं देता. क्योंकि शिव से बड़ा कोई नहीं. उन्होंने राहुल गांधी पर हमला करने वालों को नसीहत देते हुए कहा कि वे कैलाश मानसरोवर का अपमान न करें.
तरुण विजय ने एक अन्य ट्वीट में लिखा कि जब कम्युनिस्ट चीन हिंदुओं की भावनाओं का सम्मान कर रहा है तो फिर इसे राजनीतिक मुद्दा क्यों बनाया जा रहा. उन्होंने ट्वीट में यह भी लिखा कि वह खुद तीन बार कैलाश मानसरोवर की यात्रा पर जा चुके हैं और कैलाश मानसरोवर यात्री संघ के अध्यक्ष भी रह चुके हैं.
इसके बाद उनके ट्वीटर हैंडल से नरेंद्र मोदी के खिलाफ भी एक ट्वीट हुआ. जिसमें नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता पर सवाल खड़े किए गए थे. ट्वीट में लिखा गया था- आप इसलिए वहां पर नहीं हो क्योंकि लोकप्रिय हो. आप इसलिए हो, क्योंकि लोग आपके पीछे हैं. घमंड दूर करो, आपको लगता है कि आप बहुत लोकप्रिय हैं. जब तरुण विजय के ट्वीट्स सोशल मीडिया में वायरल हुए तो उन्होंने बाद में ट्वीट कर सफाई दी और कहा-मैं अभी मॉर्निंग वॉक पर हूं, ट्विटर अकाउंट हैंडल करने वाले व्यक्ति को मैने हटा दिया है.