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कैबिनेट में आज आएगा प्रस्ताव, रेत का भंडारण कर सकेंगे ग्रामीण, अवैध उत्खनन के लिए पंचायत जिम्मेदार

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भोपाल। राज्य शासन रेत खनन नीति में आंशिक संशोधन करने जा रही है। इसके तहत अब घर बनाने के लिए लोग 50 क्यूबिक मीटर तक रेत का भंडारण कर सकेंगे। साथ ही रेत का अवैध उत्खनन होता है तो नगरीय निकाय और ग्राम पंचायतें जि मेदारी होंगी। खनिज विभाग के प्रस्ताव पर आज कैबिनेट में चर्चा होना है। नई रेत नीति के बाद राजस्व में आई कमी और बढ़ते रेत उत्खनन को देखते हुए यह फैसला लिया जा रहा है।
Panchayat responsible for grants, illegal mining will be able to store sand, proposal will come today in cabinet
नई नीति के तहत पहली बार रेत का अवैध परिवहन करते वाहनों को राजसात किए जाने को शिथिल करने जा रही है, यह कार्रवाई दूसरे बार में होगी। आज कैबिनेट में 36 महत्वपूर्ण बिंदुओं पर भी चर्चा होगी। नए नियमों में जनता की सहूलियत को ध्यान में रखते हुए यह तय किया जा रहा है कि अब मकान या भवन बनाने के लिए लोग 50 क्यूबिक मीटर रेत का भंडारण कर सकेंगे, इसके लिए उन्हें लाइसेंस लेने की जरूरत नहीं होगी।

कैबिनेट में सरकारी विभागों में ई-टेंडरिंग के लिए एनआईसी के इलेक्ट्रानिक प्रोक्योरमेंट पोर्टल सेवा प्रदाता के रूप में उपयोग किए जाने के प्रस्ताव को अनुमोदन के लिए लाया जाएगा। इसके अलावा करैरा और सोन चिरैया अभयारण्य के आंशिक क्षेत्र का डिनोटिफिकेशन किया जाएगा। इन दोनों अभयारण्य के 748 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र को कूनो राष्ट्रीय उद्यान में शामिल किया जाए।

प्रदेश के सरकारी कॉलेजों और यूनिवर्सिटी में कार्यरत शिक्षकों और समकक्ष अधिकारियों को यूजीसी द्वारा की गई अनुशंसा के अनुसार सातवां वेतनमान दिए जाने के प्रस्ताव का अनुमोदन राज्य के बाहर और विदेशों से लाई गई दलहन पर मंडी शुल्क से छूट दिए जाने के संबंध में।

दागदार अफसर को प्रमोशन देने बनाया डीजी का पद, आईपीएस शर्मा को आखिर मदद कौन कर रहा है

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भोपाल। आज होने वाली कैबिनेट की बैठक में एक चौंकाने वाला विषय चर्चा के लिए लाया गया है। प्रदेश के एक दागदार आईपीएस अधिकारी को महानिदेशक बनाने के लिए महानिदेशक के दो पद बढ़ाए जा रहे हैं। इन पदों पर मप्र पुलिस के दागदार अधिकारी पुरुषोत्तम शर्मा को पदोन्नत किया जाना है। खास बात यह है कि शर्मा को पदोन्नति देने के लिए पिछले 10 साल से उनके खिलाफ तीन अलग-अलग एजेंसियों, आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो, लोकायुक्त, सीआईडी में चल रही जांचों को भी बंद करने की तैयारी है।
Who is helping the DG post, promoting the blazed officer, IPS Sharmaमप्र में पुरुषोत्तम शर्मा लंबे समय से विवादों में रहे हैं। वे पुलिस की नौकरी के अलावा अपने पारिवारिक बिजनेस बढ़ाने को लेकर भी चर्चा में रहे हैं। शर्मा के खिलाफ आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरों में दो मामले दर्ज हैं। एक प्रकरण सीआईडी में जांच में है। बताया जाता है कि सीआईडी में उनके खिलाफ शिकायत करने वाले मप्र पुलिस के ही आईपीएस अधिकारी महान भारत हैं। महान भारत वर्तमान में होमगार्ड के महानिदेशक हैं।

शर्मा पर आरोप है कि उन्होंने पुलिस विभाग में खरीदी में भारी अनियमितताएं की थीं। इसके अलावा उनके निजी पारिवारिक पेट्रोल पंप और फार्म हाउस पर पुलिस कर्मचारियों से काम कराने का भी आरोप है। शर्मा की पत्नि भी अपने पति के खिलाफ थाने में प्रताड़ना की शिकायत करा चुकी हैं। सुप्रीम कोर्ट ने भी मप्र पुलिस को एक मामले में शर्मा के खिलाफ जांच करने के निर्देश दिए थे। दरअसल उत्तर प्रदेश के एक व्यापारी लापता होने पर उसके परिजनों ने सुप्रीम कोर्ट में आरोप लगाया था कि शर्मा ने उनका अपहरण किया है।

सीएस नहीं चाहते थे नए पद
सूत्रों के अनुसार पुलिस मुख्यालय ने लगभग 8 माह पहले मप्र में पहले डीजी के दो पद बढ़ाने का प्रस्ताव भेजा था। लेकिन मु य सचिव बसंत प्रताप सिंह जानते थे कि यदि यह पद बढ़े तो पुरुषोत्तम शर्मा प्रमोट हो जाएंगे। उन्होंने इस प्रस्ताव को लंबे समय से लंबित रखा। लेकिन ऊपरी दबाव के चलते यह प्रस्ताव मंगलवार को केबिनेट में लाया जा रहा है।

क्लीन चिट….क्लीन चिट….क्लीन चिट
पुलिस मुख्यालय में इस बात को लेकर आश्चर्य व्यक्त किया जा रहा है कि इतने गंभीर आरोपों के बाद भी शर्मा की पदोन्नति का रास्ता बनाया जा रहा है। ईओडब्ल्यू, लोकायुक्त, सीआईडी उनके खिलाफ चल रही शिकायतों के संबंध में पुलिस मु यालय को कई पत्र लिखकर जानकारी मांग चुका है, लेकिन पुलिस मु यालय इन एजेंसियों को जानकारी देना तो दूर बल्कि इस बात का दबाव बनाया जा रहा है कि शर्मा को क्लीन चिट दी जाए ताकि उनकी पदोन्नति का रास्ता साफ हो सके।

सामाजिक कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी पर बोले शशि थरूर: कहा- मोदी सरकार साजिश के तहत कर रही काम

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नई दिल्ली। कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने एक बार फिर नरेंद्र मोदी सरकार पर हमला बोला है. उन्होंने भीमा कोरेगांव हिंसा में सामाजिक कार्यकतार्ओं की गिरफ्तारी पर कहा कि मोदी सरकार यह काम साजिश के तहत कर रही है. सरकार की शुरू से यह रणनीति रही है कि जो कोई सरकार के खिलाफ आवाज उठाए उस पर देशद्रोही और हिंदू विरोधी का लेबल चस्पा कर दो.यह सब एक साजिश के तहत हो रहा है, जिसका उद्देश्य समाज को बांटकर रखना है.
Shashi Tharoor said on the arrest of social workers: Modi government is working under conspiracy
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पर केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे के ‘नाली के कीड़े’ वाले आपत्तिजनक बयान पर थरूर कहते हैं, “मुझे लगता है कि भाजपा के इस तरह के घटिया बयानों पर प्रतिक्रिया देने की जरूरत नहीं है। मुझे खुशी है कि मैंने इस बयान पर ध्यान भी नहीं दिया.” तिरुवनंतपुरम से सांसद थरूर ने दिल्ली में आयोजित ‘यूथ की आवाज’ कार्यक्रम से इतर आईएएनएस के साथ बातचीत में ‘शहरी नक्सली’ शब्द गढ़े जाने पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “यह केंद्र सरकार की साजिश है कि जो लोग आपसे सहमत नहीं हैं, उन्हें अलग-अलग तरह के लेबल दे दो, कभी उन्हें देशद्रोही करार दे दो, कभी हिंदू विरोधी कह दो. इस तरह किसी का अपमान कर, उन पर हमला कर घटिया लेबल लगाना लोकतंत्र नहीं है.”

वह कहते हैं, “मैं वामपंथी विचारधारा में यकीन नहीं करता हूं, लेकिन संविधान कहता है कि हमें हर विचारधारा का सम्मान करना चाहिए और अगर आप ऐसा नहीं करते हैं तो देश को नफरत की आग में झोंक रहे हैं. तथ्य यह है कि लोकतंत्र का मतलब सिर्फ बहुमत नहीं है. लेकिन लोकतंत्र में बहुमत मायने रखता है और अब बहुमत का यह दायित्व है कि वह अल्पसंख्यकों की जरूरतों का ध्यान रखे.”

अटल बिहरी वाजपेयी के कथन का जिक्र करते हुए थरूर कहते हैं, “वाजपेयी जी कहते थे कि मैं अपने विरोधियों का सम्मान करता हूं। वे कहते थे कि मतभेद करो लेकिन मनभेद मत करो. मगर यह सरकार जिस तरह से बर्ताव कर रही है, वह सभ्यता के दायरे में तो नहीं आता.”

मोदी सरकार के हर साल दो करोड़ युवाओं को रोजगार देने के वादे का जिक्र करने पर थरूर कहते हैं, “यह सरकार युवाओं को सपने दिखाकर सत्ता में आई थी. हर साल दो करोड़ नौकरियों का वादा किया गया था, लेकिन अब आप देखें तो इन बीते चार वर्षो में सरकार को आठ करोड़ नौकरियां उपलब्ध करानी चाहिए थी.लेकिन सिर्फ 18 लाख नौकरियां ही सरकार दे पाई है. युवा खुद को ठगा महसूस कर रहे हैं, वे सरकार से फ्रस्टेट हो चुके हैं.

जब सच्चाई धीरे-धीरे सामने आ रही है, तब लोग समझ रह हैं कि सरकार ने किस तरह की ठगी की है”
थरूर ने युवाओं को विश्व की सबसे बड़ी ताकत बताते हुए कहा, “मुझे यह देखकर खुशी होती है कि आज का युवा देश के मुद्दों पर सोच रहा है और सरकार से सवाल कर रहा है. जरूरी है कि उनकी बातें सुनी जाए. उन्हें अवसर देना जरूरी है, ताकि वे अपनी बात रखें और ‘यूथ की आवाज’ जैसे मंच इस तरह के सार्थक प्रयास कर रहे हैं.”

मेडिकल कॉजल के शुभारंभ पर केन्द्रीय मंत्री को नहीं दिया न्यौता, भाजपा ने बोला हमला: कहा-बीजद कर रही है सस्ती राजनीति

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नई दिल्ली: बीजेपी ने केंद्रीय मंत्री अश्विनी कुमार चौबे का अपमान करने का आरोप ओडिशा सरकार पर लगाया है. कहा है कि केंद्रीय मंत्री के लिए अपेक्षित शिष्टता और सम्मान सरकार की ओर से नहीं दिखाया गया. इस पर बीजेपी ने बीजू जनता दल सरकार पर निशाना साधा है.भारतीय जनता पार्टी ने बीजद सरकार पर सस्ती राजनीति करने का आरोप लगाते हुए कहा कि मेडिकल कॉलेज के शुभारंभ के लिए केंद्रीय मंत्री अश्विनी के साथ गलत व्यवहार हुआ.
The Union Minister did not give the invitation to the Medical Council on the launch, the BJP said the attack: said- BJD is doing cheap politics
भाजपा विधायी दल के नेता के वी सिंहदेव ने कहा कि राज्य सरकार केंद्र पर ओडिशा को नजरअंदाज करने का आरोप लगाती है लेकिन सचाई यह है कि वह बड़ी चतुराई से केंद्रीय योजनाओं को अपना कार्यक्रम बताकर पेश कर रही है. सिंहदेव ने आरोप लगाया कि ओडिशा सरकार ने सोमवार को केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे के दौरे के दौरान जरा भी शिष्टता और सम्मान नहीं दिखाया.

उन्होंने कहा कि बालेश्वर में फकीर मोहन मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के शुभारंभ के मौके पर अतिथियों को भेजे गए आमंत्रण पत्र पर उनका नाम गायब था.सिंहदेव ने कहा कि राज्य सरकार के विज्ञापनों में भी चौबे का नाम नहीं था जबकि केंद्र ओडिशा में बालेश्वर में एक मेडिकल कॉलेज सहित पांच मेडिकल कॉलेज और अस्पताल की स्थापना के लिए 60 प्रतिशत कोष दे रहा है .

सरकार के बचाव में नीति आयोग के उपाध्यक्ष: कहा- एनपीए बढ़ने से आ रही हैं जीडीपी में गिरावट

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नई दिल्ली : नोटबंदी को भले ही लगभग 2 साल होने जा रहे हैं लेकिन ये बहस अभी भी कायम है कि इससे हासिल क्या हुआ. सरकार की तरफ से नोटबंदी के बचाव में सामने आए हैं नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार. उन्होनें नोटबंदी के चलते अर्थव्यवस्था में मंदी के आरोपों को खारिज कर दिया है.
Deputy Chairman of the Policy Commission, in the defense of the government: – NPAs are coming up due to a decline in GDP
राजीव कुमार ने दावा किया कि जीडीपी या आर्थिक वृद्धि में गिरावट इसलिए हो रही थी क्योंकि बैंकिंग क्षेत्र में एनपीए बढ़ रहे थे. राजीव कुमार ने कहा कि नोटबंदी समाज की सफाई के लिए थी और अगर जरूरत पड़ी तो वो फिर नोटबंदी लाएंगे. पिछली सरकार के दौरान जब एनपीए यानी नॉन परफॉर्मिंग एसेट बढ़ रही थी तब रघुराम राजन ने नीतियों में बदलाव कर दिया जिसकी वजह से बैंकिंग सेक्टर ने इंडस्ट्रीज को लोन देना बंद कर दिया.

नीति आयोग के उपाध्यक्ष ने पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के नोटबंदी के नुकसान के दावों पर भी सवाल उठाए. राजीव कुमार ने कहा है कि चिंता की बात यह है कि पूर्व पीएम मनमोहन सिंह और पी.चिदंबरम जैसे लोग ऐसी बात कह रहे हैं. उन्होंने कहा, “आर्थिक वृद्धि में गिरावट इसलिए हो रही थी, क्योंकि बैंकिंग क्षेत्र में गैर-निष्पादित आस्तियां बढ़ रही थीं.

ऐसा इसलिए हो रहा था, क्योंकि रिजर्व बैंक आॅफ इंडिया के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन के कार्यकाल में ठढअ की पहचान के लिए नए मैकेनिज्म लाए गए थे, और वे बढ़ते चले गए, जिसके चलते बैंकिंग सेक्टर ने उद्योगों को ऋण देना बंद कर दिया.’ गौरतलब है कि आरबीआई की ओर से नोटबंदी को लेकर आंकड़े जारी किये गये हैं जिसमें कहा गया है कि 99.3 नोट वापस आ गये थे.

कोर्ट के फैसले के बाद सरकार ने मीडिया के लिए जारी किया परामर्श, कहा- दलित शब्द का न करें इस्तेमाल

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नई दिल्ली: सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने एक परामर्श जारी कर सभी निजी टीवी चैनलों को बंबई उच्च न्यायालय के एक फैसले के आलोक में अनुसूचित जातियों से जुड़े लोगों के लिए ‘दलित’ शब्द के इस्तेमाल से बचने का आग्रह किया है. परामर्श में चैनलों से आग्रह किया गया है कि वे अनुसूचित जाति के लोगों का उल्लेख करते हुए ‘दलित’ शब्द के इस्तेमाल से बच सकते हैं.
After the court’s decision, the government issued a consultation for the media, said- Do not use the word Dalit
सात अगस्त को सभी निजी टीवी चैनलों को संबोधित करके लिखे गए पत्र में बंबई उच्च न्यायालय के जून के एक दिशा-निर्देश का उल्लेख किया गया है. उस दिशा-निर्देश में मंत्रालय को मीडिया को ‘दलित’ शब्द का इस्तेमाल नहीं करने को लेकर एक निर्देश जारी करने पर विचार करने को कहा गया था.पंकज मेशराम की याचिका पर बंबई उच्च न्यायालय की नागपुर पीठ ने ये निर्देश दिया था.

अनुसूचित पहचान के बल पर दिल्ली से बीजेपी के सांसद बनें उदित राज मानते हैं कि इस शब्द के इस्तेमाल पर रोक का कोई अच्छा असर नहीं पड़ेगा. नाम बदल देने से हालात नहीं बदलते. उदित राज ने कहा, ‘इस पर रोक नहीं लगना चाहिये. लोगों की स्वेच्छा पर छोड़ देना चाहिये. ये शब्द समुदाय की एकता को संबोधित करता है. इससे कोई फायदा नहीं होगा. ये शब्द संघर्ष का प्रतीक बन गया है. इस पर कोई बाध्यता नहीं होनी चाहिये.’

कांग्रेस के भी अनुसूचित जाति के नेताओं की इस मामले में यही राय है. कांग्रेस सांसद पीएल पुनिया ने कहा, ‘ये कोई अपमानजनक शब्द नहीं है. इसके इस्तेमाल पर रोक लगाने की कोई आवश्यकता नहीं है.’ जानकारों के मुताबिक इस शब्द का इस्तेमाल पहली बार पांच दशक पहले 1967 में किया गया जब इस नाम से एक संगठन खड़ा हुआ. इसका सीधा मतलब उत्पीड़ित है. उत्पीड़न का शिकार है.

एससी विचारक चंदभान प्रसाद कहते हैं, ‘अप्रैल में भारत बंद के दौरान जिस तरह युवा सड़क पर उतरे, भारतीय समाज इसको स्वीकार नहीं कर पाया. जाति व्यवस्था में जो सवर्णता है उसको इसकी वजह से परेशानी हुई. ये तो विद्रोह का शब्द है. हरिजन शब्द से किसी को परेशानी नहीं है.’ इस साल जनवरी में मध्य प्रदेश की ग्वालियर बेंच ने केंद्र और राज्य सरकारों को इस शब्द का इस्तेमाल नहीं करने की सलाह दी थी, लेकिन बॉम्बे हाइकोर्ट ने इसे मीडिया पर भी लागू करने का फैसला किया.

उड्डयन मंत्री का बयान: कहा- आॅटो रिक्शा से भी कम है हवाई जहाज का किराया

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नई दिल्ली: पेट्रोल और डीजल के लगातार बढ़ते दामों के चलते सरकार की नीतियों की आलोचना हो रही है. वहीं केंद्रीय नागरिक उड्डयन राज्यमंत्री जयंत सिन्हा का कहना है कि हवाई किराया आज की तारीख में आॅटोरिक्शा से भी कम है. वहीं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ईंधन कीमतों तथा रुपये में गिरावट को लेकर केंद्र पर निशाना साधते हुए कहा कि अर्थव्यवस्था की इतनी बुरी हालत पहले कभी नहीं थी. उधर, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने पेट्रोल और डीजल के दाम में बढ़ोतरी को लेकर कहा कि इन दोनों पेट्रोलियम उत्पादों को तत्काल जीएसटी के दायरे में लाया जाना चाहिए.
Statement of aviation minister: said – less than auto rickshaw, airfare fare
जयंत सिन्हा ने कहा कि हवाई किराया आज की तारीख में आॅटोरिक्शा से भी कम है. आप पूछेंगे, ऐसा कैसे मुमकिन है. जब दो लोग आॅटोरिक्शा लेते हैं, वे 10 रुपये अदा करते हैं, यानी उन्हें प्रति किलोमीटर 5 रुपये अदा करने पड़ते हैं, लेकिन जब आप हवाई यात्रा करते हैं, आपसे 4 रुपये प्रति किलोमीटर वसूल किए जाते हैं.

मंगलवार को पेट्रोल और डीजल के दामों पर फिर से वृद्धि दर्ज की गई. दिल्ली में पेट्रोल 16 पैसे और डीजल 19 पैसे प्रति लीटर महंगा हुआ है. आज दिल्ली में एक लीटर पेट्रोल 79 रुपये 31 पैसे का और डीजल प्रति लीटर 71.34 रुपये का मिल रहा है. पिछले करीब एक महीने में दिल्ली में पेट्रोल 3 रुपये 16 पैसे प्रति लीटर और डीजल करीब 3 रुपये 60 पैसे प्रति लीटर महंगा हुआ है.

वहीं मुंबई में एक लीटर पेट्रोल 86.72 रुपये का मिल रहा है, जबकि डीजल का दाम 75.74 रुपये प्रति लीटर है. इसी तरह चेन्नई में पेट्रोल 82.41 और डीजल 75.39 रुपये प्रति लीटर है. इसी तरह कोलकता की बात करें तो पेट्रोल 82.22 रुपये प्रति लीटर और डीजल का दाम 74.19 रुपये प्रति लीटर तक पहुंच गया है.

गौरतलब है कि तेल की कीमतों में बढ़ोतरी के पीछे अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये में लगातार गिरावट को भी एक वजह बताई जा रही है. दूसरी तरफ, कहा जा रहा है कि तेल की कीमतें आने वाले दिनों में और बढ़ सकती हैं. बीते सप्ताह अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चा तेल करीब चार डॉलर महंगा हो गया था. हालांकि अमेरिका और चीन के बीच व्यापार जंग गहराने की आशंका से वैश्विक बाजार में शुक्रवार कच्चे तेल की तेजी थम गई. मगर, जानकार बताते हैं मांग और पूर्ति के बदलते परिदृश्य में बहरहाल तेल की महंगाई से निजात मिलने की संभावना नहीं दिख रही है.

जिग्नेश का हमला: कहा- मोदी सरकार के निशाने पर रहे अनुसूचित जातियों के लोग, दलितों की बढ़ी हिंसा की घटनाएं

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नई दिल्ली: गुजरात के वडगाम से निर्दलीय विधायक जिग्नेश मेवाणी ने एक बार फिर नरेंद्र मोदी सरकार पर हमला बोला है. कहा है कि अनुसूचित जातियों के लोग मोदी सरकार के निशाने पर शुरू से रहे हैं और यही कारण है कि मौजूदा सरकार के कार्यकाल में दलितों पर हिंसा की घटनाएं बढ़ी हैं.
Jignesh assault: said- target of Modi government, incidents of increased violence of Scheduled Castes, Dalits
यहां आयोजित ‘यूथ की आवाज’ कार्यक्रम से इतर जिग्नेश ने आईएएनएस के साथ बातचीत में मौजूदा केंद्र सरकार को परिभाषित करते हुए कहा, “यह सरकार सांप्रदायिक, जातिवादी, फांसीवादी, पूंजीवादी और नकारा है.” देश में अनुसूचित जातियों पर अत्याचार बढ़ने का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, ” बीते चार वर्षो में जितने अत्याचार हुए हैं, उतने पहले कभी देखने को नहीं मिले.

मोदी राज में अनुसूचित जातियों पर अत्याचार बढ़ा है. ऊना के अनुसूचित जाति पीड़ितों को न्याय नहीं मिला, रोहित वेमुला को न्याय नहीं मिला. सहारनपुर के पीड़ितों को न्याय नहीं मिला. इन्होंने चंद्रशेखर आजाद रावण को जेल में डाल दिया.” मेवाणी ने कहा, “ये मनुस्मृति को जलाने के बजाय संविधान को जला रहे हैं. एट्रोसिटी के कानून को बिगाड़ रहे हैं. संविधान से छेड़छाड़ कर रहे हैं.अंबेडकर की प्रतिमाएं तोड़ी जा रही हैं..दलित तो नाराज होंगे ही.”

आप पर अनुसूचित जाति कार्ड खेलने का आरोप लग रहा है, यह बात छेड़ने पर जिग्नेश कहते हैं, “हां, रामविलास पासवान जैसे लोग आरोप लगाते हैं कि देश में जाति कार्ड विशेष रूप से अनुसूचित जाति का कार्ड खेला जा रहा है, लेकिन मैं साफ कर दूं कि कोई अनुसूचित जाति का कार्ड नहीं खेल रहा है, जो लोग पीड़ित हैं, वे आवाज उठा रहे हैं. यह उनकी स्वाभाविक प्रतिक्रिया है. मगर सरकार ने विरोध की हर आवाज को दबाने की सोच रखी है और दबाने की कोशिश भी कर रही है.”

इन दिनों नया शब्द ‘शहरी नक्सली’ सुर्खियों में है, इसका जिक्र करने पर जिग्नेश कहते हैं, “यह टर्म शहरी पागलों ने ही ईजाद की है. यह दलित आंदोलन को पटरी से हटाने की साजिश है. इंसानों के हक के लिए काम कर रहे कार्यकतार्ओं को डराने और मोदी जी के लिए सहानुभूति हासिल करने की कोशिश है.”

बड़ी संख्या में युवाओं को राजनीति से जोड़ने का आह्वान करते हुए जिग्नेश ने कहा कि वह खुद को युवा नेता कहलवाना पसंद करते हैं और उनका मानना है कि युवा बेहतर तरीके से राजनीति से जुड़ें, तो देश और राजनीति की दिशा बदल सकती है.” राहुल गांधी 48 साल की उम्र में युवा नेता कहलाते हैं, आपकी नजर में युवा होने का पैमाना क्या है? इस सवाल का सीधा जवाब न देते हुए उन्होंने कहा, “मुझे लगता है कि किसी नेता को उसके काम के लिए तरजीह दी जानी चाहिए, लेकिन उम्र का फैक्टर भी मायने रखता है. युवाओं में जोश होता है, बेहतर काम करने की लगन होती है, वे मेहनती होते हैं. इसलिए उम्र को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता.”

भाजपा से उपकृत कांग्रेस के आईटी सेल का अध्यक्ष बने अभय तिवारी

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भोपाल। तीन दिन पहले मप्र कांग्रेस में आईटी सेल के अध्यक्ष बनाए गए अभय तिवारी को लेकर चौंकाने वाली जानकारी सामने आ रही है। पिछले लंबे समय से मप्र भाजपा के कई सांसद तिवारी के एनजीओ को करोड़ों रुपया दे चुके हैं। ऐसे में सवाल उठाया जा रहा है कि भाजपा से उपकृत तिवारी अगले विधानसभा चुनाव में भाजपा के खिलाफ कितना काम कर पाएंगे। तिवारी का कहना है कि मेरा बिजनेस अलग है और मेरी प्रतिबद्धता अलग।
Abhay Tewari becomes Congress President of IT Cell
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने तीन दिन पहले प्रदेश कांग्रेस के आईटी सेल के अध्यक्ष धर्मेन्द्र वाजपेयी को हटाकर अभय तिवारी को अध्यक्ष बनाया है। मूलत: जबलपुर के रहने वाले अभय तिवारी सोसायटी फार अवेयरनेस एण्ड मोटीवेशन इन बेसिक आसपेक्टस आॅफ लाईफ (संबल) नाम का एनजीओ चलाते है। तिवारी के इस एनजीओ को देवास-शाजापुर के भाजपा सांसद मनोहर ऊंटवाल ने सांसद निधि से उनके क्षेत्र के स्कूलों में क प्यूटर लगाने और प्रशिक्षण देने के नाम पर 1 करोड़ 20 लाख रुपए दिए हैं।

भाजपा के ही उज्जैन के सांसद चिंतामण मालवीय ने उन्हें इसी काम के लिए 48 लाख रुपए दिए है। भाजपा के राज्य सभा सांसद रहे मेघराज जैन ने उन्हें इसी काम के लिए 60 लाख रुपए दिए है। इसकी जानकारी प्रदेश कांग्रेस में आते ही हलचल शुरू हो गई है और तिवारी को लेकर पूरी जानकारी मंगाई जा रही है।

इस संबंध में अभय तिवारी का कहना है कि मैंने सिर्फ भाजपा सांसदों से ही नहीं, कांग्रेस सांसदों के लिए भी काम किया है। मेरी प्रतिबद्धता कांग्रेस के साथ है। एनजीओ अपना व्यवसाय करता है और मैं अपना काम।
अभय तिवारी, अध्यक्ष आईटी सेल

अभय तिवारी ने भाजपा सांसदों के लिए काम किया है, इसकी मुझे जानकारी नहीं है। यदि कोई जानकारी आएगी तो वरिष्ठ नेताओं से चर्चा करेंगे।
शोभा ओझा, अध्यक्ष मीडिया विभाग मप्र कांग्रेस

विधि आयोग की सिफारिश: हिन्दुओं के धर्म बदलने के बाद दूसरी शादी पर लगे रोक

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नई दिल्ली। हिंदुओं के दूसरी शादी करने के बढ़ते मामलों पर रोक लगाने के लिए विधि आयोग ने कोई कानून बनाने की सिफारिश की है। लॉ पैनल ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि ऐतिहासिक डेटा बताते हैं कि बहुत से हिंदुओं ने दूसरी शादी के लिए इस्लाम में धर्मांतरण कर लिया ताकि इस पर रोक न लग सके। आयोग ने सरकार से सिफारिश में कहा है कि ऐसी शादियों पर रोक के लिए कोई कानूनी प्रावधान होना चाहिए।
Law Commission recommendation: Hindus’ ban on marriage after conversion of religion
कई रिपोर्ट्स और सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का हवाला देते हुए पैनल ने कहा है कि इसके खिलफ कानून है, लेकिन उसके बाद भी ऐसा जारी है। आईपीसी के सेक्शन 494 के मुताबिक कोई भी व्यक्ति अपने पति या पत्नी के जीवित रहते हुए दूसरी शादी नहीं रचा सकता। ऐसा करने पर उसे 7 साल तक की कैद की सजा हो सकती है।

आयोग ने अपनी रिपोर्ट में कहा, ‘तथ्य बताते हैं कि हिंदुओं में पार्टनर के जीवित रहते हुए दूसरी शादी का प्रचलन जारी है। यही नहीं डेटा के मुताबिक बहुत से लोगों ने ऐसा करने के लिए इस्लाम में धर्म परिवर्तन भी किया। 1994 में सरला मुद्गल बनाम भारत सरकार मामले में भी ऐसी बात सामने आई थी।’

आयोग ने कहा कि ऐसा तब हो रहा है, जबकि यह स्पष्ट कानून है कि धर्मांतरण के बाद ऐसी कोई भी शादी मान्य नहीं होगी, यदि धर्मांतरित व्यक्ति के पार्टनर ने ऐसा नहीं किया है। दोनों लोगों की जिस धर्म में शादी हुई थी, उसके नियम तब तक माने जाएंगे, जब तक दोनों खुद को धर्मांतरित नहीं कर लेते।

इससे पहले भी पार्टनर के अधिकारों को लेकर जारी की गई विधि आयोगों की रिपोर्टों में कहा गया था कि एक विवाह के नियम वाले धर्म से बहुविवाह वाले धर्म में परिवर्तन करने के बाद भी उसे मान्यता नहीं है। लॉ पैनल ने अब कहा है कि ऐसे में कानून में स्पष्टता के लिए यह जरूरी है कि इस पर स्पष्ट नियम बनाया जाए। इसे केस दर केस देखने की बजाय इस पर स्पष्ट नियम बनाया जाए।