Home Blog Page 1013

कविता हूँ मैं , फरेब हूँ मैं।

0

कोरी कल्पनाओं के आकाश में बड़ी पतंगें उड़ाते हो,
कभी चंदा से उसकी चांदनी , फूलों से खुशबू चुराते हो,
मुझे पाकर भावनाओं में ,कभी गति लाते हो पतवारों में ,
मुझे सोचते- सोचते डूबने लगते, नदी बीच मझधारों में ।
मैं कल्पना , स्वयंमेव हूँ मैं ।
कविता हूँ मैं , फरेब हूँ मैं।

वाहवाही लूटते हो जो तुम,बुद्धिजीवियों के मंच पर,
तालियां पीटते, सुनते हो तुम , खुद अपने प्रपंच पर ,
रोटियों की प्रत्यक्ष चिंता तुम्हें भी खूब सताती है ,
मुफलिसी में भी तुम्हें, बड़ी याद हमारी आती है ।
कभी न भरने वाली जेब हूँ मैं ।
कविता हूँ मैं , फरेब हूँ मैं ।

तुम कौन हो, क्या हो ? आईने से बेहतर जानती हूँ,
तुम्हारे नस-नस से वाकिफ हूँ, हर जर्रा पहचानती हूँ,
दुनिया की हर चिंता को तुम स्याही में भर लेते हो,
पर हर चिंता को चतुराई से मुट्ठी में कर लेते हो ,
सरस्वती की पाजेब हूँ मैं ।
कविता हूँ मैं , फरेब हूँ मैं।

अपनी डायरी को देखकर तुम्हें, जो सुकून मिलता है,
साहित्य के सागर में गोता लगा, जो जूनून खिलता है,
मैं नशा हूँ, तुम्हारे हर सुख-दुःख का हमदम हूँ ,
लिखो, फिर लिखो, जितना लिखो उतना कम हूँ,
न सुधरॆ कभी,वो एब हूँ मैं ।
कविता हूँ मैं , फरेब हूँ मैं।

हर अक्षर ब्रह्म है और मैं ब्रह्मों का सम्मिश्रण हूँ,
जो भी कहती, मुँह पर कहती, भावों का मैं चित्रण हूँ,
मैं सभ्यता की परिभाषा,भाषाओं की आँख का पानी हूँ,
मैं हीं हूँ अंधे सूर की लाठी, मैं कबीरा की अमृतवाणी हूँ।
सत्य से लबरेज हूँ मैं ।
कविता हूँ मैं , फरेब हूँ मैं।

मुझमें कविता की है प्रकृति या यह प्रकृति ही कविता है,
कभी विचार उत्तुंग शिखर-से कभी कलकल बहती सरिता है,
संस्कृतियों का मापदंड है, ज्ञान का दीप जलाती है ,
बाद सबके मरने के बस कविता हीं अमर रह जाती है।
आखिर शाश्वत परवेज हूँ मैं ।
कविता हूँ मैं , फरेब हूँ मैं।

संतामणि झा

01-09-2018

0

एशियाड 2018 में भारत का शानदार प्रदर्शन, अब तक जीते 15 गोल्ड सहित 67 पदक

0

जकार्ता। भारत ने जकार्ता में हो रहे एशियन गेम्स के 14वें दिन शनिवार को 2 गोल्ड मेडल अपनी झोली में डाल लिए। इसके साथ ही भारत के मेडलों की संख्या 15 गोल्ड और 23 सिल्वर मेडल समेत 67 हो गई है। टूर्नमेंट में 8वें नंबर पर मौजूद भारत का एशियन गेम्स के इतिहास में अब तक का यह सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है। इससे पहले भारत ने 2010 में चीन के ग्वांगझू में हुए एशियन गेम्स में 65 मेडल हासिल कर सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया था।
India’s spectacular performance in Asiad 2018, winning 15 medals including 15 gold
अपने टॉप परफॉर्मेंस की बराबरी भारत ने शुक्रवार को ही कर ली थी लेकिन शनिवार को बॉक्सर अमित पंघल और फिर ब्रिज में शिवनाथ सरकार एवं प्रणव वर्धन की जोड़ी ने गोल्ड हासिल कर इस आंकड़े को 67 तक पहुंचा दिया। टूर्नमेंट में अब तक 123 गोल्ड मेडल के साथ कुल 273 पदक हासिल कर चीन पहले नंबर पर बना हुआ है। वहीं, जापान 70 गोल्ड मेडल जीतकर 194 पदकों के साथ दूसरे पायदान पर है।

रिपब्लिक आॅफ कोरिया 44 गोल्ड मेडल जीतकर 164 पदकों के साथ तीसरे नंबर पर है। पदक तालिका में इंडोनेशिया चौथे, ईरान 5वें और चीनी ताइपे छठे स्थान पर है। उज्बेकिस्तान 16 गोल्ड मेडल्स के साथ सातवें स्थान पर है। कुल मेडल्स के मामले में वह 63 पदकों के साथ भारत से 4 मेडल पीछे है।

इससे पहले 2014 में दक्षिण कोरिया के इंचयोन शहर में हुए एशियाई खेलों में 11 गोल्ड के साथ भारत ने 57 पदक जीते थे। पिछली बार भी भारत आठवें स्थान पर था। हालांकि इस बार भारत को पदक मिलने की संभावनाएं अभी खत्म नहीं हुई हैं। आज भारत को एक सिल्वर मिलना पक्का है जबकि एक ब्रॉन्ज मिलने की भी पूरी संभावना है।

फिर मुसीबत में सिद्धू, करतार साहब के दर्शन लिए द्वार खोलने के दावे को पाक ने किया खंड

0

इस्लामाबाद। पाकिस्तान में आर्मी चीफ से गले मिलने के बाद आलोचना झेल रहे नवजोत सिंह सिद्धू एक बार फिर मुसीबत में फंस गए हैं। सिद्धू ने पाक यात्रा के बाद कहा था कि पाकिस्तान से ढाई किमी. दूर करतार साहब के दर्शन के लिए द्वार खोलने को लेकर उनकी पाक आर्मी चीफ से बात हुई। हालांकि, अब पाकिस्तान की तरफ से स्पष्टीकरण जारी कर कहा गया है कि एक घटना से इसका फैसला नहीं हो सकता है। इसकी एक लंबी प्रक्रिया है और दोनों देशों के बीच बातचीत के बाद ही इस पर फैसला हो सकता है। इस खबर के बाद अकाली दल ने कांग्रेस पर हमला बोल दिया है।
Pak again claims to open door for Sidhu’s visit to Kartar Sahib
बता दें कि आर्मी चीफ से गले मिलने पर सिद्धू ने सफाई देते हुए कहा था, ‘आर्मी चीफ बाजवा ने मुझे पहली पंक्ति में बैठे देखा तो मेरे पास आए। उन्होंने मुझे गुरुनानक साहब के 500वें प्रकाश दिवस भारत के डेरा बाबा नामक से पाकिस्तान से ढाई किलोमीटर दूर स्थित करतारपुर साहब के दर्शनों के लिए श्रद्धालुओं को बिना रोक-टोक पथ प्रदान करने की कोशिश कर रहे हैं।’ हालांकि, पाकिस्तान सरकार की तरफ से खंडन के बाद सिद्धू अकाली दल के नेताओं के निशाने पर हैं।

कांग्रेस ने इस पर सफाई देते हुए कहा, ‘सिद्धू कांग्रेस के सम्मानित नेता और जनप्रतिनिधि हैं। वह देश से क्यों झूठ बोलेंगे? जितनी बात हुई होगी उन्होंने उतनी ही यहां आकर बताई होगी। इसमें पॉलिटिक्स की कोई जगह नहीं है। सिखों के लिए वह पवित्र जगह है।’ दूसरी तरफ अकाली दल लगातार सिद्धू पर हमलावर है और पंजाब में अकाली दल के नेता कह रहे हैं कि इस पर कांग्रेस और सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह को जवाब देना चाहिए।

बता दें कि पाकिस्तान में इमरान खान के शपथ ग्रहण समारोह में जाने और पाक आर्मी चीफ को गले लगाने के कारण सिद्धू बीजेपी के निशाने पर थे। हालांकि, बाद में सिद्धू ने सफाई देते हुए कहा था कि वह व्यक्तिगत संबंधों के कारण समारोह में शामिल होने के लिए गए थे।

अभिनेत्री प्रिया प्रकाश वारियर के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी रद्द, कोर्ट ने कहा- आंख मारना ईशनिंदा नहीं

0

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि ‘आंख मारना’ ईशनिंदा नहीं है। मलयालम फिल्म ओरु अदार लव फिल्म की अभिनेत्री प्रिया प्रकाश वारियर और निर्देशक, निर्माता के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी कोर्ट ने रद्द कर दी है। प्राथमिकी में आरोप था कि आंख मारने वाले गाने के विडियो से मुस्लिम समुदाय की भावनाएं आहत हुईं हैं।
Actor Priya Prakash Virar’s FIR was canceled, the court said, “blinking is not blasphemy”
सीजेआई दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति ए. एम. खानविलकर और न्यायमूर्ति डी. वाई चंद्रचूड़ की पीठ ने कहा कि जिस मलयालम लोकगीत पर यह गीत आधारित है और जिसे वारियर के साथ फिल्माया गया है, वह लोकगीत वर्ष 1978 से सार्वजनिक रूप से उपलब्ध है और इस गीत के विडियो को ईशनिंदा नहीं बताया जा सकता है।

पीठ ने कहा, हम लोग वारियर और अन्य की रिट याचिका को अनुमति देते हैं और तेलंगाना में उनके खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को रद्द करते हैं। साथ ही यह निर्देश देते हैं कि गाने के फिल्मांकन पर सवाल उठाते हुए याचिकाकर्ताओं के खिलाफ आगे सीआईपीसी की धारा 200 के तहत प्राथमिकी या शिकायत दर्ज की जायेगी।

क्रिकेटर महेन्द्र सिंह धोनी के खिलाफ दर्ज इसी तरह के एक मामले में सुनाए गए फैसले का जिक्र करते हुए पीठ ने कहा कि मौजूदा मामले में 18 वर्षीय अभिनेत्री के विरुद्ध आईपीसी की धारा 295 अ के तहत कोई अपराध नहीं बनता है। भारतीय दंड संहिता की धारा 295 अ, जानबूझकर एवं दुर्भावनापूर्ण कार्यों, धार्मिक भावनाएं आहत करने और किसी वर्ग द्वारा उनके धर्म या धार्मिक मान्यताओं को अपमानित करने के इरादे से किए गए कार्यों के बारे में है।

शीर्ष अदालत ने इससे पहले 21 फरवरी को कुछ राज्यों में वारियर के खिलाफ आपराधिक प्रक्रियाओं पर रोक लगा दी थी। कथित रूप से मुस्लिम भावनाएं आहत करने के लिए वारियर की एक फिल्म के गीत को आधार बनाकर उनके खिलाफ ये मामले दर्ज कराए गए थे।

चीन में अल्पसंख्यकों के मानवाधिकारों का हनन, अमेरिका-यूरोप में विरोध, इस्लामिक देशों ने साधी चुप्पी!

0

पेइचिंग। चीन में अल्पसंख्यक मुस्लिम समुदाय के लोगों के मानवाधिकारों के कथित हनन पर अमेरिका और यूरोप में विरोध हुआ है और इसे रोके जाने का दबाव बनाने की कोशिश हुई है। लेकिन, आश्चर्यजनक रूप से इस्लामिक देशों ने इस पर अब तक चुप्पी साधे रखी है। संयुक्त राष्ट्र के एक अधिकारी ने तीन सप्ताह पहले उइगुर मुस्लिमों को री-एजुकेशन कैंप में रखे जाने पर सवाल उठाया था। लेकिन अब तक किसी भी इस्लामिक मुल्क की सरकार ने इस संबंध में कोई बयान तक जारी नहीं किया है।
Human rights violations of minorities in China, protests in US-Europe, Islamic countries are simple silence!
इस्लामिक मुल्कों की यह चुप्पी इसलिए भी उल्लेखनीय है क्योंकि इसी सप्ताह अमेरिका के दोनों प्रमुख दलों के सांसदों ने चीन में उइगुर मुस्लिमों पर लगने वाली पाबंदियों को लेकर सवाल उठाया था। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक सीनेटर मार्को रुबियो के नेतृत्व वाले सांसदों के समूह ने कहा था, ‘हमें उम्मीद है कि विदेश मंत्रालय इन ज्यादतियों के खिलाफ अपना पक्ष रखेगा और समान विचारधारा वाली सरकारों को साथ लेकर अंतरराष्ट्रीय मंचों पर इस मुद्दे को उठाएगा।’ सांसदों ने यह पत्र विदेश मंत्री माइकल पोम्पियो और वित्त मंत्री स्टीवन न्यूचिन को लिखा था।

इससे पहले यूरोपियन यूनियन के अधिकारियों ने भी शिनजियांग में मुस्लिमों के कथित उत्पीड़न को लेकर चिंता जताई थी। दूसरी तरफ इंडोनेशिया, सऊदी अरब, मलयेशिया और पाकिस्तान जैसे देशों की सरकारों ने चीन में उइगुर मुस्लिमों पर ज्यादती को लेकर कोई सवाल नहीं उठाया है। यही नहीं इन देशों की ओर से कोई औपचारिक बयान तक जारी नहीं किया है।

सबसे आश्चर्यजनक तुर्की का रवैया है, जिसने पिछले दिनों तुर्की भाषी इन मुस्लिमों को अपने ही यहां जगह देने का प्रस्ताव दिया था। लेकिन इस बार आर्थिक संकट से जूझ रहे इस देश की ओर से कोई बयान तक सामने नहीं आया है। इस्लामिक देशों की चुप्पी की एक अहम वजह चीन के साथ उनके कारोबारी संबंध हैं। वे कारोबार में नुकसान के चलते किसी देश के आंतरिक मामलों में दखल न देने का तर्क देते हुए कोई टिप्पणी करने से बच रहे हैं।

आतंकियों के रिश्तेदारों की रिहाई के बाद हिज्बुल ने 14 लोगों को किया आजाद

0

श्रीनगर। आतंकी संगठन हिज्बुल मुजाहिदीन ने शुक्रवार को दो पुलिसकर्मियों, एक एसपीओ और जम्मू-कश्मीर पुलिस के 11 परिजनों को छोड़ दिया। बुधवार से पुलिसकर्मियों के परिजनों को अगवा करने का सिलसिला शुरू हुआ था। इसकी शुरूआत हिज्बुल मुजाहिदीन के कमांडर रियाज नायकू के पिता समेत आतंकियों के चार रिश्तेदारों की गिरफ्तारी के बाद हुई थी। कश्मीर के हिंसक अतीत में हिरासत में लेने के बाद ऐसी अदला-बदली शायद ही देखने को मिली हो।
After the release of the relatives of terrorists, Hizbul freed 14 people.
जम्मू-कश्मीर पुलिस द्वारा आतंकियों के रिश्तेदारों की रिहाई के बाद हिज्बुल ने अगवा किए 14 लोगों को आजाद कर दिया। सूत्रों के मुताबिक पुलिस ने आतंकियों के जिन दूसरे रिश्तेदारों को गिरफ्तार किया था, उन्हें भी इसके बदले छोड़ दिया गया।  आतंकियों ने अगवा किए गए सभी 14 लोगों का सोशल मीडिया पर अलग-अलग विडियो पोस्ट किया था, जिसमें वे डीजीपी एसपी वैद से ये अपील करते देखे गए कि आतंकियों के परिजनों को न परेशान किया जाए। अगवा किए गए सब इंस्पेक्टर इरफान गुलजार को विडियो में कहते सुना गया कि या तो हमें सुरक्षा मुहैया कराई जाए या फिर आतंकियों के परिजनों को न पकड़ा जाए।

आतंकियों की यह कार्रवाई उस वक्त हुई है, जबकि केंद्र सरकार जम्मू-कश्मीर में पंचायत के चुनाव को लेकर काफी सक्रियता से तैयारी कर रही है। बता दें कि इससे पहले आतंकियों ने पुलिसकर्मियों को निशाना बनाते हुए कई जवानों की हत्या कर दी थी।  बताया जा रहा है कि सुरक्षाबल बंधकों को सुरक्षित रूप आतंकवादियों की कैद से छुड़ाने की रणनीति पर काम कर रहे थे, तब सोशल मीडिया पर हिजबुल के आॅपरेशनल कमांडर रियाज नाइकू द्वारा जारी किए गए एक बयान में कहा गया कि अब से आतंकवादी ‘आंख के बदले आंख’ की नीति अपनाएंगे। बयान में कहा गया, ह्यपुलिस ने हमें आंख के बदले आंख और कान के बदले कान की नीति का पालन करने के लिए मजबूर किया है।

ये सभी हुए आजाद
बुधवार रात को छापेमारी के बाद हिज्बुल कमांडर रियाज नायकू के पिता असदुल्लाह नायकू को पुलवामा जिले के अवंतिपोरा के बेगपोरा से गिरफ्तार किया था। वहीं आतंकी लतीफ टाइगर के रिश्तेदार गुलाम हसन और उनके दो भाई जुबैर अहमद और नदीम अहमद की गिरफ्तारी हुई थी। सूत्रों के मुताबिक सभी चार को शुक्रवार को रिहा कर दिया गया।

आतंकियों द्वारा रिहा किए गए पुलिसकर्मियों में पुलवामा के सब-इंस्पेक्टर इरफान गुलजार, कॉन्स्टेबल शब्बीर अहमद जरगर और एसपीओ जावेद अहमद डार शामिल हैं। इसके अलावा पुलिसकर्मियों के रिहा हुए परिजनों में डीएसपी के भाई गौहर अहमद मलिक के अलावा शोपियां के अदनान अशरफ शाह, एक डीसपी का भतीजा, फैजान बशीर मकरू, जुबैर अहमद भट, गुलाम मोहम्मद डार, और आरिफ हुसैन भी शामिल हैं।

दरअसल, नाइकू के पिता को दो दिन पहले पुलिस ने गिरफ्तार किया था। नाइकू ने चेतावनी के लहजे में कहा, ह्यपुलिसकर्मियों को सलाह दी जाती है कि वे अपनी नौकरियों को छोड़ दें या खराब से खराब स्थिति का सामना करने के लिए तैयार रहें।ह्ण अगवा हुए रिश्तेदारों में पुलिस अधिकारियों के 9 बेटे और दो भाई शामिल थे।

महबूबा मुफ्ती का विवादित बयान
वहीं जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने लिखा, ‘आतंकी और फोर्स एक दूसरे के परिवारवालों को प्रताड़ित कर रही हैं। यह निंदनीय है और हमारी स्थिति के स्तर के और नीचे गिरने का प्रतीक है।’ महबूबा ने लिखा कि परिवारों को उस बाद के लिए पीड़ित नहीं होना चाहिए जिनपर उनका नहीं के बराबर नियंत्रण है।

योगी सरकार का फरमान: भीड़ द्वारा हिंसा और सोशल मीडिया द्वारा घृणा फैलाने वालों पर होगी सख्त कार्रवाई

0

लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने सभी जिलों के प्रशासन से ऐसे गांवों की पहचान करने को कहा है जहां पिछले पांच सालों में मॉब लिंचिंग (भीड़ द्वारा हिंसा) की वारदातें सामने आई हैं। साथ ही ऐसे लोग जो सोशल मीडिया पर घृणा फैलाते हैं उनके खिलाफ आईपीसी की धारा 153 ए (दो समुदायों के बीच नफरत फैलाना) के तहत कार्रवाई की जाएगी।
The verdict of the Yogi Government: The violence by the mob and those who spread hatred by social media will be strict action
गाइडलाइन्स के तहत प्रदेश सरकार ने सभी जिलों के एसपी/एसएसपी से ऐसे लोगों की एक लिस्ट तैयार करने को कहा है जो संभावित तौर पर नफरत भरे भाषण दे सकते हैं या ऐसी फेक न्यूज फैला सकते हैं जिससे समाज में नफरत फैले। सभी जिलों से ऐसी जानकारी इकट्ठा करने के लिए एक नोडल अफसर तैनात किया जाएगा। उत्तर प्रदेश में पिछले एक साल में मॉब लिंचिंग की करीब 168 वारदातें सामने आई थीं।

गाइडलाइन्स के मुताबिक, ऐसे अफसरों पर भी कार्रवाई की जाएगी जिन्होंने अपने स्तर से ऐसी घटनाओं को रोकने का प्रयास नहीं किया या घटना के बाद सख्त कदम नहीं उठाए। इसके अलावा सरकार मॉब लिंचिंग के शिकार व्यक्ति के परिवार की पूरी मदद करेगी और उन्हें जॉब या मुआवजा भी दिया जाएगा।

दिल्ली से भारी बारिश से जगह-जगह भरा पानी, जाम में फंसे लोग

0

नई दिल्ली। दिल्ली-एनसीआर में शनिवार सुबह भारी बारिश से सड़कों पर जगह-जगह पानी जमा हो गया। सुबह-सुबह काम पर जाने वाले लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। स्कूल जाने वाले स्टूडेंट्स को भी काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। जलजमाव का आलम यह है कि सुबह करीब 9 बजे ही दिल्ली के रेल भवन के आगे सड़क पर करीब 1 फीट पानी जमा हो गया।
Heavy rain from Delhi, filled with water, people trapped in jam
यही नहीं कई इलाकों में तो बसें भी पानी में डूबी नजर आईं। रिंग रोड पर स्थित यमुना बाजार इलाके में डीटीसी की बस के अंदर पानी घुस गया। किसी तरह से बस में सवार लोगों को बाहर निकाला गया। यही नहीं दिल्ली से सीधे लखनऊ को जोड़ने वाले नैशनल हाइवे 24 पर भी पानी भरने के चलते वाहनों की आवाजाही प्रभावित हुई है।

आईटीओ के पास लंबा जाम लगा हुआ है हजारों गाड़ियां रेंग रही हैं। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में सुबह करीब साढ़े सात बजे से बारिश शुरू हुई, जो आधे घंटे से ज्यादा समय तक जारी रही। आसमान में बादल छाए हुए हैं जिससे और ज्यादा बारिश के आसार हैं।  इस बीच उत्तराखंड के अलग-अलग हिस्सों में लगातार बारिश और भूस्खलन का सिलसिला जारी है। टिहरी गढ़वाल-देहरादून बॉर्डर पर तो 100 मीटर लंबी और 50 मीटर गहरी झील बन गई है। प्रशासन ने आस-पास के इलाकों में रहने वाले लोगों से उनके घरों को खाली करा लिया है।

मौसम विभाग ने पहले हफ्ते में पूर्वी और मध्य भारत के साथ-साथ पूर्वोत्तर के कुछ राज्यों, यूपी और दक्षिण तमिलनाडु में सामान्य से ज्यादा बारिश का अनुमान जाहिर किया है। इसके अलावा जम्मू और कश्मीर, पश्चिमी राजस्थान, सौराष्ट्र, कच्छ और दीव, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में छिटपुट बारिश का अनुमान व्यक्त किया है।

2013 में यूपीए ने अर्बन नक्सलियों से बताया था बड़ा खबरा, अब कर रही है विरोध

0

नई दिल्ली। नक्सल लिंक को लेकर ऐक्टिविस्टों की गिरफ्तारी पर भले ही राहुल गांधी समेत तमाम विपक्षी दलों ने सरकार को घेरा है, लेकिन 2013 में यूपीए सरकार की ही राय मौजूदा कांग्रेस से उलट थी। तब यूपीए सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनाया दायर कर कहा था कि शहरी केंद्रों में अकादमिक जगत से जुड़े कुछ लोग और ऐक्टिविस्ट ह्यूमन राइट्स की आड़ में ऐसे संगठनों को संचालित कर रहे हैं, जिनका लिंक माओवादियों से है। यही नहीं यूपीए सरकार ने इन लोगों को जंगलों में सक्रिय माओवादी संगठन पीपल्स लिबरेशन गरिल्ला आर्मी से भी खतरनाक बताया था।
In 2013, the UPA had told the Naxalites, the big news, is now protesting
यूपीए सरकार ने अपने ऐफिडेविट में कहा था कि ये अर्बन नक्सल बड़ा खतरा हैं और सीपीआई माओवादी से जुड़े हैं। यही नहीं सरकार ने कहा था कि कई मायनों में ये काडर गुरिल्ला आर्मी से भी अधिक खतरनाक हैं। बता दें कि पीपल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी सीपीआई माओवादी की ही एक सशस्त्र विंग है। 2001 से लेकर अब तक माओवादियों ने 5,969 नागरिकों का कत्ल किया है, 2,147 सुरक्षार्मियों की हत्याएं की हैं और पुलिस एवं केंद्रीय अर्धसैनिक बलों से 3,567 हथियारों की लूट को अंजाम दिया है।

उस दौरान सुशील कुमार शिंदे के नेतृत्व वाले गृह मंत्रालय ने यह भी कहा था कि यदि इन लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाती है तो इससे सरकार की नकारात्मक छवि बनेगी। इसकी वजह यह है कि इन अकादमिशियनों और ऐक्टिविस्ट्स की प्रॉपेगेंडा मशीनरी खासी प्रभावशाली है। यदि इनके खिलाफ कोई ऐक्शन लिया जाता है तो एजेंसियों के खिलाफ नकारात्मक प्रचार को बल मिलेगा।

‘किशोर समरीत बनाम भारत सरकार एवं अन्य’ के मामले में सरकार ने विस्तार से यह बताया था कि कैसे ऐक्टिविस्ट्स का संपर्क माओवादियों से है और किस तरह से अपनी अलग पहचान रखते हुए भी इन लोगों की ओर से उन्हें मदद की जाती है।