Home Blog Page 1014

सारणी पावर प्लांट की बूढ़ी हो चुकी दो यूनिट को बंद करने की तैयारी

0

भोपाल। मप्र पावर जनरेटिंग कंपनी के सारणी पावर प्लांट की दो यूनिट को जल्द बंद कर दिया जाएगा। ये दोनों ही यूनिट उम्रदराज हो चुकी हैं। इन्हें बंद करने के लिए यूनिट का गुपचुप मूल्यांकन करवाना प्रारंभ कर दिया गया है। कंपनी ने यूनिट को बंद करने की संभावना पर फिलहाल कुछ भी बोलने से इंकार कर दिया।
Preparation of closure of two old old units of the Table Power Plant
ये जरूर कहा कि पर्यावरण मानकों के अनुरूप अतिरिक्त यूनिट स्थापित की जाएगी। इधर अमरकंटक और सारणी के पावर प्लांट से इंजीनियर के तबादले हुए। इसे प्लांट बंद होने की खबर से जोड़कर देखा गया। जबकि हकीकत में श्री सिंगाजी की 610 मेगावाट की नई यूनिट शुरू होने से स्टाफ को वहां तैनात किया गया।

39 साल पुराने प्लांट
सारणी में यूनिट क्रमांक 6 और 7 नंबर को बंद करने के लिए आंकलन करवाया जा रहा है। 6 नंबर की यूनिट 200 मेगावाट और 7 नंबर यूनिट से 210 मेगावाट बिजली उत्पादन की क्षमता है। दोनों ही क्रमश: 39 और 38 साल पुरानी यूनिट हैं। पर्यावरण मानकों के मुताबिक इन यूनिट की उम्र खत्म हो चुकी है। ऐसे में बिजली उत्पादन इनसे महंगा हो रहा है।

कोयले की खपत और ईधन अधिक लग रहा है। जनरेटिंग कंपनी ऐसी यूनिट को बंद कर इनके स्थान पर सुपर क्रिटिकल यूनिट लगाना चाहती है। इससे पहले अमरकंटक के चचाई पावर प्लांट में 120 मेगावाट की यूनिट को बंद किया जा चुका है। सारणी में पहले 62.5 मेगावाट 5 यूनिट को साल 2012-2014 के बीच बंद किया गया।

तबादले की वजह से उड़ी हवा
श्री सिंगाजी पावर प्लांट में पिछले दिनों 660 मेगावाट की नई इकाई से बिजली उत्पादन प्रारंभ हुआ है। अमरकंटक, बिरसिंहपुर और सारणी से अतिरिक्त इंजीनियरों को श्री सिंगाजी में जवाबदारी दी गई। सालों से जमे इंजीनियरों ने इस तबादले को पावर प्लांट बंद करवाने की हवा देकर तूल देने का प्रयास किया।

वन एवं पर्यावरण मंत्रालय की ओर से मिली गाइडलाइन के अनुरूप सारणी में अतिरिक्त यूनिट लगाने की योजना है। कई यूनिट बहुत पुरानी हैं। अभी किसी भी यूनिट को बंद नहीं कर रहे हैं।
एके नंदा, प्रबंध संचालक मप्र पावर जनरेटिंग कंपनी

मध्याह्न भोजन पर महंगाई की मार, बाजार में खुली राशन सामग्री महंगी होने से शिक्षा विभाग ने नई व्यवस्था लागू की

0

भोपाल। बच्चों के सुपोषण के लिए शुरू की गई मध्याह्न भोजन योजना भी महंगाई की मार से चरमरा गई है। इसलिए प्रदेश के 1,14,000 प्राथमिक और माध्यमिक स्कूलों में अध्ययनरत 60 लाख 31 हजार बच्चों को अब ‘सरकारीझ् दाल-चावल खाना पड़ेगा।  सूत्रों के अनुसार सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों को दिए जा रहे मध्याह्न भोजन के लिए दाल-चावल सहित अन्य सामग्री अब सरकारी राशन की दुकान से खरीदी जाएगी। बाजार में खुली राशन सामग्री महंगी होने के कारण शिक्षा विभाग ने यह निर्णय लिया है। इसको लेकर सभी कलेक्टरों से आग्रह किया है कि इस योजना को लागू करने के लिए सहयोग करें।
With the rise of inflation over mid-day meal, the open market ration material is expensive due to the education department introduced new system
1,100 करोड़ रुपए का बजट
गौरतलब है कि प्रदेश सरकार ने इस बार स्कूली बच्चों को मध्याह्न भोजन के लिए बजट में 1,100 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है। लेकिन छह माह बाद सरकार को ऐसा लगने लगा है कि अब इस राशि से सालभर मध्याह्न भोजन नहीं कराया जा सकता। इसलिए अब सामग्री राशन की दुकान से खरीदी जाएगी।

कलेक्टरों को पत्र भी जारी
प्रदेश में अभी मध्याह्न भोजन शहरी क्षेत्र में एनजीओ के माध्यम से तो ग्रामीण क्षेत्रों में स्वयं सहायता समूह के माध्यम से बनवाया जा रहा है। मध्याह्न भोजन में उपयोग होने वाला राशन अभी बाजार से खरीदा जा रहा है और बाजार की तेजी-मंदी के कारण कई बार मध्याह्न भोजन का बजट गड़बड़ा जाता है। लिहाजा अब मध्याह्न भोजन में उपयोग होने वाले दाल-चावल सहित अन्य राशन अब सरकारी राशन दुकानों से खरीदने का निर्णय लिया गया है। शिक्षा आयुक्त ने इस संबंध में सभी कलेक्टरों को पत्र भी जारी किया है और उनसे आग्रह किया है कि इस नई व्यवस्था को लागू करने में सहयोग करें।

भोजन की क्वालिटी ठीक करने दो निर्णय
गौरतलब है कि सरकारी स्कूल में बच्चे भोजन के लालच में नियमित रूप से आएं इसके चलते मध्याह्न भोजन योजना पिछले कई वर्ष से चल रही है। इस योजना में शासन हर वर्ष करोड़ों रुपए का बजट आवंटित करता है। मध्याह्न भोजन की क्वालिटी ठीक रहे इसको लेकर हाल ही में दो निर्णय और लिए गए। इनमें पहला निर्णय मध्याह्न भोजन के निर्माण सहित बच्चों को भोजन में क्या दिया जा रहा है इसका फोटो रोज वॉट्सअप पर अधिकारियों को भेजने के साथ क्वालिटी जांचने के लिए 11 अधिकारियों की टीम भी तैनात की गई है, जो प्रतिदिन आकस्मिक रूप से किसी भी स्कूल में जाकर भोजन की क्वालिटी देख रही है।

कई स्कूलों से भोजन के से पल जांच के लिए भेजे
सरकारी स्कूल में परोसे जा रहे मध्याह्न भोजन की क्वालिटी को लेकर हमेशा विवाद की स्थिति रही है। बच्चों की शिकायतें हैं कि उन्हें कभी जली तो कभी कच्चे रोटी दी जाती है। इसके अलावा दाल और सब्जी की क्वालिटी भी ठीक नहीं है। भोजन की क्वालिटी ठीक रहे इसको लेकर खाद्य और औषधि विभाग को भी अधिकार दिए गए हैं कि वह मध्याह्न भोजन की जांच करे। विभाग ने अभी कई स्कूलों से भोजन के नमूने लिए हैं और उन्हें जांच के लिए लेबोरेटरी भेजा गया है।

इधर नहीं मिट रहा कुपोषण का कलंक
सरकार के तमाम प्रयासों के बावजूद प्रदेश में कुपोषण का कलंक नहीं मिट पा रहा है। प्रदेश के 51 जिलों की एनआरसी में अप्रैल से जून 18 तक भर्ती किए गए 16135 कुपोषित बच्चों में से केवल 8,160 बच्चे ही टारगेट वेट गेन कर पाए हैं। 51 प्रतिशत बच्चों को वेट गेन करने के बाद डिस्चार्ज किया गया है, लेकिन 7 हजार 975 बच्चों की स्थिति अच्छी नहीं है। इन बच्चों का वजन नहीं बढ़ सका है। यह हकीकत संचालनालय स्वास्थ्य सेवाएं के हेल्थ बुलेटिन में सामने आई है। यह रिपोर्ट कुपोषित बच्चों को लेकर किए जा रहे सरकारी दावों की पोल खोल रही है।

परिवहन विभाग का सर्वर संभालने वाली कपंनी ने सिस्टम नहीं किया अपडेट, पांच माह बाद भी नहीं अंगदान का विकल्प

0

भोपाल। ड्राइविंग लाइसेंस बनवाते वक्त लोगों को अंग दान का विकल्प नहीं मिल पा रहा है। परिवहन विभाग का सर्वर संभालने वाली स्मार्ट चिप कंपनी ने सिस्टम अपडेट नहीं किया है, जिस कारण पांच महीने बाद भी अंग दान का विकल्प नहीं आया है। वहीं एक फॉर्म पर ही सभी तरह के ड्राइविंग लाइसेंस नहीं बन पा रहे हैं। हालांकि लाइसेंस में अंग दान व्यक्ति की स्वेच्छा पर निर्भर है।
The transport department has not taken the system to the server that has taken over the system;
केन्द्र शासन ने अप्रैल 2018 में राज्यों को ड्राइविंग लाइसेंस बनाने की प्रक्रिया को सरल बनाने को लेकर एक आदेश जारी किया था, क्योंकि मोटर साइकिल, चार पहिया वाहन, ट्रक, ट्रैक्टर के लिए अलग-अलग फॉर्म भरने पड़ते थे। अब अलग-अलग फॉर्म भरने की व्यवस्था खत्म कर एक ही फॉर्मेट निर्धारित कर दिया है, लेकिन इस नए फॉर्मेट में अंग दान का विकल्प भी जोड़ा गया है।

अगर कोई व्यक्ति अंग दान करना चाहता है तो वह फॉर्म में अपने उस अंग का नाम लिख सकता है, जिसे दान करना चाहता है। जब लाइसेंस का कार्ड तैयार किया जाएगा, उस वक्त ड्राइविंग लाइसेंस के कार्ड पर लिख दिया जाएगा कि इस व्यक्ति ने अंग दान किया है।
अंग दान करने वाले व्यक्ति की दुर्घटना में मौत होती है तो पुलिस ड्राइविंग लाइसेंस देखकर उसका अंग दान करा देगी, उसके बाद ही उसकी बॉडी परिजन के सुपुर्द की जाएगी। केन्द्र शासन के आदेश को 5 माह बीतने के बाद अब तक सर्वर अपडेट नहीं होने से अंग दान का विकल्प सर्वर पर लोगों को नहीं मिल पा रहा है।

आदेश जारी कर दिए हैं
अंग दान का विकल्प देने के लिए स्मार्ट चिप कंपनी को आदेश जारी कर चुके हैं। उसने अब तक सर्वर को क्यों अपडेट नहीं किया है, इस संबंध में जानकारी लेकर शीघ्र विकल्प दिया जाएगा।
शैलेन्द्र श्रीवास्तव, परिवहन आयुक्त

तरूण सागर जी ने भोपाल में दो किए थे बार चातुर्मास, भोपाल में विश्राम घाटों पर लगेंगे संदेश

0

भोपाल। क्रांतिकारी जैन मुनि तरुण सागर महाराज ने भोपाल में दो बार चातुर्मास किए थे। वे अपने प्रवचन में कहते थे कि उनकी राष्ट्रीय स्तर पर पहचान भोपाल से ही हुई थी। तरुण सागर पहली बार 1994 में और दूसरी बार 2010 में चातुर्मास करने भोपाल आए थे। महापौर आलोक शर्मा ने उनकी समाधि पर दुख व्यक्त करते हुए घोषणा की है कि भोपाल के सभी विश्राम घाटों एवं प्रमुख स्थानों पर तरुण सागर जी के संदेश लिखे जाएंगे। आज रात्रि 8 बजे भोपाल जवाहर चौक जैन मंदिर पर मुनि श्री के प्रति कृतज्ञता एवं विनयांजलि सभा का आयोजन किया गया है।
Tarun Sagar ji did two in Bhopal; Message will be taken at Barat Ghatas in Chaturmas, Bhopal
तरुण सागर पहली बार मुनि प्रज्ञा सागर के साथ चातुर्मास करने भोपाल आए तब तत्कालिन उच्च शिक्षा मंत्री मुकेश नायक ने चार माह उनसे जुड़े रहे। दूसरी बार 2010 में जब वे चातुर्मास करने आए तब उनका नाम पूरे देश में हो चुका था। दूसरे चातुर्मास की व्यवस्था विधायक जितेन्द्र डागा ने संभाली थी। मुनि तरुण सागर ने भोपाल में दिग बर जैन मुनि संघ सेवा समिति का गठन किया था। जो आज भी संतों की सेवा का कार्य कर रही है। मुनिश्री की समाधि पर जैन समाज के प्रमोद जैन हिमांशु, मनोहरलाल टोंग्या, नरेन्द्र जैन वंदना, विनोद एमपीटी, अमर जैन, नरेन्द्र टोंग्या सहित अनेक लोगों ने उनके प्रति विनयांजलि व्यक्त की है।

महापौर की घोषणा
महापौर आलोक शर्मा ने मुनि तरुण सागर महाराज की समाधि पर उनके प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने भोपाल के सभी विश्राम घाटों पर उनके संदेश लिखने की घोषणा की है। आलोक शर्मा का कहना है कि मुनिश्री के संदेश जीवन जीने की कला हैं। उन्होंने कहा था कि इंसान को अपना जन्म दिन श्मशान घाट पर मनाना चाहिए। इसलिए मैंने उनके संदेश शमशान घाट पर लिखवाने का निर्णय लिया है। शर्मा ने कहा कि तरुण सागर जी ने जैन धर्म को जन-जन का धर्म बना दिया।

विनयांजलि सभा
दिग बर जैन पंचायत कमेटी ट्रस्ट भोपाल ने मुनि तरुण सागर जी के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने आज रात आठ बजे जवाहर चौक जैन मंदिर पर विनायांजलि सभा का आयोजन किया है। जिसमें भोपाल के सभी तरूण सागर भक्तों को आमंत्रित किया गया है। ट्रस्ट के अध्यक्ष प्रमोद जैन हिमांशु का कहना है कि तरुण सागर जी महाराज का भोपाल से काफी गहरा लगाव था और भोपालवासियों पर उनका ऐहसान भी है।

लंबी बीमारी के बाद तरुण सागर जी का 51 साल की उम्र में निधन

0

नई दिल्ली। जैन मुनि तरुण सागर का शनिवार को सुबह निधन हो गया। 51 वर्षीय जैन मुनि लंबे समय से बीमार चल रहे थे। पूर्वी दिल्ली के कृष्णा नगर इलाके में स्थित राधापुरी जैन मंदिर में सुबह करीब 3 बजे उन्होंने अंतिम सांस ली। शनिवार को ही गाजियाबाद के मुरादनगर स्थित तरुणसागरम में उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।
Tarun Sagar ji dies at 51 after long illness
दिगंबर जैन मुनि को उनके प्रवचनों के लिए जाना जाता है। ‘कड़वे प्रवचन’ के नाम से समाज को वह संदेश देते थे। वह समाज और राष्ट्र जीवन के अहम मुद्दों पर तीखी शब्दों में अपनी राय दिया करते थे। जैन समाज में खासे लोकप्रिय रहे तरुण सागर बीते काफी दिनों से पीलिया से पीड़ित थे। करीब 20 दिनों पहले उन्हें इलाज के लिए एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इलाज के बावजूद स्वास्थ्य में सुधार न होने पर उन्होंने अपना इलाज बंद करा लिया था।

पीएम नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर तरुण सागर जी महाराज के निधन पर शोक व्यक्त किया है। उन्होंने लिखा, ‘मुनि तरुण सागर जी महाराज के असमय निधन से गहरा दुख हुआ है। उनके ऊंचे आदर्शों और समाज के प्रति योगदान के लिए हम उन्हें हमेशा याद रखेंगे। उनके विचार लोगों को प्रेरणा देते रहेंगे। जैन समुदाय और उनके असंख्य अनुयायियों के प्रति मेरी संवेदना है।’

कुछ दिनों से वह राधापुरी जैन मंदिर में ही संथारा कर रहे थे। संथारा जैन धर्म की वह परंपरा है, जिसके तहत संत मृत्यु तक अन्न त्याग कर देते हैं। मध्य प्रदेश में 1967 में जन्मे तरुण सागर महाराज का वास्तविक नाम पवन कुमार जैन था। जैन संत बनने के लिए उन्होंने 8 मार्च, 1981 को घर छोड़ दिया था। उन्हें हरियाणा विधानसभा में भी प्रवचन के लिए बुलाया गया था।

गोविंदपुरा के लिए गौर का दबाव, 89 की उम्र में भी फिर चुनाव लड़ने को तैयार पूर्व मुख्यमंत्री

0

भोपाल। ढाई साल पहले शिवराज मंत्रिमंडल से उम्र का हवाला देकर हटाए गए पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर एक बार फिर विधानसभा चुनाव लड़ने का दावा ठोक रहे हैं। बेशक वे प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ को विकास पुरूष बताकर पार्टी नेताओं के निशाने पर आ गए हैं, लेकिन सियासत के जानकार गौर के इस कदम को टिकट पक्का करने से जोड़कर दे रहे हैं। लेकिन गौर ने कांग्रेस नेता की तारीफ करके पार्टी को यह संकेत दे दिया है कि उनके पास विकल्प मौजूद हैं।
Gaur’s pressure for Govindpura, ready to contest again in the age of 89
89 आयु पार कर चुके पूर्व मु यमंत्री बाबूलाल गौर 10 बार से विधायक हैं, वे 11 वीं बार भी विधायक बनने के लिए सियायत के मैदान में हैं। हालांकि उनकी उत्तराधिकारी के रूप में उनकी बहू कृ ष्णा गौर भी गोविंदपुरा सीट से दावा कर रही हैं। गौर ने कांग्रेस नेता की तारीफ में जब कसीदे पढ़ना शुरू किया तो पार्टी के दबाव में उनकी बहू कृष्णा गौर ने उनके बयानों की खिलाफत कर डाली।

यहां बता दें कि दो दिन पहले बाबूलाल गौर ने यह बयान देकर पार्टी नेताओं को अचरज में डाल दिया कि पार्टी उनके घर आकर टिकट देगी। जबकि मप्र भाजपा गौर का टिकट काटने का फैसला लगभगत ले चुकी है। उनके उत्तराधिकारी के रूप में बहू कृष्णा गौर को गोविंदपुरा से प्रत्याशी बनाया जा सकता है। हालांकि बाबूलाल गौर का टिकट कटने पर यहां से कई नेता दावेदारी कर रहे हैं।

ये नेता भी ठोक रहे दावा
गोविंदुपरा सीट से भाजपा के कई नेता दावेदारी कर रहे हैं। महापौर आलोक शर्मा भी यहां से चुनाव लड़ना चाहते हैं। उनकी सबसे ज्यादा राजनीतिक गतिविधियां गोविंदपुरा विधानसभा क्षेत्र में ही हैं। इसी तरत पर्यटन विकास निगम के अध्यक्ष तपन भौमिक भी गोविंदपुरा से चुनाव लड़कर विधानसभा की दहलीज चढ?ा चाहते हैं। इसके अलावा पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष मनोरंजन मिश्रा की नजर भी गोविंदपुरा सीट पर है।

सुषमा स्वराज का विदिशा से मोहभंग, महीने में दो दिन क्षेत्र में आने का संकल्प भी तोड़ा

0

भोपाल। केंद्रीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का अपने संसदीय क्षेत्र विदिशा से मोहभंग हो गया है। वे पिछले तीन साल से क्षेत्र में झांकने तक नहीं आई है। पिछले साल तक उन्होंने गंभीर बीमारी का हवाला क्षेत्र से दूरी बना ली थी, लेकिन स्वस्थ होने के बाद से वे एक बार भी क्षेत्र की जनता के बीच नहीं पहुंची हैं। जनता से जुड़े सभी काम उनका स्टाफ एवं स्थानीय भाजपा नेता देख रहे हैं। विदेश मंत्री की संसदीय क्षेत्र से बढ़ती दूरी से इस बात के संकेत हैं, कि वे अगला लोकसभा चुनाव विदिशा से नहीं लड़ेंगी। उन्हें राज्यसभा भेजा जा सकता है या फिर वे किसी अन्य राज्य से चुनाव लड़ सकती है।
Disillusioned with Sushma Swaraj Vidisha, broke the resolution of coming in the area for two days a month
सुषमा स्वराज तीन साल पहले विदिशा प्रवास पर आईं थी। इसके बाद उन्हें किडनी की बीमारी से जूझना पड़ा। महीनों के उपचार के बाद जब उन्होंने स्वस्थ होकर विदेश मंत्रालय संभाला, उसके बाद से वे सिर्फ एक बार भोपाल आईं, लेकिन अपने संसदीय क्षेत्र में झांकने तक नहीं गई।

इस दौरान उन्होंने विदिशा संसदीस क्षेत्र के नेताओं को भोपाल स्थित अपने सरकारी आवास पर बुलाकर चर्चा की। साथ ही ग्रामीणों से भी यहीं मिलीं थीं। इसके बाद से सुषमा स्वराज भोपाल भी नहीं लौटी हैं। न ही उनकी मप्र भाजपा संगठन एवं सरकार के कार्यों में रुचि है। जबकि मप्र संगठन की ओर से सुषमा स्वराज को कई कार्यक्रमों में उपस्थित होने का आमंत्रण भेजा था।

यह संकल्प भी टूटा
सुषमा स्वराज 2009 से विदिशा से सांसद हैं। उन्होंने संकल्प लिया था कि वे महीने में 2 दिन क्षेत्र के प्रवास पर आएंगी और सभी विधानसभा क्षेत्रों में जाएंगे। लेकिन पिछले तीन साल से सुषमा ने यह संकल्प भी तोड़ दिया है। क्षेत्रीय जनता अपने सांसद की वाट जोह रही है।

भाजपा का गढ़ है विदिशा
विदिशा संसदीय सीट भाजपा का गढ़ रही है। 1967 में यहां जनसंघ ने जीत दर्ज की। सिर्फ 1980 से 1989 तक यहां से कांग्रेस के प्रताप भानू शर्मा सांसद बने। इसके बाद राघवी जी। 1991 में अटलजी यहां जीते। इसके बाद 1991 से 2006 तक शिवराज सिंह चौहान यहां से पांच बार सांसद रहे हैं। विदिशा को शिवराज का गढ़ माना जाता है। शिवराज ने मुख्यमंत्री बनने के बाद सीट छोड़ी, तब रामपाल सिंह सांसद बने। इसके बाद 2009 से सुषमा स्वराज सांसद हैं।

शिवराज की घेराबंदी में जुटे कमलनाथ
आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए प्रदेश कांग्रेस ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की घेराबंदी शुरू कर दी है। पीसीसी अध्यक्ष 2 सितंबर को विदिशा के गंजबासौदा में बड़ी सभा करने जा रहे हैं। जिसमें हजारों की भीड़ जुटने लाने की तैयारी है। इसके बाद पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी विदिशा आएंगे। पीसीसी सूत्रों ने बताया कि विदिशा में होने वाली सभा में कमलनाथ अपने गृह जिले छिंदवाड़ा और सीएम के गृह जिले विदिशा के विकास की तस्वीरे पेश करेंगे। साथ ही वे मुख्यमंत्री के विकास के दावों की पोल खालेंगे।

रुपए में जारी है गिरावट, 1 डालर हुआ 71 रुपए का, पहुंचा सबसे निचले स्तर पर

0

नई दिल्ली। डॉलर के मुकाबले रुपये में लगातार गिरावट जारी है। शुक्रवार को बाजार खुलते ही रुपया अब तक के सबसे निचले स्तर 71 रुपये प्रति डॉलर पर आ गया। हालांकि बाद में कुछ सुधार हुआ और कल के मुकाबले 17 पैसे की गिरावट के साथ यह 70.91 प्रति डॉलर हो गया।
The rupee continues to decline, at the lowest level reached $ 71 a dollar
महीने के अंत में बढ़ी डॉलर की मांग और अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों का असर रुपये पर पड़ रहा है। गुरुवार को रुपया 15 पैसे गिरकर 70.74 पर बंद हुआ था। 9.90 फीसदी की गिरावट के साथ रुपया एशिया में सबसे बुरा प्रदर्शन करने वाली करंसी है। अगस्त में रुपये में 3.30 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है।

बुधवार को इकनॉमिक अफेयर्स के सेक्रटरी सुभाष चंद्र गर्ग ने कहा था कि विदेशी निवेशकों की भारतीय बाजार में वापसी के साथ डॉलर के मुकाबले रुपया 68-70 के बीच रह सकता है। 2019 में रुपये में 10 फीसदी की गिरावट आई है और एशियाई मुद्राओं में यह सबसे बुरी स्थिति है। रुपये में गिरावट के चलते आयात, विदेश में शिक्षा और विदेश यात्रा महंगी हो गई है।

सबसे ज्यादा प्रभाव पेट्रोल और डीजल की कीमतों पर पड़ा है। भारत 80 फीसदी कच्चे तेल का आयात करता है। कच्चे तेल की कीमत बढ़ी है साथ ही रुपये में गिरावट की वजह से तेल कंपनियों को महंगाई का सामना करना पड़ रहा है। पिछले 15 दिनों में राजधानी दिल्ली में डीजल और पेट्रोल की कीमत में 1 रुपये का इजाफा हुआ है।

31-08-2018

0

राहुल की चीन के रास्ते कैलास मनसरोवर की यात्रा पर भाजपा ने उठाए सवाल, बताया चीन का प्रवक्ता

0

नई दिल्ली। बीजेपी ने शुक्रवार को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पर उनके चीन के बारे में दिए गए बयानों को लेकर जोरदार हमला बोला। बीजेपी ने राहुल को चीन का प्रवक्ता बताते हुए उनपर चीन का विज्ञापन करने तक का आरोप मढ़ डाले। राहुल के कैलास मानसरोवर यात्रा चीन के रास्ते करने पर सवाल उठाते हुए बीजेपी ने कहा आखिर उन्हें चीन से इतना प्यार क्यों है।
BJP raised questions about Gandhi’s visit to Kailash Mansarovar via China, told China spokesman
यहीं नहीं बीजेपी ने राहुल को ‘चाइनीज’ गांधी तक बता डाला। बीजेपी ने सवाल उठाते हुए कहा कि आखिर राहुल हर बात में भारत की तुलना चीन से क्यों करते हैं। हालांकि कांग्रेस ने इस पूरे मामले को नॉन इशू बताते हुए कहा है कि संबित पात्रा कौन होते हैं ये सब कहने वाले।

विडियो जारी कर राहुल पर बोला हमला
बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने कुछ विडियो जारी कर राहुल गांधी का चीन के बारे में दिए गए बयानों पर तंज कसा। उन्होंने कहा, ‘राहुल ने कहा था कि चीन हर रोज 50 हजार युवाओं को रोजगार देता है जबकि भारत एक दिन में 450 युवाओं को ही रोजगार दे पाता है। आखिर राहुल को यह जानकारी कहां से मिली। पीएम नरेंद्र मोदी ने भारत में नौकरी की स्थिति पर संसद में डेढ़ घंटे भाषण दिया लेकिन राहुल को पता नहीं चला पर चीन 50 हजार नौकरीदेता है उन्हें यह मालूम है। दरअसल, राहुल भारत के नजरिए को समझना ही नहीं चाहते हैं। वह चीन का विज्ञापन करने में लगे हैं।’

वाया नेपाल, चीन के रास्ते कैलास यात्रा पर उठाए सवाल
पात्रा ने कहा कि राहुल नेपाल के रास्ते कैलास यात्रा के लिए चीन गए हैं। उन्होंने कहा, ‘हम कांग्रेस से पूछना चाहते हैं कि राहुल चीन में किन-किन नेताओं से मिलेंगे। राहुल बताएं कि वह चीनी प्रवक्ता की तरह क्यों बर्ताव कर रहे हैं, भारत के नागरिक के तौर पर क्यों नहीं चर्चा करते हैं। राहुल जी आप चीन में किनसे-किसने मिलेंगे, क्या-क्या चर्चा करने वाले हैं। उम्मीद है कांग्रेस इसपर जवाब देगी।’