श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर की पूर्व सीएम और पीडीपी चीफ महबूबा मुफ्ती ने एक आपत्तिजनक बयान दिया है। महबूबा मुफ्ती ने कहा है कि आतंकी और फोर्स एक दूसरे के परिवार को प्रताड़ित कर रहे हैं। महबूबा मुफ्ती की तरफ से आतंकियों और सुरक्षाबलों को एक ही कतार में रख की गई इस तुलना पर बड़े राजनीतिक विवाद के भड़कने की आशंका है।
Mehbooba’s objectionable statement on the kidnapping of 7 people: From terrorists to comparison of security forces
आपको बता दें कि शुक्रवार को कश्मीर में आतंकी संगठनों ने पुलिसकर्मियों के परिवार पर निशाना साधा है। बीते दो दिनों के अंदर अज्ञात आतंकियों के समूह ने कश्मीर घाटी के अलग-अलग जिलों से 7 लोगों को अगवा किया है। महबूबा मुफ्ती का बयान इसी संदर्भ में सामने आया है। महबूबा ने शुक्रवार को एक ट्वीट में अपनी बात रखी है।
महबूबा ने लिखा, ‘आतंकी और फोर्स एक दूसरे के परिवारवालों को प्रताड़ित कर रही हैं। यह निंदनीय है और हमारी स्थिति के स्तर के और नीचे गिरने का प्रतीक है।’ महबूबा ने लिखा कि परिवारों को उस बाद के लिए पीड़ित नहीं होना चाहिए जिनपर उनका नहीं के बराबर नियंत्रण है। नैशनल कॉन्फ्रेंस के नेता और जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला ने भी इस घटना की निंदा की है।
उमर ने एक तरह से अलगाववादियों पर निशाना साधते हुए ट्वीट किया है। उन्होंने लिखा है कि लोगों के अपहरण घाटी की स्थिति के चिंताजनक होने का सबूत हैं। उमर ने कहा कि जो लोग सुरक्षाबलों के कथित कार्रवायों पर काफी शोर मचाते हैं, वे इन अपहरणों पर खामोश हैं। उधर, आर्टिकल 35अ के मुद्दे पर घाटी में तनाव बना हुआ है। अलगाववादियों के बंद के दौरान कुछ जगहों पर हिंसक झड़पों की भी खबर है।
हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने आर्टिकल 35अ की वैधता को चुनौती देने वाली याचिका पर अगले साल 19 जनवरी तक सुनवाई टाल दी है। केंद्र सरकार की तरफ से सुप्रीम कोर्ट से सुनवाई टालने मांग की गई थी। केंद्र ने सर्वोच्च अदालत को बताया था कि जम्मू कश्मीर में स्थानीय निकाय चुनाव होने हैं। ऐसे में सुरक्षाबल चुनाव की व्यवस्था में लगे हुए हैं।