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7 लोगों के अपहरण पर मेहबूबा का आपत्तिनक बयान: सुरक्षाबलों की तुलना की आतंकियों से

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श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर की पूर्व सीएम और पीडीपी चीफ महबूबा मुफ्ती ने एक आपत्तिजनक बयान दिया है। महबूबा मुफ्ती ने कहा है कि आतंकी और फोर्स एक दूसरे के परिवार को प्रताड़ित कर रहे हैं। महबूबा मुफ्ती की तरफ से आतंकियों और सुरक्षाबलों को एक ही कतार में रख की गई इस तुलना पर बड़े राजनीतिक विवाद के भड़कने की आशंका है।
Mehbooba’s objectionable statement on the kidnapping of 7 people: From terrorists to comparison of security forces
आपको बता दें कि शुक्रवार को कश्मीर में आतंकी संगठनों ने पुलिसकर्मियों के परिवार पर निशाना साधा है। बीते दो दिनों के अंदर अज्ञात आतंकियों के समूह ने कश्मीर घाटी के अलग-अलग जिलों से 7 लोगों को अगवा किया है। महबूबा मुफ्ती का बयान इसी संदर्भ में सामने आया है। महबूबा ने शुक्रवार को एक ट्वीट में अपनी बात रखी है।

महबूबा ने लिखा, ‘आतंकी और फोर्स एक दूसरे के परिवारवालों को प्रताड़ित कर रही हैं। यह निंदनीय है और हमारी स्थिति के स्तर के और नीचे गिरने का प्रतीक है।’ महबूबा ने लिखा कि परिवारों को उस बाद के लिए पीड़ित नहीं होना चाहिए जिनपर उनका नहीं के बराबर नियंत्रण है। नैशनल कॉन्फ्रेंस के नेता और जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला ने भी इस घटना की निंदा की है।

उमर ने एक तरह से अलगाववादियों पर निशाना साधते हुए ट्वीट किया है। उन्होंने लिखा है कि लोगों के अपहरण घाटी की स्थिति के चिंताजनक होने का सबूत हैं। उमर ने कहा कि जो लोग सुरक्षाबलों के कथित कार्रवायों पर काफी शोर मचाते हैं, वे इन अपहरणों पर खामोश हैं। उधर, आर्टिकल 35अ के मुद्दे पर घाटी में तनाव बना हुआ है। अलगाववादियों के बंद के दौरान कुछ जगहों पर हिंसक झड़पों की भी खबर है।

हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने आर्टिकल 35अ की वैधता को चुनौती देने वाली याचिका पर अगले साल 19 जनवरी तक सुनवाई टाल दी है। केंद्र सरकार की तरफ से सुप्रीम कोर्ट से सुनवाई टालने मांग की गई थी। केंद्र ने सर्वोच्च अदालत को बताया था कि जम्मू कश्मीर में स्थानीय निकाय चुनाव होने हैं। ऐसे में सुरक्षाबल चुनाव की व्यवस्था में लगे हुए हैं।

‘नेता ऐप’ पर आॅनलाईन मतदान में, मध्यप्रदेश में भाजपा-कांग्रेस में कांटे का मुकाबला

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भोपाल। देश के पूर्व राष्ट्रपति प्रवण मुखर्जी द्वारा लोकार्पित किए गए देश के पहले आॅनलाईन ‘नेता ऐपझ् पर देशभर में जमकर मतदान चल रहा है। लोग अपनी-अपनी पसंद के उम्मीदवारों को लोकसभा और विधानसभा में मतदान कर रहे हैं। लगभग 1 करोड़ लोग मतदान कर चुके हैं। खास बात यह है कि इस मतदान का परिणाम भी आॅनलाईन दिखाई दे रहा है। यदि ऐप पर भरोसा किया जाए तो अगले नव बर में होने वाले मप्र विधानसभा के चुनाव में कांग्रेस-भाजपा में कांटे का मुकाबला है।
In the online voting on ‘Leader App’, in the BJP-Congress, the fork is fought in Madhya Pradesh
मप्र की सभी 230 विधानसभा सीटों पर लोग अपनी पसंद की पार्टी और प्रत्याशियों के पक्ष में अपनी राय व्यक्त कर रहे हैं। विधानसभा के हर सीट का परिणाम ऐप पर देखा जा सकता है। अभी तक हुए मतदान में भारतीय जनता पार्टी को 43.65 वोटों के साथ 117 सीटें मिल रही हैं। जबकि कांग्रेस बहुत ही मामूली अंतर से पीछे है। कांग्रेस को 43.04 वोट के साथ 105 सीटें मिल रही है।

मप्र के तीसरे दल बहुजन समाज पार्टी को 9.39 वोटों के साथ 8 सीटें मिल रही हैं। ऐप पर भरोसा किया जाए तो इन तीन दलों के अलावा मप्र में कोई अन्य दल अपना खाता खोलता नहीं दिख रहा है और न ही मप्र में अभी तक कोई ऐसा निर्दलीय उ मीदवार है जो जीतता दिख रहा हो।

लोकसभा का परिणाम
नेता ऐप के अनुसार मप्र की 29 लोकसभा सीटों पर भाजपा को बड़ा नुकसान दिख रहा है। पिछले लोकसभा चुनाव में 29 में से 27 पर भाजपा जीती थीं, जबकि गुना और छिंदवाड़ा सीट पर कांग्रेस के ज्योतिरादित्य सिंधिया और कमलनाथ चुनाव जीते थे। ऐप के अनुसार आज के परिणाम चौंकाने वाले है। भाजपा को कुल 20 सीटें, कांग्रेस को 8 और बहुजन समाज पार्टी के पक्ष में एक सीट दिखाई दे रही है।

आॅनलाईन मतदान में मप्र की जिन 8 सीटों पर कांग्रेस की जीत दिखाई दे रही है उनमें ग्वालियर, गुना, सागर, सतना, रतलाम, उज्जैन, छिंदवाड़ा और धार शामिल है। जबकि बहुजन समाज पार्टी को रीवा में बढ़त मिल रही है। प्रदेश की शेष 20 सीटें भाजपा की झोली में जाती दिखाई दे रही है।

आर्टिकल 35ए पर सुप्रीम कोर्ट ने अगले साल जनवरी के लिए सुनवाई टाली

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नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर को विशेषाधिकार देने वाले आर्टिकल 35ए पर सुनवाई अगले साल जनवरी तक स्थगित कर दी है। चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली 3 सदस्यीय बेंच ने सुनवाई स्थगित करने का फैसला किया है। याचिकाकर्ता अश्विनी उपाध्याय ने इस अनुच्छेद की वैधानिकता को सर्वोच्च अदालत में चुनौती दी थी। अब इस मामले की अगली सुनवाई 19 जनवरी 2019 को होगी।
Supreme Court overturns hearing for January next year on Article 35A
जम्मू-कश्मीर सरकार ने आगामी निकाय चुनावों (शहरी निकाय और पंचायत चुनाव) को देखते हुए इसपर सुनवाई स्थगित करने की मांग की थी। केंद्र सरकार की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में पेश हुए एजी केके वेणुगोपाल ने मांग की थी कि सारी सुरक्षा एजेंसियां राज्य में स्थानीय चुनावों की तैयारियों में जुटी हुई हैं। आर्टिकल 35ए के मुद्दे को लेकर जम्मू-कश्मीर का माहौल भी गरमाया हुआ था। अलगाववादियों ने गुरुवार को कश्मीर घाटी में बंद का आह्वान कर रखा था। जम्मू कश्मीर में नैशनल कॉन्फ्रेंस और पीडीपी जैसी मुख्य पार्टियां भी सुनवाई का विरोध कर रही थीं।

आर्टिकल 35-ए को वर्ष 1954 राष्ट्रपति आदेश के जरिए संविधान में जोड़ा गया था। अनुच्छेद 35-ए जम्मू कश्मीर के स्थायी निवासियों को विशेष अधिकार देता है और राज्य से बाहर के किसी व्यक्ति से शादी करने वाली महिला से संपत्ति का अधिकार छीनता है। साथ ही, कोई बाहरी शख्स राज्य सरकार की योजनाओं का फायदा भी नहीं उठा सकता है और न ही वहां सरकारी नौकरी पा सकता है। 6 अगस्त को हुई सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने याचिकाकर्ता से पूछा था कि क्या ये मामला संविधान पीठ में जाना चाहिए या नहीं, उन्होंने कहा कि हमें ये तय करना होगा कि क्या ये मामला 5 जजों की बेंच के पास भेजें या नहीं।

महिलाओं के अधिकार की लड़ाई
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में संविधान के उन प्रावधानों को चुनौती दी गई है जो जम्मू-कश्मीर के बाहर के व्यक्ति से शादी करने वाली महिला को संपत्ति के अधिकार से वंचित करता है। इस तरह महिला को संपत्ति के अधिकार से वंचित करने वाला प्रावधान उसके बेटे पर भी लागू होता है। वकील बिमल रॉय के जरिए दायर की गई याचिका में याचिकाकर्ता ने कहा है कि अगर कोई महिला जम्मू-कश्मीर के बाहर के व्यक्ति से शादी करती है तो वह संपत्ति के अधिकार के साथ ही राज्य में रोजगार के अवसरों से भी वंचित हो जाती है।

जम्मू-कश्मीर के अस्थायी निवासी प्रमाणपत्र धारक लोकसभा चुनाव में तो मतदान कर सकते हैं, लेकिन वे राज्य के स्थानीय चुनावों में मतदान नहीं कर सकते। दिल्ली स्थित एक गैर सरकारी संगठन ‘वी द सिटीजन्स’ ने भी संविधान के अनुच्छेद 35ए को चुनौती दे रखी है, जिसे मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली पीठ ने वृहद पीठ के पास भेज दिया था।

मुनि तरूण सागर की बीमारी की खबर उनके गुरू से क्यों छुपाई

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नई दिल्ली। क्रांतिकारी जैन संत मुनि तरूण सागर जी महाराज की गंभीर बीमारी और उन्हें अस्पताल में भर्ती करने की जानकारी उनके गुरू आचार्य पुष्पदंत सागर महाराज से छुपाई गई। इस मुद्दे पर आचार्य पुष्पदंत सागर ने अपनी नाराजगी व्यक्त करते हुए दिल्ली जैन समाज को फटकार भी लगाई है। गुरू के आदेश पर ही मुनि तरूण सागर को अस्पताल से मंदिर लाया गया और उनकी संल्लेखना शुरू कराई गई।
Why the news of Muni Tarun Sagar’s illness was hidden from his master
दिग बर दीक्षा लेने के बाद कोई भी साधु किसी अस्पताल में उपचार नहीं करा सकता। बीमारी की अवस्था में शा ों के अनुसार ही उसका उपचार किया जाता है और यदि बीमारी असाध्य हो तो संल्लेखना पूर्वक साधु अपने प्राणों का त्याग कर देता है। मुनि तरूण सागर के मामले में दिल्ली जैन समाज ने यह प्रक्रिया नहीं अपनाई। उनके अस्वस्थ होने की जानकारी समाज को तत्काल उनके गुरू को देना चाहिए थी और गुरू के निर्देश के अनुसार उनका उपचार किया जाना था।

लेकिन उन्हें दिल्ली के मैक्स अस्पताल में भर्ती कर दिया गया। गुरुवार को मुनि तरुण सागर के अस्पताल के कुछ फोटो वाट्सऐप के माध्यम से चैन्नई में चातुर्मास कर रहे इनके गुरू के पास पहुंचे तो उन्होंने अपने शिष्य के बारे में पूरी जानकारी जुटाई। आचार्यश्री ने तत्काल एक वीडियो जारी किया और इस बात पर अपनी नाराजगी जताई कि उनके शिष्य की बीमारी की जानकारी उन्हें क्यों नहीं दी गई। इस वीडियो के बाद दिल्ली में चातुर्मास कर रहे सभी जैन संत सक्रिय हुए और अस्पताल से तरुण सागरजी को वापस राधेपुरी जैन मंदिर लाया गया।

क्या है संल्लेखना
जैन संत की साधना में यदि शरीर साथ नहीं देता तो संल्लेखना पूर्वक शरीर का त्याग किया जाता है। यह विधि गुरु आज्ञा पर जैन संतों के सानिध्य में कराई जाती है। इसमें धीरे-धीरे आहार जल का त्याग कराया जाता है और संल्लेखना धारण करने वाले को मंत्रोच्चारण और संबोधन दिए जाते हैं ताकि वह होश पूर्वक और ईश्वर का ध्यान करते हुए शरीर को त्याग सके।

श्रावकों को दिए दर्शन
आज सुबह मुनि तरूण सागर महाराज के दर्शन करने और उनका हाल जानने दिल्ली में राधेपुरी जैन मंदिर के बाहर भक्तों का तांता लग गया। ऐसी स्थिति में मुनि तरूण सागर जी महाराज को सहारा देकर मंदिर की छत पर लाया गया जहां से उन्होंने अपने भक्तों को दर्शन दिए और हाथ उठाकर आशीर्वाद दिया।

बुंदेलखंड में सीएम ने पूर्व मुख्यमंत्रियों के काम को सराहा, कहा- उमा, गौर और मैंने प्रदेश की किस्मत बदल दी

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भोपाल। अभी तक मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सार्वजनिक तौर पर पूर्व मुख्यमंत्री के कार्यों की सराहना करने से परहजे करते आए हैं, लेकिन जनआशीर्वाद यात्रा के दौरान मुख्यमंत्री ने बुंदेलखंड में उमा भारती और बाबूलाल गौर के कार्यकाल की जमकर सराहना की है। उन्होंने कहा कि उमा, गौर और मेरे कार्यकाल में ऐसी विकास योजनाएं तैयार की गईं, जिससे प्रदेश की तस्वीर बदल गई।
In Bundelkhand, CM praised the work of former Chief Ministers, said- Uma, Gaur and I changed the fate of the state
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2003 में प्रदेश को बर्बाद करने पर उतारू दिग्विजय सिंह की सरकार को हटाने में उमाश्री भारती ने बड़ी भूमिका निभाई थी। उमाश्री भारती, पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर हम तीनों ने मिलकर प्रदेश की किस्मत बदलने का काम किया है। दिग्विजय सिंह सरकार में थे, तब कहा जाता था जब तक रहेगा दिग्गी जलती रहेगी डिब्बी।

अर्थात बिजली का नामो निशान नहीं बचा था। उन्होंने कहा कि खरगापुर के किसानों के लिए बांध बनाया जा रहा है। केन बेतवा लिंक परियोजना का काम जल्द पूरा कराया जाएगा। इसका सबसे ज्यादा लाभ खरगापुर के किसानों को मिलेगा। उन्होंने कहा कि बांध में 30 गांव पानी से छूट रहे हैं, दोबारा सर्वे कराया जाएगा और छूटे हुए गांव में पानी पहुंचाने का काम किया जायेगा।

भाजपा को जिताओ कॉलेज खोल देंगे
मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले चुनाव में आप लोगों ने कांग्रेस उ मीदवार को जीत दिलाई थी। इसके बाद भी हमने विकास में कोई कसर नहीं छोड़ी। उन्होंने कहा कि नए शैक्षिक सत्र से खरगापुर में डिग्री कॉलेज शुरू करा दिया जाएगा। 2018 के चुनाव में भाजपा को जिताओ, यही आशीर्वाद लेने मैं आपके पास आया हूं।

सागर में भीड़ कम, सीएम खफा
बुधवार को मुख्यमंत्री की जनआशीर्वाद यात्रा सागर में थी। इस दौरान लोगों की भीड़ अपेक्षाकृत कम थी, जिससे मुख्यमंत्री बेहद खफा थे। भाजपा सूत्रों ने बताया कि जनआशीर्वाद यात्रा में भीड़ कम होने पर यात्रा के संयोजक प्रभात झा ने स्थानीय विधायक शैलेन्द्र जैन को सर्किट हाउस में बुलाकर स्पष्टीकरण मांगा। जिस पर विधायक जैन की ओर से सफाई दी गई कि बारिश होने की वजह से भीड़ कम थी। उल्लेखनीय है कि सागर बुंदेलखंड क्षेत्र की राजनीतिक का केंद्र है। पंचायत मंत्री गोपाल भार्गव, गृह मंत्री भूपेन्द्र सिंह भी इसी जिले से आते हैं।

2018 रहा धोनी के लकी, तीन साल के लिए 15 करोड़ रुपए की एंडोर्समेंट डील की साईन

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नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व और चेन्नै सुपर किंग्स के मौजूदा कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के लिए 2018 का साल इससे बेहतर नहीं हो सकता था। चेन्नै को एक बार फिर से आईपीएल चैंपियन बनाने के बाद धोनी ने अब जर्मनी की सायबर सिक्यॉरिटी कंपनी वार्डविज के साथ अगले 3 सालों के लिए 15 करोड़ रुपये की एंडोर्समेंट डील साइन की है।
2018 Dhoni’s lucky, signing up endorsement deal of Rs 15 crore for three years
इससे पहले धोनी ने पुणे की एक डेकोरेटिव पेंट कंपनी इंडिगो पेंट्स के साथ भी 3 साल की एक ऐसी ही डील साइन की थी। हालांकि, उससे जुड़ी रकम का अभी तक खुलासा नहीं किया गया है। उन्होंने स्पोर्ट्स टेक्नॉलजी स्टार्टअप रन एडम का मेंटर और ब्रैंड एंबेसडर बनने के लिए कंपनी में 25% हिस्सेदारी भी ली है।

वार्डविज के साथ डील साइन करने के बाद धोनी ने कहा, ‘मैं कंपनी के साथ जुड़कर काफी एक्साइटेड हूं। यह फर्म हमेशा पर्सनल कंप्यूटर और मोबाइल सिस्टम्स के कंप्लीट सिक्यॉरिटी के लिए वन-स्टॉप शॉप के रूप में जानी जाती रही है।’ धोनी ने कहा, ‘मैं अपने आइडिया पर भी उसके साथ मिलकर काम कर रहा हूं।’ पीसी और मोबाइल दोनों के लिए सिक्यॉरिटी सलुशन प्रॉडक्ट्स बनाने वाली वार्डविज भारत में पोर्टफोलियो को बढ़ाने की तैयारी कर रही है।

वार्डविज ब्रैंड के साथ जुड़ने पर धोनी का स्वागत करते हुए कंपनी के इंडियन बिजनस के सीईओ अभिजीत खोटे ने कहा कि धोनी भी अपने लक्ष्य हासिल करने के उतने ही उतावले रहते हैं, जितनी कंपनी। वह कंपनी के विजन का सही तरीके से प्रतिनिधित्व करते हैं। उन्होंने कहा, ‘धोनी के साथ हमारी कंपनी को मेल सटीक है क्योंकि हम दोनों के बीच काफी कुछ कॉमन है।’ उन्होंने बताया, ‘हमें विश्वास है कि हमने धोनी को साथ जोड़कर एक सफर की शुरूआत की है। इस सफर में आगे जो भी आनेवाला है, उसे लेकर हम और भी ज्यादा उत्साहित हैं।’

भारत को मुश्किल में डाल सकता है चीन, जल्द ही ब्रह्मपुत्र नदी में छोड़ सकता है पानी, भीषण बाढ़ का खतरा

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नई दिल्ली/इटानगर। सीमा और सैन्य लेवल पर भारत की चिंताएं बढ़ाने वाला चीन अब पानी के जरिए देश को मुश्किल में ला सकता है। चीन ने एक अलर्ट जारी करते हुए कहा है कि उनके देश में काफी बारिश हो रही है, इसलिए वह जल्द ही ब्रह्मपुत्र नदी में पानी छोड़ सकता है। चीन की इस चेतावनी को देखते हुए असम में डिब्रूगढ़ के अफसरों को जिला मुख्यालय न छोड़ने की हिदायत दी है।
China could put India in Mashalya, soon water could leave in Brahmaputra river, threat of severe floods
अफसरों को कहा गया है कि चीन द्वारा पानी छोड़े जाने पर ब्रह्मपुत्र नदी का जलस्तर बढ़ सकता है जिससे भीषण बाढ़ आ सकती है। अरुणाचल प्रदेश के सांसद निनोंग एरिंग ने भी इस बात की पुष्टि की है कि चीन ने सियांग/ब्रह्मपुत्र नदी चीन के इस अलर्ट के बाद केंद्र सरकार ने अरुणाचल प्रदेश को भी सचेत कर दिया है।

ब्रह्मपुत्र नदी चीन की ओर से होती हुई आती है, चीन में इसे सांग्पो के नाम से जाना जाता है। दावा किया जा रहा है कि नदी में पानी का लेवल 50 साल के सबसे ज्यादा स्तर पर है। यही कारण है कि चीन ब्रह्मपुत्र में पानी छोड़ सकता है। अलर्ट के बाद ब्रह्मपुत्र नदी के आसपास के क्षेत्रों को अलर्ट पर रहने को कहा गया है।

गौरतलब है कि हाल ही में भारत के जल संसाधन, नदी विकास और गंगा पुनर्जीवन मंत्रालय और चीन के जल संसाधन मंत्रालय के बीच हुए समझौते के तहत यह तय हुआ था कि चीन हर साल बाढ़ के मौसम यानी 15 मई से 15 अक्तूबर के बीच ब्रह्मपुत्र नदी में जल-प्रवाह से जुड़ी सूचनाएं भारत को देगा।

बता दें कि चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दूसरी मुलाकात के दौरान चीन ब्रह्मपुत्र नदी के प्रवाह के स्तर से जुड़ी सूचनाएं साझा करने के लिए तैयार हो गया था। पिछले साल डोकलाम विवाद के चलते चीन ने भारत के साथ ब्रह्मपुत्र के प्रवाह से जुड़े आंकड़े साझा करने बंद कर दिए थे। बाढ़ के मौसम में ब्रह्मपुत्र में जल-प्रवाह के स्तर से जुड़ी सूचनाओं के आदान-प्रदान के इस करार को काफी महत्वपूर्ण माना गया था।

भारत और चीन रिश्ते मजबूत करने फिर आए आगे, हॉटलानइ के जरिए सुधारेंगे आपसी संबंध

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नई दिल्ली। भारत और चीन अपने 12 साल पुराने रक्षा समझौते को लेकर एक बार फिर बात करने आगे आए हैं। दोनों देश अपने रक्षा मंत्रालयों के बीच एक हॉटलाइन तैयार करने के लिए आपसी संबंधों को मजबूत करने के लिए काम करेंगे। माना जा रहा है कि इसमें डोकलाम मुद्दे को लेकर भी एक पक्ष सामने आएगा। आइये समझते हैं कि यह कार्रवाई दोनों देशों के संबंधों को किस तरह बेहतर कर सकती है और यह दोनों के मुद्दों पर किस तरह असर डालेगा।
India and China will come forward to strengthen relations, will improve with the help of Italian relations
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ नई दिल्ली में चीन के रक्षामंत्री जनरल वेई फेंग की मुलाकात के बाद में इस विषय पर चर्चा हुई और दोनों देशों ने इसे लेकर सहमति जताई है। चीन के रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता कर्नल वू कियान ने बताया कि बीते सप्ताह हुई इस बैठक में कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर चर्चा हुई और चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग तक यह बात पहुंचाई गई है कि इसका क्रियान्वयन कैसे किया जाए। सामान्य भाषा में समझें तो इस हॉटलाइन को लागू करने के लिए दोनों देशों के सफल व्यापारिक संबंधों की तर्ज पर ही रक्षा संबंध भी स्थापित होंगे।

बता दें, पीएम मोदी और शी चिनफिंग की अप्रैल में वुआन में हुई अनौपचारिक मुलाकात में इस विषय पर चर्चा हुई थी। भारत-चीन संबंधों को लेकर उस समय हुई चर्चा में एक महत्वपूर्ण विषय रक्षा समझौते से जुड़ा भी था। दोनों देशों के बीच डोकलाम मुद्दे का निपटारा भी इस अजेंडे में शामिल है। चीन की ओर से भी इसे लेकर कहा गया है कि एशिया की दो ताकतें साथ आकर काम करें तो बेहतर संबंध स्थापित हो सकते हैं। डोकलाम मुद्दा हल होने के साथ ही एशिया की दो बड़ी ताकतों के एकसाथ आने से संयुक्त राष्ट्र में दोनों ही देशों का रुतबा बढ़ेगा।

भारत-पाक संबंधों पर पडेगा असर
भारत और चीन के बीच बेहतर बातचीत का असर पाकिस्तान और भारत संबंधों पर भी पड़ना भी तय है। चीन पहले ही पाकिस्तान के साथ सीपीईसी प्रॉजेक्ट पर काम कर रहा है। चीन ने बीते दिनों कहा है कि वह भारत और पाकिस्तान के संबंधों में तनाव को दूर करने के लिए अहम भूमिका निभाने को तैयार है। चीन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके पाकिस्तानी समकक्ष इमरान खान के द्विपक्षीय रिश्तों को सुधारने संबंधी बयानों की सराहना भी की थी। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लु कांग ने कहा है कि क्षेत्रीय शांति, स्थिरता और समृद्धि के लिए भारत और पाकिस्तान के संबंधों में सुधार और विकास जरूरी है।

डोकलाम पर निकल सकता है हल
भारतीय सेना और चीन की पीपल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के बीच विश्वास आधारित संबंधों को तैयार करने और सीमा पर सुरक्षा बलों के बीच तनाव को लेकर द्विपक्षीय वातार्लाप बढ़ाने को लेकर इस समझौते पर बात होनी है। भूटान के पास डोकलाम में चीन की सेना की बढ़ती गतिविधि के चलते पहले भी दोनों देशों के बीच तनाव की स्थिति पैदा हुई थी। अब इस पहल को डोकलाम मुद्दे के लिए भी सकारात्मक तौर पर देखा जा सकता है। फिलहाल सीमा पर डोकलाम ही सबसे ज्यादा विवादित क्षेत्र है, बाकी सीमा पर गश्त के दौरान भी परस्पर बातचीत से संबंध बेहतर होंगे।

2006 में हुआ था पिछला समझौता
माना जा रहा है, दोनों देशों के रक्षा मंत्रालयों के बीच परस्पर बातचीत बढ़ने से डोकलाम मुद्दे का भी हल निकल सकता है। चीनी रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता के वू के मुताबिक भारत व चीन के रक्षा मंत्रालय इस एमओयू पर साइन करने पर विमर्श कर रहे हैं। वू ने कहा, ‘2006 में भारत और चीन ने डिफेंस एक्सचेंज और सहयोग से जुड़ा एमओयू साइन किया था। भारत की ओर से इससे जुड़ा एक और एमओयू साइन करने का रुख दिखा है और चीन भी इसे लेकर सकारात्मक है।’ अब दोनों की देशों से हुई पहल का एक पहलू रक्षा तकनीकों के बेहतर होने और साझाकरण की ओर भी अगला कदम भी हो सकता है।

एकजुटता दिखाने की हरसंभव कोशिश कर रहा विपक्ष, करुणानिधि के शोकसभा में भी मोदी पर हमला

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चेन्नै। 2019 लोकसभा चुनावों के मद्देनजर विपक्ष बीजेपी समेत नरेंद्र मोदी पर हमला करने के साथ ही विभिन्न मंचों से एकजुटता दिखाने की हरसंभव कोशिश कर रहा है। चेन्नै में आयोजित डीएमके नेता एम करुणानिधि की शोकसभा में भी ऐसी ही तस्वीर सामने आई। 7 अगस्त को एम करुणानिधि के निधन के बाद शोकसभा का आयोजन किया गया था लेकिन विपक्ष ने इस मंच का इस्तेमाल किया बीजेपी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधने के लिए। दिग्गज नेताओं ने पीएम मोदी को करुणानिधि की शोकसभा में हिटलर, मुसोलिनी और फासीवादी तक कह डाला।
Opposition trying to show solidarity, attacks Modi in Karunanidhi’s funeral
शोकसभा में कई नेताओं ने बीजेपी को 2019 में शिकस्त देने के लिए एकजुट होने की बात को दोहराया। शोकसभा में बीजेपी की ओर से केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी मौजूद थे। उन्होंने आपातकाल के वक्त को याद दिलाते हुए कहा कि डीएमके का गठबंधन उस समय जनसंघ के साथ था। आयोजन से नितिन गडकरी के जाते ही बीजेपी पर विपक्षी नेताओं की ओर से हमले तेज हो गए।

गुलाम नबी आजाद ने की एकजुट होने की अपील
कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा, ‘गडकरी ने कहा कि आपातकाल बुरा था। करुणानिधि प्रजातंत्रवादी थे और वह इसके खिलाफ थे। लेकिन यदि आपातकाल बुरा था तो वर्तमान स्थिति तो बहुत बदतर है इसलिए हम सभी को एक होना चाहिए। अपने पिता की तरह, डीएमके अध्यक्ष स्टालिन को भी अत्याचार के खिलाफ लड़ने के लिए खड़े होना चाहिए।’

दलित ऐक्टिविस्ट की गिरफ्तारी पर बोले सीताराम येचुरी
टीडीपी की ओर से राज्यसभा सांसद वाई एस चौधरी ने बीजेपी से गठबंधन तोड़े जाने की बात को याद दिलाया। यही नहीं, सीपीएम के महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा, ‘गडकरी मंच पर मौजूद थे मैं उनसे जानना चाहता हूं कि देश में क्या हो रहा है। हाल ही में दलित कार्यकतार्ओं को गिरफ्तार कर लिया गया।’

पाक पीएम ने किया सेना मुख्यालय का दौरा, टॉप अफसरों के साथ की 8 घंटे की बैठक, ली सुरक्षा हालातों की जानकारी

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रावलपिंडी। पाकिस्तान के नए प्रधानमंत्री इमरान खान ने गुरुवार को पाक फौज के मुख्यालय का दौरा कर सुरक्षा हालात की जानकारी ली। यहां उन्होंने कहा कि पाकिस्तान बाहरी और आंतरिक दोनों चुनौतियों का सामना कर रहा है। इमरान ने देश के लिए सहयोग करने का भी आह्वान किया। खास बात यह है कि सेना के टॉप अफसरों के साथ इमरान की बैठक 8 घंटे तक चली।
Pak PM visits Army headquarters, 8 hours meeting with top officials, information on Li Safety status
इस दौरान पाक आर्मी चीफ जनरल बाजवा ने उन्हें आश्वासन दिया है कि सेना किसी दूसरे सरकारी संस्थान की तरह ही काम करेगी और किसी तरह से नागरिक मामले में दखल नहीं देगी। इससे पहले जनरल हेडक्वॉर्टर पर चीफ आॅफ आर्मी स्टाफ जनरल कमर जावेद बाजवा ने खान की अगवानी की और उन्हें गार्ड आॅफ आॅनर दिया गया। पाक पीएम ने यहां शहीदों को श्रद्धांजलि भी दी।

पाक आर्मी की मिडिया विंग, इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस ने ट्वीट किया, ‘प्रधानमंत्री को डिफेंस, आंतरिक सुरक्षा और दूसरे महत्वपूर्ण मामलों के बारे में अवगत कराया गया। पीएम के साथ रक्षा, विदेश, वित्त और सूचना मंत्री भी मौजूद थे।’ सूचना मंत्री फवाद चौधरी ने ट्वीट किया, ‘आज जीएचक्यू का दौरा शानदार रहा। अपनी बेस्ट आर्मी की कमांड से मुलाकात कर पीएम और कैबिनेट के सदस्यों को गर्व है। सभी संस्थानों के बीच करीबी समन्वय और सहयोग से हम पाकिस्तान के सामने आ रही सभी चुनौतियों का सामना कर सकेंगे।’

उङ्मअर ने जोर देकर कहा है कि सेना किसी दूसरे सरकारी संस्थान की तरह ही अपना काम करेगी। उन्होंने कहा, ‘ऐसी धारणा बन गई है कि सेना नागरिक मामलों में दखल देती है लेकिन मैं आश्वस्त करना चाहता हूं कि सेना दूसरे संस्थानों की तरह काम करेगी।’ बाजवा ने ॠऌद आने के लिए और देश के सशस्त्र बलों में उनके भरोसे के लिए खान को शुक्रिया कहा।

पाक आर्मी चीफ ने प्रधानमंत्री को आश्वस्त किया कि सेना देश की उम्मीदों पर खरी उतरते हुए हर हाल में मातृभूमि की सुरक्षा करती रहेगी। उधर, खान ने भी जनरल बाजवा को सशस्त्र बलों की क्षमता को बरकरार रखने के लिए हर संसाधन उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया है।