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सुरखी में बोले सीएम शिवराज: कहा- हमने बदहाल प्रदेश को खुशहाल बनाया है

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भोपाल। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि गरीबी हटाने के हमने केवल नारे नहीं दिये, बल्कि गरीबों की जिन्दगी में खुशहाली लाने के ठोस इन्तजाम किये हैं। विकास के साथ जनता की जिन्दगी बदलने का अभियान शुरू किया है। मुख्यमंत्री श्री चौहान बुधवार को सागर जिले के सुरखी में जेरा मध्यम सिंचाई परियोजना सहित 300 करोड़ रुपए के विकास कार्यों के भूमि-पूजन अवसर पर बोल रहे थे। इस मौके पर उन्होंने सुरखी को नगर पंचायत बनाने एवं सुरखी में आईटीआई खोलने की घोषणा की।
CM Shivraj said in secret: We have made a bad state happy.
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि हमें डेढ़ दशक पहले बदहाल एवं बर्बाद प्रदेश मिला था, जिसमें न सड़कें थी, न सिंचाई के साधन थे, न बिजली थी, शिक्षा व्यवस्था चौपट थी, बच्चों का भविष्य अंधकार में था और लोगों की जिन्दगी में अंधेरा छाया हुआ था। हमने बदहाल प्रदेश को खुशहाल बनाया है। उन्होंने प्रदेश में संचालित जनकल्याणकारी योजनाओं की जानकारी देते हुए लोगों से आग्रह किया कि योजनाओं का लाभ लेने के लिये आगे आयें।

उन्होंने बताया कि समाज के कमजोर वर्ग को मूलभूत सुविधाऐं उपलब्ध कराने के लिये संबल योजना आंरभ की गयी है। गरीब परिवारों के भारी भरकम बिजली के बिल माफ कर उन्हे मात्र दो सौ रुपए प्रतिमाह के मान से बिजली देने का निर्णय लिया गया है। श्री चौहान ने इस मौके पर प्रदेश की तरक्की के लिये अपनी प्रतिबद्धता दोहराई।

इस दौरान श्री चौहान ने कहा कि किसानों को जितना पैसा इस सरकार ने दिया है उतना उन्हें कभी नहीं मिला। हमने किसानों को उनके पसीने की पूरी कीमत देने की व्यवस्था की है। इन सिंचाई परियोजनाओं से बुंदेलखण्ड की खेती-किसानी की तस्वीर बदल जायेगी। उन्होंने 171 करोड़ रुपए के जेरा मध्यम सिंचाई परियोजना का भूमि-पूजन किया इससे लगभग 50 हजार एकड़ भूमि की सिंचाई होगी। साथ ही उन्होंने 13.86 करोड़ रुपए की कालीपठार सिंचाई परियोजना एवं 12.75 करोड़ रुपए की पड़रियाकलॉ बांध का भूमि-पूजन किया। कार्यक्रम में क्षेत्रीय विधायक श्रीमती पारूल साहू ने स्वागत भाषण दिया।

इस अवसर पर वन मंत्री श्री गौरीशंकर शेजवार, गृह एवं परिवहन मंत्री श्री भूपेन्द्र सिंह, राज्यसभा सांसद श्री प्रभात झा, सागर सांसद श्री लक्ष्मीनारायण यादव, दमोह सांसद श्री प्रहलाद पटेल, बण्डा विधायक श्री हरवंश सिंह राठौर, श्री नारायण प्रसाद कबीरपंथी, राज्य महिला आयोग अध्यक्ष श्रीमती लता वानखेड़े सहित अन्य जन-प्रतिनिधि उपस्थित थे।

रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर को कर्ज से उबारने अनिल अंबानी बेचेंगे मुंबई बिजली का कारोबार

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मुंबई। रिलायंस ग्रुप के चेयरमैन अनिल अंबानी ने बुधवार को कहा कि अगले साल तक रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर कर्जमुक्त हो जाएगी। कंपनी के बोर्ड ने अपने मुंबई बिजली कारोबार को अडाणी समूह को 18,800 करोड़ में बेचने का फैसला किया है। मीडिया से बात करते हुए अनिल अंबानी ने कहा कि कुछ वर्षों में डिफेंस ही उनका मुख्य कारोबार होगा।
Anil Ambani to sell Reliance Infrastructure loan from debt
रिलायंस इन्फ्रा के कहा कि नियामक संस्थाओं से मंजूरी मिल गई है। कंपनी का कहना है कि शेयरधारकों, महाराष्ट्र बिजली नियामक आयोग और सीसीआई ने इसकी अनुमति दे दी है। इस सौदे 22 हजार करोड़ रुपये के कर्ज को कम कर 7,500 करोड़ रुपये करने में मदद मिलेगी।

अनिल अंबानी ने कहा, ‘हमारे पास पहले के 5000 करोड़ रुपये के रेग्युलेटरी असेट हैं। दिल्ली का डिस्ट्रिब्यूशन बिजनस से 16 हजार करोड़ की सहायता मिलेगी। ‘रिलायंस इन्फ्रा के 11 रोड प्रॉजेक्ट हैं जिनमें 12 हजार करोड़ का निवेश किया गया है।’ राहुल गांधी द्वारा राफेल डील मामले में उनपर लगाए गए आरोपों पर भी सफाई देते हुए अनिल अंबानी ने कहा कि ये आरोप बेबुनियाद हैं। उन्होंने कहा कि जो सच है वह सामने है। अनिल अंबानी ने कहा कि मुंबई के कारोबार को बेचने के बाद भी उनका पोर्टफोलियो मजबूत रहेगा।

राहुल को संघ के कार्यक्रम में आमंत्रित करने की योजना पर बोले खड़गे, कहा- भाग लेने का कोई सवाल ही नहीं उठता

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मुंबई। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने बुधवार को मुंबई में कहा कि राहुल गांधी या पार्टी के किसी अन्य नेता के आरएसएस कार्यक्रम में भाग लेने का कोई सवाल ही नहीं उठता है। आरएसएस की अगले महीने व्याख्यान श्रृंखला में कांग्रेस अध्यक्ष को कथित तौर पर आमंत्रित करने की योजना के बारे में पूछे जाने पर खड़गे ने कहा, पहले पत्र (निमंत्रण) आने दें। यह (निमंत्रण) चुनावों को देखते हुए है। अगले साल होने वाले लोकसभा चुनावों से पहले पार्टी की महाराष्ट्र और मुंबई इकाई के कार्यकतार्ओं से मिलने के बाद खड़गे मीडिया से बात कर रहे थे।
Speaking on the plan to invite Rahul to the Sangh program, he said, “There is no question of participating
खड़गे ने कहा कि कांग्रेस राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के साथ एक वैचारिक लड़ाई में लगी हुई है और पार्टी ने बीजेपी को सत्ता से दूर रखने के लिए कर्नाटक में मुख्यमंत्री पद भी छोड़ दिया। खड़गे ने कहा, कर्नाटक में, एक छोटी क्षेत्रीय पार्टी (जेडीएस) के 37 विधायक हैं और हमारे 80 विधायक हैं। लेकिन हमने धर्मनिरपेक्ष ताकतों को मजबूत करने के लिए उस पार्टी के लिए मुख्यमंत्री पद छोड़ दिया। इसलिए (गांधी या कांग्रेस के किसी अन्य नेता के) आरएसएस मुख्यालय जाने का कोई सवाल ही नहीं उठता।

कांग्रेस नेता ने आरएसएस की विचारधारा को देश के लिए और दलितों और अन्य उत्पीड़ित वर्गों के लिए ‘जहर’ बताया। खड़गे ने कहा, ‘अगर राहुल साहब मुझसे वहां (आरएसएस कार्यक्रम में) जाने के बारे में पूछते हैं, तो मैं उनसे कहूंगा कि वहां जाने का कोई सवाल ही नहीं है। ऐसे लोगों से जुड़ने का कोई इरादा नहीं है। आरएसएस के सूत्रों ने दो दिन पहले दावा किया था कि वह गांधी को अगले महीने नई दिल्ली में तीन दिवसीय व्याख्यान श्रृंखला में आमंत्रित कर सकता है।

सूत्रों ने दावा किया था कि विचार अलग-अलग विचारधाराओं से लोगों को आमंत्रित करना है और सूची में सीपीएम महासचिव सीताराम येचुरी भी शामिल हो सकते हैं। इस बीच, खड़गे ने बीजेपी नीत केंद्र और महाराष्ट्र सरकार पर मानवाधिकारों को कुचलने और अघोषित आपातकाल लगाने का आरोप लगाया। कांग्रेस के महाराष्ट्र मामलों के प्रभारी खड़गे ने सरकार पर बुद्धिजीवियों को आतंकित करने और धमकाने का आरोप लगाया।

सीबीएसई में गंभीर लापरवाही का मामला आया सामने- गुमी आंसरसीट, दूसरे छात्र की कापी के दिखा दिए नंबर

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नई दिल्ली । केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) में एक गंभीर लापरवाही का मामला सामने आया है। दरअसल 12वीं में पढ़ने वाले एक स्टूडेंट की एग्जाम कॉपी गुम हो गई तो सीबीएसई ने उसपर कोई ऐक्शन लेने के बजाय किसी दूसरे स्टूडेंट की कॉपी पर उसका रोल नंबर लिखकर मार्क्स दे दिए। उम्मीद से कम नंबर देखकर स्टूडेंट ने सीबीएसई से कॉपी निकलवाई तो देखा कि उसमें हैंडराइटिंग उसकी है ही नहीं।
The matter of serious negligence in the CBSE came in front – Gumi Ansarakit, the number shown by another student’s copy
यह है पूरा मामला
12वीं के छात्र ध्रुव ने साइंस स्ट्रीम से इसी साल एग्जाम दिए थे। मई में रिजल्ट आया तो इंग्लिश में उसके 40 नंबर थे। इस पर ध्रुव और उसके घरवालों को यकीन नहीं हुआ। ध्रुव के पिता ने सीबीएसई में 500 रुपये की फीस जमा करके इंग्लिश की आंसरशीट निकलवाई, लेकिन वह देखकर हैरान रह गए कि उसमें किसी दूसरे बच्चे की हैंडराइटिंग थी।

सीबीएसई से बताया गया कि ध्रुव की आंसरशीट मिल नहीं रही है। इसके बाद ध्रुव की ओर से हाई कोर्ट में शिकायत दर्ज की गई। वकील समीर चंद्रा ने बताया कि सीबीएसई ने हाई कोर्ट में बताया कि उसे इस कैंडिडेट की हैंडराइटिंग से मैच करती हुई आंसरशीट नहीं मिली तो आंसर बुक में काल्पनिक रोल नंबर लिखते हुए इस गोपनीय काम में गलती हो गई।

हाई कोर्ट के कहने पर सीबीएसई की ओर से दो विकल्प दिए गए- पहला, ध्रुव को जिन तीन सब्जेक्ट्स में सबसे अच्छे मार्क्स मिले हैं, उनके एवरेज के आधार पर इंग्लिश सब्जेक्ट के नंबर रिवाइज कर दिए जाएं। दूसरा विकल्प यह कि वह इस सब्जेक्ट का दोबारा से एग्जाम दे। ध्रुव ने दोबारा एग्जाम का आॅप्शन चुना। हाई कोर्ट के निर्देश पर ध्रुव ने इंग्लिश कोर का पेपर दोबारा से दिया। अब उसे 89 अंक हासिल हुए हैं, जबकि मई में घोषित परिणामों में उसे इंग्लिश में महज 40 मार्क्स दिए गए थे। कंपार्टमेंट एग्जाम के रिजल्ट उसका ही उसका रिजल्ट भी घोषित किया गया।

महाराष्ट्र में शिक्षकों ने सरकार को धमकी : कहा- हमारा ट्रांसफर कर दो या फिर तलाक दिलवा दो

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मुंबई। महाराष्ट्र के जिला परिषद् स्कूलों में ऐसे हजारों पति-पत्नी अध्यापक हैं, जो कई वर्षों से एक-दूसरे से जुदा होकर कोसों दूर बच्चों को पढ़ा रहे हैं। इस व्यवस्था से तंग आकर अब इन अध्यापकों ने सरकार को धमकी दी है कि उनका तबादला एक ही जगह किया जाए, वरना वे इस दिवाली में तलाक के लिए सरकार को आवेदन सौप देंगे।
Teachers in Maharashtra threaten the government: said – Transfer us or give divorce
इन अध्यापकों की संस्था ‘महाराष्ट्र राज्य अंतर जिला पति-पत्नी एकत्रीकरण संघर्ष समिति’ के बैनर तले ग्रामीण विकास मंत्री पंकजा मुंडे से मुलाकात कर इस संबंध में एक ज्ञापन दिया है। इस समिति का गठन सामाजिक कार्यकर्ता तृप्ती देसाई ने किया है।

‘जीवनसाथी से जुदा मत करो’
उल्लेखनीय है कि महाराष्ट्र में शिक्षक पति-पत्नी का जिले अंतर्गत तबादला 30 किलोमीटर के भीतर करने का निर्देश है। इसके बावजूद कई शिक्षक दंपती को एक-दूसरे से 200 से 1000 किलोमीटर की दूरी पर नियुक्त कर दिया गया।

राज्य में ऐसे भी शिक्षक दंपती हैं, जो पिछले 15 वर्षों से अलग-अलग जगह पर ड्यूटी कर रहे हैं। इतने वर्षों के बाद भी ये लोग एक जगह तबादला न होने से इस कदर नाराज हैं कि अब सरकार से तलाक दिलवाने की मांग कर रहे हैं।

सितंबर से नए वाहन खरीदने वालों को 3 और 5 साल अपफ्रंट इंश्योरंश कवर लेना होगा अनिवार्य

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मुंबई। इस साल सितंबर से नई कार और दोपहिया वाहन खरीदने वालों के लिए क्रमश: 3 साल और 5 साल का अपफ्रंट इंश्योरेंस कवर लेना अनिवार्य हो जाएगा। लॉन्ग टर्म के लिए प्रीमियम पेमेंट करने से नई गाड़ी की शुरूआती कीमत बढ़ जाएगी। हालांकि इससे कस्टमर्स को सालाना रीन्यूअल कराने की झंझट से छुटकारा मिल जाएगा।
Those who buy new vehicles from September must take 3 and 5 years of upfront insurance cover.
1500 सीसी से ज्यादा क्षमता वाली नई प्राइवेट कार के लिए शुरूआती इंश्योरेंस कवर कम-से-कम 24,305 रुपये का होगा, जो अभी 7,890 रुपये का है। इसी तरह 350 सीसी से ज्यादा क्षमता की बाइक्स के लिए बायर्स को 13,024 रुपये का पेमेंट करना होगा, जो फिलहाल 2,323 रुपये है। इंश्योरेंस प्रीमियम हर मॉडल्स के मुताबिक अलग-अलग हो सकता है।

सुप्रीम कोर्ट ने 20 जुलाई को आदेश दिया था कि नई कार के लिए थर्ड-पार्टी इंश्योरेंस कवर 3 साल और टू-वीलर्स के लिए 5 साल के लिए होगा। यह आदेश 1 सितंबर से सभी पॉलिसीज पर लागू होगा। कोर्ट ने सभी इंश्योरेंस कंपनियों को लॉन्ग टर्म थर्ड-पार्टी इंश्योरेंस कवर आॅफर करने का आदेश दिया था क्योंकि गाड़ियों के लिए इंश्योरेंस अनिवार्य बनाने के बावजूद बहुत कम लोग इसे रीन्यू करा रहे थे। वाहनों के पुराने होने और उसकी वैल्यू तेजी से कम होने के चलते कई लोग या तो इसे सालाना आधार पर रीन्यू नहीं कराते थे या फिर ऐसी पॉलिसी खरीदते थे, जो सभी तरह के रिस्क को कवर नहीं करती थी।

आईसीआईसीआई लोंबार्ड जनरल इंश्योरेंस के अंडरराइटिंग हेड संजय दत्ता ने बताया, ‘कोर्ट की इस पहल से इस सेक्टर का दायरा बढ़ेगा और अब पहले से ज्यादा गाड़ियों का इंश्योरेंस कवर होगा।’ उन्होंने कहा, ‘अब इंश्योरेंस बनाम बिना इंश्योरेंस का मामला हल हो जाएगा। थर्ड-पार्टी वीइकल्स पर इंश्योरेंस कवर की मात्रा अब पहले से ज्यादा बड़ी और बेहतर होगी।’ भारत सरकार ने ‘रोड ऐक्सिडेंट्स इन इंडिया 2015’ नाम से जारी रिपोर्ट में बताया था कि देश में रोजाना 1,374 ऐक्सिडेंट्स होते हैं, जिनमें 400 लोगों की जान चली जाती है।

इंश्योरेंस क्लेम पर किसी तरह की कानूनी समयसीमा नहीं है। थर्ड पार्टी क्लेम से जुड़े केस को दुर्घटना होने वाली जगह, वाहन मालिक की रहनेवाली जगह या क्लेम करनेवाले के रहने की जगह, इनमें से किसी भी एरिया में फाइल किया जा सकता है। फॉल्ट लायबिलिटी क्लेम से जुड़े केस में बीमा की राशि असीमित है।

इसके अलावा, इंश्योरेंस रेग्युलेटर ने भी इंश्योरेंस कंपनियों को अपने खुद के अंडरराइटिंग प्रिंसिपल्स अप्लाई करने और 1 सितंबर से लॉन्ग-टर्म प्रॉडक्ट्स का डिस्ट्रीब्यूशन शुरू करने को कहा है। कंपनियां या तो ‘ओन-डैमेज’ और ‘थर्ड-पार्टी’ को कवर करनेवाला पैकेज या फिर लॉन्ग टर्म थर्ड पार्टी और एक साल के लिए ओन डैमेज को कवर करनेवाला पैकेज आॅफर कर सकती हैं।

कश्मीर राग अलापने पर भारत ने संयुक्त राष्ट्र में पाक को फिर सुनाई खरी-खरी

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संयुक्त राष्ट्र। भारत ने बार-बार कश्मीर राग अलापने वाले पाकिस्तान को संयुक्त राष्ट्र में खरी-खोटी सुनाई है। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि सैयद अकबरुद्दीन ने कहा, ‘मैं पाकिस्तान को याद दिलाना चाहता हूं कि स्थिर समाधान के लिए सोच में शांतिप्रद इरादा और ऐक्शन में शांतिप्रद कॉन्टेंट का होना जरूरी है।’ पाक के संदर्भ में उन्होंने कहा कि अलग-थलग पड़े डेलिगेशन ने भारत के अभिन्न हिस्से का बार-बार अनुचित जिक्र किया है।
India reacts to Pak again after unleashing Kashmir rage
पाकिस्तान में बनी नई सरकार के लिहाज से भारत का यह बयान महत्वपूर्ण माना जा रहा है। गौरतलब है कि पिछले कुछ वर्षों से भारत और पाकिस्तान के बीच संबंध तनावपूर्ण चल रहे हैं। कश्मीर का नाम लिए बगैर अकबरुद्दीन ने कहा कि एक असफल अप्रोच को बार-बार अपनाना (जो काफी समय पहले ही अंतरराष्ट्रीय समुदाय द्वारा खारिज किया जा चुका है) न तो शांतिप्रद इरादे को और न ही शांतिप्रद कॉन्टेंट को जाहिर करता है।

उन्होंने आगे कहा कि हम पाकिस्तान की नई सरकार से उम्मीद करते हैं कि वह वाद-विवाद में फंसे बिना सुरक्षित, स्थिर और विकसित दक्षिण एशियाई क्षेत्र का निर्माण करने के लिए सकारात्मक रूप से काम करेगी। भारतीय प्रतिनिधि ने पड़ोसी मुल्क से क्षेत्र को आतंकवाद और हिंसा से मुक्त करने की दिशा में काम करने की भी उम्मीद जताई।

दरअसल, पाकिस्तान समर्थित आतंकियों के चलते भारत में आए दिन घुसपैठ और आतंकी वारदातें होती रहती हैं। ऐसे में भारत ने साफ कहा है कि आतंक और बातचीत दोनों साथ-साथ नहीं चल सकते हैं। उधर, पाकिस्तान की एक वरिष्ठ मंत्री ने कहा है कि इमरान खान की सरकार कश्मीर मुद्दे के हल के लिए एक प्रस्ताव तैयार कर रही है।

मानवाधिकार मंत्री शिरीन मजारी ने एक टीवी कार्यक्रम में यह बात कही। हालांकि उन्होंने इस प्रस्ताव का विवरण नहीं दिया। संयुक्त राष्ट्र में भारत ने पाकिस्तान को ऐसे समय में नसीहत दी है जब इस्लामाबाद में सिंधु जल संधि के विभिन्न पहलुओं पर द्विपक्षीय वार्ता चल रही है। इमरान खान के पाकिस्तान का प्रधानमंत्री बनने के बाद यह भारत और पाकिस्तान में पहली बातचीत है।

नक्सली शुभचिंतकों को लेकर पुणे पुलिस का दावा, माओवादी सरकार के खिलाफ कर रहे थे षड्यंत्र

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मुंबई। भीमा-कोरेगांव मामले में गिरफ्तार किए गए ‘नक्सली शुभचिंतकों’ को लेकर सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणी के बाद भी पुणे पुलिस ने दावा किया है कि गिरफ्तार किए गए पांच ऐक्टिविस्ट्स सरकार को गिराने के माओवादी षडयंत्र में शामिल थे। बता दें कि बुधवार को शीर्ष अदालत ने इन गिरफ्तारियों पर सख्त टिप्पणी करते हुए कहा था कि इस तरह की कार्रवाई से ‘असहमति’ जताने की प्रक्रिया प्रभावित होती है।
Pune police claim against Naxalite well-wishers were making conspiracy against Maoist government
पुणे पुलिस ने दावा किया है कि मंगलवार को गिरफ्तार किए गए पांच ऐक्टिविस्ट्स सरकार को गिराने के माओवादी षडयंत्र में शामिल थे। पुलिस ने कहा कि उसके पास ईमेल और पत्रों के रूप में इसका ‘पुख्ता सबूत’ है। इसके अलावा पुलिस का कहना है कि ये आरोपी ‘देश के वरिष्ठ नेताओं को निशाना बनाने की योजना भी बना रहे थे।’

पुलिस के डेप्युटी कमिश्नर श्रीश देशपांडे ने बताया कि ये पांच आरोपी कॉलेज के छात्रों को बहका रहे थे और नागरिकों और सुरक्षा कर्मियों पर हमले के लिए हथियार और गोली-बारूद इकट्ठा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि पुलिस ने सरकार को गिराने के लिए प्रतिबंधित कम्युनिस्ट पार्टी आॅफ इंडिया (माओवादी) के पूरे देश में एक संगठन बनाने के षडयंत्र का भी खुलासा किया है। देशपांडे ने किसी और प्रश्न का उत्तर देने से इनकार कर दिया।

पुलिस की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया है, ‘सबूत से सीपीआई (माओवादी) की सेंट्रल कमिटी के सीनियर कॉमरेडों की ओर से फंड उपलब्ध कराने, युवाओं को बहकाने के लिए शहरों में नक्सलियों को जिम्मेदारी देने और हथियार उपलब्ध कराने का भी संकेत मिला है। कुछ सबूत से यह भी दिख रहा है कि आरोपियों का हिंसा फैलाने वाले अन्य गैर कानूनी संगठनों के साथ गठजोड़ था। वे मौजूदा राजनीतिक व्यवस्था से नाराज थे और उन्होंने संगठनों, पदाधिकारियों और देश के वरिष्ठ राजनेताओं को निशाना बनाने के बारे में सोचा था।’

मंगलवार को पांच ऐक्टिविस्ट्स की गिरफ्तारी के अभियान की निगरानी करने वाले पुणे के जॉइंट पुलिस कमिश्नर, शिवाजी भोडके ने ईटी को बताया कि ‘आरोपी जनता को एकजुट कर निर्वाचित सरकार को अस्थिर करने की कोशिश कर रहे थे। वे युवाओं को भड़काने और हिंसक गतिविधियों में शामिल थे।’ पुणे पुलिस ने यह नहीं बताया कि गिरफ्तार किए गए व्यक्तियों का प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ षडयंत्र से कोई संबंध था या नहीं।

पुणे पुलिस ने जून में कम्युनिस्ट पार्टी आॅफ इंडिया (माओवादी) के संदिग्ध सदस्यों सुरेन्द्र गाडलिंग और रोना विल्सन को हत्या के षडयंत्र के आरोप में गिरफ्तार किया था। इस मामले में सबूत माओवादियों की ओर से कथित तौर पर विल्सन को लिखा गया पत्र है जिसमें षडयंत्र का जिक्र किया गया था।

एशियन गेम्स 2018: सोना जीत स्वप्ना ने पूरे देश का सिर गर्व से किया ऊंचा, रिक्शा चलाते हैं पिता

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कोलकाता। गुदरी के लाल शायद इसे ही कहते हैं। तमाम दिक्कतें, अभाव के बाद भी जब कोई तपकर सामने आता है तो उसे ‘कुंदन’ कहते हैं। कुंदन यानी तपा हुआ सोना। भारत की स्वप्ना बर्मन ने बुधवार को 18वें एशियाई खेलों की हेप्टाथलन स्पर्धा में जब सोना जीता तो पूरे देश का सिर अपनी इस बेटी के प्रदर्शन से गर्व से ऊंचा हो गया। जिंदगी में हर बाधा को लांघने वाली स्वप्ना ने एशियन गेम्स में सात बाधाओं को लांघकर सोना अपने नाम किया। वह इस स्पर्धा में सोना जीतने वाली पहली महिला खिलाड़ी हैं।
Asian Games 2018: Gold winning dream has made the head of the country proudly, rickshaw runs father
जानिए क्या होता है हेप्टाथलन
हेप्टाथलन में ऐथलीट को कुल 7 स्टेज में हिस्सा लेना होता है। पहले स्टेज में 100 मीटर फरार्टा रेस होती है। दूसरा हाई जंप, तीसरा शॉट पुट, चौथा 200 मीटर रेस, 5वां लॉन्ग जंप और छठा जेवलिन थ्रो होता है। इस इवेंट के सबसे आखिरी चरण में 800 मीटर रेस होती है। इन सभी खेलों में ऐथलीट को प्रदर्शन के आधार पर पॉइंट मिलते हैं, जिसके बाद पहले, दूसरे और तीसरे स्थान के ऐथलीट का फैसला किया जाता है।

यूं जीता सोना
स्वप्ना ने सात स्पधार्ओं में कुल 6026 अंकों के साथ पहला स्थान हासिल किया। स्वप्ना ने 100 मीटर में हीट-2 में 981 अंकों के साथ चौथा स्थान हासिल किया था। ऊंची कूद में 1003 अंकों के साथ पहले स्थान पर कब्जा जमाया। गोला फेंक में वह 707 अंकों के साथ दूसरे स्थान पर रहीं। 200 मीटर रेस में उन्होंने हीट-2 में 790 अंक लिए। पिछले साल एशियाई ऐथलेटिक्स चैंपियनशिप में भी वह स्वर्ण जीत कर लौटी थीं।

बेटी की सफलता पर मां हुईं भावुक
अपनी बेटी की सफलता से खुश स्वप्ना की मां बाशोना इतनी भावुक हो गई थीं कि उनके मुंह से शब्द नहीं निकल रहे थे। बेटी के लिए वह पूरे दिन भगवान के घर में अर्जी लगा रही थीं। स्वप्ना की मां ने अपने आप को काली माता के मंदिर में बंद कर लिया था। इस मां ने अपनी बेटी को इतिहास रचते नहीं देखा क्योंकि वह अपनी बेटी की सफलता की दुआ करने में व्यस्त थीं।

स्वप्ना के घरवालों ने अपनी बेटी के जीत का जश्न का जश्न मनाते हुए उसे आगे बढ़ने में हुई परेशानियों का भी जिक्र किया। स्वप्ना की मां ने कहा, ‘मुझे बेहद खुशी है। मैंने और स्वप्ना के पिता ने उसे यहां तक लाने में काफी कठिनाइयों का सामना किया है। आज हमारा सपना पूरा हो गया।’

बिप्लब देव के बतखों वाले बयान को वज्ञानिकों ने ठहराया सही, पानी में आक्सीजन बढ़ाने में मददगार होत हैं बतख

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त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लब देब के एक बयान पर फिर कुछ लोगों ने सोशल मीडिया पर ट्रोल किया. मुख्यमंत्री ने बत्तखों के पानी में तैरने से आॅक्सीजन का स्तर बढ़ने की बात कही थी. अब एक वैज्ञानिक ने मुख्यमंत्री के बयान को सही ठहराया है. वहीं मुख्यमंत्री के विशेष कार्याधिकारी(ओएसडी)ने भी सरकार की ओर से सफाई देकर बयान पर विवाद पैदा करने वालों को आड़े हाथों लिया है.
Scientists have attributed the statement of Bipel Dev’s ducks to the right; Duck is helpful in increasing oxygen in water.
उन्होंने बयान के समर्थन में रिसर्च का हवाला देते हुए कहा कि कुछ लोग मुख्यमंत्री की छवि खराब करने के मकसद से बातों पर विवाद खड़ा करते हैं.  मुख्यमंत्री बिप्लब देब ने 27 अगस्त को एक बयान में कहा था-आज मैने घोषणा की है 50 हजार देसी बत्तखें लोगों को दे दी जाएं. जलाशय में जब 50 हजार बत्तखें घूमेंगी तो कितना सुंदर लगेगा और इससे आक्सीजन भी रीसाइकिल होती है. त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लब देब का यह बयान सोशल मीडिया पर वायरल हो गया. तमाम लोग उनके दावे को गलत कहकर ट्रोल करने लगे.

क्या बोले वैज्ञानिक: इंडियन काउंसिल फार फोरेस्ट्री रिसर्च एंड एजूकेशन के वैज्ञानिक ए देबबर्मा मुख्यमंत्री के बयान से सहमत दिखते हैं. उन्होंने कहा-“डक-फिश फार्मिंग एक एकीकृत खेती(इंटीग्रेटेड फार्मिंग) व्यवस्था है. बत्तखें जहां मछलियों के विकास में मदद करतीं हैं, वहीं पानी में आक्सीजन बढ़ाने में भी सहायक होतीं हैं. यह अध्ययनों के जरिए साबित हो चुका है.”

उधर, मुख्यमंत्री के ओएसडी संजय मिश्रा ने सफाई पेश करते हुए कहा है कि यह पहली बार नहीं है, जब मुख्यमंत्री के बयान पर विवाद पैदा करने की कोशिश की गई. जो लोग मौके पर मौजूद थे, वह समझ सकते हैं कि उन्होंने क्या कहा था. जो लोग मौजूद नहीं थे, वह विवाद पैदा कर रहे हैं. यह सब उनकी छवि खराब करने के लिए किया जा रहा.

संजय मिश्रा ने कहा कि छत्तीसगढ़ के इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय का शोध कहता है कि जब बत्तखें तैरतीं हैं तो एटमास्फेरिक फास्फेट और अन्य मिनरल्स पैदा होते हैं, जो हरी शैवाल के विकास में सहायक होते हैं. हरी शैवाल पानी में आक्सीजन पैदा करने के प्रमुख स्रोत होते हैं. उन्होंने आगे कहा-बत्तखें प्राचीन समय से इस उद्देश्य के लिए उपयोग में लाईं जाती हैं.इसके समर्थन में कई वैज्ञानिक सुबूत भी हैं. प्रोफेसर्स अपने अध्ययन से भी साबित कर चुके हैं कि बत्तखों के तैरने से पानी साफ होता है. वे एक प्रकार से जैविक वायुवान होते हैं.