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29-08-2018

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गूगल पर जमकर भड़ास निकाली ट्रंप ने, कहा- हमारी छवि को जान-बूझकर पहुंचाया जा रहा नुकसान

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वॉशिंगटन। अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने मंगलवार को गूगल पर जमकर भड़ास निकाली। उन्होंने कहा कि गूगल पर हमेशा उनके खिलाफ ही समाचार प्रकाशित किए जाते हैं और जान-बूझकर उनकी छवि को नुकसान पहुंचाने का काम किया जा रहा है। ट्रंप इससे पहले भी मेनस्ट्रीम मीडिया पर निशाना साधते रहे हैं।
Trump furiously on Google, said- deliberately harming our image.
ट्रंप ने ट्वीट किया, ‘ गूगल सर्च रिजल्ट में ट्रंप न्यूज में सिर्फ फेक न्यू मीडिया के विचार और रिपोर्टिंग मिलते हैं। मैं अगर दूसरे शब्दों में कहूं तो ये लोग मेरे और कुछ दूसरे लोगों के लिए पूरी तरह से कट्टर हैं, इसलिए हमारे खिलाफ सभी खबरें आम तौर पर बुरी ही होती हैं। झूठा सीएनएन इनमें अव्वल है। रिपब्लिकन और कंजर्वेटिव मीडिया और निष्पक्ष मीडिया को चुप करा दिया जा रहा है। गैरकानूनी? 96% परिणाम… ट्रंप न्यूज हमेशा नैशनल लेफ्ट-विंग + मीडिया से, बहुत खतरनाक।’

अमेरिका के प्रेजिडेंट इतने पर ही नहीं रुके। उन्होंने आगे लिखा कि गूगल और दूसरे अन्य कंजर्वेटिव की आवाज को दबाने के लिए काम कर रहे है। ये लोग अच्छी खबरों को पाठकों तक पहुंचने नहीं देते हैं। ये लोग इस पर भी नियंत्रण रख रहे हैं कि क्या हम देखें-पढ़ें और क्या नहीं। उन्होंने यह भी लिखा, ‘चेतावनी से पहले, यह बहुत खतरनाक स्थिति है और इस पर कुछ किए जाने की जरूरत है।’

अमेरिका के राष्ट्रपति के मीडिया और गूगल पर दिए इस बयान की सोशल मीडिया पर आलोचना भी हो रही है। अभिव्यक्ति की आजादी के समर्थकों ने इस पर राष्ट्रपति की आलोचना करते हुए कहा कि गूगल सर्च इंजन बहुत सी और चीजों पर भी निर्भर करता है, जिनमें आपकी ब्राउजिंग हिस्ट्री भी शामिल है।

सुरक्षाबलों को लिए बड़ी कामयाबी, बुरहान बानी के करीबी अल्ताफ को मुठभेड़ में किया ढेर

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श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग में बुधवार सुबह मुठभेड़ में मारे गए दोनों आतंकियों को सुरक्षा बलों के लिए बड़ी कामयाबी माना जा रहा है। मारे गए आतंकियों की पहचान शीर्ष हिज्बुल कमांडर अल्ताफ अहमद डार उर्फ अल्ताफ कचरू व उसके सहयोगी उमर राशिद के रूप में हुई। अल्ताफ अहमद डार उर्फ कचरू बुरहान वानी का करीबी भी था। हिज्बुल मुजाहिद्दीन का ये आतंकी कुलगाम में डिस्ट्रिक्ट कमांडर के रूप में कई वर्षों से सुरक्षा बलों को निशाना बना रहा था।
Big success for the security forces, burqa busted near Burhan Bani, Altaf
बुरहान की मौत के बाद कचरू को उसके उत्तराधिकारी के रूप में देखा जाता था। वह कई कश्मीरी युवाओं की मुजाहिद्दीन में भर्ती कराने में भी सक्रिय था। इसी साल मई महीने में हमारे सहयोगी टाइम्स आॅफ इंडिया को मिले टेप में कचरू को एके 47 राइफल लहराते हुए कुलगाम के एक रिहायशी इलाके में अंदर जाते हुए देखा गया था।
विडियो में दिख रहा था कि सीआरपीएफ से बचने के लिए स्थानीय लोग भी उसकी मदद कर रहे हैं। कचरू को 2017 में हिज्बुल मुजाहिद्दीन के नए कश्मीर आॅपरेशनल चीफ और कमांडर के रूप में नियुक्त किया गया था। जम्मू-कश्मीर पुलिस और भारतीय सेना ने कचरू और कासिम को ए++ कैटिगरी के आतंकियों की लिस्ट में शामिल किया था।
बता दें कि जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग के अंतर्गत आनेवाले मुनवार्ड में बुधवार सुबह से ही सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़ शुरू हो गई थी। काफी देर तक चली मुठभेड़ में सुरक्षाबलों ने दोनों आतंकियों को मार गिराया। दोनों के पास से हथियारों का जखीरा बरामद हुआ है। आतंकियों पर ऐक्शन के लिए मौके पर पुलिस, आर्मी समेत सेंट्रल रिजर्व पुलिस फोर्स (सीआरपीएफ) की टीमें पहुंची थीं। कार्रवाई के दौरान जिले में एहतियातन मोबाइल-इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई।
बुधवार तड़के हुई मुठभेड़
बिनपोरा गांव में आतंकवादियों की मौजूदगी की सूचना मिलने के बाद दिन की शुरूआत में सुरक्षा बलों द्वारा इलाके के गांव को घेर लेने के बाद यह मुठभेड़ शुरू हुई। एक पुलिस अधिकारी ने कहा, जैसे ही राष्ट्रीय राइफल्स (आरआर), राज्य पुलिस के विशेष अभियान समूह (एसओजी), केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की संयुक्त टीम घर के पास पहुंची, वहां छिपे हुए आतंकवादियों ने उन पर गोलीबारी शुरू कर दी, जिससे मुठभेड़ शुरू हो गई।
15 लाख रुपये का इनाम घोषित था
कचरू कुलगाम जिले के रेडवानी गांव का रहने वाला था, उसपर 15 लाख रुपये का इनाम घोषित था। कचरू के मारे जाने को दक्षिण कश्मीर इलाके में आतंकवाद रोधी अभियान की बड़ी सफलता माना जा रहा है।

राफेल डील पर अरुण जेटली ने राहुल पर झूठ बोलने का लगाया आरोप

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नई दिल्ली। राफेल डील पर कांग्रेस के आरोपों का वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आंकड़े गिनाते हुए राहुल पर झूठ बोलने का आरोप लगाया है। सर्जरी के बाद पहली बार सार्वजनिक रूप से इंटरव्यू देते हुए जेटली ने कहा कि कांग्रेस ने कीमतों को लेकर जो आरोप लगाए हैं, वे तथ्यात्मक रूप से पूरी तरह गलत हैं। 2007 के राफेल आॅफर को लेकल राहुल गांधी खुद अपनी अलग-अलग स्पीच में 7 तरह के दाम बता चुके हैं। जेटली ने कहा कि कांग्रेस और राहुल गांधी जिस तरह की बात कर रहे हैं, वह प्राइमरी स्कूल के स्तर की डिबेट है। फाइनैंस मिनिस्टर ने कहा कि 2007 के मुकाबले 2015 में हुई राफेल डील रेट्स के मुकाबले कहीं बेहतर है।
Arun Jaitley accused Rahul on lying on Rafael Deal
जेटली ने कहा कि राहुल कह रहे हैं कि हम 500 से कुछ ज्यादा दे रहे थे और आप 1600 रुपये से कुछ अधिक दे रहे हैं। इस तरह के तर्कों से पता चलता है कि उनकी समझ कितनी कम है। जेटली ने कहा कि मेरी खुद राहुल से ही सवाल है कि उन्होंने इस डील को करने में अनिश्चितकाल तक की देरी क्यों की। आखिर यूपीए ने इस डील को कोल्ड स्टोरेज में क्यों डाला? उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेता एके एंटनी राफेल डील पर जवाब दें। आखिर क्यों यूपीए सरकार ने दस सालों तक इस डील को लटकाकर रखा।

जेटली ने राहुल गांधी के डील पर अलग-अलग बयानों को लेकर कहा कि जयपुर में उन्होंने 520 करोड़ और 540 करोड़ रुपये की फिगर एक ही स्पीच में बताई। यही नहीं हैदराबाद में उन्होंने 526 करोड़ रुपये कीमत बता दी। जेटली ने राहुल पर अटैक करते हुए कहा कि इस तरह अलग-अलग आंकड़े बताने से ही उनके बयानों की सच्चाई पता चलती है। जेटली ने कहा कि सच का सिर्फ एक वर्जन होता है, जबकि गलत के कई वर्जन होते हैं।
जेटली ने सवालिया अंदाज में कहा कि क्या ये बिना किसी तय तथ्यों के ही लगाए जा रहे हैं? जेटली ने कहा कि इस तरह से राहुल गांधी की बयानबाजी राष्ट्रीय हितों को नुकसान पहुंचाने वाली है। मुझे उम्मीद है कि राहुल गांधी और कांग्रेस इस पर जवाब देंगे। जेटली ने कहा कि 2007 से बेहतर शर्त पर राफेल पर समझौता किया गया। राफेल पर राहुल गांधी की समझ कम है।

लोडेड एयरक्राफ्ट का सिंपल एयरक्राफ्ट से तुलना नहीं की जा सकती है। सच्चाई पीड़ित बन गई है। राफेल डील के लिए 2015-16 तक करीब 14 महीने तक प्राइस निगोसिएशन कमिटी और कॉन्ट्रैक्ट कमिटी की कंपनी से मीटिंग हुई। जेटली ने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने देश की सुरक्षा से समझौता किया। कांग्रेस खुद बोफोर्स घोटाले में घिरी।

पूरे देश से आए किन्नर

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भुजरिया पर जुलुस निकला जिसमे कोई केटरीना बनी थी तो कोई करीना सनी लियोनी और तरह के गेट अप में डांस मस्ती के साथ निकले जुलूस कि तरह मंगलवारा से गुफा मंदिर तक निकाला। मनचलों का हुजूम था पुलिस को बहुत मशक्कत करनी पर रहीं थी मनचलों को दुर रखनें मे ।हर जगह टैफिक जाम होता रहा भीड़ बेकाबू होने पर कुछ किन्नरो को फ़िल्मी इस्टाइल में कार से भेजना पड़ा। अंत में केरल बाढ़ पीडितो के लिये दुवाएं मागी गई।

आप नेत्री ने सरनेम की अफवाहों से हुर्इं परेशान तो हटाया मालेर्ना शब्द

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नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी की ईस्ट दिल्ली लोकसभा क्षेत्र की प्रभारी और उम्मीदवार आतिशी मालेर्ना ने अपने नाम से मालेर्ना शब्द हटा दिया है। उनके करीबियों के मुताबिक इस तरह की अफवाहें फैल रही थी कि आतिशी विदेशी हैं या ईसाई हैं, जिससे लोगों के बीच काम की चर्चा न होकर इस पर ही चर्चा फोकस होने की आशंका थी। इस वजह से आतिशी ने यह फैसला लिया। पार्टी सूत्रों के मुताबिक अपना सेकंड नेम मालेर्ना हटाने का फैसला खुद आतिशी का है।
You have removed the word of the surname from Netanyu
आतिशी के करीबियों का कहना है कि जब से आतिशी को पार्टी ने ईस्ट दिल्ली लोकसभा क्षेत्र का प्रभारी बनाया तब से बीजेपी के लोगों की तरफ से यह अफवाह उड़ाई जाने लगी कि आतिशी मालेर्ना विदेशी हैं। आतिशी की कोशिश है कि क्षेत्र में विकास कामों पर बात हो, एजुकेशन पर बात हो और आम आदमी पार्टी सरकार के कामकाज पर बात हो। लेकिन जब इस तरह की अफवाहें उड़ने लगीं तो लोगों के बीच चर्चा मालेर्ना शब्द पर ज्यादा फोकस होने लगी। इसलिए आतिशी ने यह फैसला लिया।

आतिशी के करीबियों का कहना है कि मालेर्ना आतिशी का सरनेम नहीं है यह एक तरह से उनका सेकंड नेम है जो उनके लेफ्टिस्ट पैरंट्स ने उन्हें मार्क्स और लेनिन शब्द जोड़कर दिया। आतिशी के पिता का नाम विजय सिंह और मां का नाम त्रिपता वाही है। क्या नाम चेंज कर आम आदमी पार्टी भी जाति और धर्म की राजनीति नहीं कर रही?

इस सवाल पर आप के एक नेता ने कहा कि आतिशी का सरनेम सिंह है जिसे आतिशी ने कभी इस्तेमाल नहीं किया। अगर जाति-धर्म की राजनीति करनी होती तो आतिशी अपना सरनेम सिंह लगाती। लेकिन उन्होंने कभी लोगों के बीच जाकर यह नहीं कहा है कि वह पंजाबी राजपूत हैं या वह सिंह हैं इसलिए उनका साथ दें। वह हमेशा एजुकेशन फील्ड में हुए काम की बात करती हैं।

मोदी ने सोशल मीडिया की गंदगी पर कसा तंज: कहा- मन की स्वच्छता से भी जुड़ा है स्वच्छ भारत अभियान

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वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को नमो ऐप के जरिए वाराणसी के बीजेपी कार्यकर्ताओं को संबोधित किया। पीएम मोदी के काशी के कार्यकर्ताओं से संवाद का यह तीसरा दिन है। इसके अंतर्गत पीएम ने विभिन्न मोर्चों, प्रकोष्ठ, प्रकल्प, विभाग के पदाधिकारियों और सोशल मीडिया वॉलंटिअर्स और पार्टी समर्थकों के साथ बात की।
Modi said how tangled on the mess of social media: Swachh Bharat Abhiyan is also associated with cleanliness of mind
बुधवार को उन्होंने ‘टीम काशी’ के समन्वय पर जोर दिया और कार्यकर्ताओं से बतौर सांसद फीडबैक लिया। इस दौरान ऐसे ही एक कार्यकर्ता आनंद श्रीवास्तव ने मिजार्पुर हाइवे को फोर लेन करने के लिए पीएम मोदी का आभार जताया। आनंद सोशल मीडिया पर काफी सक्रिय हैं और छोटी-छोटी सकारात्मक चीजों को सोशल मीडिया पर शेयर करते हैं। पीएम ने उनकी इसी आदत पर चुटकी ली। उन्होंने कहा, ‘आनंद जी आप सोशल मीडिया पर बहुत सक्रिय रहते हैं, मुझे पता है। आप सकारात्मक चीजें फैला रहे हैं, वरना आजकल तो ज्यादातर लोग गंध ही फैला रहे हैं।’

पीएम मोदी ने फेक न्यूज और वायरल होने वाली घटनाओं पर तंज कसते हुए कहा, ‘मैं तो कभी-कभी हैरान हो जाता हूं। मोहल्ले में तू-तू मैं-मैं हर देश में होता होगा। कभी गांव को भनक तक नहीं लगती थी। मगर आज दो पड़ोसियों की लड़ाई को भी सोशल मीडिया पर अपलोड कर दिया जाता है और वह नैशनल न्यूज बन जाती है।’

‘दिमाग की स्वच्छता से भी जुड़ा है स्वच्छ भारत अभियान’
उन्होंने आगे कहा, ‘कभी-कभी लोग मयार्दाएं भूल जाते हैं। देखते भी नहीं हैं कि यह सही है या नहीं। लोग ऐसे शब्दों का प्रयोग करते हैं, जो बेहद अशोभनीय हैं। महिलाओं को भी नहीं छोड़ते हैं। कोशिश करें कि सोशल मीडिया का प्रयोग पॉजिटिव चीजों के लिए करें। इसे किसी पार्टी से ना जोड़ें। स्वच्छता अभियान हमारी दिमाग की स्वच्छता से भी जुड़ा हुआ है।’ पीएम मोदी ने मंगलवार को वाराणसी के मंडल स्तर के पदाधिकारियों और कार्यकारिणी सदस्यों के साथ बात की और बुधवार को वह विभिन्न मोर्चे, प्रकोष्ठ, प्रकल्प और विभागों के पदाधिकारियों और पार्टी समर्थकों से रूबरू हुए।

पीएम मोदी ने जाना अपने संसदीय क्षेत्र का जमीनी हाल
गौरतलब है कि बीजेपी ने लोकसभा चुनाव का बिगुल अभी से फूंक दिया है। पीएम नरेंद्र मोदी का काशी के कार्यकर्ताओं से इस तरह सीधे संवाद का सीधा मकसद यह जानना था उनका संसदीय क्षेत्र बनारस बीते साढ़े चार वर्षों में कितना बदला।

मेडिकल पॉलिसी में बदलाव, अब डेंटल, इन्फर्टिलिटी जैसे इलाज भी होगे कवर

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नई दिल्ली। आनेवाले दिनों में डेंटल, इन्फर्टिलिटी आदि के इलाज को भी मेडिकल इंश्योरेंस में शामिल किया जाएगा। संबंधित नियम में इंश्योरेंस ऐंड रेग्युलेटरी अथॉरिटी आॅफ इंडिया द्वारा किए गए बदलावों की वजह से संभव हो पाया है। अथॉरिटी ने करीब 10 आइटम्स को ‘आॅप्शनल कवर’ की लिस्ट से हटा दिया है।
Medical policy change, now Dental, infertility treatment will also be covered
इनमें डेंटल, स्टीम सेल, इन्फर्टिलिटी और मनोवैज्ञानिक उपचार मुख्य रूप से शामिल हैं।  ‘आॅप्शनल कवर’ में मुख्यत उस तरीके के रोग शामिल हैं, जो व्यापक स्तर पर मौजूद हैं, लेकिन उनके लिए हॉस्पिटल में भर्ती होने की नौबत नहीं आती। जैसे हॉर्मोन रिपलेस थेरपी, मोटापे का इलाज, यौन संचारित रोगों, एचआईवी और ऐड्स आदि। आईआरडीएआई ने सोमवार को इससे जुड़ा नोटिफिकेशन जारी किया।

इंडस्ट्री ऐनालिस्ट और रिसर्चर का कहना है अबतक ये चीजें आॅप्शनल थीं, जिसकी वजह से ज्यादातर बीमा कंपनी इन्हें कवर नहीं करती थीं। अब बीमा कंपनियों के पास मौका है कि वह अपनी स्कीमों को फिर से डिजाइन करके इन चीजों को उनमें शामिल कर लें। बीमा नियामक आनेवाले दिनों में इस मामले पर और जानकारी देगा। इन चीजों को अनिवार्य रूप से शामिल करने के लिए नया आॅर्डर भी आ सकता है।

बीमा करवाने में पीछे भारतीय
साल 2016-17 के आंकड़ों के मुताबिक, भारत में लोग हेल्थ बीमा करवाने के प्रति उतने जागरुक नहीं हैं। सिर्फ 43 करोड़ जो कुल जनसंख्या के 34 प्रतिशत हैं, सिर्फ उन्हीं ने किसी न किसी प्रकार का हेल्थ बीमा करवाया हुआ है। ये आंकड़े नैशनल हेल्थ प्रोफाइल 2018 द्वारा जारी किए गए, जिसे सेंट्रल ब्यूरो आॅफ हेल्थ इंटेलिजेंस ने तैयार किया था।

साथ ही यह भी पता चला है कि देश में प्राइवेट बीमा कंपनियों के उदय के बावजूद लोगों का भरोसा सार्वजनिक बीमा कंपनियों पर है। आंकड़ों के मुताबिक, 2016-17 में प्राइवेट बीमा कंपनियों का क्लेम अनुपात 67 प्रतिशत वहीं सार्वजनिक कंपनी का 120 प्रतिशत रहा।

गोवा के सीएम पर्रिकर के स्वास्थ्य में नहीं हो रहा सुधार, इलाज कराने फिर जाएंगे अमेरिका

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पणजी। मुंबई के एक निजी अस्पताल में भर्ती गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर बुधवार रात इलाज के लिए एक बार फिर अमेरिका रवाना होंगे। उनके कार्यालय ने यह जानकारी दी। अग्नाशय संबंधी बीमारी के लिए इस साल तीन महीने तक अमेरिका में पर्रिकर का इलाज चला था और वह जून में भारत लौटे थे।
Corruption will not improve in health of CM Parrikar of Goa;
इस महीने की शुरूआत में वह स्वास्थ्य जांच के लिए फिर से अमेरिका गए थे। अमेरिका से लौटने के एक दिन बाद ही स्वास्थ्य जांच के लिए वह मुंबई के लीलावती अस्पताल में भर्ती हुए थे और बुधवार को गोवा वापस आने वाले थे। मुख्यमंत्री कार्यालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पर्रिकर आज रात मुंबई से अमेरिका के लिए रवाना होंगे।

अधिकारी ने मुख्यमंत्री के स्वास्थ्य के संबंध में अधिक जानकारी देने से इनकार कर दिया। उन्होंने बताया, ‘मुख्यमंत्री पद का आधिकारिक पदभार उनके पास ही रहेगा। किसी अन्य को यह पदभार देने की जरूरत नहीं है।’ पर्रिकर ने सात अगस्त को नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी और राज्य के खनन सेक्टर के मौजूदा संकट से निपटने में हस्तक्षेप की मांग की थी।

6 महीने से पर्रिकर की सेहत खराब
गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर को 28 फरवरी को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा था। बताया जा रहा था कि डिहाइड्रेशन और ब्लड प्रेशर की शिकायत के चलते उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया। इससे पहले मुंबई में भी उनका इलाज चला था, जिसके बाद वह जल्द ही गोवा वापस आ गए थे। वापस आते ही वह विधानसभा पहुंच गए थे और बजट भी पेश किया था।

कुछ दिन घर पर बिताने के बाद उन्हें गोवा मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था। 5 मार्च को उन्हें फिर से मुंबई के लीलावती अस्पताल ले जाना पड़ा था, जहां बाद में डॉक्टरों की सलाह पर उन्हें अमेरिका ले जाया गया। यूएस में करीब तीन महीने लंबे चले इलाज के बाद वह मुंबई लौटे। यूएस में सात मार्च से पर्रिकर का इलाज शुरू हुआ था।

शिवपाल ने की ओमप्रकाश राजभर से मुलाकात, सियासी हलकों में चर्चा तेज

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की सहयोगी सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (एसबीएसपी) के अध्यक्ष और योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री ओम प्रकाश राजभर मंगलवार को पूर्व समाजवादी सरकार में मंत्री रहे शिवपाल सिंह यादव से मिलने उनके आवास पर पहुंचे। राजनीतिक दलों में इस मुलाकात को अमर सिंह के बयान से जोड़कर देखा जाने लगा है। हालांकि, दोनों नेताओं ने इसे औपचारिक मुलाकात बताया।
Shivpal meets Om Prakash Rajbhar, discusses in political circles
बता दें कि मंगलवार सुबह अमर सिंह ने कहा था कि शिवपाल के लिए उन्होंने बीजेपी के एक नेता से बात की थी, लेकिन शिवपाल नहीं गए थे। अमर सिंह और ओम प्रकाश राजभर के बीच नजदीकी पिछले कुछ दिनों से देखी जा रही है। राजभर कह भी चुके हैं कि अगर अमर सिंह 2019 में लोकसभा चुनाव लड़ना चाहते हैं तो उनकी पार्टी आजमगढ़ से टिकट दे सकती है। ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि राजभर अमर सिंह के कहने पर ही शिवपाल से मिलने गए होंगे।

एसपी ने कर दिया है साइडलाइन
पूर्व मंत्री शिवपाल यादव की गिनती फिलहाल एसपी में साइडलाइन किए नेताओं में की जाती है। शिवपाल यादव पार्टी और परिवार को एकजुट करने की तमाम कोशिशें कर चुके हैं लेकिन अखिलेश यादव उन्हें कोई पद देने के मूड में नहीं दिख रहे हैं। हालांकि, शिवपाल का दखल यादव वोटों में माना जाता है।

…तो इसलिए शिवपाल को एसपी से तोड़ने का है प्लान
सूत्रों का यह भी कहना है कि शिवपाल को एसपी से अलग करने की लगातार कोशिशें हो रही हैं ताकि अखिलेश यादव की रणनीति को कमजोर किया जा सके। शिवपाल यादव और ओम प्रकाश राजभर इससे पहले वाराणसी में जून महीने में मुलाकात कर चुके हैं।