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सरकार हुई सख्त: अब घोटालेबाजों को बाहर धन भेजना होगा मुश्किल

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मुंबई। भारतीय रिजर्व बैंक ने देश से बाहर धन भेजने की उदारीकृत प्रेषण योजना (एलआरएस) की जानकारी देने के नियमों को और कड़ा कर दिया है। इस योजना के तहत कोई व्यक्ति एक वर्ष में ढाई लाख डॉलर तक विदेश भेज सकता है। मौजूदा समय में धन भेजने वाले (प्रेषक) द्वारा की गई घोषणा के आधार पर बैंक योजना के तहत लेनदेन की अनुमति देते हैं।

इस सीमा के पालन की निगरानी केवल प्रेषक द्वारा की गई घोषणा तक ही सीमित है। इसकी स्वतंत्र रूप से कोई पुष्टि नहीं की जाती। इसके बारे में सूचना का कोई विश्वसनीय स्रोत भी नहीं होता है।

रिजर्व बैंक ने एक अधिसूचना में कहा कि धन भेजने पर निगरानी को बेहतर करने और एलआरएस सीमाओं के अनुपालन को सुनिश्चित करने के लिए यह निर्णय किया गया कि इस योजना के तहत धन भेजने वालों के लेनदेनों की जानकारी संबंधित प्राधिकृत डीलर बैंकों से रोजाना मंगाने की व्यवस्था को अमल में लाया जाए। यह जानकारी इस तरह के लेनदेन करने वाले अन्य बैंकों को भी सुलभ हो। अब बैंकों को रोजाना इस तरह के लेनदेन की सूचना अपलोड करनी होगी।

इंफोसिस ने किया चौथी तिमाही का परिणाम घोषित, मुनाफा 28 प्रतिशत घटा

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नई दिल्ली। वित्तवर्ष 2018 की चौथी तिमाही के लिए आईटी कंपनी इंफोसिस ने अपने परिणाम बताए हैं। इसके अनुसार मुनाफा 28 फीसदी घटकर 3,690 करोड़ रुपये हो गया है। वित्तवर्ष 2018 की तीसरी तिमाही में इंफोसिस का मुनाफा 5,129 करोड़ रुपये था। इसी के सात इंफोसिस ने 20.5 रुपये प्रति शेयर के डिविडेंड का ऐलान किया है।
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वित्त वर्ष 2018 की चौथी तिमाही में इंफोसिस की आय 1।6 फीसदी बढ़कर 18,083 करोड़ रुपये पर पहुंच गई है। वित्त वर्ष 2018 की तीसरी तिमाही में इंफोसिस की आय 17,794 करोड़ रुपये रही थी। वित्त वर्ष 2018 की तीसरी तिमाही में इंफोसिस की डॉलर आय 275.5 करोड़ डॉलर रही थी।

कंपनी के सीईओ सलिल पारेख के कार्यकाल का यह पहला परिणाम है। विशाल सिक्का के बाद पारेख कंपनी के दूसरे नॉन-प्रमोटर सीईओ हैं। इंफोसिस ने वित्त वर्ष 2018 में आमदनी में बढ़ोतरी का अनुमान घटाया था। मार्केट एनालिस्टों का मानना है कि वित्त वर्ष 2019 के लिए कंपनी 5-8 पर्सेंट रेवेन्यू ग्रोथ का गाइडेंस कॉन्सटेंट करेंसी दे सकती है।

रिलायंस को पीछे छोड़ टीसीएस बनी सबसे मूल्यवान कंपनी

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नई दिल्ली: देश की सबसे बड़ी सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) ने छह लाख करोड़ रुपये के बाजार पूंजीकरण के स्तर को पार कर लिया। इस तरह से टीसीएस रिलायंस इंडस्ट्रीज को पीछे छोड़कर फिर से देश की सबसे मूल्यवान कंपनी बन गयी।

गुरुवार को कारोबार की समाप्ति पर टीसीएस का बाजार पूंजीकरण 6,00,569।45 करोड़ रुपये पर रहा। बंबई शेयर बाजार में कंपनी के शेयर 4।04 प्रतिशत की बढ़त लेकर 3,137।30 रुपये प्रति शेयर पर बंद हुए। दिन में एक समय यह 4।46 प्रतिशत चढ़कर 3,150 रुपये प्रति शेयर पर पहुंच गया था।

टीसीएस का बाजार पूंजीकरण रिलायंस इंडस्ट्रीज के 5,87,570.56 करोड़ रुपये की तुलना में 12,998.89 करोड़ रुपये अधिक रहा। रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयर आज 0।16 प्रतिशत गिरकर 927.55 रुपये प्रति शेयर पर आ गये। शीर्ष पांच कंपनियों में टीसीएस के बाद रिलायंस इंडस्ट्रीज रही। इसके बाद 4,99,892।24 करोड़ रुपये के साथ एचडीएफसी बैंक तीसरे, आईटीसी 3,19,752.53 करोड़ रुपये के साथ चौथे और 3,06,416.93 करोड़ रुपये के साथ एचडीएफसी पांचवें स्थान पर रहीं।

सरकार से दलित नाराज, अब कर रही मनाने की कोशिश

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नई दिल्ली। देश में दलितों-आदिवासियों में बढ़ती नाराजगी के बीच सरकार ने देश के दलित और गरीब परिवारों तक सामाजिक कल्याण और विकास की बड़ी योजनाओं को सीधे पहुंचाने का फैसला किया है। सरकार ने देश के 21,058 चुने हुए दलित-बाहुल्य गांवों में बड़ी सरकारी योजनाओं को सीधे लाखों दलित-गरीब परिवारों तक ले जाने का फैसला किया है।

ये पहल ग्राम स्वराज अभियान के तहत 14 अप्रैल को अंबेडकर जयंती के दिन शुरू की जा रही है जो 5 मई तक चलेगी। ग्रामीण विकास मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा, “ग्राम स्वराज अभियान के तहत 21000 से ज्यादा गांवों को चुना गया है जिनमें दलित परिवारों की संख्या 50 फीसदी से ज्यादा है।”

इन दलित परिवारों तक भारत सरकार की सात बड़ी सरकारी योजनाओं के ले जाने की तैयारी है। जिन योजनाओं को इसमें शामिल किया गया है उनमें प्रमुख हैं उज्जवला योजना जिसके तहत गरीब महिलाओं को मुफ्त में गैस कनेक्शन दिया जाता है और उजाला योजना जिसके तहत गरीब परिवारों को मुफ्त बिजली का कनेक्शन मुहैया कराया जाता है।

ग्रामीण विकास मंत्री ने इस दावे को गलत बताया कि इस पहल को देश में दलितों के आंदोलन से जोड़ कर देखा जा सकता है। फिलहाल कर्नाटक और पश्चिम बंगाल को इस पहल से दूर रखा गया है क्योंकि इन दोनों राज्यों में विधानसभा और पंचायत चुनावों ती वजह से चुनाव आचार संहिता लागू है।

कठुआ रेप केस : मेहबूबा ने विधायकों की बुलाई बैठक, भाजपा के साथ गठबंधन पर करेंगी विचार

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श्रीनगर। कठुआ में आठ साल की बच्ची से बलात्कार और हत्या के मामले को लेकर आज जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ़्ती ने अपनी पार्टी के सभी विधायकों की बैठक बुलाई है। बैठक में सभी मंत्रियों, विधायकों और नेताओं से आने को कहा गया है। बैठक में इस मामले को लेकर हुई सरकार की आलोचना और बीजेपी के साथ रिश्तों पर बातचीत हो सकती है।

मिली जानकारी के मुताबिक कश्मीर में सत्तारूढ़ पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) का नेतृत्व आज बैठक कर कठुआ में आठ साल की बच्ची के साथ सामूहिक बलात्कार एवं हत्या के मामले के बाद पैदा हुए हालात की समीक्षा करेगा। पीडीपी के सूत्रों के मुताबिक मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती इस बैठक की अध्यक्षता करेंगी।

जम्मू – कश्मीर में पीडीपी और भाजपा की गठबंधन सरकार है। राज्य सरकार में भाजपा कोटे के दो मंत्रियों बच्ची से बलात्कार और हत्या के आरोपियों के समर्थन में हुई सभा में शामिल हुए थे और सीबीआई जांच की मांग की थी।

पीडीपी प्रवक्ता रफी अहमद मीर ने कहा, पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की शनिवार को बैठक हो रही है। इस बैठक में राजनीति, पार्टी और राज्य में प्रशासन से जुड़े महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा होगी। उन्होंने कहा कि इस बैठक में पार्टी के नेता जम्मू में पैदा हुए हालात के बारे में भी चर्चा कर सकते हैं।

कैसे लागू हो पाएगी मोदी सरकार की स्वास्थ्य बीमा योजना, जमीनी हकीकत से उठे हैं कई सवाल

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नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज छत्तीसगढ़ के बीजापुर में पहले हेल्थ वेलनेस सेंटर का उद्घाटन करेंगे। सरकार ने डेढ़ लाख वेलनेस सेंटर खोलने का लक्ष्य रखा है। लेकिन सरकार अभी उस बीमा योजना की अधिक बात नहीं कर रही जिसके तहत उसने दस करोड़ गरीब परिवारों को पांच लाख रुपये हेल्थ कवरेज देने का ऐलान बजट में कही है।

ये बात किसी से छिपी नहीं है कि देश के तमाम हिस्सों में स्वास्थ्य सेवा लचर हैं और दूर दराज के कई इलाकों में तो इसका नामोनिशान तक नहीं है। सरकार डेढ़ लाख हेल्थ और वैलनेस सेंटर बनाकर प्राथमिक स्वास्थ्य को दुरस्त करना चाहती है ये वैलनेस सेंटर जिला अस्पतालों से जुड़े होंगे और दूरदराज के इलाकों में इनकी अहम भूमिका होगी।

लेकिन सरकार बजट में जोर-शोर से प्रचारित की गई स्वास्थ्य बीमा योजना पर अभी अधिक नहीं बोल रही है। बीमा योजना में 10 करोड़ परिवारों के करीब 50 करोड़ लोगों को कवर करने की बात कही गई है। इसमें हर परिवार को 5 लाख रुपये सालाना की कवरेज का प्रावधान है।

लेकिन बीमा योजना का प्रीमियम और जमीन पर मूलभूत ढांचे की कमी को लेकर सवाल हैं और इस योजना के वादे को कई जानकारों और विपक्ष ने हवाई किला बताया। उनका कहना है कि बीमा योजना पर प्रीमियम का खर्च देश के कुल हेल्थ बजट से अधिक होगा। हालांकि नीति आयोग ने बजट के तुरंत बाद कहा था कि शुरूआत में बीमा योजना के लिए 12 हजार करोड़ की ही जरूरत होगी।

महत्वपूर्ण है कि अब नीति आयोग भी बीमा योजना से अधिक वैलनेस सेंटरों पर जोर दे रहा है और बीमा योजना कब से लागू होगी इस पर कुछ साफ नहीं कह रहा है। स्वास्थ्य क्षेत्र के जानकारों का भी कहना है कि सरकार अगर बीमा योजना के बजाय प्राथमिक स्वास्थ्य सुविधाओं और सरकारी अस्पतालों को दुरुस्त करने में ध्यान दे तो बेहतर होगा।

उन्नाव रेप केस पर हाईकोर्ट सख्त: कहा जनप्रतिनिधियों के दबाव में काम कर रही पुलिस

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इलाहाबाद। उन्नाव दुष्कर्म मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने महाधिवक्ता राघवेंद्र सिंह को आड़े हाथ लिया है। कोर्ट ने तल्ख आदेश में कहा कि यदि कोर्ट महाधिवक्ता के तर्कों को मान ले तो किसी भी पीड़ित को न्याय नहीं मिल सकता। सवाल उठाया कि क्या हत्या, लूट और डकैती के मामलों में भी गिरफ्तारी के पहले साक्ष्य इकट्ठा करने की वह दलील देंगे। कोर्ट ने यहां तक कहा कि आरोपितों के पक्ष में उनकी दलीलें सुनकर कोर्ट को धक्का लगा है और उनके तर्क भय उत्पन्न करने वाले हैं।

मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने अपने विस्तृत फैसले में कहा कि महाधिवक्ता पूरे समय आरोपितों के पक्ष में बहस करते दिखे। उनका यह तर्क कि एफआइआर दर्ज होने और विश्वसनीय साक्ष्य इकट्ठा करने के बाद पीड़िता का बयान जब तक नहीं हो जाता आरोपितों को गिरफ्तार नहीं किया जा सकता, समझ से परे है। कोर्ट ने कहा कि महाधिवक्ता सीआरपीसी के संगीन अपराध हत्या, लूट, डकैती होने पर भी गिरफ्तारी से पहले साक्ष्य इकट्ठा करने की दलील दे सकते हैं।

कोर्ट ने कहा कि आरोपितों ने पीड़ित परिवार को आतंकित करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी और महाधिवक्ता का कहना है कि विवेचना अधिकारी आरोपित को गिरफ्तार नहीं करना चाहते। सामूहिक दुष्कर्म की पीड़िता नौ महीने तक न्याय के लिए हर दरवाजे पर दस्तक देती रही और उसकी फरियाद कहीं नहीं सुनी गई। कोर्ट ने यहां तक कहा कि ऐसा करके आरोपितों को सुबूत मिटाने का पूरा मौका दिया गया।

कोर्ट ने दुष्कर्म पीड़िता को राहत देने की बजाए उल्टे उसके परिवार पर ही मुकदमा दर्ज कर कड़ी कार्रवाई करने पर पुलिस की निंदा की। कोर्ट ने सीधे और सपाट लहजे में कहा कि पुलिस कानून की अनदेखी कर जनप्रतिनिधियों के दबाव में काम कर रही है। पीड़ित परिवार पर आरोपित ही आतंक कर रहे हैं और पुलिस महकमा चुप है।

सरकार को नसीहत
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दुष्कर्म पीड़िता और उसके परिवार के दर-दर भटकने पर भी इंसाफ न मिलने अफसोस जताया। साथ ही सरकार को भी नसीहत दी कि गंभीर मामलों में सरकारी मशीनरी की कार्यवाही की सख्त निगरानी हो।

बीस पेज का आदेश
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उन्नाव में लड़की और उसके परिवारीजन पर हुए गंभीर अपराध को सीधे संज्ञान लेते हुए कुल 20 पेज का आदेश जारी किया, जिसमें सिर्फ और सिर्फ कानून व्यवस्था, पुलिस की कार्यशैली और न्याय व्यवस्था की छवि धूमिल करने वालों पर तंज कसा गया।

कौन हैं राघवेंद्र सिंह
यूपी में हरदोई जिले के रहने वाले राघवेंद्र सिंह 1977 से वकालत कर रहे हैं। विधि व्यवसाय इन्होंने हरदोई से ही शुरू किया और 1980 से इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ में प्रैक्टिस कर रहे हैं। 1998 में राघवेंद्र हरदोई की शाहाबाद सीट से भाजपा सांसद निर्वाचित हुए। 2008 में वो अवध बार एसोसिएशन के अध्यक्ष चुने गए। 66 वर्षीय राघवेंद्र सिंह छह साल तक भाजपा की लीगल विंग के राष्ट्रीय संयोजक भी रह चुके हैं। राज्यपाल के अनुमोदन के बाद मुख्यसचिव राहुल भटनागर ने उन्हें महाधिवक्ता के पद पर नियुक्त किए जाने की अधिसूचना जारी की थी।

मैरी कॉम ने दिलाया पांचवा गोल्ड, गौरव भी नहीं रहे पीछे

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गोल्ड कोस्ट। आस्ट्रेलिया के गोल्ड कोस्ट में आयोजित 21वें राष्ट्रमंडल खेलों में आज भारत के लिए सुनहरा दिन है। पहले मैरीकॉम फिर शूटर संजीव राजपूत और अब मुक्केबाज गौरव सोलंकी ने स्वर्ण पदक जीत लिया है। भारत को 19वां स्वर्ण पदक शूटर राजपूत और 20वां मुक्केबाज गौरव सोलंकी ने दिलाया है। भारत के स्टार रायफल शूटर संजीव राजपूत ने गोल्ड 50 मीटर राइफल स्पर्धा में जीत हासिल की वहीं गौरव सोलंकी ने 52 किग्रा स्पर्धा में देश का नाम रोशन किया।

सीडब्लूजी में उत्तरी आयरलैंड को गौरव ने दी मात
मुक्केबाज गौरव सोलंकी ने उत्तरी आयरलैंड के ब्रेंडन इरवाइन को 4-1 से हराया। उन्होंने पुरुषों की 52 किलोग्राम भारवर्ग स्पर्धा यह सफलता हासिल की है।

मुक्केबाजी स्पर्धा में भारत की मैरी कॉम ने स्वर्ण पदक जीत लिया। पांच बार विश्वविजेता रहीं मैरी कॉम ने फाइनल के 45-48 किलोग्राम भारवर्ग स्पर्धा में इंग्लैंड की क्रिस्टिना ओ हारा को 5-0 से हराया। मैरी कॉम ने सेमीफाइनल में श्रीलंका की अनुशा दिलरुक्सी को 5-0 से मात देकर फाइनल में जगह बनाई थी।

ऐसे रहा तीनों राउंड में मैरी कॉम का अंदाज
मैच के पहले राउंड में मैरी कॉम ने धीरज से काम लिया और मौके की ताक में रहीं। जब भी मौका मिला उन्होंने पंज जमाए। दूसरे राउंड में भी वे उसी तरह थी लेकिन क्रिस्टिना की ओर से कोशिशें जारी थीं। लेकिन ज्यों ज्यों मुकाबला बढ़ रहा था मैरी कॉम भी आक्रामक होती जा रहीं थीं और क्रिस्टिना पर दवाब बनाया हुआ था। अंतिम राउंड में क्रिस्टिना आक्रामक हो गई थीं लेकिन मैरी कॉम ने अपना पलड़ा भारी रखा और गोल्ड मेडल जीत लिया।

राष्ट्रपति ने दी मैरी कॉम को बधाई
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने राष्ट्रमंडल खेलों के मुक्केबाजी स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीतने पर भारत की अनुभवी मुक्केबाज व पांच बार की विश्व चैम्पियन एमसी मैरी कॉम को बधाई दी है। राष्ट्रपति ने ट्विटर पर दिए अपने बधाई संदेश में कहा, राष्ट्रमंडल खेलों में महिलाओं के 45-48 किग्रा मुक्केबाजी स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीतने के लिए मणिपुर और भारत की आइकन मैरी कॉम को बधाई।

छत्तीसगढ़ में संघ का सर्वे: सरकार के पक्ष में आए चौंकाने वाले आंकड़े

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रायपुर। छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव से पहले राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सर्वे ने प्रदेश की भाजपा सरकार और संगठन के माथे पर बल ला दिया है। संघ के पदाधिकारियों ने बस्तर से लेकर सरगुजा तक प्रदेश की 90 विधानसभा सीटों का एक महीने तक गहन सर्वे किया। संघ के उच्च पदस्थ सूत्रों की मानें तो सर्वे रिपोर्ट में प्रदेश की 37 सीटों पर भाजपा क्लीन स्वीप कर रही है। इनमें पांच से सात नई सीटें पार्टी के खाते में आ रही हैं, जहां पिछले चुनाव में हार का सामना करना पड़ा था।

सर्वे में यह भी सामने आया है कि तीन मंत्रियों सहित 20 विधायकों की सीट खतरे में बताई जा रही है। संघ के आला पदाधिकारियों ने बताया कि कई विधानसभा क्षेत्रों में सड़क, पुल, पुलिया और पेयजल की व्यवस्था होने के बाद भी विधायकों के प्रति नाराजगी है। संघ ने ऐसे विधायकों को टिकट न देने का सुझाव दिया है। सर्वे में बस्तर और सरगुजा में भाजपा की सीट पर बढ़त बताई जा रही है, लेकिन मैदानी इलाकों में 12 सीटों पर वर्तमान विधायकों की स्थिति बेहद चिंताजनक है। दुर्ग, रायपुर और धमतरी में करोड़ों के विकास कार्यो के बाद भी जनता में नाराजगी है। कुछ विधायकों के व्यवहार को लेकर नाराजगी है तो कहीं जनता का काम न करने और जनता से सीधा संपर्क न रखने के कारण नाराजगी है।

पदयात्रा में भी मिली निराशाजनक रिपोर्ट भाजपा के उच्च पदस्थ सूत्रों की मानें तो पार्टी की पदयात्रा के दौरान जहां एक बड़े क्षेत्र में बेहतर रिस्पांस मिला, वहीं कई इलाकों की रिपोर्ट निराशाजनक बताई जा रही है। इन इलाकों में पार्टी के स्थानीय नेतृृत्व के कारण निराशा है, जिसे देखते हुए वहां नए नेताओं को मौका मिलने की संभावना जताई जा रही है।

निम्न क्षेत्रों के विधायकों पर सबसे ज्यादा खतरा
संघ के पदाधिकारियों ने बताया कि कवर्धा, पंडरिया, साजा, लोरमी, आरंग, बिंद्रानवागढ़, भरतपुर सोनहत, मनेंद्रगढ़, सक्ति, पामगढ़, बिलाईगढ़, वैशाली नगर के विधायकों पर सबसे ज्यादा खतरा है।

इन सीटों में बढ़त की उम्मीद
रायपुर ग्रामीण, अभनपुर, बिल्हा, लुंड्रा, कोरबा, बलौदाबाजार, डौंडीलोहारा, गुंडरदेही, खैरागढ में ब़़ढत की उम्मीद है।

यह है वर्तमान स्थिति
कुल सीटों की संख्या 90 हैं जिसमें भाजपा के पास 49, कांग्रेस के पास 39. बसपा और अन्य के पास एक-एक है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि विधानसभा चुनाव को लेकर हुए सर्वे, पार्टी पदाधिकारियों की पदयात्रा की रिपोर्ट और मिशन 65 प्लस को लेकर रविवार को बैठक होगी। इसमें सभी मुद्दों पर विस्तार से चर्चा होगी और चुनावी रणनीति का खाका तैयार किया जाएगा।

आरटीआई में खुलासा: सीएम केजरीवाल के कार्यालय में हुआ करोड़ों का चाय और नाश्ता

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नई दिल्ली। अपनी सादगी के लिए देशभर में प्रख्यात दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के कार्यालय का चाय नाश्ते का खर्च भारी भरकम है। आरटीआइ से मिली जानकारी के आंकड़े दंग करने वाले हैं। आम आदमी पार्टी की सरकार में मुख्यमंत्री कार्यालय ने पिछले तीन साल में चाय नाश्ते पर एक करोड़ से अधिक राशि खर्च कर दी।

इसमें से इस साल में 33 लाख रुपये का रिफ्रेशमेंट खाया गया, जबकि पिछले साल इसी रिफ्रेशमेंट पर 46 लाख रुपये खर्च किए गए थे। यहीं नहीं मुख्यमंत्री ने तीन सालों में मोबाइल फोन पर ढाई लाख रुपये से अधिक खर्च किया है। इन दोनों फोन का बिल ढाई लाख रुपये से अधिक का आया है। यह सच्चाई सामने आई है एक आरटीआइ से। रानी गार्डन में रहने वाले मुकुंद चौधरी द्वारा लगाई गई आरटीआइ का जवाब उन्हें 13 मार्च को मिला।

इसके जवाब में कहा बताया गया कि वर्ष 2017-18 में मुख्यमंत्री के आफिस में 6,92,284 रुपये और कैंप आॅफिस में 26,44,615 रुपये का रिफ्रेशमेंट खाया गया। वहीं वर्ष 2016-17 में मुख्यमंत्री आफिस ने 15,91,631 और कैंप आॅफिस ने 30,63,202 रुपये का रिफ्रेशमेंट खाया। जबकि वर्ष 2015-16 में मुख्यमंत्री आफिस ने 17,53,150 और कैंप आफिस ने 5,59,280 रुपये का रिफ्रेशमेंट खाया।

इसके अलावा मार्च 2015 से फरवरी 2018 तक मुख्यमंत्री के मोबाइल एक का बिल 108851 और मोबाइल दो का बिल 147568 रुपये का बिल आया। आरटीआइ में बताया गया कि वर्ष 2017 में दो कार खरीदने पर 4073736 रुपये खर्च किए गए। इनकी सर्विस व एसेसरीज लगाने में 82610 रुपये व मुख्यमंत्री के साथ चलने वाले दो वाहनों के पेट्रोल पर 9749 रुपये खर्च किए गए।

मुख्यमंत्री के स्वास्थ्य पर पिछले तीन साल में करीब 12 लाख रुपये खर्च हुए हैं। आरटीआइ से मिली जानकारी के अनुसार वर्ष 2017-18 में 357605 रुपये, वर्ष 2016-17 में 725699 और वर्ष 2015-16 में 110927 रुपये का मेडिकल रीम्बर्समेंट लिया गया।