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रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष ने कहा: बिना इंजन के ट्रेन चलाना कर्मचारियों की बड़ी लापरवाही

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नई दिल्ली। ओडिशा में बैगर इंजन के ट्रेन चलने की घटना के सामने आने के बाद रविवार को रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष अश्वनी लोहानी ने बड़ी लापरवाही बताया है। रविवार को दिए एक बयान में उन्होंने कहा कि ओडिशा में बिना इंजन के अहमदाबाद – पुरी एक्सप्रेस का लुढकना कर्मचारियों की लापरवाही की एक अलग घटना है और इस पर रेलवे ने खेद व्यक्त करता है। गौरतलब है कि ओडिशा में यह ट्रेन सात किलोमीटर से ज्यादा बगैर इंजन के ही चलती रही थी। ट्रेन का यह वीडिया सोशल साइट्स पर भी काफी वायरल हुआ था।

इस घटना को लेकर लोहानी ने कहा कि इस मामले में रेलवे ने तुरंत कार्रवाई करते हुई घटना के लिए जिम्मेदार कर्मचारियों को निलंबित कर दिया है। साथ ही एक उच्चस्तरीय जांच कमेटी भी गठित की गई है जो अगले कुछ दिनों में अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। उन्होंने कहा कि रेलवे ट्रेन परिचलनों में उच्चतम स्तर की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है।

हमने इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए बरती जाने वाली सावधानियों को लेकर कर्मचारियों को संवेदनशील बनाने की खातिर पूरे नेटवर्क में एक महीने का अभियान चलाने का आदेश दिया है।यात्री सुरक्षा भारतीय रेलवे की सर्वोच्च प्राथमिकता है। गौरतलब है कि शनिवार रात अहमदाबाद – पुरी एक्सप्रेस बिना इंजन के ही लुढ़कती हुई कई किलोमीटर तक चली गई थी।

कामनवेल्थ गेम में दबदबा कायम, जीतू राय ने देश के लिए जीता आठवां गोल्ड

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गोल्ड कोस्ट। गोल्ड कोस्ट में चल रहे कॉमनवेल्थ खेलों का आज पांचवा दिन है और भारतीय खिलाड़ी एक के बाद एक मेडल अपने नाम किए जा रहे हैं। पुरुष वर्ग के 10 मीटर एयर पिस्टल में भारत के जीतू राय ने देश के लिए आठवां गोल्ड मेडल जीता, वहीं ओमप्रकाश को ब्रॉन्ज मेडल हासिल हुआ। फाइनल मुकाबले में जीतू ने 235।1 अंक हासिल किए, जबकि ओमप्रकाश को 214।3 अंक मिले। महिलाओं की 10 मीटर एयर राइफल स्पर्धा में भारत की मेहुली घोष ने सिल्वर पदक जीता और अपूर्वी चंदेला ने ब्रान्ज अपने नाम किया।

भारत ने पांचवे दिन की शुरूआत सिल्वर मेडल की साथ की। पुरुष वेटलिफ्टिंग के 105 भार वर्ग में प्रदीप सिंह ने सिल्वर मेडल हासिल किया। उन्होंने क्लीन एंड जर्क में 200 किलो उठाकर 352 का स्कोर बनाया। गोल्ड मेडल समोआ के सोनेले माओ को मिला जिन्होंने 360 का कुल स्कोर किया। कांसे पर इंग्लैंड के ओवेन बोक्सल ने कब्जा किया जिन्होंने कुल 351 का स्कोर किया।
इस सिल्वर मेडल के बाद अब भारत पदक तालिका में 17 पदक के साथ चौथे स्थान पर है।

भारत के ने अब तक 8 गोल्ड, 4 सिल्वर और 5 ब्रॉन्ज मेडल जीते हैं। बहरहला, आज का दिन भी अहम है जहां भारत को बैडमिंटन टीम इवेंट का फाइनल मलेशिया के खिलाफ खेलना है तो वहीं बॉक्सिंग, टेबल टेनिस, शूटिंग और वेटलिफ्टिंग में भी मेडल जीतने की उम्मीद है।

बता दें कि रविवार का दिन भारत के लिए बहुत अच्छा रहा था। भारत ने तीन गोल्ड सहित 6 पदक अपने नाम किए। साथ ही चौथा दिन महिलाओं के नाम रहा, जहां पूनम यादव, मनु भाकर, हिना सिद्धू और महिला टेबल टेनिस टीम ने अपना जलवा दिखाया।
वहीं साइना नेहवाल के शानदार प्रदर्शन के दम पर भारत ने रविवार को कॉमनवेल्थ गेम्स की बैडमिंटन मिक्स्ड टीम स्पर्धा के सेमीफाइनल में सिंगापुर को 3-1 से शिकस्त दी।

इस जीत के साथ भारत का इस स्पर्धा में पदक पक्का हो गया। इसके अलावा महिला मुक्केबाज एमसी मैरी कॉम ने भी क्वार्टरफाइनल मुकाबला जीतकर अपना पदक सुनिश्चित कर लिया। भारत के लिए यह 2014 ग्लास्गो कॉमनवेल्थ गेम्स में कांस्य पदक के प्लेआफ मुकाबले में सिंगापुर से 2-3 से मिली हार का बदला था। सिंगापुर ने ग्लास्गो गेम्स में टीम स्पर्धा का कांस्य पदक जीता था।

भारत अब फाइनल में सोमवार को तीन बार की विजेता मलेशिया का सामना करेगा। मलेशिया ने एक अन्य सेमीफाइनल में इंग्लैंड को 3-0 से शिकस्त दी। भारत को 2010 दिल्ली कॉमनवेल्थ गेम्स में मलेशिया के हाथों 1-3 से हार का सामना करना पड़ा था। पिछले चार दिनों में अपना पांचवां मैच खेल रहीं साइना ने सिंगापुर की जिया मिन यिओ को 21-8, 21-15 से हराया। काबले की शुरूआत मिक्स्ड डबल्स में सात्विकसाइराज रैंकीरेड्डी और अश्विनी पोनप्पा ने योंग केइ टैरी ही और जिया यिंग क्रिस्टल वोंग के खिलाफ की। भारतीय जोड़ी ने कड़ी चुनौती का सामना करके 41 मिनट तक चले इस मुकाबले में 22-20, 21-18 से जीत दर्ज की।

अनपढ़ बाबा ने पेश की अनूठी मिशाल, बच्चों को पढ़ने के लिए दे दिया अपना घर

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बड़वानी। मध्य प्रदेश के बड़वानी जिले का पाटी विकासखंड देश के सबसे पिछड़े 10 विकासखंडों में शामिल है, लेकिन इसके छोटे से गांव ठेंग्चा में शिक्षा के प्रति जागरूकता का अनूठा उदाहरण सामने आया है। गांव के बच्चे पढ़-लिख सकें, इसलिए सरकारी स्कूल संचालित करने के लिए एक अनपढ़ ग्रामीण कोटवाल बाबा ने अपनी झोपड़ी दे रखी है।

इसमें जब तक स्कूल लगता है, तब तक उनका सात सदस्यीय परिवार खेत पर समय बिताता है। स्कूल चलाने के एवज में वह किराया भी नहीं ले रहे हैं। यही नहीं, यह स्कूल भी 65 साल के कोटवाल बाबा व उनके एक बेटे कैलाश के प्रयास से शुरू हुआ। स्कूल की मांग पूरी होने के साथ शिक्षक भी मिल गया, लेकिन भवन नहीं था। इस वजह से कोटवाल बाबा ने पांच साल पहले अपनी झोपड़ी देने की पेशकश की।
गौरतलब है कि केंद्र की वनबंधु योजना के तहत 2014-15 में देश के 10 सबसे ज्यादा पिछड़े विकासखंडों में मध्य प्रदेश से एकमात्र पाटी विकासखंड शामिल था। हाल ही में नीति आयोग द्वारा जारी रिपोर्ट में बड़वानी जिले को प्रदेश के सबसे पिछड़े जिलों में दूसरे स्थान पर बताया गया है। ग्राम ठेंग्चा के अवाया फलिया में स्थित इस झोपड़ी में शिक्षक की टेबल-कुर्सी, बोर्ड और टाटपट्टी के अलावा गृहस्थी का सामान भी नजर आता है।
कोटवाल बाबा के पांच बेटों में चार अनपढ़ हैं। एक इसी स्कूल में पढ़ चुका है। दो बेटों की शादी हो चुकी है। दो बेटे अलग रहते हैं। झोपड़ी में बाबा, उनकी पत्नी, तीन बेटे और दो बहुओं सहित सात सदस्य रहते हैं। परिवार के पास 3-4 एकड़ असिंचित जमीन है। स्कूल में पदस्थ एकमात्र शिक्षक प्रधान पाठक अमृत राठौड़ के मुताबिक वर्तमान में इसमें 38 बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं। 2017-18 के सत्र में कोटवाल बाबा के छोटे बेटे सहित स्कूल के नौ बच्चों ने माध्यमिक विद्यालय में कक्षा छठवीं में प्रवेश लिया है। पांचवीं तक इसी स्कूल में पढ़ीं सुनीता व संगीता ने बताया कि स्कूल में पढ़ाई तो अच्छी होती है, लेकिन अच्छा भवन भी मिल जाए तो अच्छा हो।

आयात शुल्क को लेकर अमेरिका से बात करेगा वाणिज्य मंत्रालय

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नई दिल्ली। संयुक्त राज्य अमेरिका (यूएसए) की ओर से स्टील व एल्युमीनियम उत्पादों पर लगाए गए आयात शुल्क पर वाणिज्य मंत्रालय मंगलवार को अमेरिका के साथ बातचीत करेगा। मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि ट्रेड पॉलिसी फोरम (टीपीएफ) की बैठक में भारत द्वारा इस मसले को उठाया जाएगा।

गौरतलब है कि टीपीएफ भारत और अमेरिका के बीच कारोबार व निवेश जैसे मसलों पर विचार-विमर्श और समस्या समाधान का अग्रणी द्विपक्षीय मंच है। यह मंच पांच महत्वपूर्ण मसलों पर द्विपक्षीय वार्ता के जरिये समस्याओं का समाधान तलाशता है। इनमें कृषि, निवेश, नवोन्मेष (इनोवेशन) और रचनात्मकता (वैयक्तिक बौद्धिक संपदा अधिकार), सेवा और टैरिफ (शुल्क) व नॉन-टैरिफ बाधाएं शामिल हैं। अधिकारी ने कहा कि मंगलवार को प्रस्तावित वार्ता के दौरान दोनों पक्ष द्विपक्षीय कारोबार व निवेश को और मजबूती देने की दिशा में वार्ता करेंगे।

अधिकारी का कहना था कि मंत्रालय अमेरिका द्वारा आयात शुल्क लगाने के बाद की परिस्थितियों का अवलोकन कर रहा है। गौरतलब है कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने स्टील पर 25 फीसद व एल्युमीनियम उत्पादों पर 10 फीसद आयात शुल्क लगाया है। भारत वर्तमान में अमेरिका को करीब 1.4 अरब डॉलर (करीब 104 अरब रुपये) मूल्य के स्टील व एल्युमीनियम उत्पादों का निर्यात कर रहा है।

इससे पहले संयुक्त राज्य अमेरिका (यूएसए) ने चीन के खिलाफ उठाए जा रहे कदमों पर पीछे हटने से साफ इनकार किया है। व्हाइट हाउस ने साफ किया कि जब तक चीन गैरवाजिब कारोबारी गतिविधियों और बौद्धिक संपदा की चोरी पर अंकुश नहीं लगाता, तब तक चीन के खिलाफ अमेरिका की कार्रवाई जारी रहेगी।

यह जानना उपयोगी होगा कि चालू खाते का घाटा क्या है

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नई दिल्ली। वित्त वर्ष 2017-18 की तीसरी तिमाही (अक्टूबर-दिसंबर) में हमारे देश का चालू खाते का घाटा बढ़कर जीडीपी के दो फीसद के बराबर हो गया है। अगर अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल का भाव बढ़ा तो यह और ऊपर जा सकता है। इधर अमेरिका सहित कुछ देशों ने अपना व्यापार घाटा कम करने के लिए संरक्षणवादी नीतियां अपनाई हैं, जिससे ट्रेड वार की स्थिति बन गई है। ऐसे में यह जानना उपयोगी होगा कि व्यापार घाटा और चालू खाते का घाटा क्या है और इनमें उतार-चढ़ाव अर्थव्यवस्था को कैसे प्रभावित करता है।

चालू खाते का घाटा और व्यापार घाटा समझने के लिए सबसे पहले हमें भुगतान संतुलन की अवधारणा को समझना होगा। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आइएमएफ) के अनुसार भुगतान संतुलन एक स्टेटिस्टीकल स्टेटमेंट है, जो एक देश के निवासियों के अन्य देशों के साथ एक निश्चित अवधि में किए गए आर्थिक लेन-देन का सार प्रस्तुत करता है। निवासी से आशय देश के नागरिकों से नहीं बल्कि उन व्यक्तियों या कंपनियों से है जिनका आर्थिक हित उस देश में है।

सरल शब्दों में कहें तो एक देश के निवासी व्यक्ति या कंपनियां और वहां की सरकार एक साल या तिमाही के भीतर अन्य देशों के साथ जब वस्तुओं, सेवाओं और पूंजी का आयात-निर्यात करते हैं तो आंकड़ों के रूप में दिए गए उसके सार को भुगतान संतुलन कहते हैं। जब किसी देश का भुगतान संतुलन डगमगाता है तो वहां की अर्थव्यवस्था पर गंभीर प्रभाव पड़ते हैं। नब्बे के दशक के शुरू में जब भारत में भुगतान संतुलन का संकट गहराया तो सरकार को संकट से उबरने के लिए उदारीकरण और आर्थिक सुधारों की शुरूआत करनी पड़ी थी।

इंडिया पोस्ट ने डाकघरों को आईपीपीबी से जोड़ने की बना रहा है योजना

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नई दिल्ली। देश के करीब 34 करोड़ डाकघर बचत खाताधारक बहुत जल्द डाकघरों में भी डिजिटल बैंकिंग की पूरी सुविधा का लाभ उठा सकेंगे। सरकार ने ऐसे खाताधारकों के खातों को इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक (आइपीपीबी) से जोड़ने की इजाजत दे दी है।

एक आधिकारिक सूत्र ने बताया कि वित्त मंत्रलय ने डाकघरों के बचत खातों को आइपीपीबी से जोड़ने का अनुमोदन कर दिया है। इससे डाकघर बचत खाताधारकों को किसी भी बैंक के किसी भी अकाउंट में रकम हस्तांतरित करने की सुविधा मिल जाएगी। सूत्र के मुताबिक इस वर्ष मई से पहले चरण और सितंबर से दूसरे चरण में ऐसे खाताधारकों को आइपीपीबी से जोड़ने की प्रक्रिया शुरू होगी।

वित्त मंत्रलय के इस फैसले से देश का सबसे बड़ा बैंकिंग नेटवर्क तैयार होने का रास्ता साफ हो गया है। इसकी वजह यह है कि इंडिया पोस्ट ने देशभर के सभी 1.55 लाख डाकघरों को आइपीपीबी से जोड़ने की योजना बनाई है। इन 34 करोड़ खातों में 17 करोड़ पोस्ट आॅफिस सेविंग्स बैंक अकाउंट हैं, जबकि बाकी मासिक आय योजना व आवर्ती जमा (रेकरिंग डिपॉजिट) खाते वगैरह हैं।

इंडिया पोस्ट ने हालांकि कोर बैंकिंग सुविधा शुरू कर दी है। लेकिन वर्तमान में उसकी यह सुविधा सिर्फ डाकघर के खाताधारकों (पीओएसबी) के बीच तक सीमित है। आइपीपीबी का नियंत्रण भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआइ) के हाथों में है, जबकि डाकघरों में बैंकिंग सेवाओं का मामला वित्त मंत्रलय के अधिकार क्षेत्र में आता है।

आइपीपीबी के ग्राहक नेशनल इलेक्ट्रॉनिक फंड्स ट्रांसफर (एनईएफटी) और रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट (आरटीजीएस) समेत रकम हस्तांतरण की अन्य सुविधाओं का लाभ उठा सकते हैं। सूत्रों का कहना था कि पीओएसबी ग्राहक इस वर्ष मई से आइपीपीबी की सुविधाओं का लुत्फ उठाना शुरू कर देंगे।

भाजपा को घेरने में जुटे राहुल गांधी, महात्मा गांधी की समाधि पर आज रखेंगे उपवास

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नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी हर ओर केंद्र की मोदी सरकार को घेरने में जुटे हुए हैं। देश में सांप्रदायिक सौहार्द और दलितों के खिलाफ अत्याचार के मुद्दे पर कांग्रेस आज देशव्यापी अनशन करने जा रही है। सभी जिला मुख्यालयों में कांग्रेस के नेता और कार्यकर्ता एक दिन का अनशन रखेंगे।

इसी कड़ी में पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी दिल्ली में राजघाट स्थिति महात्मा गांधी की समाधि पर उपवास करेंगे। उनके साथ कांग्रेस के सभी आला नेता होंगे। इस उपवास के पीछे की वजह सांप्रदायिक सौहार्द के बिगड़ते माहौल और दलितों के खिलाफ हो रहे अत्याचार को बताया गया है।

कांग्रेस के नए संगठन महासचिव अशोक गहलोत की तरफ से पार्टी के सभी प्रदेश अध्यक्षों, एआईसीसी महासचिवों/प्रभारियों और विधायक दल के नेताओं के भेजे गए दिशा निर्देश में कहा गया है कि सांप्रदायिक सौहार्द को बचाने और बढ़ाने के लिए सभी राज्यों और जिलों के कांग्रेस मुख्यालयों में 9 अप्रैल को उपवास रखा जाए।

इसमें 2 अप्रैल को भारत बंद के दौरान हुई गड़बड़ियों और हिंसा के हवाले से कहा गया है कि ये दुर्भाग्यपूर्ण है। बीजेपी शासित केन्द्र और राज्य की सरकारों ने हिंसा रोकने और दलितों के हक के संरक्षण के लिए कुछ नहीं किया। ऐसे मुश्किल वक्त में कांग्रेस को आगे बढ़ कर नेतृत्व करने की दरकार है।

आपको बता दें कि राहुल गांधी और कांग्रेस का उपवास बीजेपी के उपवास से दो दिन पहले हो रहा है। बीजेपी के सभी सांसद 12 अप्रैल को उपवास रखेंगे। ये निर्देश खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरफ से पार्टी सांसदों को दिया गया है। दरअसल मोदी संसद नहीं चलने देने के लिए विपक्ष और खासतौर पर कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया है।

बीते शुक्रवार को बीजेपी संसदीय दल की बैठक में उन्होने बीजेपी सांसदों से कहा कि वे कांग्रेस की विभेदकारी नीतियों के खिलाफ 12 तारीख को उपवास रखें। दलितों के मामले ने जिस तरह के तूल पकड़ा और भारत बंद के दौरान जो हिंसा हुई उसके पीछे बीजेपी विपक्ष को जिम्मेदार ठहरा रही है। जाहिर है कांग्रेस और बीजेपी दोनों उपवास के जरिए अपने अपने तरीके से दलितों के हक में खड़ा दिखने की कोशिश कर रही है।

चीन ने तीन बार की घुसपैठ की कोशिश, छह साल पुराने काम अभी तक नहीं हुए पूरे

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नई दिल्ली: इंडो-तिब्बन बॉर्डर पुलिस यानी आईटीबीपी की रिपोर्ट के मुताबिक चीन ने अरुणाचल प्रदेश के उत्तरी पैंगोंग झील के पास गाड़ियों के जरिये 28 फरवरी, 7 मार्च और 12 मार्च 2018 को घुसपैठ की है। रिपोर्ट में कहा गया है कि पैंगोंग झील के पास 3 जगहों पर चीनी सेना ने घुसपैठ की जिसमें वे लगभग 6 किलोमीटर तक अंदर घुस आए थे।

आईटीबीपी जवानों के विरोध के बाद चीनी सैनिक वापस लौट गए। डोकलाम के बाद अब चीनी सेना अरुणाचल प्रदेश से सटी सीमा पर तनाव बढ़ाने की कोशिश कर रहा है। उसने भारतीय सैनिकों के गश्त पर भी आपत्ति जताई है। रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि चीन के मुकाबले भारतीय सेना का बुनियादी ढांचा थोड़ा कमजोर है लेकिन भारत 1962 के मुकाबले काफी आगे जा चुका है। वहीं सरहद की रखवाली करने में जवानों के जोश और जज्बे में कोई कमी नहीं है।

चीन ने बना रखी है पक्की सड़क और हेलीपैड
अरुणाचल प्रदेश के किबितू इलाके से सटी सीमा चीन का टाटू कैंप और न्यू टाटू कैंप है। यहां पर चीनी सेना ने कंक्रीट की मजबूत की बिल्डिंग, फायरिंग रेंज और हेलीपैड साफ नजर आते हैं। यहां तक चीन ने पक्की सड़क भी बनाई हुई है। इधर भारत के अंदर चीन की तुलना में बुनियादी ढांचा अभी इतना मजबूत नहीं हुआ है।

ना तो सड़क पक्की है और ना ही पुख्ता संचार तंत्र। इसके बावजूद यहां तैनात भारतीय जवानों के जोश और उत्साह में कोई कमी नहीं है। सहरद पर तैनात जवान पुष्प सिंह ने कहा, हम हर वक्त तैयार रहते हैं जवाब देने के लिए हमारे हौसले काफी बुलंद हैं। वहीं सूबेदार नेत्र सिंह ने बताया कि जो टास्क दिया जाता है उसे पूरा करने में कोई कसर नहीं छोड़ते हैं। कठिन पहाड़ी इलाके, घने जंगलों और मौसम की मार के बीच वो हर लिहाज से मुस्तैद हैं। हालांकि उन्होंने यह भी बताया कि यहां मौसम हमेशा खराब हो जाता है जिससे खाना गीला हो जाता है।

ये तो काफी पहले पूरा हो जाना चाहिए था
आपको बता दें कि चीन से लगी सीमा पर भारतीय जवानों की पेट्रोलिंग जारी है। हालांकि सूत्रों के मुताबिक पिछले ही महीने चीन ने यहां रणनीतिक लिहाज से संवेदनशील असाफिला इलाके में भारतीय पेट्रोलिंग पर सवाल उठाए हैं। चीन ने अपने इलाके में अतिक्रमण का आरोप लगाया जिसे भारत ने सिरे से खारिज कर दिया। उलटे भारत का आरोप है कि चीन इस इलाके में कई बार सीमा का अतिक्रमण कर चुका है। चीन की हरकतों को देखते हुए ही भारत ने सरहदी इलाकों में बुनियादी ढांचा पक्का करने में तेजी लाई है। करीब साढ़े तीन हजार करोड़ रुपए की लागत से चीन से लगी सीमाओं पर सड़क निर्माण का काम तेजी से चल रहा है। ऐसे 73 प्रोजेक्ट्स में से 18 पूरे हो चुके हैं। बाकी प्रोजेक्ट 2020 तक पूरे किए जाने का लक्ष्य है।

राजधानी में पड़ोसी ने नौ साल की मासूम को बनाया हवस का शिकार

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भोपाल। दुष्कर्म और छेड़छाड़ के मामलों से राजधानी लगातार शर्मसार हो रही है। पुलिस की सख्ती के बावजूद भी ये मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। राजधानी के बैरागढ़ थाना क्षेत्र में नाबालिग से दुष्कर्म करने वाले आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार रविवार को जुलूस निकाला।

इस दौरान आस-पास के रहवासियों ने दुष्कर्म के आरोपी पर जमकर चांटे लगाए। रविवार की सुबह बैरागढ़ इलाके में 9 साल की मासूम से बलात्कार का मामला सामने आया था। पुलिस ने पीड़ित के पिता की शिकायत पर मामला दर्ज कर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। इस दरिंदगी को अंजाम मासूम के पड़ोस में रहने वाले ने दिया। आरोपी मेहनत-मजदूरी का काम करता है। पीड़िता की हालत खराब होने के कारण उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

पुलिस ने दुष्कर्म करने वाले आरोपी गिरफ्तार कर बैरागढ़ क्षेत्र में जुलूस निकाला। इस दौरान आसपास की रहने वाली महिलाओं ने आरोपी पर खूब चांटे लगाए। पुलिस ने बताया हर दुष्कर्म करने वाले आरोपी का यही हाल होगा। पुलिस ऐसी अपराधियों को कठी सजा देगी। रहवासियों में अपराध के डर न रहे इसके लिए पुलिस लगातार ऐसे अपराधियों को गिरफ्तार कर रही है जो दुष्कर्म जैसे अपराध कर रहे हैं।

बैरागढ़ पुलिस के अनुसार राहुल नगर में रहने वाली 9 साल की एक मासूम बच्ची जब अपने घर मे अकेली थी तभी पड़ोसी मोनू जाटव उर्फ नट्टू आया और एक गिलास पानी की मांग की। आरोपी की मंशा से अनजान बच्ची पड़ोस में रहने वाले से जान-पहचान के चलते पानी लेने जैसे ही अंदर गई। वहशी ने कमरा बन्द कर मासूम के साथ दुष्कृत्य किया।

सत्ता वापसी का राहुल गांधी का फॉर्मूला साबित हो रहा कमजोर

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भोपाल। मप्र में राहुल गांधी के ट्रंप कार्ड माने जा रहे प्रदेश प्रभारी दीपक बावरिया फेल होते नजर आ रहे हैं। राज्य में चौदह साल से वनवास काट रही कांग्रेस की सत्ता में वापसी का राहुल गांधी फॉर्मूला कमजोर साबित हो रहा है। दरअसल, पिछले साल नौ सितंबर को जब प्रदेश प्रभारी के रूप में दीपक बावरिया को भेजा गया तो लगा पार्टी में अनुशासन के साथ ही मजबूत विपक्ष की भूमिका अदा हो सकेगी।
दीपक बावरिया ने भी एक के बाद एक बैठक कर राहुल गांधी का पार्टी नेताओं को संदेश साफ पढ़ा दिया कि अबकी बार कांग्रेस सरकार बनाने के लिए नेताओं को एकजुट होना पड़ेगा।

सोई पार्टी में जान फूंकने के लिए बावरिया के शुरुआती कदम पार्टी को मजबूत संगठन की दिशा में ले जाते दिखे, लेकिन सात महीने बाद तस्वीर बदलती नजर आ रही है। अब तो बावरिया की बैठकों में पार्टी के नेता ही नजर नहीं आ रहे हैं, न ही पार्टी आयोजन में शामिल हो रहे हैं। इसके साथ ही बावरिया के फैसलों को मान रहे हैं। आलम ये है कि बावरिया अपनी बेबसी खुद कई बार मीडिया में बयां कर चुके हैं। वहीं, कांग्रेस के अंदर मचे घमासान पर बीजेपी भी हवा देने का काम कर रही है।

इतना ही नहीं प्रदेश प्रभारी दीपक बावरिया बेबसी इस बात को लेकर भी जाहिर होती है कि बुजुर्ग नेताओं को चुनाव में टिकट नहीं देने के फॉर्मूले को वापस लेने पर कई बार सफाई देनी पड़ी। साथ ही टिकट के दावेदारों से आवेदन के साथ पचास हजार रुपए जमा कराने का भी फैसला बावरिया को वापस लेना पड़ा। कुल मिलाकर प्रदेश में कांग्रेस के दिग्गज नेताओं के रसूख और अपनी-अपनी सियासत के कारण बावरिया अब बुरे फंसे नजर आ रहे हैं और आलम ये है कि चुनाव से पहले राहुल गांधी का मप्र में बावरिया फॉर्मूला फ्लाप होता नजर आ रहा है। एक बार फिर पार्टी ने न्याय यात्रा के बहाने पार्टी के दिग्गज नेताओं को एक मंच पर लाने की कोशिश की गई, लेकिन ये भी बेअसर साबित रहा।