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मुंबई की हार से शुरुआत: ब्रावो ने चेन्नई को दिलाई जीत

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मुंबई। आइपीएल के 11वें सीजन के पहले मुकाबले में तीन बार की चैंपियन मुंबई इंडियंस दो बार खिताब जीत चुकी चेन्नई सुुपर किंग्स के सामने थी। और मुंबई को सीजन के पहले ही मैच में हार का सामना करना पड़ा। इस रोमांचक मुकाबले में चैंपियन ब्रावो की शानदार पारी के दम पर चेन्नई सुपर किंग्स ने मुंबई इंडियंस को एक विकेट से हराकर सनसनीखेज शुरूआत की। इस मैच में धौनी ने टॉस जीता और पहले गेंदबाजी का फैसला किया।

पहले बल्लेबाजी करते हुए मुंबई इंडियंस ने निर्धारित 20 ओवर में 4 विकेट पर 165 रन बनाए। चेन्नई को मैच जीतने के लिए 166 रन का लक्ष्य मिला था। एक वक्त ऐसा लग रहा था कि मुंबई ये मुकाबला जीत जाएगा लेकिन ब्रावो ने मुंबई के इरादों पर पानी फेर दिया और कमाल का खेल दिखाते हुए टीम को जीत तक पहुंचा दिया। इसके बाद केदार जाधव ने शानदार चौका लगाकर चेन्नई को जीत दिला दी।

ब्रावो की तूफानी पारी
मुंबई ने चेन्नई को पहला झटका शेन वॉटसन के तौर पर दिया। हार्दिक पांड्या की गेंद पर लेविस ने 16 रन पर शेन का कैच लपका। सुरेश रैना सिर्फ 4 रन बनाकर हार्दिक पांड्या की गेंद पर कृणाल पांड्या के हाथों कैच आउट हो गए। अंबाती रायडू को मयंक ने एलबीडब्ल्यू आउट किया। रायडू ने 19 गेंदों पर 22 रन बनाए। टीम के कप्तान धौनी ने अपनी टीम को निराश किया और सिर्फ पांच रन बनाकर मयंक की गेंद पर एलबीडब्ल्यू आउट हो गए।

रवींद्र जडेजा 12 रन बनाकर मुस्ताफिजुर रहमान का शिकार बने। जडेजा का कैच सुर्यकुमार यादव ने लपका। दीपक चाहर बिना खाता खोले मयंक की गेंद पर स्टंप आउट हुए। ईशान किशन ने चाहर को स्टंप किया। हरभजन सिंह 8 रन बनाकर मैक्लेघन की गेंद पर बुमराह के हाथों कैच आउट हुए। मार्क वुड हार्दिक पांड्या की गेंद पर एक रन बनाकर आउट हो गए। वुड का कैच मुस्ताफिजुर ने लपका। ब्रावो ने 30 गेंदों पर तूफानी 68 रन की पारी खेली।

उन्होंने अपनी पारी में 3 चौके और 7 छक्के लगाए। बुमराह की गेंद पर ब्रावो का कैच रोहित शर्मा ने पकड़ा। केदार जाधव ने 22 गेंदों पर नाबाद 24 रन की पारी खेली। जाधव एक बार इंजर्ड होकर मैदान से बाहर चले गए थे लेकिन आखिरी वक्त पर वो फिर से बल्लेबाजी के लिए उतरे और टीम को बेहतरीन जीत दिलाई।

शांति के लिए सराहनीय प्रयास, शिक्षकों ने निकाला सद्भावना मार्च\

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भिंड। भारत बंद के दौरान भड़की हिंसा के बाद से तनावग्रस्त भिंड में शांति लाने के लिए शिक्षकों ने सराहनीय प्रयास किया है। यहां शासकीय शिक्षकों ने सद्भावना मार्च निकालकर लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है।

दो अप्रैल को भारत बंद के बाद हिंसा की चपेट में आये भिंड को शांति की राह पर लाने के प्रयास शुरू हो गए हैं। दुनिया को राह दिखाने वाले शिक्षक भी इसके लिए पूरा योगदान दे रहे हैं। इसी के चलते भिंड के परेड चौराहें पर इक्कट्ठे होकर शिक्षकों ने शहर के मुख्य मार्गों से सद्भावना मार्च निकाला। इस दौरान शिक्षकों ने सभी से शांति बनाए रखने की अपील भी की।

शिक्षकों का कहना है कि एक शिक्षक नागरिकों में गुणा का निर्माण करता है। अगर जिले में हालात बिगड़े हैं तो ये हम शिक्षकों की भी कमी है जो कि हम लोगों में अच्छे गुणों का निर्माण नहीं कर सके। इसी वजह से तनाव खत्म करने के उद्देश्य से शिक्षकों ने ये मार्च निकाला है।

शेयर मार्केट : आर्थिक आंकड़े की चाल तय करेंगे तिमाही नतीजे

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मुंबई। अगले सप्ताह शेयर बाजार की घरेलू चाल और वैश्विक व्यापक आर्थिक आंकड़े, प्रमुख कंपनियों की चौथी तिमाही के त्रैमासिक नतीजे, वैश्विक बाजारों के रुख, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) और घरेलू संस्थापक निवेशकों (डीआईआई) द्वारा किए गए निवेश, डॉलर के खिलाफ रुपये की चाल और कच्चे तेल की कीमतों का प्रदर्शन मिलकर तय करेंगे।

अगले सप्ताह जिन कंपनियों के तिमाही नतीजे जारी होंगे, उनमें आईटी दिग्गज इंफोसिस अपनी चौथी तिमाही के नतीजे शुक्रवार (13 अप्रैल) को जारी करेगी। वीएसटी इंडस्ट्रीज और रिलायंस इंडस्ट्रियल इंफ्रास्ट्रक्चर अपनी चौथी तिमाही के नतीजे गुरुवार (12 अप्रैल) को जारी करेंगे।

व्यापक आर्थिक मोर्चे पर, सरकार औद्योगिक उत्पादन के फरवरी के आंकड़े गुरुवार (12 अप्रैल) को जारी करेगी। देश के औद्योगिक उत्पादन में साल-दर-साल आधार पर जनवरी में 7.5 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई थी। वहीं, गुरुवार को ही सरकार उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) पर आधारित मुद्रास्फीति के मार्च के आंकड़े जारी करेगी।

अखिल भारतीय सामान्य सीपीआई मुद्रास्फीति दर फरवरी में पिछले चार महीनों के सबसे निम्नतम स्तर 4.44 फीसदी पर थी, जबकि जनवरी में यह 5.07 फीसदी पर थी। वैश्विक मोर्चे पर, अमेरिका की गैर कृषि वेतन आंकड़े और बेरोजगारी के मार्च के आंकड़े शुक्रवार (13 अप्रैल) को जारी किए जाएंगे।

अमेरिका की कोर उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) के मार्च के आंकड़े तथा कच्चे तेल की इंवेंट्री के आंकड़े बुधवार (11 अप्रैल) को जारी किए जाएंगे। अमेरिका की फेडरल ओपन मार्केट कमिटी (एफओएमसी) की बैठक के मिनट्स बुधवार (11 अप्रैल) को जारी किए जाएंगे।

बिहार में किसानों की टूटी कमर, ओलावृष्टि ने मचाया कोहराम, फसलें बर्बाद

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पटना। बिहार के कई जिलों में मौसम ने अचानक ऐसी करवट बदली कि किसानों की कमर तोड़कर रख दी। मुजफ्फरपुर, वैशाली और सारण जिले के कुछ हिस्सों में अचानक हुई बर्फबारी (ओलावृष्टि) ने न सिर्फ लोगों को हैरान कर दिया, बल्कि उन्हें सकते में भी डाल दिया। शनिवार को अचानक आए आंधी-तूफान एवं ओलावृष्टि ने किसानों के अरमानों पर पानी फेर दिया और उनके खेतों के सारे फसल बर्बाद कर दिये।

दरअसल, शनिवार को  वैशाली, सारण सहित मुजफ्फरपुर के सरैया और पारू प्रखंड के गांवों में भारी बर्फबारी हुई है। ओलावृष्टि की वजह से गेहूं की फसल पूरी तरह से बर्बाद हो गई है। इसके साथ मक्का, सरसों की फसल सहित आम, लीची को भी काफी नुकसान पहुंचा है। इन फसलों की बबार्दी से किसान काफी सदमे में हैं। इतना ही नहीं, ओलावृष्टि से गरीबों के घरों को भी काफी नुकसान पहुंचा है, जिनके घर पक्के नहीं हैं।

बता दें कि बिहार के जिन इलाकों में भीषण ओला वृष्टि हुई है, वहां गेहूं, मक्का, सरसो, मूंग, आम और लीची का उत्पादन प्रचूर मात्रा में होता है। इन इलाकों में किसान, गेहूं, आम और लीची जैसे पैदावार पर आश्रित होते हैं। आंधी और ओला वृष्टि की वजह से आम और लीची के फल सारे नष्ट हो गये हैं। मगर जिस तरह से मौसम की मार पड़ी है, उससे इन किसानों को काफी झटका लगा है।

मुजफ्फरपुर के किसान परिवार से संबंध रखने वाले ब्रजेश कुमार के मुताबिक, उत्तर बिहार में भीषण डैकती हो गयी, किसानों के सारे स्वणार्भूषण रूपी गेंहू लूट लिये गये। भीषण बारिश सहित बड़े-बड़े ओले गिरने की वजह से गेंहू सहित आम, लीची के फसल बुरी तरह से बर्बाद हो गये। क्या बीत रही होगी किसानों पर ये कहना बेहद मुश्किल है। वहीं, पारू थाने के स्थानीय किसान जिशान जरार का कहना है कि जिन इलाकों में किसानों की भारी तबाही हुई है, उन्हें सरकार की ओर से तुरंत मुआवजे की घोषणा की जानी चाहिए।

कॉमनवेल्थ गेम्स में भारतीय खिलाड़ियों की स्वर्णिम शुरुआत, मनु ने भी जीता गोल्डÑ

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नई दिल्ली। आस्ट्रेलिया के गोल्ड कोस्ट कॉमनवेल्थ गेम्स 2018 में भारतीय खिलाड़ियों का दबदबा जारी है। भारत की महिला वेट लिफ्टर पूनम यादव ने कॉमनवेल्थ गेम्स में रविवार को चौथे दिन भारत को स्वर्णिम शुरूआत दी, तो शूटिंग में पूनम की स्वर्णिम शुरूआत को मनु भाकर ने 10 मी. एयर राइफल में सोना जीतते हुए बरकरार रखा।

इसी कैटेगिरी के पुरुष वर्ग में रवि कुमार ने भारत को कांस्य पदक दलिया। वेट लिफ्टिंग को छोड़ दें तो मनु भाकर का स्वर्ण बाकी प्रतिस्पर्धाओं में भारत के लिए पहला गोल्ड है। इसी के साथ अब भारत के कुल 6 स्वर्ण पदक हो गए हैं। भारत को अभी तक सभी स्वर्ण पदक वेट लिफ्टिंग प्रतियोगिता में ही मिले हैं। पूनम ने कुल 222 किलो का भार उठाया। उन्होंने स्नैच में 100 किलो का भार उठाकर सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया, वहीं क्लीन एंड जर्क में उन्होंने 122 किलोग्राम का भार उठाकर बेहतरीन प्रदर्शन किया। 

पूनम से पहले मीराबाई चानू, संजीता चानू, सतीश कुमार शिवमंगलम और वेंकट राहुल भी वेट लिफ्टिंग में ही गोल्ड मेडल को अपने नाम कर चुके हैं। इस तरह से भारत को मिले 5 गोल्ड में से तीन गोल्ड भारत की बेटियों ने ही दिलाए हैं। भारत के लिए गोल्ड के लिए खाता मीराबाई चानू ने खोला था।

बारह की हो या तेरह बोर की मेरा बेटा तो गया साब….

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ब्रजेश राजपूत की ग्राउंड रिपोर्ट
दृश्य एक : ग्वालियर के थाटीपुर का गल्ला कोठार की हरि केटर्स वाली गली। एक दिन पहले हुये उपद्रव निशान हर ओर मौजूद थे। टूटे कांच और हर ओर बिखरे पत्थर गवाही दे रहे थे कि उस दिन जमकर उपद्रव हुआ होगा। गली के मोड पर ही लगा था हरि केटर्स का वो बोर्ड जहां से सटकर राजा चौहान नाम के युवक की रिवाल्वर से फायरिंग करते हुये वीडियो वाइरल हुआ था। गली के आखिर में ही है टीन की छत से बना है दीपक जाटव का मकान।

दो तारीख को हुयी हिंसा में दीपक को तीन गोलियां लगीं थीं। सोमवार की सुबह जब थाटीपुर में हिंसा भडकी तो दीपक अपनी मां और भाई को घर में बंद कर पिता को तलाशने निकला था मगर खुद गोली का शिकार हो गया। दीपक सुबह हरि केटर्स के बोर्ड के सामने ही चाय का ठेला लगाता था तो दिन में लोन पर उठाया हुआ आटो चलाता था। दीपक के पिता का बुरा हाल है उस पर पत्रकारों के ये सवाल,,इस गली में जो गोली चली वो रिवाल्वर की थी मगर दीपक को तो बारह बोर की गोली लगी है, बूढा बाप सुबक उठता है बारह की हो या तेरह की साब मुझे नहीं मालुम मेरा बेटा तो गया, उसकी लाश घर भी नहीं ला पाये, रात में ही जलाना पडी हम सरकार से तो लड नहीं सकते आप बताओ। ये नया आटो कौन चलायेगा हमारा घर कौन चलायेगा। 

दृश्य दो : भिंड जिले के मेहगांव की कृषि उपज मंडी के किनारे बसी बौद्व विहार कालोनी। यहीं के मकान नंबर दस के बाहर लोग जमीन पर दरी बिछाकर बैठे हैं और अखबारों में छपी हिंसा की कवरेज को पढकर सुलग रहे हैं। इसी घर का सोलह साल का आकाश मेहगांव में सोमवार को हुये उपद्रव में चली गोली बारी में नहीं रहा था। कैमरा देखते ही सुलग उठते हैं लोग। हमारे ही लोग मरे हैं और हमारे उपर ही मुकदमे दर्ज हो रहे हैं ये कहां का इंसाफ है।

छह बहनों का इकलौता भाई आकाश सब्जी लेने गया था मगर जाने कैसे उपद्रवियों की भीड का हिस्सा हो गया और दोपहर तक घर आयी उसकी मौत की खबर। आकाश के साथ उस दिन भीड में शामिल नौजवान बताने लगे कि हम तो शांति से दुकान बंद रहा रहे थे मगर थोडी देर बाद ही आगे से पुलिस और पीछे से आरएसएस के लोगों ने घेर लिया ऐसे में हम डंडे नहीं लहराते तो क्या करते। जान बचाकर भागे तो अब तक भाग ही रहे हैं पुलिस हमें तलाश रही है सैंकडों लोगो के नाम एफआईआर में तहसीलदार ने लिखा दिये हैं।

दृश्य तीन :भिंड जिले से सत्तर किलोमीटर दूर पडता है मछंड कस्बा जहां पुलिस की फायरिंग में महावीर राजावत मारा गया था। मछंड से महावीर के गांव गांद जाने में जिस भी गांव में गये तो हमारी गाडी देखकर लोग छिपते मिले। सोमवार की हिंसा के बाद अब पुलिस लोगां को तलाशती घूम रही है। बत्तीस साल के महावीर ने मां बाप की सेवा के लिये शादी नहीं की थी। सोमवार को जब मछंड में भाई की दुकान में आग लगने की खबर सुनी तो भाग कर यहां आया और थाने का घेराव करने वाली भीड का हिस्सा बन बैठा।

पुलिस ने जब गोली बरसाई तो गोली सीने में धंस गयी। जिसे अंत्येप्टि से पहले ही पुलिस मेटल डिटैक्टर की मदद से मुश्किल से निकाल पायी। महावीर के बुजुर्ग पिता एक तरफ बैठे सुबक रहे हैं तो सूरत से सोमवार को आया भाई सुरेंद्र भी ग्वालियर में हिंसक भीड से पिटा और अस्पताल में बेहोश मिला। यहां घर आया तो भाई की लाश दरवाजे पर मिली। उधर मछंड में पहले बाजार की दुकानें जलीं और लुटीं हैं तो बाद में दलितों के घर जला दिये गये हैं। पुत्तु राम के रोड का घर जला दिया है पत्नी और बेटी को छोड परिवार के सारे पुरूष दो दिन से लापता है।

ग्वालियर चंबल संभाग में चार दिन बिताने के बाद जब लौटा हूं तो ये ऐसे ढेर सारे सीन आंखों के सामने गडड मडड हो रहे हैं। एससीएसटी एक्ट में सुप्रीम कोर्ट के सुझाव के बाद जो भारत बंद हुआ उसमें सबसे ज्यादा हिंसा यहीं देखी गयी। आठ लोग यहां मारे गये, सौ डेढ सौ लोग ग्वालियर और भिंड के अस्पताल में इलाज करा रहे हैं तो हजारों लोगों के नाम पर भिंड मुरैना और ग्वालियर जिले के थानों में एफआईआर कट रही है। पुलिस घरों पर दबिश दे रही है तो थानों में मुलजिमों को रखने की जगह नहीं बची है। मेहगांव में हमारे सामने ही कई युवकों को पुलिस थाने ले गयी ये कहकर कि इनके नाम एफआईआर में लिखे गये हैं।

शिवराज सरकार में चार मंत्री तो मोदी सरकार में एक कैबिनेट मंत्री वाले इस इलाके के लोग हैरान हैं कि यहां ऐसी हिंसा क्यों भडकी और उसे रोका क्यों नहीं गया। क्या नेता मंत्री केवल गाडी बंगले और रूतबे के लिये ही हैं। दलित और सवर्णों के बीच ऐसा भयानक बंटवारा और वैमनस्य यहां हुआ है और इसकी खबर किसी को ना हो ऐसे कैसे हो सकता है। यहां भडकी हिंसा में इलाके के गन कल्चर ने आग में घी का काम किया है। शहर की गलियों में जितनी बंदूकें रिवाल्वर लहराती दिखीं उसे देख हैरानी हुयी। खैर अब चिंता ये है कि सामाजिक बंटवारे का ये घाव कब तक और कैसे भरेगा क्योंकि कुछ महीनों बाद राज्य में चुनाव है और तब तक इन जख्मों को जिंदा रखकर पार्टियों अपनी वोटों की रोटियां तो सेकेंगीं हीं इस कडवी सच्चाई से क्या आप इनकार करेगें।

ब्रजेश राजपूत, एबीपी न्यूज
भोपाल

दिल्ली वालों के लिए बुरी खबर: अप्रैल में ही होगा मई-जून का एहसास, 44 डिग्री तक जा सकता है पारा

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नई दिल्ली। दिल्ली वासियों को इस बार गर्मी काफी परेशान करने वाली है। लू का दौर समय से पहले शुरू होगा तो अप्रैल में ही तापमान भी 44 डिग्री तक चले जाने के आसार हैं। कम बारिश के कारण गर्मी के साथ-साथ धूल व प्रदूषण की मार भी झेलनी होगी।

जानकारी के मुताबिक लू का दौर 20 अप्रैल के बाद शुरू होता है, लेकिन इस बार यह 15 अप्रैल से ही शुरू हो जाएगा। इसके बाद तापमान में लगातार वृद्धि होगी। 14 एवं 15 अप्रैल तक यह 40 डिग्री को पार कर जाएगा। मौसम विभाग के अनुसार पश्चिमी विक्षोभ की कमी के कारण दिल्ली में इस वर्ष शुरू से ही गर्मी अधिक रही है। यह सिलसिला जून तक कायम रहने वाला है।

मौसम विभाग के मुताबिक इस साल जनवरी का तापमान सामान्य से 1.7 डिग्री, फरवरी में 2.7 डिग्री और मार्च में 3.3 डिग्री अधिक रहा। अप्रैल, मई और जून में भी यह सिलसिला कायम रहेगा। तीन माह में तापमान सामान्य से 1 से 1.5 डिग्री अधिक रहेगा। अहम यह है कि पहाड़ों पर भी इस बार काफी अधिक गर्मी होगी। मैदानी इलाकों की तुलना में पहाड़ों यानी जम्मू, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड का तापमान सामान्य से दो डिग्री अधिक रहेगा।

मौसम विभाग के अनुसार गर्मी में प्रदूषण की समस्या भी इस बार अधिक रहेगी। इसकी वजह सर्दियों में बारिश का काफी कम होना है। नमी की कमी से मिट्टी जमीन स्तर से एक से डेढ़ किलोमीटर ऊपर उड़ रही है। गर्मियों में हवा आमतौर पर अधिक गति से चलती है। ऐसे में इसकी ऊंचाई और अधिक बढ़ जाती है और वायु प्रदूषण के साथ धूल भी लोगों की परेशानी बनती है।

मायावती का भाजपा सरकार पर आरोप: हिंसा के नाम पर दलित युवाओं को किया जा रहा टारगेट

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लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने भाजपा सरकार पर दलित समाज के दिलेर युवाओं को टारगेट करके उन्हें प्रताड़ित करने व उनकी हत्या करने का आरोप लगाया है।

सरकार के इस कृत्य की निंदा करते हुए मायावती ने कहा कि उप्र की भाजपा सरकार को इसका संतोषजनक जवाब देना चाहिए कि पुलिस एनकाउंटर के बाद दलितों के खिलाफ यह घृणित जातिवादी हत्याएं क्यों? उन्होंने सरकार से सवाल किया है कि क्या दलित अत्याचार के मामले में उत्तर प्रदेश, गुजरात मॉडल का शर्मनाक अनुसरण करेगा?

मायावती ने अपने बयान में कहा कि एससी/एसटी कानून में दिए गए अधिकारों की रक्षा के लिए दलित व आदिवासी समाज के लोग हर प्रकार की कुबार्नी देने को तैयार हैं, जिसका ताजा उदाहरण 2 अप्रैल को देखने को मिला, लेकिन असामाजिक व जातिवादी तत्वों ने पहले आगजनी व हिंसा का षड्यंत्र करके उस एससी/एसटी कानून बचाओ जन आंदोलन को बदनाम करने की साजिश की, फिर सरकारी तांडव शुरू करके हजारों निर्दोष लोगों को विभिन्न राज्यों में गिरफ्तार किया जा रहा है और अब युवाओं को प्रताड़ित करने के साथ-साथ उनकी टारगेट हत्या तक होने लगी है, जो निंदनीय है।

मायावती ने कहा कि अपने जायज अधिकारों की लड़ाई लड़ने वाले बाबा साहेब डॉ. आम्बेडकर के अनुयायियों के प्रति भाजपा सरकार की हीन व जातिवादी मानसिकता का त्याग बहुत ही जरूरी है। बाबा साहेब का ही कहना है कि जातिवाद का त्याग ही सच्चा राष्ट्रधर्म है। भाजपा नेताओं को इसका स्मरण और अनुसरण भी करना चाहिए।

सरकारी वादों में उलझ गए ग्रामीण: प्रशासन ने तोड़ दिए 120 परिवारों के आशियाने

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नरसिंहपुर। नरसिंहपुर के डूडबारा गांव में करीब 120 परिवार अपने घरों को तोड़कर विस्थापितों की तरह जिंदगी जीने को मजबूर हैं। ऐसा नहीं है कि इनके पास घर नहीं है, इनके अपने घर थे, लेकिन कुछ वक्त ने और कुछ प्रशासन ने इनके साथ ऐसा खेल खेला कि इन्होंने अपने हाथ से ही अपने आशियाने तोड़ दिये।

जिला मुख्यालय से महज एक किलोमीटर दूर बसा है डूडबारा गांव, जहां रहने वाले गरीब ग्रामीण अपने छोटे-छोटे घरों में भी सुकून की जिंदगी जी रहे थे। इन्हें शानोशौकत की ख्वाहिश नहीं थी, छोटी-छोटी खुशियां ही इनके लिए जिÞंदगी की सबसे बड़ी नियामत थीं और ये इनमें खुश थे।

लेकिन, इनकी छोटी खुशियों को किसी कि नजर लग गई या यूं कहें कि प्रशासन की नजर लग गई। इनसे वादा किया गया था कि जहां वे रहते हैं, वहां से सड़क निकलनी है इसलिए उस जगह को छोड़ दें, इसके बदले में उन्हें नया पक्का घर बनाकर दिया जाएगा। छोटी-छोटी चीजों में खुशियां ढूंढने वाले इन बेचारों को सरकारी कार्यप्रणाली का एहसास नहीं था। प्रशासन का एक वादा ही इन्हें दुनिया की आखिरी हकीकत जैसा लगा।

इस वादे के जाल में फंसकर नये मकानों की चाह में ग्रामीणों ने अपने बसे-बसाये घरौंदे उजाड़ दिये। अब इनके पास न घर है न पीने का पानी, अपनी जमीन होते हुए भी ये खनाबदोश जीवन जीने को मजबूर हैं। तब से अब तक छह महीने गुजर चुके हैं ग्रामीण आज भी हसरत भरी निगाहों से उन अधिकारियों की ओर देख रहे हैं जिन्होंने उनसे पक्के मकानों का वादा किया था।

जिला जब सौ फीसदी खुले में शौचमुक्त है उस वक्त इनकी सुबह खुले मैदानों में हाथ में लोटा लेकर जाते हुए होती है। पीने का साफ पानी इन्हें नसीब नहीं है। अधिकारियों से जब इस बारे में बात की जाती है तो वे कहते हैं कि जांच की जाएगी कहां चूक हुई। स्थानीय विधायक कहते हैं कि मुख्यमंत्री जी ने वादा किया है कि जिनके पास आवास नहीं है उन्हें आवास दिया जाएगा।

लेकिन, इन बेचारों के तो खुद के आवास थे जिन्हें आवास विहीन कर दिया गया। इनका दोष बस इतना है कि प्रशासन के विकास के वादे को इन्होंने जुमला नहीं, हकीकत समझा और अपने आशियाने उजाड़ दिये। इनके पास नेताओं की तरह ऐसा कोई मीटर भी नहीं जिससे जांच सकें कि उनसे किया गया वादा, वादा है या जुमला?

केंद्र और मप्र सरकार पर हार्दिक ने बोला हमला, शिवराज ने फोटो छपवाने में खर्च किए 6 सौ करोड़

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भोपाल। प्रदेश में विस चुनाव को लेकर राजनीतिक हलचल शुरू हो गई है। चुनाव के पहले मप्र के तीन दिनी दौरे पर आए गुजरात के पाटीदार नेता हार्दिक पटेल ने शनिवार को नीमच के जावद में किसान क्रांति सम्मेलन को संबोधित किया। हार्दिक ने शिवराज सरकार के 5 बाबाओं को राज्यमंत्री बनाए जाने पर कहा कि बीजेपी की सरकार कुछ भी कर सकती है।

पहले यूपी में एक बाबा को सीएम बना दिया जाता है फिर मप्र में 5 बाबाओं को राज्यमंत्री। हार्दिक ने मंच से मोदी, योगी और शिवराज सरकार पर जमकर हमला बोला। हार्दिक ने कहा कि बीजेपी के राज में किसान मर रहे हैं और सीएम अखबारों में फोटो छपवा रहे हैं। चौहान ने फोटो छपवाने में 6 सौ करोड़ खर्च कर दिए।

मंदसौर गोलीकांड पर भाजपा सरकार को घेरते हुए हार्दिक ने कहा कि मप्र सरकार किसानों को तस्कर और चोर मानती है। यदि आपने आंदोलन किया तो वो आपको जेल में डलवा देगी। हार्दिक ने कहा कि वे अब यहीं नहीं रुकने वाले, किसान भाइयों को जागरूक करने के लिए गांव-गांव जाएंगे और उन्हें उनके अधिकार से रूबरू करवाएंगे।

कृषि उपज मंडी में आयोजित इस सम्मेलन में मप्र सहित राजस्थान और गुजरात के 8 हजार से ज्यादा किसान शामिल हुए। हार्दिक नीमच से रायसेन रवाना हो गए। रविवार को वे बेगमगंज में एक सभा को संबोधित करेंगे।