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इंटेलीजेंस रिपोर्ट का दावा, संगठनों ने गड़बड़ी फैलाने रची साजिश, उपद्रवियों को दी गई थी ट्रेनिंग

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भोपाल। अनुसूचित जाति-जनजाति अधिनियम के बदलाव के सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लेकर 2 अप्रैल को भारत बंद के दौरान हुई हिंसा को पुलिस मुख्यालय की इंटेलीजेंस शाखा ने सुनियोजित बताया है। इसके लिए लोगों को ट्रेनिंग तक दी गई। सूत्रों के मुताबिक हिंसा को लेकर इंटेलीजेंस शाखा ने इनपुट एकत्रित किया है। साथ ही जो लोग अब तक गिरफ्तार हुए हैं, उनसे भी इस संबंध में पुलिस और इंटेलीजेंस को इससे जुड़ी जानकारी मिली है।

रिपोर्ट में यह सामने आया है कि ग्वालियर और चंबल संभागों में हिंसा के लिए करीब तीन दर्जन से ज्यादा संगठनों ने गड़बड़ी फैलाने की साजिश रची। इनके द्वारा अपने विश्वस्त लोगों को लाठी-डंडे बांटे गए। उन्हें ट्रेनिंग दी गई। ट्रेनिंग में इन विश्वस्त लोगों के वाट्सएप ग्रुप बनाकर उन्हें सूचनाओं का आदान प्रदान किया गया।

चिन्हित स्थान पर लोग तैनात सूत्र बताते हैं कि इंटेलीजेंस शाखा ने संगठनों को चिन्हित कर लिया है। इनमें से कुछ संगठनों के पदाधिकारियों की धरपकड़ के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। ट्रेनिंग में यह भी बताया गया था कि किस व्यक्ति को किस स्थान पर रहना है। कुछ सरकारी अधिकारी और कर्मचारी भी हिंसा में शामिल थे, जिनकी रिपोर्ट इंटेलीजेंस ने जुटा ली।

आईजी मकरंद देउस्कर ने अधिकृत रूप से यह कहा है कि विवेचना में जो अधिकारी या कर्मचारी और अन्य व्यक्ति के हिंसा में शामिल होने के साक्ष्य मिलेंगे, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

पिया के घर जाने वाली बेटी ने की शौचालय की मांग, पिता ने शुरू करवा दिया शौचालय का निर्माण

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झाबुआ। छह दिन बाद पराये घर जाने वाली बेटी ने जब पिता से घर में शौचालय बनाने की मांग रखी, तो वे उसकी इच्छा को टाल नहीं सके। उन्होंने न केवल हामी भरी बल्कि यह संकल्प भी लिया कि बेटी की शादी में आने वाले मेहमानों को भी अपने-अपने घरों में शौचालय बनाने के लिए प्रेरित करेंगे। पिता ने घर में शौचालय का निर्माण शुरू करवा दिय और बेटी ने ही पहली गेती चलाकर उसकी शुरूआत की।

यह प्रेरक मामला ग्राम पंचायत बोड़ायता का है। स्वच्छ भारत अभियान की निगरानी समिति के सदस्यों के साथ फीडबैक फाउंडेशन के राजेश शुक्रवार सुबह ग्राम के जगदीश कटारा के घर पहुंचे, तो वहां उनकी बेटी शांता की शादी की तैयारियां चल रही थीं। 5वीं तक पढ़ी शांता की शादी 12 अप्रैल को पास के गांव कसारबर्डी में राकेश शोभाराम डोडिया से होने वाली है।

उन्होंने शांता से पहला सवाल किया कि क्या तुम्हारे घर में शौचालय है। नहीं में जवाब मिलने पर उन्होंने उससे ससुराल के बारे में पूछा। जब शांता ने बताया कि ससुराल में सभी शिक्षित हैं, तो शौचालय नहीं होने का प्रश्न ही नहीं उठता। इस पर उन्होंने शांता को अपने घर में भी शौचालय बनवाने को कहा। होने वाला पति राकेश खेती और मिस्त्री का काम करता है और 10वीं तक पढ़ा है।

ससुराल में कैसे बताऊंगी
समझाइश का शांता पर ऐसा असर हुआ कि उसने पिता के सामने घर में शौचालय बनवाने की मांग रख दी। उसने पिता से कहा कि ‘ससुराल में जाकर कैसे बताऊंगी कि मेरे घर में शौचालय तक नहीं है।” जल्दी ही पराए घर जाने वाली बेटी की बात पिता कैसे टालते, उन्होंने तत्काल हां कर दी। शुक्रवार सुबह घर में शौचालय निर्माण आरंभ हो गया, जिसकी शुरूआत कटारा ने शांता के हाथों से करवाई। शांता ने ग्रामीणों से भी अपील कि है कि वे भी अपने घर में शौचालय का निर्माण कर उपयोग करें।

जज्बे को सलाम: पिता के पास छोटी सी लांड्री और बेटा हुआ आईआईएम के लिए चयनित

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जबलपुर। पापा दसवीं में फेल और मां कभी स्कूल ही नहीं गई, लेकिन इनका बेटा सनी रजक देश के टॉप कॉलेजों में शिक्षा ले रहा है। पिता ने हमेशा से सपना देखा था कि बेटे को दसवीं तक पढ़ाना है। बेटे की किस्मत में इससे कहीं अधिक शिक्षा हासिल करना लिखा था।

यही वजह है कि आज बेटा ट्रिपल आईटीडीएम से इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहा है और कैट की परीक्षा में देश से चयनित कुल 300 छात्रों में वो भी शामिल है। आईआईएम बैंगलोर और अहमदाबाद के लिए चयनित हुए सनी ने अपनी अब तक के सफर को साझा किया और बताया कि किस पारिवारिक परिवेश से निकलकर वो उच्च शिक्षा हासिल करने के पात्र हुए हैं।

घर की माली हालत खराब
सनी के पिता राजेश रजक और माता परमीला देवी जमशेदपुर में एक छोटी सी लॉन्ड्री चलाते हैं। घर की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। पिता दसवीं फेल है और मां तो कभी स्कूल गई ही नहीं। सनी ने बताया कि पापा ने मुझे सिर्फ दसवीं तक पढ़ाने का सपना देखा था, लेकिन मैंने दसवीं में 93.6% हासिल कर स्कूल में टॉप किया तो मुझे 11वीं और 12वीं में स्कॉलरशिप मिली जिससे मेरी स्कूली शिक्षा पूरी हो गई। जेई मेंस में आॅल इंडिया रैंक 10 हजार के अंदर थी जिसके कारण ट्रिपल आईटीडीएम में प्रवेश मिल गया। यहां से कम्प्यूटर साइंस से इंजीनियरिंग कर रहे सनी का ये आखिरी सेमेस्टर चल रहा है।

इन्होंने डेढ़ साल तैयारी के बाद कैट की परीक्षा दी। इस परीक्षा में 2 लाख 30 हजार छात्र पूरे देश से बैठे थे। इसमें से 300 छात्रों को चयनित किया गया है। इसमें सनी भी शामिल है। इन्हें अभी तक आईआईएम बैंगलोर और आईआईएम अहमदाबाद के लिए चयनित किया जा चुका है। सनी ने अपनी सफलता का श्रेय टाइम कोचिंग व अभिषेक अग्रवाल को दिया है।

माता-पिता को काम से छुट्टी देने का सपना
सनी ने बताया कि मेरे पैरेंट्स ने बहुत बुरा वक्त देखा है। जब मैं अपना कोई काम शुरू करूंगा या फिर जॉब मिलेगी तो मैं अपने पैरेंट्स को जॉब से फ्री कर दूंगा। उनकी लाइफ को अच्छा बनाना ही मेरा सपना है। छोटी बहन नेहा कुमारी बीकॉम की शिक्षा प्राप्त कर रही है। इंजीनियरिंग के बाद एमबीए मार्केटिंग एंड कंसल्टेंसी से करके अपना कुछ अलग काम करना चाहता हूं। सनी एनएसएस से भी जुड़े हैं, जिससे वे सामाजिक कार्यों में भी सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं।

सलमान से मिलने वालों के लिए नहीं है कोई नियम: बिना जांच के फिल्म अभिनेता से मिलने जिंटा

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जयपुर। काले हिरण शिकार मामले में जोधपुर सेंट्रल जेल में बंद फिल्म अभिनेता सलमान खान से मिलने को फिल्मी दुनिया से जुड़े लोगों का पहुंचना शुरू हो गया है। इसी कड़ी में अभिनेत्री प्रीति जिंटा दोपहर 12.05 बजे जोधपुर एयरपोर्ट पर उतरकर सीधे सेंट्रल जेल पहुंचीं। सलमान की बहन अलवीरा और अर्पिता भी जेल में सलमान से मिलने पहुंचीं। उन्होंने अपने भाई को अदालती कार्यवाही की जानकारी दी।

जेल प्रशासन का ढीला रवैया
नियम के अनुसार, जेल में बंद किसी भी कैदी से दिन में एक या फिर दो लोग ही जेल प्रशासन की अनुमति और सभी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद मिल सकते हैं। लेकिन जेल प्रशासन ने न तो प्रीति जिंटा की तलाशी ली और न ही रजिस्टर में उनके हस्ताक्षर कराए। प्रीति जिंटा को कोई न देख पाए, इसलिए उनकी कार के शीशों पर अखबार लगा दिया गया था। उनकी कार सीधे जेल के मुख्य द्वार तक पहुंची और वह बिना किसी जांच के अंदर चली गई। बताया जाता है कि प्रीति के साथ पुलिस और जेल प्रशासन के दो अधिकारी भी थे।

सलमान से मिलीं उनकी बहनें
दूसरी ओर, कोर्ट में सलमान की जमानत याचिका पर सुनवाई शनिवार तक के लिए टल जाने के बाद उनकी दोनों बहनें अलवीरा और अर्पिता जेल पहुंचीं। जेल से जुड़े सूत्रों के मुताबिक दोनों बहनों से मिलने के लिए सलमान खान को जेलर के कमरे में लाया गया। दोनों बहनों ने शुक्रवार को कोर्ट की कार्यवाही के बारे में उनको बताया और फिर आगामी रणनीति को लेकर उनसे चर्चा की।

बॉडीगॉर्ड के साथ अन्य भी पहुंचे मिलने
जानकारी के अनुसार, शुक्रवार सुबह सलमान खान का बॉडीगॉर्ड शेरा और दो अन्य लोग भी जेल पहुंचे थे। फिल्म निमार्ता साजिद नाडियावाला के भी जोधपुर पहुंचने की बात कही जा रही है। नियमों को दरकिनार कर इतने लोगों की सलमान खान से मुलाकात कराने को लेकर जेल डीआईजी विक्रम सिंह से जब सवाल किया गया तो वह कुछ भी बोलने को तैयार नहीं हुए।

प्रदेश फिर शर्मशार: नहीं हुई सुनवाई तो रेप पीड़िता भू्रण लेकर पहुंची थाने, तब हुआ मामला दर्ज

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भोपाल। रेप के मामले में मध्यप्रदेश एक बार फिर शर्मशार हुआ है। अब मामला प्रदेश के सतना जिले का है। सतना में पूरे पुलिस सिस्टम और मानवता को शर्मसार कर देने वाली घटना सामने आई है। यहां एक लड़की का कई दिनों तक रेप किया जाता है। जब इसकी शिकायत उसने पुलिस से की तो उसने सुनने से ही इनकार कर दिया।

बाद में मजबूर होकर जब वह इस रेप से पैदा हुए भ्रूण को लेकर थाने पहुंचती तो पुलिस ने मामला दर्ज किया। मिली जानकारी के मुताबिक उसका अपहरण कर लिया गया था। फरवरी के महीने में उसने पुलिस से शिकायत की थी जब कोई कार्रवाई नहीं हुई तो एसपी साहब से गुहार लगाई। लेकिन कहीं कोई सुनवाई नहीं हुई।

हर जगह से भगा दिया गया। वह इस बीच गर्भवती हो गई और उसका आरोपियों ने जबरन गर्भपात करा दिया। 3 अप्रैल को जब उस भ्रूण को लेकर थाने पहुंची तो पुलिस प्रशासन सकते में आ गया। अब इस मामले में सिविल लाइन्स थाने की पुलिस ने कार्रवाई शुरू की है। आरोपियों, नीरज पांडेय, धीरज पांडेय, प्रेम सिंह और राजकुमार समेत अबॉर्शन कराने वाली नर्स के तहत कई धाराओं के अलावा हरिजन ऐक्ट में भी मामला दर्ज किया है।

दलालों पर नकेल कसने रेलवे ने रिजर्वेशन नियमों में किए कई बदलाव: जानिए क्या है नियम

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पटना। आनलाइन टिकट बुकिंग में दलालों पर नकेल के लिए रेलवे ने कई बदलाव किए हैं। तत्काल श्रेणी में एक आइडी से लॉगिन करने पर सिर्फ एक ही टिकट की बुकिंग होगी। दूसरे टिकट के लिए से फिर से लॉगिन करनी होगी। वहीं, एक लॉगिन से एक दिन में दो टिकट और एक महीने में छह टिकट से अधिक की बुकिंग नहीं होगी। इतना ही नहीं अग्रिम आरक्षण का ओपनिंग टिकट भी अब दो से अधिक बुक नहीं कर सकते हैं। एक यूजर एक बार में दो विंडो से अपनी आइडी को आॅपरेट नहीं कर सकेगा।

इस बाबत मुख्य जनसंपर्क अधिकारी राजेश कुमार ने बताया कि अब आॅनलाइन आरक्षण पर्ची भरने के लिए प्रति यात्री 25 सेकंड का समय तय किया गया है, जबकि भुगतान के लिए अधिकतम 10 सेकंड का समय निर्धारित किया गया है। कैप्चा के लिए 5 सेकंड का समय निर्धारित है। अब लॉगिन करते समय, यात्रियों का विवरण देते समय एवं भुगतान के समय अलग-अलग कैप्चा देना होगा।

एक बार में दो से अधिक तत्काल टिकट की बुकिंग नहीं होगी। एक आइडी पर महीने में छह से अधिक टिकट बुक नहीं किए जा सकते हैं। हालांकि आधार लिंक आइडी से महीने में 12 टिकट तक बुक करने की छूट दी गई है। लेकिन इसमें कम से कम एक यात्री का आधार वेरीफाइड होना आवश्यक है।

तत्काल टिकट बुकिंग के लिए एक सत्र में एक आइडी से एक ही टिकट बुक करने की छूट दी गई है। एक दिन में एक आइडी से दो से अधिक टिकट से अधिक की बुकिंग नहीं की जा सकती है। उन्होंने बताया कि तत्काल टिकट की फास्ट बुकिंग के लिए एजेंट द्वारा कंप्यूटर में क्विक बुक फंक्शन सिस्टम लगाए जाने की शिकायतें मिल रही थी। अब सुबह 8 बजे से 12 बजे तक कोई भी यात्री अथवा एजेंट इस सिस्टम का उपयोग नहीं कर सकते हैं। इलेक्ट्रॉनिक आरक्षण पर्ची पर क्यूआर बारकोड प्रिंटेड होगा। नेट बैंकिंग के लिए ओटीपी आवश्यक होगा।

बीमार मां के हाथ यूरिन बैग और बेटे के हाथ में आक्सीजन सिलेंडर, फिर भी नहीं आई एंबुलेंस

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आगरा। उत्तर प्रदेश के आगरा में अस्पताल की लापरवाही का सनसनीखेज मामला सामने आया है। आगरा मेडिकल कॉलेज अस्पताल में प्रशासनिक लापरवाही का उदाहरण यह है कि एक एंबुलेंस के इंतजार में बुजुर्ग और बीमार मां के साथ बेटे को हाथ में यूरिन बैग और कंधे पर आक्सीजन सिलेंडर लेकर इंतजार करना पड़ा।

मेडिकल उदासीनता और लापरवाही के मंजर की यह तस्वीर सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रही है। इस तस्वीर में अस्पताल परिसर में ही बुजुर्ग मां के साथ हाथ में यूरिन बैग और कंधे पर आक्सीजन सिलेंडर रखे एंबुलेंस का इंतजार करता बेटा दिख रहा है। मां और बेटे दोनों काफी समय तक एंबुलेंस का इंतजार करते हैं, बावजूद इसके अस्पताल की तरफ से कोई सुनने वाला तक नहीं आता। हालांकि, अस्पताल प्रशानस ने कार्रवाई का आश्वासन देते हुए इन आरोपों का खंडन किया है।

अस्पताल के स्टाफ ने कहा कि मरीजों के स्थानांतरण के दौरान वार्ड के लड़के ने उन्हें थोड़ी देर इंतजार करने के लिए कहा, तभी मीडिया ने यह तस्वीर ले ली। हालांकि उन्होंने कहा कि हम इस मामले की जांच करेंगे अगर कोई लापरवाही होती है तो कार्रवाई भी करेंगे।

सलमान खान की मुसीबत बढ़ी: सुनवाई कर रहे जजों का आधी रात तबादला

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जोघपुरकाले हिरण शिकार मामले में सलमान खान की परेशानियां बढ़ गई हैं। सलमान खान की पांच सजा के निलंबन पर सुनवाई करने वाले जोधपुर के जिला एवं सेशन न्यायाधीश ग्रामीण रविंद्र कुमार जोशी का देर रात तबादला हो गया है। उनकी जगह भीलवाड़ा से चंद्रप्रकाश सोनगरा को लगाया गया है।

पूरे राजस्थान में करीब 382 जजों का ट्रांसफर हुआ है, जिनमें 17 जिला जज भी शामिल हैं। इन जजों की फेहरिस्त में काला हिरण शिकार मामले में सलमान खान को 5 साल जेल की सजा देने वाले जज देव कुमार खत्री और जमानत याचिका पर सुनवाई कर रहे जज रवींद्र कुमार जोशी भी शामिल हैं। 

हालांकि, इस तबादले को रूटीन ट्रांसफर बताया जा रहा है। इस तबादले के बाद ऐसी संभावना जताई जा रही थी कि अब सलमान खान की जमानत याचिका की सुनवाई में देरी हो सकती है, मगर इस तबादले की प्रक्रिया को देखते हुए ऐसा लग रहा है कि सलमान खान की जमानत की सुनवाई पर कोई असर नहीं पड़ेगा और नियमित तौर पर ही कोर्ट में सुनवाई शनिवार को भी जारी रही।

कारण कि जज के तबादले की प्रक्रिया में सात दिन लगते हैं यानी दूसरे जगह का कार्यभार संभालने में जज को सात दिन का वक्त होता है, तब तक वह पहले के पद पर बने रहते हैं। इस तरह से सलमान खान की जमानत याचिका की सुनवाई कर रहे जज रवींद्र कुमार जोशी अभी भी इस केस की सुनवाई करेंगे क्योंकि अभी तक वह जोधपुर कोर्ट से कार्यमुक्त नहीं हुए हैं।

आज भी जज जोशी अन्य दिनों की ड्यूटी की तरह कोर्ट आएंगे और मामलों की सुनवाई करेंगे। साथ ही यह उनके हाथ में है, चाहें तो वह आज ही मामले की सुनवाई कर फैसला दे सकते हैं या फिर नहीं भी दे सकते हैं। क्योंकि जमानत की अर्जी को अर्जेंट माना जाता है। यही वजह है कि उम्मीद की जा रही है कि आज कोर्ट में जज सलमान खान जमानत की अर्जी पर अपना फैसला सुना सकते हैं।

बता दें कि सलमान की जमानत पर सुनवाई कर रहे जज जोशी का जोधपुर से सिरोह में ट्रांसफर किया गया है। उनकी जगह अब भिलवाड़ा के जज चंद्र कुमार सोंगरा लेंगे। वहीं, जज खत्री की जगह समरेंद्र सिंह सिकारवार लेंगे, जो उदयपुर में अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट हैं। बता दें कि अदालत ने सलमान खान की जमानत याचिका पर दोनों पक्षों की दलीलें सुनीं। अदालत ने अधीनस्थ अदालत का रिकॉर्ड तलब करने के बाद सुनवाई कल तक के लिए टाल दी थी।

गुरुवार को जोधपुर की सीजेएम कोर्ट के जज खत्री ने सलमान खान को 20 साल पुराने काले हिरण के शिकार से जुड़े मामले में दोषी करार देते हुए पांच साल कैद की सजा और 10,000 रुपये के जुमार्ने की सजा सुनाई थी, जिसके बाद उन्हें कोर्ट से सीधे जोधपुर सेंट्रल जेल भेज दिया गया था।

न्यूज पोर्टल और मीडिया वेसाइट को रेग्युलेट करने कमेटी का गठन करेगा सूचना प्रसारण मंत्रालय

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नई दिल्ली। फेक न्यूज को लेकर पत्रकारों की मान्यता समाप्त करने वाले विवादित आदेश को प्रधानमंत्री के हस्तक्षेप पर वापस लेने के बाद सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने न्यूज पोर्टल और मीडिया वेबसाइट को रेग्युलेट करने के लिए नियम बनाने को लेकर एक कमेटी का गठन किया है।

यह कमेटी कमेटी आॅनलाइन मीडिया के लिए नियम-कानून और मानक बनाने का काम करेगी। इसके दायरे में आॅनलाइन न्यूज, डिजिटल ब्रॉडकास्टिंग के साथ ही इंटरटेनमेंट और इंफोटेनमेंट कंटेंट मुहैया कराने वाली वेबसाइट्स भी आएंगी।

4 अप्रैल 2018 को सूचना और प्रसारण मंत्रालय की ओर से जारी एक आदेश में कहा गया है कि देश में चलने वाले टीवी चैनल और अखबारों के लिए नियम कानून बने हुए हैं और वह अगर इन कानूनों का उल्लंघन करते हैं तो उससे निपटने के लिए प्रेस काउंसिल आॅफ इंडिया जैसी संस्थाएं भी हैं, लेकिन आॅनलाइन मीडिया के लिए ऐसी कोई व्यवस्था नहीं है। इसे ध्यान में रखते हुए आॅनलाइन मीडिया के लिए नियामक ढांचा कैसे बनाया जाए इसके लिए एक समिति का गठन किया जा रहा है।

सलमान खान की आज भी जेल में गुजरेगी रात, जमानत पर फैसला कल

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नई दिल्ली। जोधपुर सेंट्रल जेल में बंद अभिनेता सलमान खान को आज जमानत नहीं मिली। उन्हें एक दिन और जेल में रहना पड़ेगा। सीजेएम जोधपुर के फैसले के खिलाफ आज सेसन कोर्ट में सुनवाई हुई।सलमान खान की जमानत याचिका पर बहस पूरी हो चुकी है लेकिन जज रवींद्र कुमार जोशी ने अपना फैसला सुरक्षित रखा है और अब वह शनिवार सुबह 10.30 बजे अपना फैसला सुनाएंगे। ऐसे में सलमान खान को शुक्रवार रात भी जेल में ही बितानी पड़ेगी। करीब 40 मिनट तक चली बहस में सलमान के वकीलों ने कोर्ट के सामने जमानत की गुहार लगाई।

सरकारी वकील की दलील
बिश्नोई समाज के वकील महिपाल बिश्नोई ने बताया कि क्योंकि यह मामला लंबे समय से चल रहा है। ऐसे में सरकारी वकील की तरफ से सेशंस कोर्ट में दलील दी गई कि सीजेएम कोर्ट के रिकॉर्ड भी देखने होंगे। ऐसे में जमानत को एक दिन टालने में इस दलील को अहम माना जा रहा है।

सलमान के वकील की दलील
वकीलों ने कहा कि अन्य आरोपियों की तरह सलमान खान को भी संदेह का लाभ मिलना चाहिए। इसके अलावा उनके वकील का कहना था कि इस फैसले को आने में 20 साल का समय लगा, ऐसे में उनके ये 20 साल भी सजा से कम नहीं थे। सलमान के वकीलों ने कोर्ट में पेश हुए गवाहों पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि वे भरोसे के लायक नहीं हैं।

उन्होंने कहा कि सलमान के कमरे से हथियार नहीं मिले हैं, साथ ही उनकी जिप्सी को लेकर भी सवाल उठाए हैं। गौरतलब है कि गुरुवार को जोधपुर की सीजेएम कोर्ट ने 20 साल पहले दो काले हिरणों के शिकार का दोषी पाते हुए उन्हें पांच साल की कैद और 10 हजार रुपये जुमार्ने की सजा सुनाई।