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प्रीटी पेटल्स आफ फाउंडेशन स्कूल में मनी महावीर जयंती

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भोपाल। प्रीटी पेटल्स आफ फाउंडेशन स्कूल में महावीर जयंती मनाई गई। इस अवसर पर सभी बच्चों को प्रेम और अहिंसा के साथ रहने का सबक सिखाया गया और भगवान महावीर के मार्ग पर चलने का पाठ पढ़ाया गया।

इस कार्यक्रम में प्रीटी पेटल्स आफ फाउंडेशन स्कूल की प्राचार्या अंसिका एस केसवानी ने भगवान महावीर से जुड़ी कहानियां बच्चों को सिखाई और उनके मार्ग पर चलने के लिए बच्चों को प्रेरित किया।

इस अवसर पर प्रजेश पी. कोठारी,आगम जैन, विदर्भ जैन,नायशा अजमेरा,अक्षित जैन, अरहम जैन,सामर्थ जैन,आर्यव जैन, अथर्व जैन, नैनवी जैन, पार्थ जैन, अनन्या जैन, अन्या जैन, शिवी जैन, पाथ जैन व अन्य कई बच्चों ने भाग लिया।

दिग्गी की यात्रा पूरी होने से पहले नर्मदा में अचानक कहां से आई बाढ़, प्रशासन बेखबर

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नरसिंहपुर। 9 अप्रैल को दिग्विजय सिंह बरमान घाट पर नर्मदा परिक्रमा पूरी करेंगे। सूखे बरमान घाट पर अब तक उतना ही पानी था, जिससे एहसास हो कि यहां कोई नदी है। लेकिन, गुरुवार देर रात यहां इतना पानी आ गया कि घाट के पास बसे छोटे दुकानदार तबाह हो गए। सवाल ये उठता है कि अचानक नर्मदा में इतना पानी आया कैसे?

इस बारे में जब कलेक्टर से बात की गई तो उनका कहना है कि, जिला प्रशासन को इस बारे में कोई सूचना नहीं थी। कलेक्टर मानते हैं कि जिला प्रशासन की गलती थी, पानी छोड़ने से पहले सूचना देनी चाहिए थी, लेकिन अचानक पानी आने से जो गरीब-गुरबे तबाह हो गए उनका क्या होगा, इस बारे में कलेक्टर साहब के पास कोई जवाब नहीं है।

कलेक्टर को बस इतना पता है कि दिग्विजय सिंह का कार्यक्रम होना था, उसके लिए पार्किंग की जगह चाहिए थी। आस-पास बसे लोगों की सहमति से उन्हें दूसरी तरफ शिफ्ट होने को कहा गया था। लेकिन, शिफ्टिंग से पहले आधी रात को अचानक आये पानी ने गरीबों पर जो सितम ढाया इसका अंदाजा भी प्रशासन को नहीं है।

‘आलू-प्याज सब बह गया, पहले बताया होता तो बचा लेते’
घाट के पास बसी एक बुजुर्ग महिला भग्गो बाई से जब इस बारे में बात की गई तो उन्होंने कहा कि परिक्रमा वाले आ रहे हैं, कोई नेता आ रहे हैं, विजय सिंह (दिग्विजय सिंह)। कहते हैं जगह चाहिए, लेकिन हम क्या करें, हम तो बर्बाद हो गए, हमें कम से कम बताना तो चाहिए था। आलू का बोरा बह गया, प्याज का बोरा बह गया, किलो-दो किलो बचा तो उसका क्या? हम क्या खाएं, कहां रहें? रात को अचानक पानी आया, पहले से पता चलता तो बचा तो लेते।

भग्गो बाई जैसा दर्द उन सभी लोगों का है जो रात को सूखी जगह पर सोये थे, लेकिन प्रशासन की मेहरबानी से उनका जमीन पर बिछा मेहनत का बिछौना पानी से तर-बतर हो गया। और नींद में ही उनके सामने सवाल खड़ा हो गया कि अब जाएं तो जाएं कहां।

‘पूर्व सीएम का कार्यक्रम सफल बनाएं या गरीबों को बचाएं’
प्रशासन के सामने दो गंभीर समस्याएं हैं कि पूर्व मुख्यमंत्री का कार्यक्रम भी सफल बनाना है और विपक्ष के नेताओं को परिक्रमा के समापन स्थल पर ये कहने को न मिल जाए कि नर्मदा में पानी ही नहीं बचा। अब इतनी गंभीर समस्याओं के बीच आम लोग कहां अपनी जगह बना पाएंगे? उनके हिस्से तो बस रातोरात अपनी गुदड़ी समेट कर भागने के सिवा कुछ नहीं आ सकता। लेकिन, दबी जुबान लोग ये कहते नहीं हिचक रहे कि दिग्गी राजा की परिक्रमा में पानी की कमी न महसूस हो इसलिए प्रशासन ने अचानक पानी छोड़ा है।

आप ने किया ऐलान: सभी सीटों पर चुनाव लड़ेंगे उम्मीदवार

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भोपाल। मध्य प्रदेश में आम आदमी पार्टी (आप) की राज्य इकाई ने विधानसभा चुनाव के लिए अपनी तैयारी शुरू कर दी है। पार्टी के प्रदेश प्रभारी और दिल्ली सरकार के कैबिनेट मंत्री गोपाल राय के मुताबिक, प्रत्याशी चयन की प्रक्रिया आठ अप्रैल से शुरू होगी और जुलाई तक सभी 230 क्षेत्रों के उम्मीदवार घोषित कर दिए जाएंगे।

इसके साथ ही लोकसभा स्तर पर ‘पोहा चौपाल’ लगाई जाएगी। राय ने यहां गुरुवार को कहा कि 11 अप्रैल से 14 मई तक पूरे प्रदेश में ‘किसान बचाओ, बदलाव लाओ’ यात्रा के तहत प्रदेश के सभी 42 हजार मतदान केंद्रों पर पार्टी के मंडल अध्यक्ष की नियुक्ति की जाएगी। उन्होंने बताया कि ‘किसान बचाओ, बदलाव लाओ’ यात्रा के दौरान ही प्रदेश संयोजक आलोक अग्रवाल विभिन्न लोकसभा क्षेत्रों में पोहा चौपाल लगाएंगे।

इस दौरान विभिन्न विषयों के विशेषज्ञ, डॉक्टर, शिक्षक व समाजसेवियों से मुलाकात की जाएगी और उनसे चर्चा के बाद घोषणापत्र बनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि चुनावी वर्ष में प्रदेश संयोजक के अधिक कार्यभार को देखते हुए प्रदेश सह संयोजक के पद पर अमित भटनागर को नियुक्ति किया गया है। इसके साथ ही सूचना प्रौद्योगिकी एवं संचार विभाग में केंद्रीय कार्यालय की ओर से अरविंद झा मध्य प्रदेश की आईटी एंड कम्युनिकेशन टीम के कार्य को देखेंगे।

उन्होंने आगे बताया कि आॅनलाइन और डाक के माध्यम से आए नामों के आने के बाद विधानसभा स्तर पर बैठक होगी। बैठक में प्रदेश स्तर से पर्यवेक्षक जाएंगे और सामने आए सभी नामों को राज्य समिति के पास भेजेंगे। प्रत्याशी चयन की इस पूरी प्रक्रिया की जिम्मेदारी पार्टी की वरिष्ठ नेता ‘चित्ररूपा पालित’ को दी गई है।

जुलाई तक पार्टी सभी 230 विधानसभाओं पर प्रत्याशी घोषित कर देगी। राय ने कहा कि मध्यप्रदेश के लोग भाजपा को हटाना चाहते हैं और यह भी सच है कि वे कांग्रेस को नहीं चाहते, प्रदेश के लोगों को एक मजबूत विकल्प चाहिए, जो उनकी आकांक्षाएं पूरी कर सके। इसके लिए आम आदमी पार्टी पूरी मजबूती से मैदान में उतर रही है। इसके लिए विधानसभा प्रभारी, सह प्रभारी, मंडल अध्यक्ष, बूथ प्रभारी और ‘आप का साथी’ के तहत संगठन को मजबूती दी जाएगी।

भारत के नाम भी रहा रहा दूसरा दिन: संजिता ने दिलाया दूसरा स्वर्ण

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गोल्ड कोस्ट । भारत की महिला भारोत्तोलाक खिलाड़ी संजिता चानू ने भारत का नाम रौशन कर दिखाया। 21वें राष्ट्रमंडल खेलों के दूसरे दिन शुक्रवार को चानू ने भारत को दूसरा स्वर्ण पदक दिलवाया है। मणिपुर की संजिता ने अपने शानदार प्रदर्शन के दम पर एक तरफा प्रदर्शन किया और महिलाओं की 53 किलोग्राम भारवर्ग स्पर्धा में भारत की झोली में एक और स्वर्ण डाला।

चानू ने स्नैच में 84 किलोग्राम का सर्वश्रेष्ठ भार उठाया जो गेम रिकॉर्ड रहा। वहीं क्लीन एंड जर्क में उन्होंने 108 किलोग्राम का सर्वश्रेष्ठ भार उठाया और कुल 192 के कुल स्कोर के साथ सोने का तमगा अपने नाम करने में सफल रहीं। स्पर्धा का रजत पापुआ न्यू गिनी की लाउ डिका ताउ को मिला जिनका कुल स्कोर 182 रहा।

कनाडा की रचेल लेब्लांग को 181 के कुल योग के साथ कांस्य से संतोष करना पड़ा। इससे पहले, खेलों के पहले दिन मीरबाई चानू ने महिलाओं की 48 किलोग्राम भारवर्ग में भारत को पहला स्वर्ण दिलाया था। भारत अब पदक तालिका में तीसरे स्थान पर आ गया है। उसके हिस्से दो स्वर्ण और एक रजत पदक हैं।

यह तीनों पदक भारत को भारोत्तोलन में मिले हैं। पहले दिन गुरुराज ने भारत को पुरुषों की 56 किलोग्राम भारवर्ग स्पर्धा में रजत पदक दिलाया था। सचिता ने ग्लास्गो में 2014 में खेले गए राष्ट्रमंडल खेलों में भी भारत को स्वर्ण दिलाया था, लेकिन तब वह 48 किलोग्राम भारवर्ग में पीला पदक जीतने में सफल रही थीं।

संचिता ने स्नैच के तीनों प्रयासों में सफलता हासिल की। उन्होंने पहले प्रयास में 81, दूसरे प्रयास में 83 और तीसरे प्रयास में 84 किलोग्राम का भार उठाया जो गेम रिकार्ड रहा। क्लीन एंड जर्क में भारतीय खिलाड़ी ने पहले प्रयास में 104 किलोग्राम का भार उठाया। दूसरे प्रयास में वह 108 किलोग्राम का भार उठाने में सफल रहीं। आखिरी प्रयास में वह 112 किलोग्राम का भार उठाने के प्रयास में थीं जो असफल रहा।

पाक के विदेश मंत्री की ना ‘पाक’ बोल- सलमान के बारे में यह कहा…

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नई दिल्ली। काले हिरण शिकार मामले में सलमान खान को जोधपुर कोर्ट ने दोषी ठहराते हुए पांच साल की सजा सुनाई है। इस पर पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने इसे धार्मिक रंग देने का प्रयास किया है। पाकिस्तान के विदेश मंत्री ख्वाजा आसिफ ने एक बयान में कहा कि सलमान खान मुस्लिम हैं इसलिए उनको सजा हुई ह्रै। भारत में अल्पसंख्यक मुस्लिमों को अछूत समझा जाता है।

काले हिरण शिकार करने के दो दशक पुराने मामले में कल जोधपुर की एक अदालत ने बॉलीवुड सुपरस्टार सलमान खान को दोषी ठहराया था। कोर्ट ने सलमान को पांच साल कैद की सजा और 10 हजार रुपए की सजा सुनाई।

जाहिर सी बात सलमान बॉलीवुड अभिनेता हैं उनके फैंस पाकिस्तान में भी हैं। सजा की खबर सुनकर फैंस काफी निराश हैं। वहीं पड़ोसी देश के विदेश मंत्री ख्वाजा आसिफ ने अदालत के इस फैसले की कड़ी आलोचना की है। उन्होंने इसे भेदभाव वाला करार दिया है।

पाक विदेश मंत्री ने क्या कहा
आसिफ ने पाकिस्तानी टीवी चैनल जियो न्यूज के एक कार्यक्रम में कहा, अल्पसंख्यक होने के कारण सलमान खान को सजा दी गई है। यदि वह भारत में सत्तारूढ़ दल के धर्म (हिंदू) से ताल्लुक रखते तो शायद उन्हें इतनी कठोर सजा नहीं दी जाती। ऐसे में उनके प्रति कोर्ट का रवैया लचीला हो सकता था। बीस साल पुराने मामले में उन्हें सजा देने से यह स्पष्ट होता है कि भारत में मुस्लिम समुदाय को अछूत समझा जाता है। ईसाइयों को भी ज्यादा तवज्जो नहीं दी जाती है।

पाक विदेश मंत्री के इस बयान पर भारतीयों ने कड़ी प्रतिक्रिया जताई है। कुछ लोगों ने ट्विटर पर ख्वाजा आसिफ से पूछा कि सैफ अली खान और तब्बू क्या हिंदू हैं? बता दें कि पाकिस्तान में हिंदू और ईसाई जैसे अल्पसंख्यक समुदायों की आबादी लगातार कम होती जा रही है। पाकिस्तान में हिंदुओं का जबरन धर्मांतरण कराना बेहद आम बात है।

जरूरतमंदों को छत्तीसगढ़ में वरदान बनी ‘नेकी की दीवार’

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रायपुर। छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर में जरूरतमंदों के लिए एक अनूठी पहल की गई है। इस पहल को नाम दिया गया है ‘नेकी की दीवार’। ‘नेकी की दीवार’ से प्रतिदिन लगभग 50 से 100 जरूरतमंद लोगों को कपड़े, खिलौने, फल, झोले, बैग, शॉल, स्वेटर, जूता, चप्पल सहित दान में दिए गए जरूरत के अन्य सामान उपलब्ध हो रहे हैं।

‘नेकी की दीवार’ का संचालन जिला मुख्यालय अम्बिकापुर के स्टेडियम ग्राउंड परिसर एवं जिला चिकित्सालय परिसर में कलेक्टर किरण कौशल के मार्गदर्शन में किया जा रहा है। ‘नेकी की दीवार’ का संचालन इस सिद्धांत पर किया जा रहा है कि यदि आपके पास किसी सामान की आवश्यकता नहीं है तो यहां छोड़ जाएं और यदि आपको आवश्यकता है तो यहां से ले जाएं।

स्टेडियम ग्राउंड परिसर स्थित ‘नेकी की दीवार’ से अब तक लगभग 3 हजार 800 जरूरतमंदों को सामग्री का वितरण किया गया है। दानदाताओं से सामग्री का संग्रहण एवं जरूरतमंदों को सामग्री के वितरण का कार्य कोटेया ग्राम निवासी दिव्यांग वंशधारी द्वारा किया जा रहा है।

वंशधारी ने आठवीं कक्षा तक शिक्षा प्राप्त की है और उसे समाज कल्याण विभाग द्वारा कम्प्यूटर संचालन का प्रशिक्षण भी दिया गया है। वंशधारी द्वारा दान में दी गई वस्तुओं का बेहतर रख-रखाव एवं रजिस्टर का अद्यतन संधारण किया जा रहा है। वह मानदेय के साथ जनसेवा का अवसर प्राप्त होने पर आह्लादित है।

जब बाघ से भिड़ गई यह बहादुर लड़की…

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बांद्रा। क्या आप यकीन करेंगे कि महाराष्ट्र के बांद्रा जिले की 21 साल की लड़की महज के एक छड़ी के साथ ही बाघ से भिड़ गई। इतना ही नहीं, बाघ के हमले के बाद अपने लहूलुहान चेहरे के साथ उसने एक के बाद एक कई सारी सेल्फी ली और फिर उसे सोशल मीडिया यानी फेसबुक पर पोस्ट कर दिया। जी हां, दरअसल, यह डरावनी घटना 24 मार्च की है, जिसकी खबर सबको इसी सप्ताह लगी।

कॉमर्स संकाय से ग्रेजुएट रूपाली मेश्राम उजगाव गांव में रहती है। उस रात वह जब सो रही थी, तभी उसे आधी रात में अपनी बकरियों के दर्द से चिल्लाने की आवाज आई, जिसे सुनकर वह तुरंत बाहर आई। रूपाली ने कहा कि आधीरात में मुझे बकरियों की जोर से मिमियाने की आवाज आई और मैं दौड़कर बकरियों को देखने गई। वहां तीन बकरियां खून से लथपथ जमीन पर मरी पड़ी थी।

जैसे ही रूपाली कुछ समझ पाती कि आखिर यह कैसे हुआ, तभी अचानक से बकरियों को जान से मारने वाले बाघ ने उसके ऊपर भी हमला कर दिया। अपने आप को बाघ के चुंगल में फंसी देख खुद को बचाने के लिए रूपाली ने एक छड़ी उठाई और मदद के लिए जोर से मां को आवाज लगाई। तब तक वह छड़ी से बाघ से लड़ती रही। जैसे ही उसकी मां मदद के लिए आई, बाघ ने उन पर भी हमला कर दिया। किसी तरह, रूपाली मेश्राम की मां ने अपनी घायल बेटी को घर में खींच कर दरवाजा बंद कर दिया।

उसके बाद उन्होंने घबराकर अपने रिश्तेदार को फोन किया, जिसके बाद उन्होंने वन विभाग को सूचित किया। घर के भीतर सुरक्षित महसूस करने के तुरंत बाद मेश्राम ने खून से लथपथ चेहरे की एक बाद एक कई सेल्फी ली और दो फोटो को फेसबुक पर पोस्ट किया। एक फोटो में मेश्राम अकेली दिख रही है और एक में अपनी मां के साथ। इस तस्वीर में देख सकते हैं कि कैसे दोनों खून से लथपथ दिख रही हैं।

हालांकि, वन विभाग ने तुरंत मेश्राम और उसकी मां को बांद्रा अस्पताल में भर्ती कराया और फिर उसके बाद नागरपुर में शिफ्ट किया। नागपुर में इलाज कर रहे डॉक्टर ने बाघ से लड़ने की साहस की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि वह भाग्यशाली रही कि वह बाघ के हमले से बचने में कामयाब रही और उससे डंटकर मुकाबला कर जान बचाने में सफल रही।

यूपी सीएम से नाराज एक और एमपी ने लिखी मोदी को चिट्ठी, कहा दलितों पर हो रहा है अत्याचार

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नई दिल्ल। मोदी के लिए लोकसभा चुनाव से पहले ही यूपी में चुनौती बढ़ती जा रही है। मोदी सरकार के खिलाफ कोई और नहीं अब अपने ही सांसदों ने मोर्चा खोल दिया है। यूपी के रॉबर्ट्सगंज से बीजेपी के दलित सांसद छोटेलाल ने पीएम नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखकर सूबे के सीएम योगी आदित्यनाथ की शिकायत की थी आज इटावा से एक और दलित सांसद सांसद अशोक दोहरे ने भी अपनी ही पार्टी की राज्य सरकार से हुए नाराज होकर पीएम मोदी को चिट्ठी लिखी है। खास बात ये है कि दोनों ही सांसदों की चिट्ठी सार्वजनिक हो चुकी हैं।

शिकायत में अशोक दोहरे ने कहा है कि 2 अप्रैल को ‘भारत बंद’ के बाद एससी/एसटी वर्ग के लोगों को उत्तर प्रदेश सहित दूसरे राज्यों में सरकारें और स्थानीय पुलिस झूठे मुकदमे में फंसा रही है उन पर अत्याचार हो रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस निर्दोष लोगों को जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल करते हुए घरों से निकाल कर मारपीट कर रही है।

इससे इन वर्गों में गुस्सा और असुरक्षा की भावना बढ़ती जा रही है। वहीं 5 अप्रैल को यूपी के रॉबर्ट्सगंज से बीजेपी के दलित सांसद छोटेलाल ने पीएम नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखकर सूबे के सीएम योगी आदित्यनाथ, प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र नाथ पांडे और बीजेपी नेता सुनील बंसल की भी शिकायत की थी। चिट्ठी में सांसद छोटेलाल ने लिखा है कि जिले के आला अधिकारी उनका उत्पीड़न कर रहे हैं।

सांसद छोटेलाल ने चिट्ठी में कहा है कि शिकायत लेकर वो सीएम योगी से दो बार मिले लेकिन उन्होंने डांट कर भगा दिया। पीएम मोदी ने सांसद छोटेलाल को उचित कार्रवाई का भरोसा दिया है। ये पहला मौका नहीं है जब यूपी के किसी नेता ने सीएम योगी से नाराजगी जताई है। इससे पहले बीजेपी की दलित सांसद सावित्री बाई फुले ने भी सरकार से नाराजगी जताई थी। उससे पहले सहयोगी ओम प्रकाश राजभर भी सीएम योगी से खफा थे।

जोधपुर सेशन कोर्ट में सलमान की जमानत अर्जी पर सुनवाई शुरू

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नई दिल्ली। जोधपुर सेंट्रल जेल में बंद कैदी नंबर 106 यानि सलमान खान ने सजा की पहली रात काट ली है। बॉलीवुड स्टार और फिल्म टाइगर जिंदा है के अभिनेता सलमान खान काले हिरण के शिकार मामले में हिट एंड रन नहीं कर सके। गुरुवार को जोधपुर की सीजेएम कोर्ट ने 20 साल पहले दो काले हिरणों के शिकार का दोषी पाते हुए उन्हें पांच साल की कैद और 10 हजार रुपये जुमार्ने की सजा सुनाई।

आज सलमान खान की जमानत याचिका पर सेशन कोर्ट में सुनवाई शुरू हो गई है। सेशन कोर्ट के जज रवींद्र कुमार जोशी जमानत याचिका पर सुनवाई कर रहे हैं। सलमान के वकील ने भरोसा जताया कि आज जमानत मिल जाएगी। कोर्ट में सलमान की दोनों बहनों के साथ सलमान के बॉडीगार्ड शेरा भी मौजूद हैं। वहीं कोर्ट के बाहर बिश्नोई समाज के लोग भी इकट्ठा हुए हैं।

कोर्ट जाने से पहले सलमान के वकील महेश बोड़ा ने दावा किया कि उन्हें धमकी मिल रही है। बोड़ा ने आरोप लगाया है कि उन्हें धमकी भरे कॉल और मैसेज आए। इसके बावजूद वह सलमान के केस से जुड़े रहेंगे। इससे पहले सुबह करीब 8.0 बजे सलमान के बॉडीगार्ड शेरा और उनके वकील आनंद देसाई जोधपुर सेंट्रल जेल पहुंचे। आनंद देसाई के पास कुछ फाइलें थी। वकील ने सलमान से कुछ बातचीत की और फाइलों पर उनके साइन लिए।

यह अलग बात है कि 1998 में जिस फिल्म हम साथ-साथ हैं की शूटिंग के दौरान की यह घटना है, उसमें आरोपित साथी कलाकार सैफ अली खान, तब्बू, नीलम और सोनाली बेंद्रे संदेह का लाभ पाकर बरी हो गए। स्थानीय आरोपित दुष्यंत सिंह भी बरी हो गए। 52 वर्षीय सलमान को कैदी नंबर 106 मिला और बैरक नंबर-एक में रखा गया है।

उन्हें सजा तीन साल से ज्यादा की मिली है, इसलिए जमानत के लिए अर्जी सत्र अदालत में लगाई गई, लेकिन तत्काल सुनवाई नहीं हो पाई। शुक्रवार को सुनवाई की संभावना है। जमानत मिलने तक उन्हें जेल में रहना होगा। वहीं आज सुबह सलमान खान के वकील आनंद देसाई जेल में उनसे मुलाकात की।

काला हिरण शिकार मामला: सलमान दोषी, मिली 5 साल की सजा

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जोधपुर। काला हिरण शिकार मामले में बॉलीवुड अभिनेता सलमान खान को जोधपुर की अदालत ने दोषी करार देते हुए 5 साल कैद और दस हजार जुमार्ने की सजा सुनाई है, जबकि उनके साथ मामले में आरोपी रहे अन्य फिल्मी सितारों – सैफ अली खान, तब्बू, सोनाली बेंद्रे और नीलम – को बरी कर दिया गया है।

बताया जा रहा है कि सलमान खान को जोधपुर के सेंट्रल जेल में भेजा जाएगा, जहां पहले से ही आसाराम कैद में है। सरकारी वकील का कहना है कि सलमान खान को एक रात जेल में बितानी होगी। सलमान खान के खिलाफ जजमेंट 196 पेज का है।  ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट की अदालत में सजा पर बहस के दौरान जहां सरकारी वकील ने अधिकतम सजा की मांग की थी, वहीं सलमान के वकील ने कम से कम सजा की मांग की थी।

वहीं, विश्नोई समाज अन्य सभी आरोपियों को बरी किये जाने से नाराज हैं। उनका कहना है कि सलमान के साथ अन्य सभी को भी सजा मिलनी चाहिए थी। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट देव कुमार खत्री ने 1998 में हुई इस घटना के संबंध में 28 मार्च को मुकदमे की सुनवाई पूरी करते हुये फैसला बाद में सुनाने की घोषणा की थी। गौरतलब है कि फैसला सुनाये जाने के समय सभी आरोपी कलाकार सलमान खान, सैफ अली खान, तब्बू, सोनाली बेन्द्रे और नीलम अदालत में मौजूद थे।

सलमान खान मुंबई हवाई अड्डे से चार्टर्ड विमान से रवाना हुए। इससे पहले वह रेस 3 की शूटिंग के लिये अबु धाबी में थे। सोनाली बेंद्र, तब्बू और नीलम भी मुंबई से जोधपुर पहुंचीं। सलमान पर आरोप है कि उन्होंने जोधपुर के निकट कणकणी गांव के भागोड़ा की ढाणी में दो काले हिरणों का शिकार किया था।