Home Blog Page 1203

रेलमंत्री के आदेश पर भी नहीं हुआ अमल, यात्रियों से वसूला जा रहा 18 फीसदी जीएसटी

0

नई दिल्ली। रेल मंत्री पीयूष गोयल ने पिछले दिनों ट्रेन और स्टेशन पर खानपान में यात्रियों से अवैध वसूली रोकने के लिए बिल अनिवार्य कर दिया। इस आदेश के बाद वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) में रेलवे का खेल सामने आ गया। स्टेशन पर खानपान में जहां पांच फीसद जीएसटी वसूला जा रहा है, वहीं इसी खाने पर ट्रेन में 18 फीसद टैक्स लिया जा रहा है।

शताब्दी-राजधानी में तो टिकट में ही यात्रियों से 18 फीसद जीएसटी लिया जा रहा है, जबकि अन्य ट्रेनों में भी 18 फीसद जीएसटी लिया जाता है। हालांकि, स्टेशन पर पहले जीएसटी 12 फीसद था, जिसे घटाकर पांच फीसद कर दिया गया। रेलवे बोर्ड ने सकरुलर नंबर 44-2017 को 29 जून 2017 को जारी किया था। इस सकरुलर के मुताबिक एक जुलाई से 18 फीसद जीएसटी लेने का आदेश जारी किया गया। यह भी स्पष्ट किया गया कि शताब्दी-राजधानी व दुरंतो के टिकट किराये में ही जीएसटी जुड़ा होगा।

इसको सर्विसदाता केटरर वापस ले सकेगा। पेंट्री कार पर भी यही व्यवस्था है, जहां यात्री से नकद भुगतान लिया जाता है। इस मामले में अंबाला के डीआरएम दिनेश चंद्र शर्मा ने कहा कि स्टडी करने पर ही इस मामले में कुछ बता सकते हैं। रेलवे ने सर्कुलर नंबर 79 के तहत आदेश जारी किया, जिसमें जीएसटी 12 फीसद से घटाकर पांच फीसद कर दिया गया।

हालांकि, स्टेशन व ट्रेनों पर जीएसटी कितने फीसद लिया जा रहा है इस बात से यात्री बेखबर हैं। फाइव स्टार होटल जिसमें रेस्टोरेंट व कमरे का किराया 7500 रुपये हो वहां पर ही 18 फीसद जीएसटी वसूला जाता है। ट्रेनों में मोबाइल कैटरिंग के नाम से 18 फीसद जीएसटी लिया जा रहा है।

केजरीवाल पर विपक्ष का हमला तेज: कौन खा गया गरीबों का राशन

0

नई दिल्ली । दिल्ली में चार लाख नकली राशन कार्ड के जरिए राशन घोटाले का खेल चल रहा है। कैग की रिपोर्ट के बाद विपक्ष ने दिल्ली सरकार पर अपना प्रहार तेज कर दिया है। भारतीय जनता पार्टी का कहना है कि बिना मंत्रियों के संरक्षण के इतना बड़ा घोटाला संभव नहीं है। पार्टी का कहना है कि दिल्ली में अनेक ऐसे परिवार है, जिनके नाम पर 15 से लेकर 125 तक राशन कार्ड बने हुए हैं।

इन राशन कार्डो को आधार कार्ड से भी नहीं जोड़ा गया है। भाजपा ने आरोप लगाया कि केजरीवाल सरकार जानबूझ कर इसे आधार कार्ड से नहीं जोड़ा। इससे सवाल उठता है कि आखिर कौन खा गया गरीबों का अनाज। दिल्ली प्रदेश भाजपा अध्यक्ष मनोज तिवारी का कहना है कि अरविंद केजरीवाल छोटे लालू की तरह उभर रहे हैं।

तिवारी ने कहा कि बिहार में लालू यादव ने चारा घोटाले में फर्जी वाहनों का उपयोग दिखाया था उसी तर्ज पर केजरीवाल सरकार ने राशन घोटाला किया है। भाजपा आज इस मामले को लेकर दिल्ली विधानसभा के बाहर प्रदर्शन करेगी। वहीं कांग्रेस आज अपनी रणनीति का खुलासा करेगी।

रिपोर्ट के मुताबिक, यह बिहार के चारा घोटाले की तरह है, जिसमें दिल्ली में भी बाइक और टेंपो पर अनाज ढोया गया। कैग रिपोर्ट में कहा गया है कि एफसीआई गोदाम से राशन वितरण केंद्रों पर 1589 क्विंटल राशन की ढुलाई के लिए आठ ऐसी गाड़ियों का इस्तेमाल किया गया, जिनका रजिस्ट्रेशन नंबर बस, टेंपो और स्कूटर-बाइक का था

कैग की रिपोर्ट में यह बात भी सामने आई है कि 2016-17 में जिन 207 गाड़ियों को राशन ढुलाई के काम में लाया गया, उनमें 42 के रजिस्ट्रेशन ही नहीं हैं। इसके साथ ही 10 गाड़ियां अन्य विभागों के नाम पर थी। पोर्ट यह भी कहती है कि एक साल करीब 1589 क्विंटल माल एफसीआई के गोदामों से फेयर प्राइस शॉप तक पहुंचाया गया है, जो इन गाड़ियों में पहुंचाना लगभग असंभव है। जो इस बात तस्दीक करता है कि दिल्ली में राशन घोटाला हुआ है।

घोटालों में घिरी केजरीवाल सरकार
कैग रिपोर्ट ने यह स्थापित कर दिया है कि यह सरकार घोटालों में घिरी हुई है। सरकार के भ्रष्टाचार को जनता के बीच उजागर करने के लिए भाजपा आज विधानसभा के बाहर प्रदर्शन करेगी। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार एवं राशन माफियाओं की सांठगांठ है। केंद्र सरकार के गोदामों से राशन सीधे माफिया के गोदामों में जाता है, लेकिन कागजों में फर्जी वाहन नंबर दर्ज कर यह दिखा दिया जाता है कि राशन दुकानों में भेजा गया है।

पश्चिमी दिल्ली के सांसद प्रवेश वर्मा ने दिल्ली सरकार पर हमला करते हुए कहा कि पिछले तीन वर्षों में अधिकतर राशन दुकाने आम आदमी पार्टी के कार्यकतार्ओं को दी गई है, जो फर्जी राशन कार्ड के जरिये घोटाला करते हैं। उन्होंने कहा कि इसमें मंत्री भी शामिल है। उधर, नई दिल्ली के सांसद मीनाक्षी लेखी ने कहा कि भाजपा लगातार राशन कार्ड को आधार से जोडे की मांग करती रही है। इससे फजीर्वाड़े की गुंजाइश बहुत कम रह जाएगी पर केजरीवाल सरकार इस प्रस्ताव को स्वीकार नहीं कर रही है। दक्षिणी दिल्ली के सांसद का कहना है कि जो घोटाला सामने आया हैं वह किसी राजनीतिक दल के आरोप नहीं हैं, जिन्हें मुख्यमंत्री नकार दें, यह कैग की रिपोर्ट है।

सिरसा ने केजरीवाल को छोटा लालू बताते हुए पोस्टर भी लगवाए
राजौरी गार्डन के विधायक मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा कि तीन साल में केजरीवाल सरकार ने लोकलेखा समिति की एक भी बैठक नहीं की है। कैग की रिपोर्ट को विधानसभा में रखना आवश्यक है। अपनी पोल खुलने के डर से सरकार ने बिना किसी पूर्व घोषणा के शोर-शराबे के बीच इस रिपोर्ट को रखकर मामले की दबाने की कोशिश की पर विपक्ष के विधायकों की जागरूकता की वजह से वह ऐसा नहीं कर सकी। सिरसा ने दिल्ली में कई स्थानों पर केजरीवाल को छोटा लालू बताते हुए पोस्टर भी लगवाए हैं।

चीन को घेरने भारत, जापान और अमेरिका की नई चाल, जानें क्या है तैयारी

0

नई दिल्ली। हिंद-प्रशांत (इंडो पैसिफिक) महासागर क्षेत्र में चीन के बढ़ते वर्चस्व को लेकर भारत, अमेरिका और जापान का संयुक्त गठबंधन अब तेजी से आकार लेने लगा है। सितंबर, 2017 में इन तीनों देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक के बाद इस बारे में इनके बीच न सिर्फ तेजी से संवाद चल रहा है, बल्कि आगे का रोडमैप भी मूर्त रूप लेने लगा है।

इस क्रम में नई दिल्ली में बुधवार को इन तीनों देशों के आला अधिकारियों की बैठक हुई। इस त्रिपक्षीय बैठक में वैसे तो तमाम वैश्विक व द्विपक्षीय मुद्दों पर चर्चा हुई है लेकिन हिंद-प्रशांत क्षेत्र में कनेक्टिविटी पर खास तौर पर बातचीत हुई। चीन हमेशा से ही भारत, जापान और अमेरिका का विरोधी रहा है।

विदेश मंत्रालय के सूत्रों ने बताया है कि सितंबर, 2017 में न्यूयार्क में विदेश मंत्रीय स्तर बातचीत के बाद भारत, जापान व अमेरिका के बीच इस दौरान लगातार चर्चा चल रही है। तीनों देशों ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में ढांचागत परियोजनाओं को लेकर एक कार्यसमूह भी गठित कर रखी है, जिसकी हाल ही में फरवरी, 2018 में बैठक हुई थी। इनके बीच यह सहमति बन गई है कि तीनों देश संयुक्त तौर इस क्षेत्र में कनेक्टिविटी से जुड़ी परियोजनाओं को बढ़ावा देंगे।

कूटनीतिक सर्किल में माना जाता है कि ये परियोजनाओं पूरी तरह से चीन की महत्वाकांक्षी बेल्ट एंड रोड इनिसिएिटिव (बीआरआइ- पुराना नाम: वन बेल्ट-वन रोड) के सामने एक चुनौती होगी। सनद रहे कि चीन की इस योजना को लेकर भारत, जापान और अमेरिका एक समान चिंताएं जता चुके हैं। माना जा रहा है कि बुधवार को हुई बैठक में तीनों देशों के सहयोग से शुरू होने वाली परियोजनाओं के खाके पर विचार हुआ है।

बैठक के बाद जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा भी कहा गया है कि, तीनों देशों के विदेश मंत्रियों के निर्देशानुसार अधिकारियों ने बुधवार को इस क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने, कनेक्टिविटी को सुधारने के प्रायोगिक कदमों पर विचार किया है। इसके अलावा आतंकरोधी उपायों व सामुद्रिक सुरक्षा के तमाम विषयों पर भी बातचीत हुई है। सभी पक्ष इस बात पर रजामंद हुए है कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र को मुक्त, संपन्न व शांतिपूर्ण बनाने के लिए इस क्षेत्र के सभी देशों के बीच साझेदारी को बढ़ावा दिया जाएगा। बैठक में तीनों देशों के विदेश मंत्रालयों के संयुक्त सचिव, महानिदेशक व सह-सचिव स्तर के अधिकारियों ने हिस्सा लिया है।
इस बैठक की अहमियत इसलिए भी बढ़ गई है कि इस महीने के मध्य में फ्लोरिडा में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और जापान के पीएम शिंजो एबे के बीच शीर्ष बैठक होनी है। इस शीर्ष बैठक के एजेंडे में हिंद-प्रशांत महासागर की स्थिति सबसे ऊपर है।
इस बैठक से यह बात भी सामने आ गई है कि भारत, अमेरिका व जापान के बीच कूटनीतिक रिश्तों के केंद्र में इंडो पैसिफिक ही है। जब से साउथ चाइना सी को लेकर चीन के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय कोर्ट का फैसला आया है उसके बाद से ही इन तीनों देशों के रिश्तों के आयाम तेजी से बदलने लगे हैं। ये तीनों देशों ने एक अलग समूह आस्ट्रेलिया के साथ भी बनाया हुआ है। इन चारों देशों के अधिकारियों की एक बैठक पिछले वर्ष मनीला में हुई थी।

कॉमनवेल्थ में भारत की अच्छी शुरूआत: गुरुराजा ने दिलाया पहला पदक

0

गोल्ड कोस्ट। 21वें कॉमनवेल्थ गेम्स में भारत की अच्छी शुरूआत हुई है। आयोजन के पहले ही दिन भारत की झोली में सिल्वर पदक आ गया है। वेटलिफ्टर गुरुराजा पुजारी ने 56 किलोग्राम कैटेगरी में 249 किग्रा वजन उठाया। वहीं मलेशिया के मोहम्मद एएच इजहार अहमद ने गोल्ड अपने नाम किया।
श्रीलंका के चतुरंगा लकमल को कांस्य से संतोष करना पड़ा। ह पहला मौका नहीं है जब गुरुराजा ने अपना दमखम दिखाया हो। इससे पहले 2016 साउथ एशियन गेम्स में उन्होंने गोल्ड जीता था। वहीं, इस साल पेनांग में कॉमनवेल्थ सीनियर वेटलिफ्टिंग चैम्पियनशिप में भी गोल्ड का कब्जा किया था।

गरीब परिवार से है ताल्लुक
गुरुराजा बेहद गरीब और सामान्य परिवार से हैं। बताया जाता है कि उनके परिवार ट्रक चलाते हैं। कर्नाटक के रहने वाले गुरुराजा ने 2010 में वेटलिफ्टिंग में करियर की शुरूआत की थी। काफी संघर्ष के बाद वे इस मुकाम पर पहुंचे हैं। इससे पहले भारतीय समयानुसार बुधवार शाम को 21वें कॉमनवेल्थ गेम्स का रंगारंग आगाज हुआ।

शुभारंभ समारोह में आस्ट्रेलियाई संस्कृति की झलक नजर आई। मूसलाधार बारिश के बीच हुए समारोह में खिलाड़ियों के मार्चपास्ट में ओलिंपिक रजत पदक विजेता पीवी सिंधु ने भारतीय दल की अगुवाई की। प्रिंस चार्ल्स ने खेलों के शुभारंभ की घोषणा की। मारोह की शुरूआत में ही साईबाई आईलैंड ईगल डांस ने समां बांध दिया। आदिवासी वेशभूषा में सजे डांसर्स के इस नृत्य से आॅस्ट्रेलिया के मूल निवासियों के परंपरागत लोकनृत्य की झलक मिली।जहां अलग-अलग देशों की टीमों ने मार्च पास्ट किया, वहीं रंगीन आतिशबाजी से समां बंध गया।

कश्मीर: पत्थरबाजों से बचने का प्रयास असफल, दो जवनों की मौत

0

श्रीनगर। दक्षिण कश्मीर के कोकरनाग (अनंतनाग) में बुधवार को हिंसक भीड़ की ओर से किए जा रहे पथराव से बचने के दौरान सीआरपीएफ के वाहन के मोटरसाइकिल से टकरा जाने से मोटरसाइकिल सावर दो सीआरपीएफ कर्मियों की मौत हो गई।

हादसे में एक सीआरपीएफ कर्मी व एक पुलिसकर्मी जख्मी भी हो गया। यह कश्मीर में कोई पहली घटना नहीं है। वहां आए दिन जवानों के साथ ऐसी घटनाएं होती रहती हैं और उनको अपनी जान गंवानी ही पड़ती है।

शाम को सीआरपीएफ की 164वीं वाहिनी के जवानों का एक दल दिनभर की ड्यूटी के बाद वाहन में सवार होकर शिविर की तरफ लौट रहा था। रास्ते में हिल्लर, कोकरनाग में शरारती तत्वों ने उसे घेरते हुए पथराव शुरू कर दिया। इसी दौरान वहां से एक मोटरसाइकिल भी गुजरी और वह भी पथराव की चपेट में आ गई।

पत्थरबाजों से बचने के प्रयास में दोनों वाहन आपस में टकरा गए। मोटरसाइकिल पर तीन लोग सवार थे। हादसे में मोटरसाइकिल पर सवार दो लोगों की मौत हो गई, जिनकी पहचान सीआरपीएफ के हेड कांस्टेबल निसार वानी और कांस्टेबल रियाज अहमद के रूप में हुई है। इनके साथ मोटरसाइकिल पर सवार पुलिसकर्मी रईम कमर घायल हो गया। हादसे में सीआरपीएफ वाहन का चालक कांस्टेबल रूप सिंह भी जख्मी हो गया।

सीबीएसई परीक्षा की प्रक्रिया का अध्ययन करेगा उच्च स्तरीय पैनल

0

नई दिल्ली। मानव संसाधन विकास मंत्रालय (एचआरडी) ने 12वीं का अर्थशास्त्र और 10वीं का गणित का पर्चा कथित रूप से लीक होने के बाद सीबीएसई की परीक्षा प्रक्रिया की जांच के लिए एक ‘उच्च स्तरीय समिति’ का गठन किया है। पूर्व एचआरडी सचिव वी एस ओबेरॉय की अध्यक्षता वाला सात सदस्यीय पैनल प्रक्रिया को ‘प्रौद्योगिकी के जरिए सुरक्षित एवं त्रुटिरहित’ बनाने के उपाय भी सुझाएगा और 31 मई तक अपनी रिपोर्ट मंत्रालय को सौंपेगा।

एचआरडी के स्कूल शिक्षा सचिव अनिल स्वरुप ने कहा, ‘सरकार ने सीबीएसई परीक्षाओं की प्रक्रिया की जांच करने और प्रक्रिया को प्रौद्योगिकी के जरिए सुरक्षित एवं त्रुटिरहित करने के उपाय सुझाने के लिए मानव संसाधन विकास मंत्रालय के पूर्व सचिव वीएस ओबेरॉय की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय समिति का गठन किया है, जिसमें कई विशेषज्ञ शामिल हैं।’

मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि यह समिति प्रणाली के सुरक्षा संबंधित पहलुओं को दोबारा देखेगी जिससे कि सुनिश्चित हो सके कि परीक्षार्थियों तक परीक्षापत्र बिना छेड़छाड़ के पहुंचें। स्वरूप ने कहा, ‘यह पैनल प्रश्नपत्रों को प्रिंटिंग प्रेस से परीक्षार्थियों तक ले जाने तक वर्तमान तंत्र में संभावित खामियों वाले सभी क्षेत्रों की जांच करेगा। इसके साथ ही यह पैनल यह सुझाव भी देगा कि कैसे इस तंत्र को प्रौद्योगिकी की सहायता से ज्यादा सुरक्षित बनाया जा सकता है।’

सिंगल मदर के बच्चों को पिता के नाम की जरूरत नहीं

0

मुंबई। बॉम्बे हाई कोर्ट ने बृहन्न्मुंबई महानगर पालिका को निर्देश दिया कि टेस्ट ट्यूब प्रक्रिया के जरिए जन्मी एक बच्ची को वह एक नया जन्म प्रमाण पत्र जारी करे, जिसमें उसके जैविक पिता के नाम का उल्लेख नहीं हो। जस्टिस एएस ओका और जस्टिस आरआई चागला ने नगर निकाय को निर्देश दिया कि वह पहले ही जारी किए जा चुके उस जन्म प्रमाण पत्र को वापस मंगा ले जिस पर लड़की के पिता का नाम है, और दूसरा प्रमाण पत्र जारी करे जिस पर पिता के नाम का स्थान रिक्त हो।

पीठ पालघर जिले के नालासोपारा की एक महिला की याचिका पर सुनवाई कर रही थी जिसने एक डोनर से प्राप्त स्पर्म (वीर्य) की मदद से टेस्ट ट्यूब प्रक्रिया के जरिए अगस्त 2016 में एक बच्चे को जन्म दिया था। याचिकाकर्ता ने कहा कि वह स्पर्म डोनर के नाम का खुलासा नहीं करना चाहती। उन्होंने हाईकोर्ट से अनुरोध किया कि वह बीएमसी के संबद्ध वार्ड कार्यालय को बच्चे का ऐसा जन्म प्रमाण पत्र जारी करने का निर्देश दे जिस पर पिता का नाम नहीं हो।

याचिका में सुप्रीम कोर्ट के वर्ष 2015 के एक फैसले का जिक्र भी किया गया जिसमें यह अनिवार्य बनाया गया था कि यदि कोई अकेली या अविवाहित महिला अपने बच्चे के जन्म प्रमाण पत्र के लिए आवेदन देती है और हलफनामा दायर कर पिता का नाम उजागर नहीं करने का अनुरोध करती है तो ऐसा प्रमाण पत्र जारी किया जाना चाहिए, और बच्चे के जैविक पिता के नाम पर जोर नहीं दिया जाना चाहिए। पिछले हफ्ते बीएमसी ने बच्चे का जन्म प्रमाण पत्र और मूल रिकॉर्ड उच्च न्यायालय के समक्ष पेश किया था।

सिद्धारमैया देंगे योगी के ड्रीम प्रोजेक्ट को ‘जंबो’ तोहफा

0

लखनऊ। सीएम योगी आदित्यनाथ की अगुआई में उत्तर प्रदेश सरकार के लिए कर्नाटक के सीएम सिद्धारमैया ने ‘जंगल राज’ का प्रयोग किया था। लेकिन फिर भी कर्नाटक सरकार ने योगी के ड्रीम प्रोजेक्ट के लिये एक तोहफा देने का निर्णय लिया है। इसके तहत कर्नाटक से 11 प्रशिक्षित हाथियों को यूपी के दुधवा नेशनल पार्क में भेजा जाएगा।

जानकारी के अनुसार, यह कार्य यूनियन मिनिस्ट्री आफ एनवॉयरनमेंट एंड फॉरेस्ट्स की देखरेख में होगा। उत्तर प्रदेश के 15 महावत पहले से ही कर्नाटक के नेशनल पार्कों में ट्रेनिंग ले रहे हैं और हाथियों के साथ घुलने-मिलने के गुर सीख रहे हैं।

11 ट्रकों में ले जाए जाएंगे ये हाथी
यूपीएसटीडीसी के प्रबंध निदेशक की ओर से मीडिया को जानकारी दी गई है कि इन सभी हाथियों को बड़े-बड़े ट्रकों में लाया जाएगा। 11 ट्रकों के काफिले में यूपी और कर्नाटक दोनों ही राज्यों के जानवरों के डॉक्टर्स और देखरेख करने वाले शामिल होंगे।

अब 24 हो जाएगी हाथियों की संख्या
कर्नाटक से यूपी ले जाए जा रहे इन हाथियों में 9 मादा और 2 नर हाथी शामिल हैं। इनके आ जाने से पार्क में हाथियों की संख्या बढ़कर 24 हो जाएगी और इससे बारिश के मौसम में जंगल की पेट्रोलिंग में भी मदद मिलेगी।

दुधवा पार्क सीएम योगी के करीब
गौरतलब है कि दुधवा पार्क सीएम आदित्यनाथ के दिल के काफी करीब है। उन्होंने हाल ही में यूपी में हुए इन्वेस्टर समिट में भी दुधवा पार्क की तारीफ की थी। उन्होंने कहा था कि मैंने दुधवा पार्क जैसा शानदार वन्यजीव पार्क इस देश में दूसरा कोई नहीं देखा है।

सरकार ने 2.4 लाख करोड़ का कर्ज बट्टे खाते में डाला, ममता ने साधा निशाना

0

नई दिल्ली। देश के सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने वित्तवर्ष 2014-15 से सितंबर, 2017 तक 2,41,911 करोड़ रुपये की गैर-निष्पादित आस्तियों (एनपीए), यानी वसूल नहीं हो पाए कर्जो को बट्टेखाते में डाला है। यह जानकारी वित्त राज्यमंत्री शिवप्रताप शुक्ला ने राज्यसभा में एक लिखित जवाब में दी। इस पर बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने फेसबुक पोस्ट पर लिखा है कि मैं यह देखकर हैरान हूं कि जब देश का किसान रो रहा है, अपने कर्ज के बोझ के चलते आत्महत्या कर रहा है और ऋण माफी की मांग कर रहा है पर सरकार इस पर ध्यान नहीं दे रही है।

आज का ई-पेपर

वित्त राज्यमंत्री ने बताया कि इन बैंकों के वैश्विक परिचालनों पर भारतीय रिजर्व बैंक, यानी रिजर्व बैंक आफ इंडिया की रपट के अनुसार सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने 2,41,911 करोड़ रुपये के एनपीए (वसूल नहीं हो पाए ऋणों) को बट्टेखाते में डाला है। शिवप्रताप शुक्ला के मुताबिक, एनपीए को बट्टेखाते में डाला जाना एक सामान्य प्रक्रिया है, और बैंकों द्वारा अपने बही-खातों को साफ-सुथरा करने के लिए यह कार्रवाई की जाती है।

वित्त राज्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि किसी कर्ज़ को बट्टेखाते में डालने का अर्थ कर्ज़दार को फायदा पहुंचाना नहीं है। कर्ज़दार से कर्ज़ की वसूली की प्रक्रिया जारी रहती है। केंद्रीय बैंक का कहना है कि भारतीय रिजर्व बैंक कानून, 1934 की धारा 45 ई के तहत हर कर्ज़दार के आधार पर कर्ज संबंधी सूचना का खुलासा नहीं किया जा सकता। इस धारा के तहत किसी बैंक द्वारा ऋण के बारे में दी गई सूचना को गोपनीय माना जाएगा।

चुनावी साल में घोषणाएं भी नहीं आ रहीं काम, हड़ताल के लिए अड़े कर्मचारी संगठन

0

भोपाल। एक तरफ शिवराज सरकार कर्मचारी हित में तरह-तरह की घोषणाएं कर चुनावी साल में कर्मचारियों को रिझाने के काम में जुटी है। तो दूसरी तरफ सालों से लंबित मांगों को लेकर कई तरह के कर्मचारी संगठन आंदोलन पर अडिग है।

प्रदेश सरकार की सेवानिवृत्ति आयु दो साल बढ़ाने के फैसले के बाद लग रहा था कि, नियमित कर्मचारियों के आंदोलन समाप्त हो जाएंगे, लेकिन प्रदेश 6 बड़े कर्मचारी संगठन लिपिक वर्गीय कर्मचारी संघ, मंत्रालयीन सचिवालयीन कर्मचारी संघ, मध्यप्रदेश तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ, लघुवेतन कर्मचारी संघ, राजस्व कर्मचारी संघ एवं नगरपालिका कर्मचारी संघ के प्रतिनिधियों ने अपनी मांगों की पूर्ति के लिये तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों ने 12-13 अप्रैल को 2 दिवसीय सामूहिक अवकाश का एलान किया है।

अगर देखा जाए तो शिवराज कर्मचारियों को मनाने के लिए घोषणाएं तो कर देते हैं लेकिन उन घोषणाओं पर अमल कभी नहीं होता है और अब सरकार की नीति को कर्मचारी भी जानने लगे हैं, इसलिए कर्मचारी भी सीएम की घोषणाओं की तरफ ध्यान नहीं देते हैं।

मुख्य सचिव को सौंपा आंदोलन का नोटिस
प्रदेश सरकार की घोषणा के बाद भी कर्मचारी संगठन अपनी हड़ताल पर अडिग है। इस मामले में सभी 6 कर्मचारी संगठनों ने आंदोलन का नोटिस 28 मार्च को मुख्य सचिव को सौंप दिया है। कर्मचारी संगठनों का कहना है कि, 17 जनवरी को सीएम हाउस में हुई चर्चा में मुख्यमंत्री ने दो माह में मांगों की पूर्ति का आश्वासन दिया था, उसके बाद भी कुछ नहीं हुआ। ऐसे में हम आंदोलन के लिए मजबूर हैं। इस बीच अगर सरकार वार्ता के लिए बुलाती है और हमारे हित में फैसला लेती है, तो हम आंदोलन वापस लेने पर विचार करेंगे।

’23 सूत्रीय सिफारिशों को सरकार करे लागू’
कर्मचारी संगठनों का कहना है कि हमारी एक सूत्रीय मांग है कि, रमेशचंद्र शर्मा समिति की 23 सूत्रीय सिफारिशों को सरकार लागू करें। जिनमें प्रमुख रूप से लिपिक संवर्गों की वेतन विसंगति दूर करना, रमेश चन्द्र शर्मा समिति की अनुसंशाएं लागू करना, अर्जित अवकाश संग्रहण की सीमा 240 दिवस से बढ़ाकर 300 दिवस करना, भृत्य एवं जमादार का पदनाम परिवर्तन करना, मंत्रालयीन अनुभाग अधिकारी एवं निज सचिव का वेतन पुनरीक्षण करना, पेंशनरों को सातवे वेतनमान का लाभ देने के साथ दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों और संविदा कर्मचारियों का नियमितिकरण करना है।

’28 मार्च को लगाया हड़ताल का नोटिस’
इस बीच सरकार के सेवानिवृत्ति आयु दो साल बढ़ाने के फैसले के बाद खबरें आयी थी कि, 12-13 अप्रैल की सरकार कर्मचारी संगठनों ने वापस ले ली है, तो इस मामले में मंत्रालयीन सचिवालयीन कर्मचारी संघ के अध्यक्ष सुधीर नायक का कहना है कि, हमने हड़ताल का नोटिस 28 मार्च को लगा दिया है। हमारी हड़ताल यथावत है। हमारी हड़ताल का सेवा निवृत्ति की आयु विस्तारित करने से कोई संबंध नहीं है। कुछ विघ्नसंतोषी लोग इस संबंध में असमंजस फैला रहे हैं।