नई दिल्ली। भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआइडीएआई) ने बहुप्रतीक्षित वर्चुअल आइडी का बीटा वर्जन जारी कर दिया है। प्राधिकरण पहले ही कह चुका है कि सत्यापन के उद्देश्य से सेवा प्रदाताओं के लिए एक जून, 2018 से आधार नंबर के स्थान पर इसे स्वीकार करना अनिवार्य होगा। साफ है कि अब अब कई सुविधाओं का लाभ उठाने के लिए आधार नंबर नहीं देना होगा।
निजता संबंधी चिंताओं को दूर करने के लिए यूआइडीएआइ ने जनवरी में वर्चुअल आइडी की अवधारणा पेश करने का एलान किया था। सरल शब्दों में कहें तो इस नए फीचर से आधार धारक को प्रमाणीकरण और सत्यापन के लिए 12 अंकों का अपना आधार नंबर बताने की बजाय सिर्फ 16 अंकों का वर्चुअल आइडी (वीआइडी) नंबर ही बताना होगा। यूआइडीएआइ के मुताबिक, यूजर अपनी वीआइडी खुद ही जनरेट कर सकेंगे।
क्या है वीआईडी
आधार वर्चुअल आइडी एक तरह का अस्थायी नंबर है। इस नंबर को आधार का क्लोन कहा जाए तो यह गलत नहीं होगा। इसमें कुछ ही विवरण होंगे। अगर किसी को कहीं अपने आधार का विवरण देना है तो वह आधार नंबर की जगह वीआइडी नंबर दे सकता है।
कहां से जनरेट होगा वीआईडी
आधार वर्चुअल आइडी को सिर्फ यूआइडीएआई के पोर्टल से ही जनरेट किया जा सकता है। यह एक डिजिटल आइडी होगी। आधार धारक इसे कई बार जनरेट कर सकते हैं। वीआइडी की वैधता सिर्फ एक दिन के लिए ही होगी। इसका मतलब हुआ कि एक दिन बाद आधार धारक इस वर्चुअल आधार आइडी को फिर से जनरेट कर सकता है।