Home Blog Page 15

मोदी ने अचानक दिल्ली मेट्रो से यात्रा की: टोकन लेकर प्लेटफॉर्म पहुंचे

0

TIO NEW DELHI

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को दिल्ली मेट्रो की अचानक यात्रा की। वे दिल्ली यूनिवर्सिटी के शताब्दी समारोह में जाने के लिए सुबह 11 बजे लोक कल्याण मार्ग मेट्रो स्टेशन पहुंचे। यहां उन्होंने टिकट काउंटर से टोकन लिया और उसके बाद वे प्लेटफॉर्म पहुंचे। मेट्रो में यात्रियों के साथ बातचीत भी की।

दिल्ली विश्वविद्यालय की स्थापना 1 मई 1922 को हुई थी। इसमें 86 विभाग, 90 कॉलेज, 6 लाख से ज्यादा स्टूडेंट्स हैं। DU में कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री की सिक्योरिटी में हजार से ज्यादा जवान तैनात किए गए। PM यहां 3 बिल्डिंग्स की वर्चुअल नींव रखेंगे।

दिल्ली यूनिवर्सिटी के कॉलेजों ने कार्यक्रम के लिए गाइडलाइन भी जारी की हैं। स्टूडेंट्स से काले कपड़े पहनकर न आने के लिए कहा गया है। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान कार्यक्रम में गेस्ट ऑफ ऑनर हैं।

Uniform Civil Code : मौजूदा CJI के पिता ने सरकारों को खूब सुनाया था

0

नई दिल्ली : समान नागरिक संहिता का मुद्दा एक बार फिर चर्चा में है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसकी जरूरत पर जोर दिया है, जिसके बाद ये अटकलें तेज हो गई हैं कि केंद्र सरकार 2024 से पहले इसे लागू करने को लेकर गंभीर है। वैसे समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code) 38 साल पहले तब भी चर्चा में आया था जब सुप्रीम कोर्ट ने शाह बानो केस में ऐतिहासिक फैसला सुनाया था। तत्कालीन सीजेआई वाईवी चंद्रचूड़ की अगुआई वाली कॉन्स्टिट्यूशनल बेंच ने समान नागरिक संहिता लागू नहीं होने पर अफसोस जताते हुए तब की और उससे पहले की सरकारों को खूब सुनाया था। मौजूदा सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ के पिता की अगुआई वाली बेंच ने तत्कालीन सरकार को ‘समान नागरिक संहिता’ लागू करने की दिशा में आगे बढ़ने की अपील की थी।

शाह बानो इंदौर की रहने वाली थीं। बात 70 के दशक की है। शाह बानो के पति मोहम्मद अहमद खान शहर के जाने-माने वकील थे। दोनों की शादी 1932 में हुई थी। बाद में उन्होंने एक कम उम्र की लड़की से शादी कर ली। धीरे-धीरे शाह बानो और पति में अनबन होने लगी। बात इतनी बिगड़ गई कि 1975 में खान ने शाह बानो को उनके 5 बच्चों समेत घर से निकाल दिया। शादी के 43 वर्ष बाद पत्नी को त्याग दिया। 59 साल की महिला एक झटके में बेघर हो गई। वकील साहब बच्चों के गुजर-बस के लिए कभी-कभी कुछ पैसे दे दिया करते थे लेकिन शाह बानो चाहती थीं कि उन्हें नियमित तौर पर कुछ निश्चित रकम मिले। अलग-अलग रहने के बावजूद इसे लेकर दोनों में अक्सर विवाद होने लगा। अप्रैल 1978 में शाह बानो ने हर महीने 500 रुपये गुजारे भत्ते की मांग को लेकर इंदौर की अदालत का दरवाजा खटखटाया। इस बीच, 6 नवंबर 1978 को मोहम्मद अहमद खान ने तीन बार तलाक बोलकर शाह बानो से रिश्ता खत्म कर दिया। मेहर की रकम लौटाकर उन्होंने दो टूक कह दिया कि अब आगे वह बानो को एक नया पैसा नहीं देने वाले। इसके बाद शुरू हुई कानूनी लड़ाई।
अगस्त 1979 को इंदौर के मैजिस्ट्रेट कोर्ट ने बानो के पक्ष में फैसला सुनाते हुए खान को आदेश दिया कि वह गुजारे के लिए हर महीने 20 रुपये दें। ये रकम मामूली थी जिसमें गुजारा मुश्किल था, लिहाजा शाह बानो ने मैजिस्ट्रेट कोर्ट के फैसले के खिलाफ मध्य प्रदेश हाई कोर्ट का रुख किया। हाई कोर्ट ने भी गुजारे भत्ते की रकम को बढ़ाकर 179.20 रुपये प्रति महीने कर दिया। 60 हजार रुपये सालाना इनकम वाले मोहम्मद अहमद खान को अपने बाल-बच्चों के गुजारे के लिए 179 रुपये महीने देना भी गवारा नहीं लगा। उन्होंने हाई कोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी।

मौजूदा सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ के पिता और तत्कालीन सीजेआई वाई वी चंद्रचूड़ की अगुआई वाली 5 जजों की कॉन्स्टिट्यूशनल बेंच ने अप्रैल 1985 में हाई कोर्ट के फैसले पर मुहर लगाई। शीर्ष अदालत ने खान को 179.20 रुपये हर महीने गुजारा-भत्ता देने का आदेश तो बरकरार रखा ही, खान को अलग से 10000 रुपये हर्जाने के तौर पर बानो को देने का आदेश दिया। इस आदेश से देश में राजनीतिक भूचाल आ गया।

तत्कालीन सीजेआई वाईवी चंद्रचूड़ की अगुआई वाली सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने अपने फैसले में कहा, ‘यह अफसोस की बात है कि हमारे संविधान का अनुच्छेद 44 ‘डेड लेटर’ (अप्रचलित कानून) बना हुआ है। देश के लिए समान नागरिक संहिता बनाने की दिशा में सरकार की तरफ से किसी भी गतिविधि के कोई सबूत नहीं हैं। एक ऐसी धारणा मजबूत होती जा रही है कि मुस्लिम समुदाय अपने पर्सनल लॉ में सुधार के लिए खुद ही पहल करें। समान नागरिक संहिता विरोधाभासी विचारधारा वाले कानूनों (पर्सनल लॉ) की प्रति निष्ठा को खत्म कर राष्ट्रीय एकता में मदद करेगी।’

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कोई भी समुदाय बिल्ली के गले में घंटी बांधने को तैयार नहीं दिख रही। यह राज्य की जिम्मेदारी है कि देश के नागरिकों के लिए समान नागरिक संहिता सुनिश्चित करे और निश्चित तौर पर ये काम विधायिका का है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा, ‘इस केस में एक वकील ने फुसफुसाते हुए कुछ कहा, जो बहुत हद तक सुनाई भी दिया कि विधायिका की क्षमता अलग बात है और इस क्षमता का इस्तेमाल करने के लिए राजनीतिक साहस अलग बात है। हम अलग-अलग मतों के लोगों को कॉमन प्लेटफॉर्म अपनाने के लिए मनाने की अड़चनों को समझते हैं लेकिन अगर संविधान का जरा भी कोई मतलब है तो इसकी शुरुआत तो करनी ही होगी।’

बेंच ने पति का पक्ष लेने के लिए ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की तीखी आलोचना की। शीर्ष अदालत ने 50 के दशक के उत्तरार्ध में पाकिस्तान में शादी और परिवार से जुड़े कानूनों पर बने आयोग की रिपोर्ट के कुछ हिस्से का भी जिक्र किया कि कैसे बड़ी तादाद में अंधेड़ महिलाओं को ‘बिना किसी वाजिब वजह’ के तलाक दिया जा रहा है और वो बेसहारा हो रही हैं। पाकिस्तानी आयोग ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि निकट भविष्य में मुस्लिम देशों को इस सवाल का सामना करना ही पड़ेगा कि क्या इस्लामिक कानून में सुधार संभव है या नहीं। ये सुधार करना ही होगा।

लेकिन भारतीय गणराज्य बनने के 73 साल और हिंदू पर्सनल लॉ का कोड बनने के 67 साल बाद भी सवाल जस का तस है। मुस्लिम पर्सनल लॉ को लेकर अबतक कोड नहीं बना है।

समान नागरिक संहिता लागू करने के बजाय तत्कालीन राजीव गांधी सरकार ने मुस्लिम वूमन (प्रोटेक्शन ऑफ राइट ऑन डाइवोर्स) ऐक्ट, 1986 बना दिया ताकि शाह बानो केस में आया सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला बेअसर हो जाए। सुप्रीम कोर्ट ने 1986 के कानून की संवैधानिक वैधता को तो बरकरार रखा लेकिन कई अन्य केसों में भी मुस्लिम महिलाओं को गुजारा भत्ता का आदेश दिया। डेनियल लतीफी (2001), इकबाल बानो (2007) और शबाना बानो (2009) केस में सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि मुस्लिम महिलाओं को सीआरपीसी की धारा 125 के तहत पति से गुजारा भत्ता पाने के अधिकार से वंचित नहीं किया जा सकता।

1986 में संसद से बने कानून से अपना फैसला पलटे जाने के बाद एक दशक तक शीर्ष अदालत समान नागरिक संहिता के मुद्दे पर चुप रही। इस दौरान 1994 में महर्षि अवधेश ने 1986 के कानून को चुनौती देने और समान नागरिक संहिता को लागू करने या फिर मुस्लिम पर्सनल लॉ को कोडिफाई करने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका डाली। शीर्ष अदालत याचिका को यह कहकर खारिज कर दिया, ‘ये सभी मुद्दे विधायिका से जुड़े हैं।’

1995 में सरला मुदगल जजमेंट में सुप्रीम कोर्ट ने समान नागरिक संहिता पर और सख्त रुख अपनाते हुए कहा कि विधायिका इसे लागू करने के लिए कदम उठाए। शीर्ष अदालत ने कहा, ’80 प्रतिशत से ज्यादा नागरिक पहले से ही कोडिफाइड पर्सनल लॉ के दायरे में हैं, ऐसे में इसका कोई औचित्य नहीं है कि भारत के सभी नागरिकों के लिए समान नागरिक संहिता को लागू न किया जाए।’ सुप्रीम कोर्ट ने 2003 में जॉन वल्लामट्टोम केस में भी संविधान के अनुच्छेद 44 में तय लक्ष्यों को हासिल करने पर जोर दिया।

इस साल 29 मार्च को सुप्रीम कोर्ट ने समान नागरिक संहिता लागू करने की मांग वाली एक जनहित याचिका को खारिज कर दिया। शीर्ष अदालत ने फिर उसी बात पर जोर दिया जो 1994 के फैसले में कह चुकी थी, ‘समान नागरिक संहिता को लागू कराने के लिए इस कोर्ट का रुख करना किसी गलत फोरम में पहुंचने की तरह है। यह सिर्फ और सिर्फ संसद का काम है।’

2024 लोकसभा चुनाव से पहले मोदी कैबिनेट में दिख सकता है बड़ा बदलाव

0


नई दिल्ली : लोकसभा चुनाव में सामाजिक, जातिगत और क्षेत्रीय समीकरणों को साधने के मकसद से जल्द ही मोदी कैबिनेट में बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है। पीएम आवास पर बुधवार देर रात हुई हाई लेवल मीटिंग के बाद इसकी अटकलें तेज हैं। प्रधानमंत्री के घर हुई इस बैठक में गृह मंत्री अमित शाह, बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा और पार्टी के कई अन्य बड़े नेता शामिल हुए। बैठक 5 घंटे से ज्यादा वक्त तक चली। बीजेपी की तरफ से इस बैठक को लेकर आधिकारिक तौर पर अभी कुछ नहीं किया गया है।
न्यूज एजेंसी आईएएनएस ने बीजेपी से जुड़े सूत्रों के हवाले से दावा किया है कि पीएम के घर पर हुई बैठक में मंत्रिपरिषद में फेरबदल को लेकर चर्चा की गई। इसके अलावा जल्द ही बीजेपी संगठन में भी बदलाव देखने को मिल सकता है।
कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि केरल में बीजेपी की जमीन मजबूत करने के लिए मलयालम फिल्मों के सुपरस्टार सुरेश गोपी को केंद्र में मंत्री बनाया जा सकता है। 2024 में सुरेश गोपी केरल की थ्रिसूर संसदीय सीट से चुनाव भी लड़ सकते हैं। 2019 के चुनाव में भी गोपी इस सीट से लड़े थे लेकिन वह काफी अंतर से तीसरे नंबर पर थे।

कुछ रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि यूपी और कुछ अन्य राज्यों से नए चेहरों को मोदी मंत्रिपरिषद में जगह मिल सकती है।

समान नागरिक संहिता : AIMPLB ने देर रात इमर्जेंसी मीटिंग कर बनाई रणनीत

0


नई दिल्ली : राम मंदिर और अनुच्छेद 370 के बाद बीजपी अब अपने तीसरे अहम अजेंडे समान नागरिक संहिता पर आगे बढ़ने को तैयार है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कॉमन सिविल कोड की जोरदार पैरवी की। इससे विपक्षी दलों के साथ-साथ मुस्लिम संगठनों में भी खलबली मच गई है। आॅल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने आनन-फानन में देर रात इमर्जेंसी मीटिंग की। करीब 3 घंटे चली बैठक में तय किया गया कि इस मुद्दे पर लॉ कमिशन को एक ड्राफ्ट तैयार करके भेजा जाएगा। आॅनलाइन हुई मीटिंग में प्रस्तावित कानून का विरोध करने की रणनीति पर चर्चा हुई।
वर्चुअल मीटिंग में आॅल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के अध्यक्ष सैफुल्लाह रहमानी, मौलाना खालिद राशिद फिरंगी महली समेत अकटढछइ के कई सदस्य और वकील शामिल हुए। बैठक में इस बात पर सहमति बनी कि बोर्ड लॉ कमिशन के सामने समान नागरिक संहिता का पुरजोर विरोध करेगा। बैठक में कमिशन के सामने पेश किए जाने वाले ड्राफ्ट और डॉक्युमेंट को भी अंतिम रूप दिया गया।
मंगलवार को ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भोपाल में एक कार्यक्रम के दौरान समान नागरिक संहिता की जरूरत पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि संविधान में सभी नागरिकों के लिए एक समान अधिकार मिला है। दो अलग-अलग कानूनों से घर तक नहीं चलता तो देश कैसे चलेगा। पीएम मोदी ने कहा कि आजकल समान नागरिक संहिता पर लोगों को भड़काने का काम हो रहा है। उन्होंने कहा कि बीजेपी तुष्टीकरण का रास्ता नहीं अपनाएगी और वोट बैंक की राजनीति नहीं करेगी। उन्होंने आरोप लगाया कि विपक्ष समान नागरिक संहिता के मुद्दे पर मुस्लिम समुदाय को गुमराह करके भड़का रहा है।
समान नागरिक संहिता की लंबे वक्त से मांग होती रही है। कुछ महीने पहले केंद्रीय कानून मंत्रालय ने सुप्रीम कोर्ट में इस मुद्दे पर एक हलफनामा दिया था। उसमें कहा गया है कि अलग-अलग धर्म के लोगों के लिए संपत्ति, वैवाहित विवाद जैसे सिविल मुद्दों पर अलग-अलग कानून देश की एकता के लिए खतरा हैं। सुप्रीम कोर्ट ने भी अलग-अलग वक्त पर दिए अपने कई फैसलों में समान नागरिक संहिता की जरूरत पर जोर दे चुका है। इसी महीने लॉ कमिशन ने इस मुद्दे पर देशवासियों और संगठनों से सुझाव मांगे हैं।

समान नागरिक संहिता यानी यूनिफॉर्म सिविल कोड का मतलब देश के सभी नागरिकों के लिए एक समान कानून है। देश में क्रिमिनल कोड तो सबके लिए समान है। आपराधिक मामलों से जुड़े सभी कानून समान हैं लेकिन संपत्ति, शादी, तलाक, उत्तराधिकार, गोद लेने जैसे सिविल मामलों में अलग-अलग धर्म के लोगों के लिए अलग-अलग पर्सनल लॉ हैं। इन्हें खत्म कर सबके लिए समान नियम-कानून बनाना बीजेपी के अहम चुनावी वादों में से एक है।

पहले ही दिन फ्लाॅप साबित हुई वंदे भारत ट्रेन

0

भोपाल TIO
 भोपाल से इंदौर के बीच चली वंदे भारत ट्रेन का हल्ला रहा, लेकिन पहले दिन उसका ‘गल्ला’ कम रहा। यानि रेल विभाग की कमाई इस ट्रेन से नहीं हुई। ट्रेन पहले ही दिन यात्रियों को तरस गई। तेज गति से चलने वाली इस ट्रेन के ज्यादा किराए के कारण इस ट्रेन का फ्लाॅप होना तय माना जा रहा है,क्योकि पांच मिनट बाद निकलने वाली इंटरसिटी ट्रेन से इसका किराया आठ गुना जाता है। इंटरसिटी ट्रेन में यात्री 100 रुपये में सफर कर सकते है और इसका किराया 810 रुपयेे हैै।

वंदे भारत ट्रेन की क्षमता 530 यात्रियों की है, लेकिन पहले दिन सिर्फ 47 यात्रियों ने इस ट्रेन को सफर के लिए चुना। एक्जीक्यूटिव श्रेणी के कोच में तो सिर्फ छह यात्री ही मिले,जबकि इस क्षेत्र के कोच में 52 सीटें है। रेल विभाग को उम्मीद है कि धीरे-धीरे यात्रियों की संख्या बढ़ेगी, लेकिन रेलवेे से जुड़े जानकारों का मानना है कि ज्याद किराया और कम स्टापेज के कारण इस ट्रेन में यात्रियों को हमेशा टोटा रहेगा।

इंटरसिटी एक्सप्रेेस से आठ गुना ज्यादा किराया

इंदौर से भोपाल के लिए जाने वाली इंंटरसिटी एक्सप्रेस सुबह 6.35 पर निकलती है। उसका किराया 100 रुपये है और वह उज्जैन के अलावा मक्सी, शुजालपुर, सिहोर व अन्य स्टेशनों पर भी स्टाॅपेज लेती है,जबकि वंदे भारत ट्रेन सिर्फ उज्जैन मेें रुकेगी। कई यात्री सिहोर में भी रुकते है। यदि वंदे भारत ट्रेन के स्टापेज बढ़ा दिए जाते तो सफर के लिए इस ट्रेन को ज्यादा यात्री मिल सकते है। इसके अलावा किराया भी कम करना होगा। किराए को लेकर मुख्य जनसंपर्क अधिकारी सुमित ठाकुर कहते है कि ट्रेन में कई आधुनिक सुविधाएं है। उसके हिसाब से किराया तय किया गया है। ट्रेन में ब्रेकफास्ट और डीनर भी मिलेगा। वह भी किराए मेें शामिल है।

इंदौर की बस लाॅबी भी मजबूत

इंदौर की बस लाॅबी भी मजबूत है। दोनो शहरोंं के बीच 100 से ज्यादा बसें प्रतिदिन चलती है। एआईसीटीएसएस की बसें साढ़े तीन घंटे में भोपाल पहुंचा देती है। उसका किराया भी 435 रुपये है। लालघाटी से पिकअप वाहन से यात्रियों को आईएसबीटी तक पहुंचाया जाता हैै। यहां से यात्रियों को शहर के किसी भी हिस्से में जाना आसान है। इंदौर से भोपाल के लिए हर पांच-दस मिनिट के अंतरााल में बसें उपलब्ध है,जबकि वंदे भारत ट्रेन भोपाल स्टेशन तक पहुंचाएगी। वहां से शहर के अन्य हिस्सों तक पहुंचने के लिए यात्रियों को टैक्सी किराया भी चुकाना होगा।

नदी में गिरा ट्रक, 5 लोगों की मौत

0

TIO दतिया

दतिया में एक मिनी ट्रक नदी में गिर गया। मिनी ट्रक में करीब 54 मजदूर सवार थे। हादसे में पांच लोगों की मौत हो गई है। सभी के शव निकाल लिए गए हैं। इनमें 3 शव बच्चों के हैं। 12 लोग घायल हैं, इनमें से दो को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। हादसा दुरसड़ा थाना अंतर्गत गांव बुहारा में बुधवार सुबह करीब 6 बजे हुआ। ट्रक पुल पार कर रहा था, तभी बेकाबू होकर पलट गया।

कलेक्टर संजय कुमार ने बताया, बेटी की शादी के लिए एक परिवार ग्वालियर के भेलेटी गांव से टीकमगढ़ के जतारा गांव जा रहा था। सभी आयशर वाहन में सवार होकर मंगलवार रात में निकले थे। नदी पर नया पुल बन रहा है। आवाजाही के लिए रपटा बनाया गया था। बारिश के कारण रपटे पर एक से दो फीट पानी आ गया था। ड्राइवर ने रपटा क्रॉस करने की कोशिश की। परिवार ने मना भी किया, लेकिन उसने अनसुना कर दिया। कुछ दूर जाकर ट्रक पलट गया। आयशर वाहन ट्रांसपोर्टेशन के लिए अधिकृत नहीं था।

इनके शव मिले…

  1. प्रशांत (18)
  2. गुंजन (5)
  3. ईसू (5)
  4. केरव (2)
  5. पांचों बाई (45)

पलभर में गाड़ी पलट गई और लोग बह गए

दुल्हन के चाचा विष्णु खटीक ने बताया कि भतीजी पूजा की शादी टीकमगढ़ के जतारा में थी। रात में गांव से निकले थे। रपटे पर पहुंचे तो पानी ऊपर से गुजर रहा था। ड्राइवर ने रपटे पर से गाड़ी निकाल दी। पलभर में ही गाड़ी पलट गई और लोग बह गए। कुछ गाड़ी में फंसे रहे। मैंने कई लोगों को बाहर निकाला। पास के गांव वालों ने मदद की। हादसे में चाची की मौत हो गई है। एक भजीता और दो भांजी समेत 5 की जान गई है।

मृतकों के परिजनों को 4-4 लाख का मुआवजा

गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने घटना पर दुख जताया। उन्होंने कहा, ‘खटीक समाज के लोग बलेहरी के रहने वाले हैं। बेटी की शादी करने जतारा (टीकमगढ़) मिनी ट्रक से जा रहे थे। बुहारा नदी में रपटे में ट्रक का पहिया उतर गया। ट्रक नदी में चला गया। 5 लोगों के शव निकाले गए हैं। इनमें एक 65 साल की महिला हैं। 18 साल का युवक है और बाकी 2 से 3 साल के बच्चे हैं। घायलों के इलाज कराया जा रहा है।’ मृतकों के परिजन को चार-चार लाख रुपए की सहायता दी जाएगी। घायलों को 50-50 हजार रुपए का मुआवजा दिया जाएगा।

…गुस्सैल हो रहे हैं कुत्ते

0

TIO NEW DELHI

भारत समेत दुनियाभर में कुत्तों के काटने के हर साल लाखों मामले सामने आते हैं। इस बारे में किए गए एक नए अध्ययन से पता चला है कि बढ़ते तापमान और प्रदूषण के साथ कुत्तों में गुस्सा बढ़ता जा रहा है और लोगों पर उनके हमले की घटनाएं भी बढ़ रही हैं।
हार्वर्ड मेडिकल स्कूल के शोधकर्ताओं का दावा है कि बढ़ते तापमान, गर्मी, अल्ट्रावायलेट रेज और ओजोन प्रदूषण के साथ डॉग बाइट की घटनाओं में लगातार इजाफा हो रहा है। इस अध्ययन में शोधकर्ताओं ने डॉग बाइट की करीब 70,000 घटनाओं का अध्ययन किया है। इसके साथ ही वैज्ञानिकों ने कुत्तों के मिजाज पर बढ़ते तापमान और प्रदूषण के प्रभावों का भी आकलन किया है। शोध में सामने आया कि वातावरण में जब यूवी विकिरण ज्यादा था तो कुत्तों के काटने की घटनाओं में 11 फीसदी वृद्धि दर्ज की गई। अत्यधिक गर्म और उमस भरे दिनों में यह घटनाएं सात से आठ फीसदी और ओजोन के बढ़ते स्तर के कारण इन घटनाएं में करीब पांच फीसदी तक की वृद्धि दर्ज की गई। शोधकर्ता इस नतीजे पर पहुंचे हैं कि गर्म और धूल-धुएं से भरे दिनों में कुत्ते इंसानों पर ज्यादा हमला करते हैं।

इंसानों के साथ अन्य जीवों के व्यवहार में भी आ रहा बदलाव
शोध के मुताबिक, कुत्तों के व्यवहार में आता यह बदलाव इंसानों के समान ही है। पहले किए गए कुछ अध्ययनों में भी यह साबित हो चुका है कि तापमान और वायु प्रदूषण का स्तर ज्यादा होने पर मनुष्य अधिक हिंसक अपराध करते हैं। इतना ही नहीं बढ़ते तापमान और प्रदूषण के साथ यह प्रवृत्ति बंदर, चूहों और अन्य जंगली जीवों में भी देखी गई है। पशु चिकित्सा विशेषज्ञों के अनुसार, प्रदूषण का असर जिस तरह मानव शरीर पर पड़ता है, ठीक उसी तरह जानवरों के शरीर में भी पड़ता है। जैसे-जैसे आबोहवा खराब होती जाती है, वैसे-वैसे बढ़ते प्रदूषण के प्रकोप से जानवर ज्यादा हिंसक होते जाते हैं। मनुष्यों की तरह लंबे समय के बाद प्रदूषण का प्रभाव जानवरों पर भी दिखाई देने लगता है।

अध्ययन में यह भी सामने आया है कि घनी आबादी के आस-पास स्थित जंगलों में बढ़ते प्रदूषण की वजह से लंगूरों, जंगली कुत्तों, लकड़बग्घों और खरगोशों की संख्या में लगातार कमी होती जा रही है।

जलवायु का पड़ता है असर
जर्नल एनवायर्नमेंटल रिसर्च लेटर्स में प्रकाशित एक अध्ययन के मुताबिक, बढ़ता तापमान हिंसक घटनाओं में वृद्धि की वजह बन रहा है। लोग जिस जलवायु में रहते हैं वो उनके गुस्से को उकसाता या कम करता है। जहां गर्म इलाकों में अपराध ज्यादा होते हैं, वहीं ठंडे इलाकों में अपराध की दर कम होती है।

पाक बोर्ड बोला-सरकार से अभी भारत जाने की इजाजत नहीं

0

TIO NEW DELHI

भारत में अक्टूबर-नवंबर के बीच होने वाले वनडे वर्ल्ड कप का शेड्यूल बुधवार को जारी हुआ। इसके बाद पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) ने वर्ल्ड कप में हिस्सा लेने पर बयान जारी किया। PCB ने कहा कि वर्ल्ड कप में हिस्सेदारी को लेकर अभी पाकिस्तान सरकार से इजाजत नहीं मिली है।

इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (ICC) ने PCB के बयान पर जवाब दिया है। ICC ने कहा कि PCB ने वर्ल्ड कप में हिस्सा लेने का एग्रीमेंट साइन किया है। हमें भरोसा है कि उनकी टीम इससे पलटेगी नहीं। नॉकआउट राउंड से पहले पाकिस्तान वर्ल्ड कप में 9 मैच खेलेगी। टूर्नामेंट का सबसे चर्चित मुकाबला यानी इंडिया-पाकिस्तान मैच 15 अक्टूबर को होना है।

भारत में किसी भी दौरे के लिए PCB को पाकिस्तान सरकार की मंजूरी लेनी होती है। भारत में जिन जगहों पर मैच खेलना है, उसके लिए भी हमें इजाजत लेनी होती है। जहां तक वर्ल्ड कप की बात है, तो अभी तक हमें मंजूरी नहीं मिली है। हम लगातार सरकार के संपर्क में हैं ताकि हमें वर्ल्ड कप के लिए गाइडलाइन मिल सके। जैसे ही हमें सरकार से कोई निर्देश मिलता है। हम ICC को उसके बारे में जानकारी देंगे।

ICC ने जब हमें ड्राफ्ट शेड्यूल भेजा था, तब भी हमने उनसे यही कहा था। अभी तक इस स्थिति में कोई बदलाव नहीं है।

PCB के बयान पर ICC का जवाब
पाकिस्तान ने वर्ल्ड कप में हिस्सा लेने के लिए एग्रीमेंट साइन किया है। हम उम्मीद कर रहे हैं कि वो इस एग्रीमेंट से पलटेंगे नहीं और भारत आएंगे। वर्ल्ड कप में भाग ले रही सभी टीमें अपने देश के नियम और कानूनों से बंधी हैं और हम इसका सम्मान भी करते हैं। लेकिन हमें पूरा भरोसा है कि पाकिस्तान वर्ल्ड कप खेलने भारत जरूर आएगा।

रिपोर्ट्स में दावा- जुलाई फर्स्ट वीक तक पार्टिसिपेशन पर फैसला
कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि पाकिस्तान सरकार ने सुरक्षा कारणों को लेकर अभी तक PCB को वर्ल्ड कप में खेलने की इजाजत नहीं दी है। पाकिस्तान सरकार ने सुरक्षा व्यवस्था की जांच शुरू कर दी है। रिपोर्ट्स के अनुसार, जुलाई के पहले सप्ताह में सरकार से क्लियरेंस मिल पाएगी कि टीम वनडे वर्ल्ड कप खेलने भारत जाएगी या नहीं।

करेली-नरसिंहपुर रेलवे ट्रैक पर बारुरेवा रेलवे पुल की मिट्‌टी में कटाव

0

TIO BHOPAL

मध्यप्रदेश में मानसून एक्टिव होने के बाद तेज बारिश जारी है। 24 घंटे में नरसिंहपुर में 8.58 इंच पानी गिरने से हालात बिगड़ गए हैं। यहां जज के बंगले में पानी भर गया। करेली-नरसिंहपुर रेलवे ट्रैक पर बारुरेवा रेलवे पुल की मिट्‌टी में कटाव हो गया है।

नरसिंहपुर रेलवे स्टेशन मास्टर पीके स्वामी ने बताया कि इटारसी से जबलपुर आने वाली ट्रेनों को फिलहाल रोका गया है। जबलपुर से इटारसी की ओर जाने वाली ताप्ती और जनशताब्दी ट्रेन को 10 से 15 मिनट के लिए रोका गया। बाद में इन्हें स्लो स्पीड में पुल से रवाना कराया गया है। जिले के सभी नदी-नाले उफना गए हैं। शेढ़ बेलखेड़ी और झामर पुल पर पानी आ गया है। गोटेगांव – नरसिंहपुर मार्ग बंद है।

भोपाल में भी बुधवार सुबह 7.45 के बाद से रुक-रुक कर पानी गिर रहा है। छिंदवाड़ा में रातभर पानी गिरा और यह सिलसिला बुधवार को भी जारी है। जबलपुर में भी बादल छाए हुए हैं। मलाजखंड में 5.64, मंडला में 5.33 इंच, जबलपुर में 3.26 इंच बारिश पिछले 24 घंटे में हो चुकी है।

डिंडौरी में खरमेर नदी उफना गई है। डिंडौरी-मंडला पर रोड के रपटे से नदी का पानी जाने से यहां यातायात रोकना पड़ा है। शाहपुर से चौरा मार्ग में भी नदी उफान पर है।

उमरिया में सोन नदी की बाढ़ में बच्ची बही

देवास में माता टेकरी पर हनुमान मंदिर के पास मंगलवार रात 9 बजे पहाड़ धंस गया। रात होने से श्रद्धालु मौके पर नहीं थे। सबसे ज्यादा क्षति हनुमान मंदिर के एक तरफ के पिलर को हुई है। मां तुलजा भवानी मंदिर में मंगला आरती के मुख्य पुजारी महंत विनय नाथ पुजारी ने बताया कि यह साल की पहली घटना है। पूर्व में यहां टेकरी पर पत्थर धंसने की घटनाएं होती थी। इसे देखते हुए प्रशासन ने जाली लगाकर सुरक्षा की थी। भिंड के प्रसिद्ध मंदिर दंदरौआ धाम में जोरदार बारिश से गर्भगृह में पानी भर गया। जबलपुर-भोपाल राष्ट्रीय राजमार्ग का डायवर्जन पुल पानी में बह गया। उमरिया जिले के मानपुर थानाक्षेत्र के सोन नदी के तेज बहाव में 11 साल की बच्ची बह गई। बच्ची यहां बकरियां चरा रही थी, तभी नदी में बाढ़ आ गई।अब आगे क्या…

28 जून को अनूपपुर, बालाघाट, छिंदवाड़ा, दमोह, सागर, जबलपुर, कटनी, मंडला, नरसिंहपुर, सिवनी, शहडोल, उमरिया में अति भारी बारिश हो सकती है। आगर, भोपाल, देवास, धार, गुना, रायसेन, सीहोर, राजगढ़, शाजापुर, उज्जैन और विदिशा में भारी बारिश होने का अनुमान है।
29 जून को शाजापुर और आगर जिले में अति भारी बारिश होने की संभावना है। विदिशा, सीहोर, धार, इंदौर, रतलाम, उज्जैन, देवास, नीमच, मंदसौर, गुना, अशोकनगर, छतरपुर, टीकमगढ़ और निवाड़ी में भारी बारिश हो सकती है।

अब आगे क्या…

28 जून को अनूपपुर, बालाघाट, छिंदवाड़ा, दमोह, सागर, जबलपुर, कटनी, मंडला, नरसिंहपुर, सिवनी, शहडोल, उमरिया में अति भारी बारिश हो सकती है। आगर, भोपाल, देवास, धार, गुना, रायसेन, सीहोर, राजगढ़, शाजापुर, उज्जैन और विदिशा में भारी बारिश होने का अनुमान है।
29 जून को शाजापुर और आगर जिले में अति भारी बारिश होने की संभावना है। विदिशा, सीहोर, धार, इंदौर, रतलाम, उज्जैन, देवास, नीमच, मंदसौर, गुना, अशोकनगर, छतरपुर, टीकमगढ़ और निवाड़ी में भारी बारिश हो सकती है।

PM ने MP से लॉन्च की 5 नई वंदे भारत

0

TIO BHOPAL

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को भोपाल में हैं। उन्होंने रानी कमलापति रेलवे स्टेशन से देश की 5 नई वंदे भारत ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। PM ने पहले रांची-पटना, धारवाड़-केएसआर बेंगलुरु और गोवा (मडगांव)-मुंबई को वर्चुअली लॉन्च किया। बाद में मध्यप्रदेश की दो वंदे भारत भोपाल-इंदौर और रानी कमलापति-जबलपुर को झंडी दिखाई। ये दोनों ट्रेन एक साथ रानी कमलापति रेलवे स्टेशन से रवाना हुईं। इससे पहले PM मोदी ने ट्वीट कर कहा, ‘ये ट्रेनें मध्यप्रदेश, कर्नाटक, महाराष्ट्र, गोवा, बिहार और झारखंड में कनेक्टिविटी में सुधार करेंगी।’

प्रधानमंत्री भोपाल से मध्यप्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ चुनाव और 2024 लोकसभा इलेक्शन के लिए चुनाव प्रचार की शुरुआत करने आए हैं। भोपाल के लाल परेड ग्राउंउ में ‘मेरा बूथ, सबसे मजबूत’ अभियान के तहत 543 लोकसभाओं के 10 लाख और मध्यप्रदेश के 64,100 बूथ के कार्यकर्ताओं को डिजिटली संबोधित करेंगे। यहां सभी राज्यों के विधानसभा क्षेत्रों से 3 हजार कार्यकर्ता भी मौजूद हैं। प्रधानमंत्री इनसे सीधा संवाद करेंगे।

देश में इस समय 18 वंदे भारत ट्रेन चल रही हैं। पहली वंदे भारत ट्रेन 2019 में नई दिल्ली-वाराणसी के बीच चलाई गई थी। इसके बाद नई दिल्ली-श्री माता वैष्णो देवी कटरा के बीच वंदे भारत ट्रेन चली थी। वंदे भारत ट्रेन पिछले साल गांधीनगर से मुंबई के बीच चलाई गई थी। रेलवे लगातार नए रूट्स पर वंदे भारत ट्रेन चला रहा है।

अपडेट्स…

  • ‘मेरा बूथ – सबसे मजबूत’ कार्यक्रमस्थल पर भारत के विभाजन को लेकर डॉक्यूमेंट्री दिखाई गई।
  • ट्रेन में केंद्रीय विद्यालय, सागर पब्लिक स्कूल और दूसरे स्कूल के स्टूडेंट्स ने PM को अपने हाथ से बनाई पेंटिंग, स्कैच गिफ्ट किए।
  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रानी कमलापति स्टेशन पर सबसे पहले स्टूडेंट्स से मिलने पहुंचे। ये स्टूडेंट्स ट्रेन में यात्रा करेंगे।
  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सुबह 10.30 बजे भोपाल एयरपोर्ट आए। यहां से सड़क मार्ग से रानी कमलापति स्टेशन पहुंचे।