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Doctor Madhu Verma appointed as member NTCA

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TIO NEW DELHI

Dr. Madhur Verma, who is a globally renowned Environmental Economist from city of Bhopal has been appointed as a member of National Tiger Conservation Authority under the Ministry of Environment Forest and Climate Change GoI.

Dr. Verma, is known to have done pioneering work for 16 tiger reserves of India by valuing their contribution of ecosystem services, which are the benefits to the economy but not accounted for in our national incme. She demonstrated that these benefits not only accrue to local but to regional and global economy as well and proved that these tiger reserves are the Natural Capital of the country where a rupee invested for their conservation leads to multiple times benefits from these reserves. She worked as Professor for 25 at the Indian Institute of Forest Management at Bhopal and known for her exemplary work of valuing the contribution of Bhoj wetlands to the economy of Bhopal city. She is working as Senior Economic Advisor with Iora Ecological Solutions, an environmental advisory organization in New Delhi.

As per the recent notification issued by NTCA for the committee constituted under section 38 L of the wildlife protection act of India 1972; the other members appointed to the committee are Shri SS Srivastava, retired PCCF Odisha, Shri Rahul Bhatnagar retired CCF Rajasthan Forest Department, Shri Ravi Singh, Secretary Genera,l WWF India; Dr. Roop Narayan Singh, consultant pathologist from Jabalpur; Dr. Pradeep Malik ,retired Senior Professor, Wildlife Institute of India; Shri W, Longhwala, former IGF, NTCA; Dr. HS Negi, former APCCF (wildlife) Madhya Pradesh forest department.

This important committee steering the conservation of tiger reserves under Project Tiger in India, is chaired by the Hon’ble Minister of MoEFCC and the Minister of State for EFCC as its Vice Chairman. Its is only on 1st April that the Project Tiger has completed its 50 glorious years.

उज्जैन जेल अधीक्षक रही उषाराज आखिर कैसे बनी करोड़पति

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उज्जैन। उज्जैन जेल अधीक्षक रही उषाराज आखिर कैसे करोड़पति बन गई? क्या उसने जेल कर्मचारियों के जीपीएफ घोटाले की कमाई को सोने-चांदी, मकान-प्लाट के अलावा किसी और जगह भी इनवेस्ट किया है? लॉकर से मिले खजाने के बाद यह सवाल अब और ज्यादा उठ रहे हैं। पुलिस को लॉकर के अलावा अब उषाराज के अन्य इनवेस्टमेंट का पता लगाने के लिए और ज्यादा मेहनत-मशक्कत करना होगी। पढ़िये करोड़पति बनी उषाराज के लॉकर का राज।

मध्य प्रदेश की जेल के कर्मचारियों के जीपीएफ खातों से लाखों रुपए निकाले जाने के मामले में मुख्य आरोपी तत्कालीन जेल अधीक्षक उषाराज ढाई दशक की नौकरी में करोड़पति बन गई है। इसके राज का खुलासा उसके बैंक लॉकर ने किया है। पुलिस ने जब बैंक लॉकर खोले तो उसमें से सोने की तीन ईंटें निकली। यह तीन किलो 718 ग्राम वजन की थीं। इसके अलावा तीन किलो 144 ग्राम के चांदी के जेवर और बर्तन भी लॉकर में रखे गए थे। सोने और चांदी के इन सामान की कीमत अभी करीब ढाई करोड़ मानी जा रही है।
चार प्लॉट-फ्लेट बुकिंग के दस्तावेज
अब सवाल यह खड़ा हुआ है कि जेल अधीक्षक उषाराज के पास आखिर कहां से पैसा आ रहा था कि उसने न केवल सोने की ईंटें खरीदीं बल्कि एक-दो नहीं चार प्लाट भी खरीद लिए। भोपाल में भी एक फ्लेट की बुकिंग के लिए जो राशि दी, उसकी रसीद भी लॉकर मिली है। गौरतलब है कि उषाराज घोटाले के उजागर होने के पहले किया कंपनी की लक्जिरीयस गाड़ी की खरीदी भी करने का सोच रही थी लेकिन मनपंसद मॉडल नहीं मिलने से पर यह विचार त्याग दिया था।

भाजपा की लाडली बहना पाखंड, भाजपाइयों की हमेशा महिलाओं का अपमान करने की आदत, कैलाश के बयान पर बबेले का तंज

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भोपाल। भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय जैन समाज के कार्यक्रम में लड़कियों के पहनावे पर फिर रावण की बहन शुपर्णखा से तुलना की। विजयवर्गीय ने कहा कि देवी नहीं वह शुपर्णखा लगती हैं. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष के मीडिया सलाहकार पीयूष बबेले ने इस बयान पर तंज कसते हुए कहा कि भाजपा की लाडली बहना पाखंड है भाजपा को हमेशा महिलाओं का अपमान करने की आदत है.

भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव और पूर्व पूर्व मंत्री कैलाश विजयवर्गीय का एक वीडियो वायरल हो रहा है जो जैन समाज के एक कार्यक्रम का बताया जाता है. इस वीडियो में विजय वर्गी यह कहते हुए सुनाई दे रहे हैं कि रात को जब युवतियों को वे जिन कपड़े पहने हुए देखते हैं उनमें कहीं देवी का स्वरूप नहीं लगता है बल्कि वे शुपर्णखा देखते हैं. विजयवर्गीय ने इसके आगे कहा कि बच्चों को अच्छे संस्कार डालें. उन्होंने कहा कि लड़की नशे में चूर दिखाई देते हैं और दिल करता है कि उनकी वही पिटाई कर दे. बच्चों को अच्छे संस्कार दें जिससे वे अच्छी बातें सीखे.

कैलाश विजयवर्गीय के इस बयान के बाद कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष के मीडिया सलाहकार पीयूष बबेले ने ट्वीट करते हुए वीडियो पर तीखी प्रतिक्रिया दी है. बबली ने कहा कि भाजपा को महिलाओं का अपमान करने की आदत हो गई है और लाडली बहना योजना उसका पाखंड है

सयाजी होटल में फूड फेस्टीवल का आयोजन

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TIO भोपाल

भोपाल के सयाजी होटल में आयोजित पंजाबी फूड फेस्टीवल का आयोजन किया गया। दस दिन तक चलने वाला यह फूड फेस्टीवल पंजाबी वातावरण में ढाला गया। रेस्टोरेंट को बहुत ही सुंदर तरीके से सजाया गया है। साथ में ही पंजाबी गानों पर डांस ओसीपी (आउट आफ कंट्रोल पंजाबी GROUP ) ने तो समा ही बांध दिया था जिसमें सनी, पूजा और रवीन्दर, सिमरन के डांस को देखकर लग रहा था जैसे पंजाब के अंदर ही आ गए हो।

वैसे ही सयाजी का खाना तो एक अलग स्वाद के साथ रहता ही है पर एक अलग माहौल मिल जाए तो उसके खाने का मजा और ही बढ़ जाता है। जब विशेष तौर पर कई पंजाबी डिशिश हो। खासतौर पर राजमा, पंजाबी ढाबे वाली दाल, छोले, या नॉनवेज में पंजाबी टाइप के चिकन हो तो खाने का मजा अलग ही आता है। भोपाल वालों के लिए आने वाले दिनों के लिए यह सुनहरा अवसर रहेगा। वालों के लिए आने वाले दिनों के लिए यह सुनहरा अवसर रहेगा।

ग्वालियर परीक्षा फर्जीवाड़े के लिए होता जा रहा बदनाम

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ग्वालियर ग्वालियर परीक्षा फजीर्वाड़े के लिए बदनाम होता जा रहा है। फरवरी से अभी तक करीब दो माह में चार परीक्षाओं में फजीर्वाड़ा पकड़ा गया। यह फजीर्वाड़े पकड़े तो ग्वालियर में गए, लेकिन सरगना से साल्वर तक उप्र और बिहार के निकल रहे हैं। परीक्षाओं से जुड़ा फजीर्वाड़ा करने वाले उप्र और बिहार के गैंग का साफ्ट टारगेट ग्वालियर है, क्योंकि यहां पूरा सिस्टम ऐसे लोगों को रोकने में नाकाम साबित हो रहा है। पुलिस ऐसे लोगों को पकड़ तो रही है, लेकिन इसकी जड़ तक नहीं पहुंच रही, इसलिए लगातार ऐसे फजीर्वाड़े सामने आ रहे हैं।

सात फरवरी को ग्वालियर के टेकनपुर में कृष्णा होटल से 8 आरोपित राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की संविदा स्टाफ नर्स भर्ती परीक्षा का पर्चा लीक कराने के मामले में पकड़े। इस गैंग का सरगना उप्र के प्रयागराज का पुष्कर पांडे था, जिसने पेपर लीक से लेकर पेपर बेचने तक का षड़यंत्र रचा।
थंब इंप्रेशन का क्लोन बनाकर साल्वर को बैठाने की तैयारी कर रहे चार लोग पकड़े गए। इसमें एक साल्वर पकड़ा गया, इसका नाम कृष्णवीर सिंह था। वह उप्र के आगरा का रहने वाला था और उप्र पुलिस में सिपाही है। कमजोर विवेचना, साक्ष्य न होने से जमानत पर छूट रहे आरोपित : लगातार परीक्षाओं से जुड़े फजीर्वाड़े पकड़े जा रहे हैं। लेकिन ग्वालियर पुलिस की कमजोर विवेचना की वजह से साक्ष्य नहीं मिल रहे। यही वजह है, अब आरोपित जमानत पर छूटते जा रहे हैं। यहां तक कि एनएचएम परीक्षा लीक कांड के मुख्य सूत्रधार भी छूट गए। पुलिस इसमें आरोपित तो पकड़ रही है, लेकिन सबसे ज्यादा जो खामी है, वह डिजिटल साक्ष्य न जुटाने की है। इसका फायदा आरोपितों को मिल रहा है।

इन मामलों के फजीर्वाड़े में यह हाल

बीएड परीक्षा फजीर्वाड़ा :

बीएड परीक्षा में ग्वालियर के साइंस कालेज और वीआरजी कालेज में परीक्षा देते तीन साल्वर पकड़े गए। तीनों साल्वर बिहार के थे, जिन्होंने 20 से 25 हजार रुपये में दूसरे के स्थान पर परीक्षा दी।

डीएलएड परीक्षा फजीर्वाड़ा:

डीएलएड परीक्षा में भी साल्वर पकड़ा गया। इसमें मुरैना से साल्वर 5 हजार रुपये में परीक्षा देने आया था। गोरखी स्कूल से यह साल्वर पकड़ा गया था। िजससे पूछताछ की गई थी।

पानी के अंदर चलेगी ट्रेन

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TIO NEW DELHI

देश में जल्द ही पानी के नीचे भी यात्री अब ट्रेन के सफर का आनंद ले सकेंगे। कोलकाता में 9 अप्रैल 2023 को कोलकाता मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (KMRC ) भारत की पहली अंडरवॉटर मेट्रो रेल का परीक्षण करने की तैयारी कर रही है। मिली जानकारी के मुताबिक कोलकाता में जिस अंडरवाटर मेट्रो ट्रेन का परीक्षण किया जा रहा है, वह हुगली नदी के पूर्वी तट पर एस्प्लेनेड और पश्चिमी तट पर हावड़ा मैदान को जोड़ती है। हावड़ा मेट्रो स्टेशन जमीनी स्तर से 33 मीटर नीचे देश का सबसे गहरा मेट्रो स्टेशन है।

हुगली नदी के नीचे बनाई है सुरंग

हुगली नदी के नीचे 520 मीटर की जुड़वां सुरंग के साथ यह अंडरवाटर ट्रेन ट्रैक 4.8 किमी लंबी है। जिस पर बीते एक साल से काम चल रहा था और अब इसका पूरा काम हो चुका है। मिली जानकारी के मुताबिक कोलकाता मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (KMRC ) आवाजाही शुरू करने से पहले सियालदह और एस्प्लेनेड के बीच अपना दूसरा खंड (2.5 किमी) पूरा करने की प्रतीक्षा कर रहा है। इसके अलावा, यह सेक्टर-V के माध्यम से 16.6 किलोमीटर लंबी पूर्व-पश्चिम गलियारे (ग्रीन लाइन) से जुड़ जाएगा।

कोलकाता मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (KMRC ) के अधिकारियों ने जानकारी दी है कि मेट्रो रेल के साल्ट लेक डिपो से एस्प्लेनेड तक एस्प्लेनेड और सियालदह के बीच ईस्ट बॉन्ड टनल के माध्यम से 2 ट्रेनें ट्रायल पर चलेंगी, जिनमें फिलहाल 6 कोच होंगे।सियालदह से एस्प्लेनेड तक ट्रेनों को बैटरी से चलने वाले लोको द्वारा चलाया जाएगा क्योंकि इसमें पटरियां पर विद्युतीकरण नहीं किया गया है। कोलकाता मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (KMRC ) ने बताया है कि परीक्षण के बाद सब कुछ ठीक रहा तो एक दो महीने में ट्रेन का रूटीन परिचालन शुरू किया जा सकता है। सब कुछ यदि प्लान के साथ किया जाता है तो भारत भी उन देशों की सूची में शामिल हो जाएगा, जहां मेट्रो ट्रेन पानी के नीचे चलती है।

इंदौर बावड़ी हादसे के 24 घंटे के बाद मिला लापता सुनील सोलंकी का शव, कुल 36 मौतें

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TIO इंदौर

इंदौर में रामनवमी पर हुए हादसे में मरने वालों की संख्या 36 तक पहुंच गई है। हादसे के 24 घंटे बाद गुम व्यक्ति सुनील सोलंकी का शव शुक्रवार को करीब 12 बजे बावड़ी में मिला। अब उसे निकालने की तैयारी जारी है। इस बीच मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अस्पताल और घटनास्थल का दौरा किया और स्थितियों का जायजा लिया। मुख्यमंत्री को लोगों के विरोध का भी सामना करना पड़ा।

सुनील सोलंकी एक अन्य व्यक्ति ललित सेठिया में साथ हवन में शामिल थे। जब वह गिरे तो इन्होंने कई लोगों की जान भी बचाई थी, लेकिन किसी ने इन्हें ही पानी में खिंच लिया और वह डूब गए। सुनील साइकलिस्ट भी थे। अभी टीम एक बार फिर बावड़ी की तलाशी लेगी की कोई और तो नहीं है। इसके बाद रेस्क्यू आपरेशन खत्म कर दिया जाएगा।

बता दें, स्नेह नगर के पास पटेल नगर में श्री बेलेश्वर महादेव झूलेलाल मंदिर परिसर में बनी बावड़ी के ऊपर की छत धंसने से कई लोग बावड़ी में गिर गए थे। पहले यह संख्या 25 बताई जा रही थी, लेकिन गुरुवार सुबह करीब 11.30 बजे की घटना के बाद से शुक्रवार सुबह तक रेस्क्यू अभियान जारी है और इममें से 35 शव निकाले जा चुके हैं। गुरुवार को 18 लोगों को रेस्क्यू अभियान के तहत बचाया गया था। अस्पताल से कुछ लोगों को घर भी भेजा जा चुका है।

पूर्व पार्षद दो पर केस दर्ज

इस पूरे मामले में इंदौर पुलिस ने दो लोगों पर गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया गया है। इसमें पूर्व पार्षद और मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष सेवाराम गलानी और एक सचिव मुरली सबनानी शामिल है। पुलिस आयुक्त मकरंद देऊस्कर ने इस बात की पुष्टि की है।

अंतिम व्यक्ति की तलाश जारी

बावड़ी को फिर से ख़ाली किया जा रहा है। हालांकि अब अव्यवस्थाएं हैं। निगम कमिश्नर, पुलिस कमिश्नर, निगमायुक्त चर्चा कर रहे हैं, कोई साधन नहीं है। ये मंगवाया- वो मंगवाया चल रहा है।

प्रदेश भर में खुले कुंए व बोरवेल की जांच होगी- मुख्यमंत्री शिवराज सिंह

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना है। लगातार रेस्क्यू आपरेशन चल रहा है। पूरा प्रशासन और मैं रातभर बैठकर इस पूरे घटनाक्रम पर नजर बनाए रखी थी। हमारी इस समय प्राथमिकता यह है कि अंतिम खोए व्यक्ति की तलाश पूरी की जाए और रेस्क्यू आपरेशन पूरा किया जाए। हमने घटना के मजिस्ट्रेट जांच के निर्देश दिए हैं। मामले में पुलिस केस भी दर्ज किया गया है। जांच पूरी होने के बाद दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

हादसे में घायलों का इलाज सरकार कराएगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी हादसे में पीड़ित परिवारों को राहत राशि देने की घोषणा की है। राज्य सरकार भी कोई कसर नहीं छोड़ेगी। सरकार ने पूरे प्रदेश में इस तरह की बावड़ियों, कुंओं और खुले बोरवेल के जांच करने के आदेश दिए हैं। यदि खुले बोरवेल निजी हैं, तो उन पर कार्रवाई भी करने के निर्देश दिए हैं। फिलहाल हमारी प्राथमिकता लापता व्यक्ति को ढूंढने की है।

विधानसभा सचिवालय में मुखिया का रिटायरमेंट 31 मार्च को है और अब सेकंड-थर्ड लाइन तैयार नहीं

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TIO BHOPAL

मध्य प्रदेश विधानसभा सचिवालय में मुखिया का रिटायरमेंट 31 मार्च को है और अब सेकंड-थर्ड लाइन तैयार नहीं होने से लोकसभा, गुजरात-यूपी-राजस्थान विधानसभा जैसे हालात निर्मित हो रहे हैं। भर्ती में बैकडोर एंट्री से विधानसभा सचिवालय में संसदीय जानकारी रखने वाले विशेषज्ञ अधिकारी-कर्मचारियों का टोटा पड़ गया है। आईए आपको बताएं विधानसभा सचिवालय में क्यों बने ऐसे हालात।
मध्य प्रदेश विधानसभा में प्रमख सचिव एपी सिंह लोकसभा सचिवालय से अवर सचिव के रूप में आए थे। आज जब उनका सेवाकाल पूरा होने वाला है तो विधानसभा सचिवालय में सेकंड और थर्ड लाइन दूर-दूर तक दिखाई नहीं दे रही है। संसदीय नियम-परंपराओं के जानकार कहते हैं कि मध्य प्रदेश विधानसभा में कैडर रिवीजन की तरफ ध्यान नहीं दिए जाने से आज विपरीत परिस्थितियां बनी हैं। छत्तीसगढ़ बनने के बाद से आज तक कैडर रिवीजन के लिए विधानसभा ने कभी चिंता नहीं की जिससे बैकडोर एंट्री होती गईं। कैडर रिवीजन और बिना राजनीतिक दखलंदाजी के सीधी भर्तियां नहीं हो पाने से आज मध्य प्रदेश विधानसभा सचिवालय में हालात बिगड़े हैं जिससे आने वाले समय में विधानसभा के सत्रों के संचालन नियम-परंपराओं को बताने वाले अधिकारी नहीं होने से सुचारू रूप से सत्र चल पाने मुश्किल होगा। ऐसे में करोड़ों रुपए खर्च के बाद भी विधायक अपने विधानसभा क्षेत्रों की समस्याएं-विकास के मद्दों को सदन में रख पाने में असमर्थ होंगे।
मध्य प्रदेश भी 31 के बाद अन्य राज्यों की लाइन में खड़ा होगा
लोकसभा में महासचिव उत्पल कुमार सिंह दो साल पहले सेवानिवृत्त हो चुके हैं तो गुजरात विधानसभा के सचिव डीएम पटेल छह साल पहले, यूपी विधानसभा के प्रमुख सचिव प्रदीप कुमार दुबे चार साल पहले सेवानिवृत्त हो गए हैं तो राजस्थान विधानसभा के प्रमुख सचिव एमपी शर्मा भी दो साल पहले रिटायर हो गए हैं। ऐसी ही स्थिति अब मध्य प्रदेश में बनने जा रही है और मौजूदा प्रमुख सचिव एपी सिंह भी 31 मार्च को रिटायर होने जा रहे हैं। उनके रिटायरमेंट के बाद उन्हें सेवावृद्धि दी जा रही है और ऐसे में मध्य प्रदेश भी लोकसभा, गुजरात, यूपी व राजस्थान विधानसभा सचिवालय की लाइन में खड़ा हो जाएगा।
दो दशक में एक बार बनी कैडर रिवीजन के लिए कमेटी
विधानसभा सचिवालय के कैडर रिवीजन के लिए छत्तीसगढ़ बनने के बाद से आज तक की अवधि में केवल एक बार कमेटी बनी थी जो तत्कालीन नेता प्रतिपक्ष जमुना देवी की अध्यक्षता में बनी थी। जमुना देवी कमेटी ने अनुशंसा के साथ रिपोर्ट दी थी लेकिन तत्कालीन विधानसभा अध्यक्ष ईश्वरदास रोहाणी ने उसे अमान्य कर दिया। इसके बाद या पहले ऐसी कमेटी कभी बनी नहीं जबकि जानकारों का कहना है कि हर पांच साल में नेता प्रतिपक्ष की अध्य़क्षता में विधानसभा सचिवालय कैडर रिवीजन के लिए कमेटी बनना चाहिए।
2014 में मिले 65 पद, फिर बाद में या पहले बैकडोर एंट्री होती रही
बताया जाता है कि 2014 में तत्कालीन विधानसभा अध्यक्ष सीतासरन शर्मा के कार्यकाल में तत्कालीन प्रमुख सचिव बीडी इसरानी ने विधानसभा सचिवालय के लिए अतिरिक्त पदों की कोशिश की थी। वित्त विभाग ने करीब 65 पद विधानसभा सचिवालय के लिए दिए थे। मगर इसके पहले तीन दशकों में विधानसभा अध्यक्षों में से कुछ ने अपने-अपने क्षेत्र के लोगों व पसंदीदा लोगों को बैकडोर एंट्री से भर्तियां कीं। श्रीनिवास तिवारी के समय ऐसी भर्तियों में आए सत्यनारायण शर्मा व कमलाकांत सचिव तक पहुंचे और बाद में वे पदावनत तक किए गए।
कुछ दिन पहले भी बैकडोर एंट्री से संविदा नियुक्ति
पूर्व विधानसभा अध्य़क्ष श्रीनिवास तिवारी के समय क्षेत्र विशेष के लोगों की भर्तियां होने के आरोप लगते रहे हैं लेकिन ऐसा केवल उनके समय हुआ है यह भी सही नहीं है। इसके बाद भी जिसे मौका मिला बैकडोर एंट्री से अपने क्षेत्र के लोगों को रखने की कोशिशें की गईं जिसमें कुछ सफल रहे और कुछ शुरुआती विरोध से कामयाब नहीं हो सके। कुछ दिन पहले एक वरिष्ठ मंत्री के स्टाफ के अधिकारी की बेटी की भी इसी तरह संविदा नियुक्ति हुई है जो लिखित परीक्षा के बिना ही नौकरी में आ गई हैं। ऐसे ही विंध्य के एक अन्य पॉवरफुल नेताजी के निजी स्टाफ के एक कर्मचारी की नियुक्ति के लिए कोशिशें शुरू हो गई हैं।
कैडर रिवीजन से ही तैयार होगी सेकंड-थर्ड लाइन
मध्य प्रदेश विधानसभा के पूर्व प्रमख सचिव बीडी इसरानी कहते हैं कि विधानसभा सचिवालय में सेकंड और थर्ड लाइन को लेकर कोई चिंता नहीं की जा रही है। इससे आने वाले सालों में विधानसभा सत्रों के सुचारू रूप से संचालन में परेशानियां आएंगी। कैडर रिवीजन से ही सेकंड और थर्ड लाइन तैयार हो सकती हैं। इसके लिए विधानसभा सचिवालय को प्रयास करके कमेटी बनवाकर पदों के सृजन और भर्ती पर ध्यान केंद्रित करना होगा। जब इस बारे में विधानसभा सचिवालय का पक्ष जानने की कोशिश की गई तो प्रमुख सचिव एपी सिंह ने अधिकारियों की कमी के बारे में बताया लेकिन सेकंड और थर्ड लाइन कैसे तैयार होगी, इसका जवाब वे नहीं दे सके। विधानसभा सचिवालय में भर्ती में राजनीतिक दखलंदाजी को लेकर भी उन्होंने कोई भी टीका टिप्पणी करने से इंकार कर दिया।

MP विधानसभा में BJP विधायक ने सरकार को घेरा

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TIO BHOPAL

मध्यप्रदेश विधानसभा के बजट सत्र में आज 12वें दिन प्रधानमंत्री सड़क योजना में गड़बड़ी का मुद्दा गूंजा। सिरोंज से बीजेपी विधायक उमाकांत शर्मा ने अपनी ही सरकार को घेरा। उन्होंने प्रधानमंत्री सड़क योजना की सड़कों के 2 साल की मरम्मत की जांच कराने की मांग। पंचायत एवं ग्रामीण विकास ने 6 महीने में जांच कराने का आश्वासन दिया तो विधायक बोले- कर लीजिए, आगे क्या होगा? अल्लाह जाने…। विधायक ने यहां तक कह दिया कि विधानसभा में झूठी जानकारी दी जा रही है।

प्रश्नकाल के बाद कांग्रेस ने महू में आदिवासी युवती की रेप के बाद हत्या और पुलिस फायरिंग में आदिवासी युवक की मौत का मामला उछाला। इसके बाद कांग्रेस विधायक सदन से वॉकआउट कर गए। विधानसभा के गर्भगृह में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के खिलाफ नारेबाजी की।

आज प्रश्नकाल में गोविंदपुरा (भोपाल) से विधायक कृष्णा गौर को सभापति बनाया। महिला दिवस के उपलक्ष्य में स्पीकर गिरीश गौतम ने यह फैसला किया। महिला दिवस पर अवकाश था। इस पर सज्जन वर्मा बोले- महिलाओं पर अत्याचार में भी प्रदेश नंबर-1 है। महेश्वर से कांग्रेस विधायक विजय लक्ष्मी साधौ ने कहा- यहां सदन में महिला सम्मान की बात हो रही, दूसरी और बाहर शूद्र, पशु, नारी… किया जा रहा है।

आवारा कुत्तों पर बन सकती है नीति

सदन में आज आवारा कुत्तों पर भी नीति बन सकती है। मंदसौर से भाजपा विधायक यशपाल सिंह सिसोदिया ने सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले कहा, नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह से मुझे उम्मीद है कि इस पर कोई नीति बनेगी, क्योंकि आज यह एजेंडे में है। कार्य सूची में तीसरे नंबर पर है। मुझे उम्मीद है कि इस पर चर्चा होगी। वहीं, आयुष्मान कार्ड अस्पतालों में नहीं चलने पर कांग्रेस विधायक पीसी शर्मा ने ध्यानाकर्षण लगाया है। उन्होंने कहा- कई ऐसे अस्पताल हैं, जिन्होंने आयुष्मान कार्ड से मरीजों का इलाज किया, लेकिन उन्हें सरकार की ओर से इसका पेमेंट नहीं मिला।

BJP विधायक ने कहा- मेरे क्षेत्र में सड़कें नहीं बनीं, मंत्री बोले- कार्य प्रगति पर है

  • प्रश्नकाल में सिरोंज से बीजेपी विधायक उमाकांत शर्मा ने कहा- जो सड़कें बहुत पहले बन जानी थी, हमारी विधानसभा में अभी तक नहीं बनी।
  • क्यों नहीं बनी, कौन अधिकारी दोषी हैं? उनके नाम बताएं।
  • पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री महेंद्र सिसोदिया ने जवाब में कहा- कार्य प्रगति पर है।
  • इस पर शर्मा बोले- मेरे लोग गड्ढे में चल रहे हैं, उसका कौन उत्तरदायी है? बंशखेड़ी की सड़क क्यों नहीं बनी? बताइए।
  • सिसोदिया ने कहा- मुझे जांच कराने का मौका दीजिए।
  • उमाशंकर बोले- 5 साल पहले काम होना था, विधानसभा में झूठी जानकारी क्यों दी जा रही है।
  • सिसोदिया ने कहा- अगर लगता है कि कहीं गड़बड़ हुई है, तो जांच होगी।
  • उमाशंकर बोले- जांच की समय सीमा दीजिए। कब होगी? दो महीने, तीन महीने…।
  • सिसोदिया ने कहा- छह महीने का समय कर लें।
  • उमाशंकर बोले- कर लीजिए, आगे क्या होगा? अल्लाह जाने…।

पथरिया विधायक बोलीं- गरीबों के लिए नियम तोड़ दो

  • प्रश्नकाल में पथरिया से विधायक रामबाई ने कहा- डुप्लीकेट जॉब कार्ड होने से पीएम आवास योजना में गरीबों को आवास नहीं मिले।
  • रामबाई ने कहा- गरीबों के लिए नियम तोड़ने पड़ें, तो तोड़ सकते हैं, लेकिन गरीबों के लिए छत होनी चाहिए। ऐसा निर्णय लें।
  • मंत्री सिसोदिया ने कहा- डुप्लीकेट जॉब कार्ड के मामले हैं। केंद्र ही इसका निर्णय करती है। हम इसके समाधान की कोशिश कर रहे हैं।

नरोत्तम बोले- कांग्रेस का वचन पत्र आएगा तो हेरा-फेरी-2 कहलाएगा
संसदीय कार्यमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले कहा- कमलनाथ ओला पीड़ितों के बीच जा नहीं चकते, या तो खत लिख सकते हैं या फिर ट्वीट कर सकते हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पीड़ितों के बीच पहुंचे हैं। कमलनाथ के 500 रु. में गैस सिलेंडर देने के वादे पर कहा- अभी सिलेंडर दे रहे हैं, फिर सरेंडर कर देंगे। इनका वचन पत्र आएगा तो हेरा-फेरी -2 कहलाएगा।

बॉम्बे चिल्ड्रन अस्पताल के डॉक्टर राहुल अग्रवाल ने किया बड़ा कमाल, मैं मर जाऊ, लेकिन मेरे लविक-लविश को बचा लो, आखिर 400 ग्राम के जुड़वां भाई ठीक होकर 100 दिन बार घर पहुंचे

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NARESH MEWADA

भोपाल के बॉम्बे चिल्ड्रन अस्पताल के डॉक्टरों ने असंभव को संभव बना दिया। यह किसी चमत्कार से कम नहीं है। बॉम्बे चिल्ड्रन अस्पताल के शिशु रोग डॉ. राहुल अग्रवाल और उनकी टीम ने दो जुड़वां भाईयों लविक और लविश को नया जीवनदान देकर उसके पिता की ­ोली में खुशियां डाल दी है। जिसे वह जीवनभर नहीं भूलेगा।


दुनिया की हर नारी में मातृत्व वास करता है। बेशक उसने संतान को जन्म दिया हो या न दिया हो। नारी इस संसार और प्रकृति की जननी है। नारी के बिना तो संसार की कल्पना भी नहीं की जा सकती। इस सृष्टि के हर जीव और जन्तु की मूल पहचान माँ होती है। माँ शब्द एक ऐसा शब्द है जिसमें समस्त संसार का बोध होता है। जिसके उच्चारण मात्र से ही हर दुख दर्द का अंत हो जाता है। माँ की ममता और उसके आँचल की महिमा को शब्दों में बयान नहीं किया जा सकता है, उसे सिर्फ महसूस किया जा सकता है। यह घटना मध्यप्रदेश के भोपाल की है जब एक बार फिर से यह बात दोहराने के लिए मजबूर कर देती है कि मां तो आखिर मां होती है।


भोपाल की प्रसिद्ध क्लासिक गायक दीप्ति के मौत से पहले आखिरी शब्द यहीं थे कि मेरे को नहीं मेरे बच्चों को बचा लो। प्रीमैच्योर डिलीवरी के 19 दिन बाद मां चल बसी। अब बच्चों का संसार पिता के हाथों में है। वह उन्हें मां की कमी महसूस नहीं होने दे रहे है। डॉक्टरों ने बताया कि प्रीमैच्योर डिलीवरी के टाइम जुड़वां बच्चों का वजन 500 ग्राम था। 35 दिन दोनों को आईसीयू में रखा गया। 100वें दिन शनिवार को लविक-लविश का वजन दो-दो किलो होने के साथ ही पूरी तरह स्वस्थ होने पर डॉक्टरों ने इन्हें डिस्चार्ज कर दिया। डॉक्टरों का दावा है कि प्रदेश में ऐसा पहला केस है।


दरअसल शाहपुरा निवासी शैलेंद्र ने अपनी प्रेमिका जानी-मानी क्लासिकल सिंगर दीप्ति से 2012 में शादी की थी। थी। दीप्ति ने संगीत में पीएचडी की थी। वे संगीत महाविद्यालय में उपप्राचार्य थीं। जिसके तीन साल बाद दीप्ति की किडनी खराब हो गई। दिसंबर 2015 में अपनी लाड़ली बेटी दीप्ति को बचाने के लिए मां इंद्रा गेडाम ने अपनी किडनी डोनेट की।

शैलेंन्द्र को पिता बनने का सुख तो मिला, लेकिन पत्नी को खोना पड़ा
शैलेंद्र ने बताया कि बंसल अस्पताल में पत्नी की किडनी ट्रांसप्लांट होने के बाद डॉक्टरों ने कहा था कि दीप्ति अब मां बनी तो उसकी जान पर बन आएगी। ऐसे ही आपरेशन के बाद कुछ महिलाएं मां बन चुकी थीं। उनसे प्रेरित होकर दीप्ति ने भी मातृत्व सुख पाने का सपना संजोया। पति और परिजनों की सहमति से दीप्ति ने मां बनने का फैसला लिया। गर्भवती होने के बाद चार माह तक तो दीप्ति को कोई समस्या नहीं हुई। उसका कहना था कि मैं रहूं न रहूं लेकिन अपने जिगर के टुकड़ों को कुछ नहीं होने दूंगी। जन्म से पहले ही मां ने अपने बच्चों के नाम भी सोच लिए थे। लेकिन ईश्वर को जुड़वा बच्चे देने थे। इसी दौरान उसे पीलिया हो गया था। महिला के पति ने बताया कि दीप्ती ने सातवें माह के पहले सप्ताह में 14 नवंबर 2022 को बंसल अस्पताल में 500-500 ग्राम के दो जुड़वा बच्चों को जन्म दिया। जिनका नाम लविक-लविश है। डिलेवरी के 19 दिन बाद 2 दिसंबर 2022 की रात दीप्ति की मौत हो गई। इसके बाद बेहद कमजोर जन्म बच्चों को बचाने की कवायद शुरू हुई। परिजन किसी भी कीमत पर बच्चों की जिंदगी चाहते थे। लिहाजा डॉक्टर भी जी जान से जुट गए।

बच्चों के आर्गन पूरी तरह विकसित नहीं हुए थे
बच्चों को प्रोफेसर कॉलोनी इलाके के अग्रवाल बॉम्बे चिल्ड्रन हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। हॉस्पिटल के डायरेक्टर डॉ. राहुल अग्रवाल ने बताया कि जन्म के समय लविक और लवीश नाम के बच्चों का वजन सिर्फ 410 ग्राम था। फेफड़े, ब्रेन और आंतें भी पूरी तरह विकसित नहीं हुए थे। 10 दिन तक दोनों बच्चे बंसल हॉस्पिटल में रहे। इस दौरान उनका वजन घटता गया। इसके बाद बॉम्बे चिल्ड्रन हॉस्पिटल में शिफ्ट किया गया। यहां लविक 32 और लवीश 35 दिन तक वेंटिलेटर सपोर्ट पर रहा। इस दौरान कई बार उनकी सेहत बिगड़ी। 100 दिन तक चले इलाज के बाद अब बच्चे पूरी तरह स्वस्थ हैं। शनिवार को उन्हें डिस्चार्ज कर दिया। दोनों बच्चों का वजन भी दो-दो किलोग्राम हो गया है। बच्चे अब चार महीने के हो गए हैं।

Lavik and lavish ke nana-Nani

मप्र का पहला केस
भारत में सबसे पहली बार 400 ग्राम के साढ़े 23 हफ्ते के एक बच्चे को बचाया था और अब मप्र में पहली बार डॉक्टर राहुल अग्रवाल और उनकी टीम ने 400-400 ग्राम के जुड़वां बच्चे को नया जीवनदान दिया है यहां किसी चमत्कार से कम नहीं है। मप्र के मेडिकल इंडवायमेंट के लिए यह एक बड़ी उपलब्धि है। उनका कहना है कि पूरे मिशन में 24 घंटे लगे रहे। ये खुशियां बच्चे के पिता को हमारे अस्पताल से मिली यहां हमारे लिए बहुत बड़ी बात है। हमें बच्चे के पिता और नानी का पूरा सपोर्ट मिला। और उनके उस विश्वास के साथ हम बच्चों को नया जीवनदान दे सके। इस दौरान मैं और मेरी टीम ने एक भी दिन छुट्टी नहीं ली।

दूसरे नवजात बच्चों की मां का दूध पिलाया
शुरू से ही बच्चों को अपनी मां का दूध नहीं मिला। ऐसे में बच्चों को फीड कराने के लिए मदर मिल्क, अस्पताल में भर्ती दूसरे नवजात बच्चों की मांओं ने दूध पिलाया। डॉ. राहुल अग्रवाल ने बताया कि बच्चों को इंफेक्शन से भी बचाना था, क्योंकि इतने छोटे बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है। इनकी लेजर थैरेपी भी की गई, क्योंकि आमतौर पर इतने छोटे बच्चों के साथ लंग्स और रेटिनोपैथी आफ प्रीमैच्योरिटी जैसी दिक्कत का सामना भी करना पड़ता है।
मप्र का पहला केस
डॉ. राहुल अग्रवाल ने बताया कि 26 हफ्ते से कम प्रेग्नेंसी में नवजात को बचाना संभव नहीं होता। ऐसे करीब 20-21 बच्चे ही हैं, जो बच पाए हैं। उनका दावा है कि यह प्रदेश का पहला और देश का दूसरा मामला है, जिसमें 24 हफ्ते के जुड़वां बच्चों को बचाया गया। इससे पहले अमेरिका में 22 हफ्ते 1 दिन के बच्चे को बचाया गया था। फिर ऐसा मामला भारत में 23 हफ्ते 3 दिन का है।