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13 साल की बच्ची से BJP नेता ने रेप किया, कार में भीड़ ने आग लगाई

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एक बार फिर प्रदेश में एक बच्ची से हैवानियत हुई है। जब ये बात लोगों को पता चली तो गुस्साई भीड़ ने आरोपी BJP नेता की कार में आग लगा दी। उसके घर के सामने जमकर हंगामा किया। लोगों को शांत कराने के लिए भारी पुलिस बल बुलाना पड़ा।

मामला बैतूल जिले के कोतवाली थाना इलाके का है। 13 साल की बच्ची ने पुलिस को बताया कि आरोपी पूर्व एल्डरमैन रमेश गुलहाने (58) ने सोमवार शाम उसे अपने घर बुलाया था। यहां उसके साथ गलत काम किया। बच्ची ने बताया कि इससे पहले भी वह उसके साथ ये हरकत कर चुका है। वह कुछ रुपए देकर किसी को कुछ नहीं बताने की धमकी देता था। इस बार बच्ची ने ये बात घर में बता दी। परिजन तुरंत पुलिस के पास पहुंच गए।

बच्ची से रेप की बात पूरे इलाके में फैल गई। इधर पुलिस FIR दर्ज कर ही रही थी कि आरोपी मौका देखकर फरार हो गया। आरोपी की गिरफ्तारी नहीं होने से लोगों में गुस्सा बढ़ गया। उसके घर सामने भीड़ जमा हो गई। वहां खड़ी कार में आग लगा दी। तनाव बढ़ता देख पुलिस ने हल्का बल प्रयोग किया।

आगजनी के आरोप में चार हिरासत में

पुलिस ने 13 साल की बच्ची से रेप के मामले में रमेश गुलहाने के खिलाफ दुष्कर्म और पॉक्सो एक्ट की विभिन्न धाराओं में अपराध दर्ज कर लिया है। एडिशनल एसपी नीरज सोनी ने बताया कि आरोपी पुलिस की टीम बनाकर आरोपी की तलाश की जा रही है। उसे जल्द गिरफ्तार कर लिया जाएगा। पुलिस ने घटना के बाद आरोपी के घर के सामने खड़ी कार में आगजनी करने के आरोप में चार युवकों को हिरासत में लिया है। पुलिस इस मामले में बलवा और आगजनी के आरोपियों की तलाश कर रही है।

भाजपा ने बनाया था एल्डरमैन

आरोपी रमेश गुलहाने को साल 2004 में भाजपा ने नगर पालिका बैतूल का एल्डरमैन बनाया था। वह चक्की ऑपरेटर संघ का अध्यक्ष भी रह चुका है। तीन बार भाजपा की टिकट पर आजाद वार्ड से चुनाव लड़ा लेकिन जीता नहीं। आरोपी रमेश का नाम कई विवादों से भी जुड़ा रहा है। इसके पहले मोहल्ले में एक मकान के चबूतरे पर बने निजी मंदिर के विवाद को तूल देने के मामले में भी रमेश सुर्खियों में रह चुका है।

राजनीति अर्थात ‘मैं चाहे जो करुं मेरी मर्जी…’

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राघवेंद्र सिंह

लोकतंत्र में राजनीति का अर्थ सत्ता के जरिए सुशासन लाना सबसे अहम माना गया लेकिन अब ज्यादातर सियासत और सत्ता में मनमानियां ज्यादा हो गई है कह सकते हैं जो राजनीति में महत्वपूर्ण पद पर है वह चाहे कुछ भी करें उनका कोई बाल बांका नहीं कर सकता। एक भाजपा कार्यकर्ता ने नए साल की शुभकामना देते हुए बड़ी सहजता से सोशल मीडिया पर मशहूर फिल्मी नगमे का प्रयोग किया है। जिसकी पंक्ति है ‘ मैं चाहे ये करुं मैं चाहे वो करुं मेरी मर्जी’…दिल्ली से भोपाल तक भाजपा कांग्रेस जैसी राजनीतिक पार्टियों के चाल चलन और घटनाक्रम को देखें तो यह गाना बड़ा मुफीद सा लग भी रहा है। जिम्मेदारों को शायद यह गलत भी लगे और वह इससे असहमत भी हों मगर जमीनी हालात तो यही बताते हैं। मर्ज ठीक करने के जो भी जतन किए जा रहे हैं वे नाकाफी लगते दिख रहे हैं।
भारत जोड़ो यात्रा कर रहे हैं कांग्रेस के नेता राहुल गांधी कहते हैं मैं लिख कर देता हूं अगले चुनाव में मध्यप्रदेश में कांग्रेस की सरकार बन रही है। इस पर शिवराज सरकार के मंत्री विश्वास सारंग का बयान आया कि यह तो राहुल गांधी के ख्याली पुलाव हैं और वे मुंगेरीलाल के हसीन सपने देख रहे हैं। कांग्रेस नेता के तौर पर राहुल गांधी का बयान बाजी हो सकता है लेकिन यह पार्टी में किसी पद पर नहीं है और पूरी कांग्रेस उनकी भारत में यात्रा में लगी हुई है बिना किसी पद के नेता यात्रा में पार्टी का लग जाना और उस नेता का विधानसभा चुनाव से संबंधित राज्य में नहीं जाना लेकिन उनका पार्टी के महत्वपूर्ण निर्णय में दखल रखना बताता है कि मैं चाहे जो करूं मेरी मर्जी…


भाजपा को ही देख लें…
मध्य प्रदेश भाजपा में अजब गजब चल रहा है। कुछ स्थानों पर स्थानीय निकायों के चुनाव होने और यहां जिन प्रभारियों की सूची जारी हुई है उनमें एक नेताजी तो ऐसे हैं जिन पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगे थे पार्टी ने उन्हें प्रभारी की सूची में डाल दिया है। यहां प्रदेश कार्यसमिति की बैठक कब पदाधिकारियों की विस्तारित बैठक हो जाती है पता नहीं चलता। पिछले दिनों कटनी बैठक में ऐसा हो चुका है। लेकिन इस पर किसी ने कितना ध्यान दिया कुछ पता नही। लेकिन कार्यकारणी के सदस्य और कार्यकर्ताओं की इन सब क्रियाकलापों पर नजर है। इसलिए कहा जा रहा है मैं चाहे जो करूं मेरी मर्जी…
भोपाल में मंडल अध्यक्ष के खिलाफ पद से हटाने की जो कार्रवाई की वह भी खासी दिलचस्प है। यह मंडल भी ऐसा वैसा नही है बल्कि इसमें प्रदेश भाजपा ऑफिस से लेकर प्रदेश का संघ मुख्यालय समिधा भी आता है। वाक्या यह है कि एक प्रदेश स्तर की महिला नेता ने सत्ता संगठन के सुरूर में मंडल अध्यक्ष की क्लास ले ली। वजह थी उन्हें मंडल के कार्यक्रमों में क्यो नही बुलाया जाता। यह उस आयोजन से जुड़ा मामला है जिसमे भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने भी शिरकत की थी। इस पर मंडल के नेता ने जो सफाई दी वह उन्हें नागवार गुजरी। इस मसले की शिकायत मंडल के नेता ने प्रदेश नेतृत्व से की। कहा जाता है अपनी सफाई में छोटे नेता ने अपनी बात की तस्दीक कुछ अन्य नेताओं से करा दी। इसके बाद उन्हें संरक्षण के बजाए पद से रुखसत कर दिया गया। खास बात यह है कि चर्चाओं में आई एक महिला नेता और जिला भाजपा के एक बड़े भोपाल मध्य से विधायक बनने की जमावट कर रहे हैं। हटाए गए मंडल अध्यक्ष यहां के पूर्व विधायक के निकट हैं और यही निकटता पद से रुखसती की वजह बनी। पार्टी में अंदर खाने चर्चा है यह विवाद अभी थमने वाला नही है। इस जैसे मामलों की धमक दिल्ली तक सुनाई देगी।


अध्यक्ष को मानहानि का नोटिस..!
मध्यप्रदेश में एक नगरपालिका के उपाध्यक्ष और उनकी पत्नी द्वारा भाजपा के बड़े नेता को मानहानि का नोटिस देने की सनसनीखेज खबर चल रही है। कारण है पार्टी नेतृत्व ने उन्हें निष्कासित कर दिया है। इसके पहले भी नेताओं का निष्कासन हुआ है और आगे भी होते रहेंगे लेकिन पीड़ित नेताओं द्वारा मानहानि का नोटिस देने जैसा कदम थोड़ा हैरत में डालने वाला जिम्मेदारों पर सवाल खड़ा करने वाला है। पता नही नेता और संगठन इसे कितनी गम्भीरत से लेते हैं। लेकिन ये निर्णय के खिलाफ एक ऐसा कदम है जिसने संगठन शास्त्र के जानकारों को चकित जरूर करेगा।


लीजिए अब हाथों हाथ कलेक्टर भी …
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान नौकरशाही को ठीक करने के लिए पिछले कुछ महीनों से कठोर स्वास्थ्य का अभियान चलाए हुए हैं। गड़बड़ी करने वाले अधिकारियों मंच से निलंबन उन्हें जनता में एक महानायक का दर्जा दे रहा है कांग्रेस के एक विधायक ने टिप्पणी की थी मुख्यमंत्री कलेक्टर जैसे बड़े अवसर पर कार्यवाही करें तो बात बने। अभी कल की बात है मुख्यमंत्री चौहान ने शिकायत मिलने पर निवाड़ी के कलेक्टर और तहसीलदार का तबादला कर दिया। अब तक उनके एंग्री सीएम के तौर पर अधिकारियों के खिलाफ की गई यह एक बड़ी कार्रवाई थी। अधिकारियों में इसे लेकर चाहे जो प्रतिक्रिया हो मगर जनता के बीच सीएम शिवराज लोकप्रियता हासिल कर रहे हैं। अलग बात है कि हटाए गए कलेक्टर कभी पुरस्कृत भी हुए थे लेकिन अभी तो वे अवकाश पर चले गए हैं…
और अंत में अपन तो यही कहेंगे-
जाने कैसे ऐसे वैसे हो गए और ऐसे वैसे जाने कैसे कैसे हो गए…

दिल्ली में क्षितिज का दो दिवसीय लिटरेरी फेस्टिवल सफलतापूर्वक संपन्न

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क्षितिज संस्था द्वारा आयोजित ‘ क्षितिज लिटरेरी फ़ेस्ट’ का भव्य आयोजन दिल्ली में 17-18 दिसम्बर 2022 को सफलता पूर्वक सम्पन्न हुआ। संस्थापिका रंजीता सहाय अशेष जी ने बताया की यह कार्यक्रम दो दिवसीय था।
कार्यक्रम के प्रथम दिन में क्षितिज के फ़ैशन ब्रांड के एफ एल का कैलेन्डर लॉंच, ग्यारह पुस्तकों का विमोचन तथा क्षितिज के स्थायी सदस्यों का कविता पाठ हुआ। यह दिल्ली के नरैना स्थित पाम ग्रैन्ड होटेल में आयोजित हुआ।
इसमें देश भर से रचनाकारों ने शिरकत की । इस दौरान मुख्य अतिथि जर्नल एक आर प्रसाद, डाॅ गौरव गुप्ता जी,श्री सौरभ तिवारी के साथ साहित्य एवं फैशन के कई चर्चित चेहरे उपस्थित थे।


वहीं कार्यक्रम के दूसरे दिन इंडियन आइडल की तर्ज पर काव्य जगत के लिए क्षितिज संस्था द्वारा आयोजित किये जाने वाले राष्ट्रीय स्तर के कार्यक्रम इंडियन आइकोनिक पोएट (सीजन -4) के फ़िनाले का आयोजन हुआ। जिसमें देश के भोपाल, भागलपुर, चंडीगढ़, दिल्ली , गुरुग्राम , जयपुर , लखनऊ,रीवा प्रयागराज , पटना , नॉएडा आदि शहरों से ऑडिशन के माध्यम से चुने गये प्रतिनिधियों ने भाग लिया । जिसमें प्रयागराज के अंकित माथुर ने प्रथम, परीधी अग्रवाल चंडीगढ से दूसरा,एवं अंजू मल्होत्रा ने तीसरा स्थान प्राप्त किया।

इस अवसर पर रंजीता जी ने प्रत्येक शहर के ऑडिशन आयोजकों, प्रायोजकों , सहयोगियों तथा जूरी को धन्यवाद ज्ञापित किया। साथ ही उन्होंने अपनी क्षितिज टीम अंश, अनुराग,रूपिन्दर, प्रिंस,प्रभा ,हेमन्त,कमल,मधुर,किरन को भी इस राष्ट्रीय स्तर पर सफल ऑडिशन के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया।

बस ड्राइवर को आया हार्ट अटैक, जिस कार से हुई टक्कर, उसमें सवार सभी 8 की मौत

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गुजरात के नवसारी जिले में शनिवार सुबह एक फॉर्च्यूनर कार और बस की टक्कर हो गई। इसमें 9 की मौत हो गई। 30 से ज्यादा लोग घायल हैं। सभी घायलों को नजदीकी अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। हादसा इतना भयानक था कि घटना के बाद ड्राइवर को हार्ट अटैक आ गया, जिसका इलाज जारी है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, लग्जरी बस अहमदाबाद से वलसाड जा रही थी। घटना जिले के वेसवां गांव में हुई है।

हादसे पर गृहमंत्री अमित शाह ने भी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट कर कहा- गुजरात के नवसारी में हुआ सड़क हादसा दिल दहला देने वाला है। इस घटना में जिन लोगों ने अपने परिवारों को खोया है, उनके प्रति मेरी संवेदनाएं हैं। स्थानीय प्रशासन घायलों का तत्काल इलाज करा रहा है। मैं उनके जल्द स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूं।

कार ड्राइवर को झपकी आने के बाद हादसा हुआ
वलसाड से भरूच एक फॉर्च्यूनर कार जा रही थी। अचानक ड्राइवर को झपकी आ गई। इसके बाद कार डिवाइडर से उछलकर दूसरी तरफ के ट्रैक पर बस से टकरा गई। मौके पर ही 7 लोगों की मौत हो गई और 2 लोगों की मौत इलाज के दौरान हुई। हादसा इतना भयानक था कि घटना के बाद बस ड्राइवर को हार्ट अटैक आ गया है।

ऋषभ पंत का रुड़की के पास एक्सीडेंट

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25 साल के क्रिकेटर ऋषभ पंत का शुक्रवार सुबह 5.30 बजे रुड़की के पास एक्सीडेंट हो गया है। उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है। वह कार से अपने घर उत्तराखंड जा रहे थे। रुड़की के नारसन बॉर्डर पर हम्मदपुर झाल के मोड़ पर उनकी मर्सडीज अनियंत्रित होकर रेलिंग से जा टकराई, जिसके बाद कार में आग लग गई और वह पलट गई।

उत्तराखंड DG अशोक कुमार के मुताबिक, पंत को गाड़ी चलाते समय झपकी आ गई थी, जिसके कारण वह कार पर से कंट्रोल खो बैठे। एक्सीडेंट के समय पंत कार में अकेले थे। एक्सीडेंट के बाद पंत जलती हुई कार की खिड़की तोड़कर बाहर निकले थे। पंत को सिर, पीठ और पैर में चोटें आई हैं। डॉक्टरों के मुताबिक, उनकी हालत खतरे से बाहर है।

डॉक्टर बोले- सीट बेल्ट पहने होते तो कार में झुलस सकते थे
पंत को हादसे के बाद एंबुलेंस से पहले इलाज के लिए रुड़की के सक्षम हॉस्पिटल ले जाया गया। सक्षम हॉस्पिटल के चेयरमैन और ऑर्थोपेडिक सर्जन डॉक्टर सुशील नागर ने दैनिक भास्कर को बताया कि एमआरई के बाद ही पता चलेगा कि उनके घुटने में कौन सी हड्‌डी टूटी है। पंत को ऑपरेशन की जरूरत भी पड़ सकती है। उसके बाद ही उनके करियर का पता चलेगा।

डॉ. नागर ने आगे बताया कि वह अपनी मां को सरप्राइज देने के लिए जा रहे थे। पंत सीट बेल्ट नहीं पहने थे। इसलिए वे सुरक्षित बाहर आ गए। अगर वे सीट बेल्ट पहने होते तो कार में आग लगने के बाद वह झुलस सकते थे।

PM मोदी की मां हीराबा नहीं रहीं: मोदी ने मां को मुखाग्नि दी

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मां हीराबा शुक्रवार सुबह 9:26 बजे पंचतत्व में विलीन हो गईं। नरेंद्र मोदी ने उन्हें मुखाग्नि दी। अंतिम सफर के दौरान वे मां की पार्थिव देह कंधे पर लेकर गांधी नगर स्थित घर से निकले। यात्रा के दौरान वे शव वाहन में ही पार्थिव देह के करीब बैठे रहे।

हीराबा मोदी का शुक्रवार तड़के 3:30 बजे यूएन मेहता अस्पताल में निधन हुआ। वे 100 साल की थीं। मंगलवार देर रात सांस लेने में तकलीफ होने के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उन्हें कफ की शिकायत भी थी।

मोदी ने खुद ही निधन की जानकारी ट्वीट के जरिए दी। इसके बाद सुबह 7:45 बजे अहमदाबाद पहुंचे। यहां से वे सीधे गांधीनगर के रायसण गांव में भाई पंकज मोदी के घर गए। पार्थिव देह यहीं रखी गई थी। मोदी के पहुंचते ही अंतिम यात्रा शुरू हुई। सेक्टर-30 स्थित श्मशान घाट में अंतिम संस्कार किया गया।

मोदी ने अपना कोई तय कार्यक्रम रद्द नहीं किया। वे अंतिम संस्कार के बाद सीधे अहमदाबाद स्थित राजभवन गए। वे यहीं से बंगाल में हो रही राष्ट्रीय गंगा परिषद की बैठक में वर्चुअली जुड़ेंगे। वे हावड़ा को न्यू जलपाईगुड़ी से जोड़ने वाली वंदे भारत की शुरुआत करेंगे।

वीडियोकॉन के पूर्व चेयरमैन धूत गिरफ्तार:लोन फ्रॉड मामले में CBI ने अरेस्ट किया

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सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वसेटिगेशन (CBI) ने ICICI बैंक की पूर्व सीईओ और एमडी चंदा कोचर और उनके पति दीपक कोचर को गिरफ्तार करने के दो दिन बाद, वीडियोकॉन के पूर्व चेयरमैन वेणुगोपाल धूत को गिरफ्तार कर लिया है। एजेंसी ने आईसीआईसीआई बैंक लोन धोखाधड़ी मामले में इसे अरेस्ट किया है।

3 दिन की कस्टडी में कोचर
इससे पहले मुंबई की स्पेशल कोर्ट ने शनिवार को ICICI बैंक की पूर्व CEO चंदा कोचर और उनके पति दीपक कोचर को 3 दिन (24 से 26 दिसंबर) की CBI कस्टडी में भेज दिया था। चंदा और दीपक कोचर को CBI ने एक दिन पहले शुक्रवार को गिरफ्तार किया था। वीडियोकॉन ग्रुप को रेगुलेशन के खिलाफ जाकर दिए गए करोड़ों रुपए के लोन के मामले में ये गिरफ्तारी हुई थी।

आरोप है कि जब चंदा कोचर ने जब देश के बड़े प्राइवेट बैंकों में से एक ICICI बैंक की कमान संभाली तो वीडियोकॉन की विभिन्न कंपनियों को 6 लोन स्वीकृत किए गए। कम से कम 2 लोन उन कमेटियों ने स्वीकृत किए थे जिनमें चंदा कोचर मेंबर थीं। उन पर वीडियोकॉन ग्रुप को लोन मंजूर करने के लिए अन्य कमेटियों को भी प्रभावित करने का आरोप है।

जांच में सहयोग नहीं कर रहे थे कोचर
CBI ने कोर्ट को बताया कि दोनों अपने जवाबों में टालमटोल कर रहे थे और जांच में सहयोग नहीं कर रहे थे। CBI के वकील ने कहा, ‘हमने पहले ही दोनों आरोपियों को CrPC की धारा 41 के तहत नोटिस दिया था, और 15 दिसंबर को पेश होने के लिए कहा था।

लेकिन उन्होंने कहा कि वे 4 दिन बाद पेश होंगे और 19 तारीख को भी नहीं आए। वे कल (23 दिसंबर) को आए और जांच में सहयोग नहीं कर रहे थे। इसलिए हम क्रिमिनल ब्रीच ऑफ ट्रस्ट की IPC की धारा 409 जोड़ना चाहते हैं। इसके साथ ही स्पैम एविडेंस और केस के डॉक्यूमेंट के साथ उनका सामना कराने के लिए हमें दोनों आरोपियों की 3 दिन की हिरासत दी जानी चाहिए।’

कोचर ने अदालत में क्या दलील दी थी?
कोचर परिवार की ओर से पेश वकील अमित देसाई ने गिरफ्तारी को अवैध बताया और कहा, ‘CBI कानून के अनुपालन में गिरफ्तारी करने में विफल रही है। असहयोग गिरफ्तारी का आधार नहीं है।’ उन्होंने कहा, ‘जनवरी 2019 से अब तक कपल उपलब्ध था, तो फिर इतने सालों में उन्हें जांच के लिए क्यों नहीं बुलाया गया।’

वकील ने कहा, ‘जुलाई 2022 तक CBI को जांच के लिए उनकी जरूरत तक नहीं थी और अब CBI हिरासत में पूछताछ की मांग कर रही है। जुलाई में, चंदा कोचर को बताया गया कि CBI उन्हें आगे के सवालों के साथ एक ईमेल भेजेगी। ऐसा कोई ईमेल नहीं भेजा गया था और अब सीधे उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है। यहां असहयोग कहां है।’

जिन कंपनियों को लोन उनमें चंदा स्टेकहोल्डर नहीं
वकील ने कहा कि चंदा ऐसी किसी भी कंपनी में डायरेक्टर या स्टेकहोल्डर नहीं थीं, जिसे लोन दिए गए थे। यह बयान ED को स्वीकार्य था और ईडी ने उन्हें गिरफ्तार नहीं किया। लेकिन CBI इस बयान से संतुष्ट नहीं हुई और गिरफ्तारी की गई।

वकील ने कहा कि इन लोन्स के लाभार्थी (वीएन धूत) है। उन्होंने सवाल किया, ‘अगर CBI को लगता है कि फ्रॉड हुआ तो कोचर को ही क्यों गिरफ्तार किया गया लाभार्थी को क्यों नहीं।’

समझें पूरा मामला…वीडियोकॉन को लोन देकर फ्रॉड
दीपक और चंदा कोचर पर आरोप है कि उन्होंने ICICI बैंक की ओर से वीडियोकॉन को दिए गए लोन के जरिए फ्रॉड किया। ये लोन बाद में नॉन परफॉर्मिंग एसेट में बदल गए। इस मामले में दीपक और चंदा कोचर के खिलाफ CBI, ED, SFIO और आयकर विभाग जांच कर रहे हैं।

इसमें साल 2012 में वीडियोकॉन को दिया 3,250 करोड़ रुपए का लोन शामिल है। आरोपों के अनुसार, वीडियोकॉन ग्रुप के पूर्व चेयरमैन वेणुगोपाल धूत ने कोचर की कंपनी नूपवर रिन्यूएबल्स में वीडियोकॉन को लोन मिलने के बाद करोड़ों रुपए का निवेश किया था।

लोन को एक कमेटी से मंजूरी दी गई थी, जिसमें चंदा कोचर भी एक मेंबर थीं। अक्टूबर 2018 में इस मामले को लेकर चंदा को इस्तीफा देना पड़ा था।

दिल्ली समेत उत्तर भारत में शीत लहर, चार दिन तक राहत नहीं

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राष्ट्रीय राजधानी, पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और उत्तरी राजस्थान में गुजरते दिन के साथ शीतलहर की स्थिति और गंभीर होती जा रही है। अगले चार दिनों तक राहत के आसार नहीं हैं। दिल्ली में मौसम बेहद सर्द बना हुआ है और आज के लिए येलो अलर्ट जारी किया गया है। रविवार को कई क्षेत्रों में देर सुबह तक घना कोहरा छाया रहा। पश्चिमी व उत्तर-पश्चिमी हवाओं से लोग ठिठुरते रहे। दिल्ली-एनसीआर में धूप तो खिली, लेकिन सिहरन से कोई राहत नहीं मिली। पंजाब के कई इलाकों में पाला पड़ने की संभावना है। प्रदेश में मोगा सबसे ठंडा रहा और वहां न्यूनतम तापमान 2.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।

दिल्ली में रविवार को रात का पारा 5.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। वहीं, दिल्ली के रिज क्षेत्र में न्यूनतम तापमान 3 डिग्री दर्ज किया गया जो सामान्य से 4.9 डिग्री नीचे है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के अनुसार अगले चार दिनों तक शीतलहर से कोई राहत नहीं मिलने वाली है। राजधानी में सोमवार के लिए यलो अलर्ट जारी किया गया है। रात के पारे में और गिरावट हो सकती है। दिन के तापमान में बढ़ोतरी हो सकती है।
आशंका यह भी है कि लोगों को ठिठुरन भरी ठंड में ही नए साल का जश्न मनाना होगा। बर्फबारी के शौकीन लोगों के लिए निराशाजनक खबर है, क्योंकि मौसम विभाग के अनुसार हिमाचल प्रदेश के ज्यादातर पर्यटन स्थलों पर इस हफ्ते बर्फ पड़ने की संभावना नहीं है।
कई इलाकों में छाया रहा घना कोहरा
आईएमडी के मुताबिक दिल्ली के रिज क्षेत्र में न्यूनतम तापमान तीन डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जो सामान्य से 4.9 डिग्री नीचे है। अधिकतम तापमान सामान्य से पांच डिग्री कम 16.2 डिग्री सेल्सियस रहा। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र, हरियाणा, पंजाब, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और उत्तरी राजस्थान के कई क्षेत्रों में रविवार देर सुबह तक घना कोहरा छाया रहा। पंजाब के कई इलाकों में आने वाले दिनों तक पाला पड़ने की संभावना है। दिल्ली-एनसीआर में धूप तो खिली, लेकिन ठंडी हवाओं के चलते उसमें गर्माहट नहीं महसूस की गई।
श्रीनगर और जम्मू में सीजन की सर्द रात
श्रीनगर और जम्मू क्षेत्र में शनिवार-रविवार की दरम्यानी रात सीजन की सबसे सर्द रात रही। न्यूनतम तापमान सामान्य से 4.1 डिग्री गिरकर 4.1 और श्रीनगर में माइनस 5.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। जम्मू में 31 दिसंबर तक पारे में और गिरावट आ सकती है। चिल्ला कलां के बीच कश्मीर में कड़ाके की ठंड पड़ रही है। लेह और कारगिल में भी कई जगह पारा अधिक गिरने से नलों में पानी जम गया है। मौसम विज्ञान केंद्र श्रीनगर के अनुसार सोमवार को कुछ हिस्सों में बारिश और बर्फबारी हो सकती है। इसका असर 29 दिसंबर को भी देखने को मिलेगा।
हिमाचल के केलांग में पारा शून्य से 10.8 डिग्री नीचे पहुंचा
हिमाचल प्रदेश भी शीतलहर की चपेट में है। लाहौल के मुख्यालय केलांग में रविवार सीजन का सबसे ठंडा दिन रहा। यहां का न्यूनतम पारा शून्य से 10.8 डिग्री नीचे लुढ़क गया। अधिकतम तापमान 1.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। मनाली समेत प्रदेश के सात क्षेत्रों का पारा शून्य से नीचे चला गया है। मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार सोमवार और 29 दिसंबर को शिमला समेत ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बारिश-बर्फबारी की संभावना है। मैदानी इलाकों के लिए कोहरे का येलो अलर्ट जारी हुआ है।
कोहरे के कारण 10 ट्रेनें देर से चलीं
उत्तर रेलवे के अनुसार घने कोहरे के कारण कम से कम 10 ट्रेनें एक से लेकर चार घंटे की देरी से चल रही हैं। इनमें गया-नई दिल्ली महाबोधी, दरभंगा-नई दिल्ली स्पेशल, हावड़ा-नई दिल्ली एक्सप्रेस और बनारस-नई दिल्ली एक्सप्रेस शामिल हैं।

मध्यप्रदेश में मुश्किल है डगर गुजरात मॉडल की…

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राघवेंद्र सिंह

बहुत शोर सुनते थे पहलू में दिल का जो चीरा तो इक कतरा-ए-खूं न निकला… मशहूर शायर हैदर अली आतिश का यह शेर इन दिनों मध्यप्रदेश की सियासत में खूब फिट बैठ रहा है। सूबे के सियासी गलियारों में मोदी के गुजरात मॉडल से लेकर विधानसभा ही विधानसभा छाई हुई है। सवाल पूछे जा रहे हैं क्या प्रदेश में भाजपा में गुजरात मॉडल को लागू करने की कुव्वत रखती है। अभी तक तो उत्तर नही अनुमान ‘ना’ में आ रहे है। वजह है बगावत और बागियों को कौन काबू में करेगा..?
डैमेज कंट्रोल के लिए यहां मोदी- शाह जैसे नेता नही है। शायद इसीलिए संगठन में राष्ट्रीय स्तर के दिग्गजों में अजय जामवाल से लेकर शिव प्रकाश और मुरलीधर राव जैसे नेताओं को भी भारी मशक्कत के बाद भी कुछ समझ में नहीं आ रहा है। प्रदेश से लेकर संभाग और जिलो के साथ मंडल स्तर के नेताओं का जो फीडबैक आ रहा है उसके हिसाब से पार्टी में कोई भी ऐसा कद्दावर नेता नहीं है जो बगावत को रोक पाए।


दूसरी तरफ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान विधानसभा सत्र के समापन पश्चात विधायकों की बैठक कर सीधे उन्हें उन रिपोर्टों से रूबरू कराते हैं जो उनके टिकट कटवाने के संकेत देती हैं याने मंत्री विधायकों किस क्षेत्र में उनकी कमजोर कड़ियां, उनके व्यवहार, चाल चलन, कार्यकर्ताओं और जनता से विधायकों की संवाददाता का भी जिक्र रिपोर्ट कार्ड के बहाने किया जा रहा है। ऐसे ही बातें संगठन की बैठकों में अध्यक्ष और महामंत्री के फोरम से मंत्री विधायकों को बताई जा रही है एक तरह से यह समझाइश के साथ चेतावनी भी है। लेकिन अगले 3 माह में रिपोर्ट कार्ड में सुधार नहीं हुआ तो भाजपा को सत्ता में वापसी के लिए लगभग पचास विधायकों के टिकट काटने पड़ सकते हैं। इसमें वे नेतागण भी शामिल हैं जो सिंधिया की नाव में सवार होकर भाजपा के जहाज में चढ़े थे। सिंधिया ने उन्हें मंत्री तो बनवा दिया लेकिन बदले हालात में जो रिपोर्ट आ रही है उसके चलते वह अपने समर्थक विधायकों को टिकट दिला पाएंगे इस पर संशय है। यही बात भाजपा में सबके लिए परेशान करने वाली है। कांग्रेस से बगावत कर भाजपा में आने वाले हैं यह श्रीमान अगर फिर बागी हो गए तो क्या होगा इसके अलावा भाजपा के वरिष्ठ और बुजुर्ग नेता यदि टिकट से वंचित की जाते हैं तो उनकी बगावत कौन थामेगा पिछले दिनों तो दमोह में वरिष्ठ भाजपा नेता जयंत मलैया से राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने सार्वजनिक माफी मांग कर यह बता दिया है यदि मौका आया तो बागियों को साधने में वह महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। लेकिन पार्टी ने उनकी माफी को किस ढंग से लिया है यह आने वाले दिनों में भाजपा की नई टीम में उनकी मौजूदगी या हैसियत सब कुछ साबित कर देगी। प्रदेश में मलैया के बाद विक्रम वर्मा, डॉ गौरीशंकर शेजवार, अनूप मिश्रा, अजय विश्नोई, कृष्ण मुरारी मोघे, भंवर सिंह शेखावत, विवेक शेजवलकर, विजेंद्र सिंह सिसोदिया जैसे नेताओं की आवश्यकता अनुरूप पूछपरख कर सेवाएं लेनी पड़ेंगी। इसके अलावा सत्ता संगठन में रिक्त पड़े पदों पर हाशिए पर पड़े छोटे बड़े नेताओं की नियुक्ति कर सक्रिय करना पड़ेगा। ऐसे की बगावत तो छोड़िए निष्क्रियता भी पार्टी को गड्ढे में डाल सकती है।


नाथ की गैरहाजिरी के मायने…
मसला चाहे विधानसभा सत्र का हो विधानसभा में अविश्वास प्रस्ताव का हो या अगले साल 2023 दिसंबर में होने वाले विधानसभा चुनाव का हो…क्या भाजपा और क्या कांग्रेस विधानसभा ही खूब सुर्खियां बटौर रही हैं। सदन में ध्वनि मत से औंधे मुंह गिरा अविश्वास प्रस्ताव कांग्रेस में प्रदेश कांग्रेस के माई बाप याने कमलनाथ की मंशा पर ही सवाल खड़े कर गया। अविश्वास प्रस्ताव लाने वाले नेता प्रतिपक्ष डॉक्टर गोविंद सिंह के माताजी की तबीयत खराब होने के कारण सदन में सरकार के खिलाफ अविश्वास जताने वाले डॉक्टर सिंह दूसरे दिन सीएम शिवराज सिंह का जवाब सुनने सदन में मौजूद नहीं थे वजह थी मैं अपनी माताजी की सेहत खराब होने पर घर चले गए थे लेकिन प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष पूर्व विधायक कमलनाथ का सदन में नहीं आना विधानसभा भाजपा को मजबूत कांग्रेस को कमजोर सा कर गया। इसके पीछे क्या गलत है और उसका उत्तर क्या होगा यह तो कांग्रेसमें संभावित फेरबदल के बाद ही पता चल पाएगा लेकिन कांग्रेस के शुभचिंतकों ने इसे अच्छा शगुन नहीं माना है। खबरें यह भी है नए साल में कांग्रेस के भीतर को उलटफेर हो सकते हैं लेकिन कमलनाथ जितने बड़े कद के नेता हैं और कांग्रेस में उनके मुताबिक कोई दिखता नहीं है इसलिए बहुत संभव है सदन में उनकी अविश्वास प्रस्ताव के दौरान गैर हाजिरी पर उनका बाल भी बांका ना हो। जहां तक इस मुद्दे पर भारत जोड़ो यात्रा के शिल्पी बहुत हद तक यात्रा के सूत्रधार दिग्विजय सिंह खामोशी अख्तियार किए हुए हैं असल में भाजपा और शिवराज सरकार के खिलाफ दिग्विजय सिंह और उनके समर्थक नेता प्रतिपक्ष डॉ गोविंद सिंह कड़े तेवर दिखाते रहें तो दूसरी तरफ कमलनाथ की शिवराज सरकार से जुगलबंदी की खबरें भी राजनीतिक गलियारों में अक्सर पंख लगाए उड़ती रहती हैं। नाथ की अनुपस्थिति को इसी से जोड़कर देखा जाए तो किसी को हैरत नहीं होगी। कुल मिलाकर अविश्वास प्रस्ताव को लेकर सदन में प्रतिपक्ष की बहुत किरकिरी हुई। ऐसी दुर्गति पहले कभी नहीं देखी गई। वैसे भी नाथ सदन की कार्यवाही को बहुत गंभीरता से नहीं लेते हैं। ऐसा गाहे-बगाहे चर्चा में उनकी टीका टिप्पणियों से लगता भी है। मसलन सदन की कार्यवाही मैंने समय की बर्बादी। पूरे मामले में अविश्वास प्रस्ताव को भी जोड़ा जाए तो कहा जा सकता है बहुत शोर सुनते थे अविश्वास प्रस्ताव का लेकिन चर्चा में देखा तो बहुत कुछ ना निकला…


शिवराज के सवाल…
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान हमेशा की तरह इन दिनों जनता से खूब सीधा संवाद कर रहे हैं। इस दरमियान वे जनता की शिकायतों पर अफसरों पर कार्रवाई करते हैं तो जनता की मांग पर सरकार का खजाना भी खोल लेते हैं। रविवार को वे अपने बुझे विधानसभा की जनता से गांव गांव जाकर बातचीत कर रहे थे करोड़ों रुपए के सिंचाई योजना अस्पताल नल जल योजना और स्व सहायता समूह को कर्ज देने के साथ गांव के गरीबों को आवास देने के मामले में खुले हाथ से मंच से ही घोषणा कर रहे हैं। करीब 20-25 गांव की लगभग 20 हजार हेक्टेयर खेती की लिफ्ट एरिगेशन से सिंचाई के लिए करीब 160 करोड़ की योजना का शिलान्यास करते हैं। जनता की मांग को तुरंत स्वीकार कर अफसरों को आदेश देने के साथ वह जनता से मुखातिब होते हैं और सवाल करते हैं अगर शिवराज आपका मुख्यमंत्री नहीं होता तो क्या यह मांगे पूरी हो सकती थी जवाब में जनता से आवाज आती है कभी नहीं… तभी दूसरा सवाल दागते हैं तो फिर चुनाव के वक्त आप कांग्रेस को वोट क्यों देते हैं..? बाद में भी इसे थोड़ा हंसी में टालते हैं। और फिर बच्चों की पढ़ाई लिखाई और जनता के दुख दर्द पर चर्चा कर उन्हें दूर करने की बात करते हैं। इसका मतलब शिवराज सिंह कहते हैं जब मैं आपके हर सुख दुख में काम आता हूं तो फिर भाजपा को छोड़ दूसरी पार्टी को वोट क्यों देते हैं ..? इसका मतलब अगले चुनाव में भाजपा की जीत के साथ वोट प्रतिशत बढ़ाने में वह किसी योजना पर काम करते हैं नजर आते हैं दिखते हैं। आगे-आगे इसका क्या असर होता है। जनता से संवाद के बाद उनका हेलीकॉप्टर अगले गांव के लिए उड़ जाता है फिर ऐसे जनचर्चा और योजनाओं के शिलान्यास के लिए। इस अभियान में उनके साथ कदम ताल कर रहे हैं विदिशा सांसद रमाकांत भार्गव। वे सभा मे मौजूद जनता को याद दिलाते हैं 2003 के पहले के बदहाल मध्यप्रदेश की। जिसमे बीएसपी याने बिजली,सड़क और पानी के अभाव में होने वाले कष्टों के जख्मो को हरा कर भाजपा को समर्थन देने की बात करते हैं। कुल मिलाकर सीएम चुनावी मोड़ पर आ चुके हैं।

भाजपा ने अपने विधायकों की सीट को टटोलना शुरू कर दिया

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TIO BHOPAL

चुनावी साल में जाते ही भाजपा ने अपने विधायकों की सीट को टटोलना शुरू कर दिया है। गुरुवार काे शीतकालीन सत्र के समाप्त होते ही मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने तुरंत विधायक दल की बैठक बुलाई और उसके चंद घंटे बाद से ही विधायकों के साथ वन-टू-वन किया।

जबलपुर, नर्मदापुरम और भोपाल संभाग के विधायकों से बात करते हुए सीएम ने विधानसभा की नब्ज उन्हें बता दी। हर विधायक के लिए मुख्यमंत्री ने कम से कम 10 मिनट रखे हैं। शुक्रवार का दिन भी उन्होंने आरक्षित रखा है। इस दिन मालवा-निमाड़ (उज्जैन और इंदौर संभाग) के विधायक रहेंगे। शुक्रवार शाम पार्टी दफ्तर में प्रमुख नेताओं की बैठक रखी गई है। इसमें मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान के साथ प्रदेश प्रभारी मुरलीधर राव और प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा रह सकते हैं।

सर्वे के आधार पर मुख्यमंत्री रिपोर्ट रख रहे हैं। विधायकों को छह माह का वक्त दिया जा रहा है, ताकि विधानसभा सीट में जो भी गांव या कस्बे पार्टी के खिलाफ जा रहे हैं, उन्हें सुधारा जाए। इसके बाद भी स्थिति नहीं सुधरी तो टिकट कटेंगे। मौजूदा भाजपा विधायकों में 50 से अधिक विधायकों की स्थिति वर्तमान में निगेटिव है। इनके टिकट कटना लगभग तय हैं।

मुख्यमंत्री ने गुरुवार देर रात तक वन-टू-वन किया। सीएम ने विधायकों को यह भी स्पष्ट कर दिया कि कुछ माह बाद फिर बात होगी। बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री अपने कैबिनेट के सदस्यों से भी सर्वे पर जल्द बात कर सकते हैं। गुरुवार को जबलपुर, बालाघाट, नरसिंहपुर, बैतूल, होशंगाबाद, रायसेन, विदिशा और सीहोर के विधायकों से बात की। इनमें प्रमुख रूप से अजय विश्नोई, अशोक रोहाणी, नंदनी मरावी, देव सिंह सैय्याम, राकेश पाल, रामकिशोर कांवरे आदि शामिल हैं।

विधायकों से बोले कि विकास यात्रा की तैयारी करो

विधायक दल की बैठक में सीएम ने सभी विधायकों से कहा कि वे 1 फरवरी से विकास यात्रा की तैयारी करें। अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती यानी 25 दिसंबर को सुशासन दिवस के साथ इसकी तैयारी होगी। जनवरी में शासन के जितने भी काम, कार्यक्रम और हितग्राही मूलक आयोजन हैं, उसमें विधायक शामिल होंगे। सीएम ने कहा कि विकास यात्रा के बाद वह फोल्डर देखा जाएगा, जिसमें विधायक की तमाम गतिविधियां होंगी।

बैठक में विधायकों काे दिए ये टिप्स

सीट का कौन सा एरिया नुकसान दे सकता है, बताया।
सांसद व उनके लोगों के साथ समन्वय बनाओ, नाराज कार्यकर्ताओं को साधो।
कौन सा समाज खिलाफ है, ओबीसी, ठाकुर, ब्राह्मण या आदिवासी को कहां-कहां जोड़ना है।
किस सीट पर कांग्रेस की गुटबाजी का लाभ मिलेगा।
किस जगह कौन सा निर्माण कार्य वोटों का लाभ देगा।