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मध्यप्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र के चौथे दिन गुरुवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का वक्तव्य हो रहा है। वे विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव का जवाब दे रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा, हर बार ये कहा जाता है कि हमने सरकार गिराई। 11 दिसंबर को रात में कांग्रेस 110-112 सीटों पर आगे थी। रात में ये निश्चय करके सोया था कि सुबह इस्तीफा दे दूंगा। कई मित्रों का कहना था कि बहुमत तो उनका नहीं है। मैं सीएम हाउस में था। भूपेंद्र जी आए। मुझे जोर देकर कहा गया कि इस्तीफा नहीं देना है, लेकिन मैंने कहा कि मेरा जमीर अनुमति नहीं देता। कांग्रेस की संख्या ज्यादा है। मैं सीधे घर से निकला और मीडिया से कहा कि मैं इस्तीफा देने जा रहा हूं।
सीएम ने कहा- कमलनाथ जी को फोन करके कहा कि सीटें आपकी ज्यादा हैं, आपको बधाई। हम सरकार बना सकते थे, लेकिन हमने ये तय किया कि प्रतिपक्ष जो विपक्ष में रहे हैं, उन्हें सत्ता में आने का मौका मिलना चाहिए। इसके बाद मैंने उन्हें बधाई दी। मुझे उम्मीद थी कि कांग्रेस 15 साल बाद सत्ता में आई है, ढंग से काम करेगी। वचन निभाएगी।
सीएम ने कहा- हेलिकॉप्टर से बात हो रही थी कि मैं हेलिकॉप्टर से जाता हूं। मैं कमलनाथ जी तो हूं नहीं कि हेलिकॉप्टर से चलता हूं। मैं सीएम नहीं था तो कार से जाता था। गोविंद सिंह ने सर्किट हाउस में खराब कमरा मिलने की बात कही थी। मैं बताना चाहता हूं कि मंदसौर में एक बार गया था, तो हमारे कमरे पर ताला लगा था। हमारे साथी यशपाल सिंह नाराज होने लगे कि पूर्व मुख्यमंत्री के साथ ये कैसा व्यवहार है, लेकिन हमने कहा कोई बात नहीं, हम दूसरे कमरे में रुक गए। सरकार क्यों गई? ये सोचो।
कमलनाथ की सरकार में पैसे लेकर अधिकारी बदले गए
सीएम ने कहा- आपने पांच महान काम किए। इस पर विधायक लक्ष्मण सिंह ने सीएम को टोकते हुए कहा कि अविश्वास के विषय पर जवाब दें। सीएम ने फिर कहा- कमलनाथ की सरकार ने भ्रष्टाचार का लोकव्यापीकरण किया। कभी कलेक्टर-एसपी की पोस्टिंग में पहले पैसे नहीं लिए गए। लेकिन, कमलनाथ जी की सरकार में पैसे लेकर कई अधिकारी बदले गए। तीन-तीन कलेक्टर बदले। बात ये होती थी कि कौन कितने ज्यादा देने वाला है। मप्र के इतिहास में पदों की बंदरबांट की गई। अभी इसकी जांच चल रही है।
सीएम के इस बयान पर खरगोन की कसरावद सीट से विधायक सचिन यादव ने कहा कि इनके पास प्रमाण हैं क्या? सीएम ने जवाब देते हुए कहा- मामला लोकायुक्त में चल रहा है।
कमलनाथ विधायकों से कहते थे- चलो-चलो, मिलते नहीं थे
सीएम ने कहा, कमलनाथ सरकार में 165 दिन में 450 आईएएस और आईपीएस के ट्रांसफर किए। 15 हजार से ज्यादा तबादले किए गए। वल्लभ भवन दलालों का अड्डा बन गया था। सीएम के ओएसडी का जो वीडियो वायरल हुआ, उसके कारण भ्रष्टचार की विषबेल ऐसी फैली कि पूरे मप्र में त्राहि-त्राहि मच गई।
अगर पूछ रहे तो मैं बताना चाहता हूं कि एक नहीं, कई मामले हैं। सिंचाई परियोजना में घोटाला किया गया। विधायकों को मिलने के लिए समय नहीं दिया जाता था। विधायकों से कहते थे चलो-चलो…। कोई बड़ा ठेकेदार आ जाए, तो उसे बैठाते थे।
टेंडर शर्तें बदल दी गईं
सीएम ने कहा, टेंडर की शर्तों में बांध की नींव बनने तक भुगतान का प्रावधान था। छिंदवाड़ा कॉम्प्लेक्स में पाइपलाइन वितरण प्रणाली में लगने वाली सामग्री के 2 हजार करोड़ एडवांस दे दिए गए। सामग्री मिली नहीं। पाइपलाइन प्रणाली में कौन से पाइप लगेंगे, ये पहले तय था। उनकी शर्तों में 25-4- 2019 को शर्तों को बदल दिया गया। संदिग्ध गुणवत्ता की जीआरपी पाइपलाइन लगाने का प्रावधान किया गया।
मुझसे कह रहे 16 साल में आपको ऐसा नहीं देखा
सीएम ने कहा, जब कांग्रेस सरकार जा रही थी, इस्तीफा देने के 15 मिनट पहले आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को मोबाइल देने के लिए 63 करोड़ का सौदा किया था। उद्योगपतियों पर दबाब डाला गया। निर्दोषों पर कार्रवाई की गई। नरोत्तम मिश्रा, भूपेंद्र सिंह, विश्वास सारंग, संजय पाठक को परेशान किया। मेरे विस क्षेत्र में एक कार्यकर्ता शांत हो गया, मैं उनके यहां बैठने गया, एक शिक्षक मुझसे मिलने आ गया, तो उसे सस्पेंड कर दिया।
मैंने आरिफ भाई से और कमलनाथ से कहा कि उसे बहाल कर दो। कई दिन बोलने के बाद भी मैं उसे न्याय नहीं दिला पाया। मुझसे कह रहे थे कि 16 साल में आपको ऐसा नहीं देखा। मैंने नहीं, शुरुआत आपने की थी। कांग्रेस की सरकार में हमारे साथियों पर झूठे केस लादे गए। हमने गुंडों, दबंगों, माफियाओं पर कार्रवाई की। कोई इसे अहंकार न कहे। गुंडे, माफिया, जनता की जिंदगी से खेलने वाले नहीं बचेंगे। हम निर्दोषों को छेड़ेंगे नहीं, दोषियों को छोड़ेंगे नहीं।
नेता प्रतिपक्ष की मां की तबीयत बिगड़ी
नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह की मां की तबीयत बिगड़ गई है। वे देर रात ढाई बजे भोपाल से लहार के लिए रवाना हो गए। आज सदन में नहीं रहेंगे।
अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान तीसरे दिन रात में क्या-क्या हुआ…
इससे पहले बुधवार को अविश्वास प्रस्ताव पर रात 1 बजे तक चर्चा हुई। बीच-बीच में हंगामा होता रहा। सदन में जय श्री राम और जय जय सियाराम के नारे गूंजे। बीजेपी विधायक रामेश्वर शर्मा ने चर्चा के दौरान कहा- कमलनाथ टुच्चे और ओछे शब्द बोलना बंद कर दो। हम भी इसी भाषा में जवाब दे सकते हैं। कांग्रेस की सरकार मंदिरों की जमीन बेच रही थी। राम काल्पनिक हैं, सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दिया गया। तुम्हारा नेता अभी दाढ़ी बढ़ाकर त्रिपुंड लगाकर घूम रहा है और हमसे कह रहा है कि जय श्री राम क्यों बोलते हो। अरे राम तो हमारे हैं तुम्हारा क्या?
कांग्रेस विधायक विजयलक्ष्मी साधौ ने कहा- सीता माता पर प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री ने जो बयान दिया, उस पर भी दो शब्द बोल दो। विपक्षी विधायकों ने रामेश्वर शर्मा से माफी मांगने की मांग की। सत्तापक्ष और विपक्ष के विधायक जयश्री राम, जय जय सियाराम के नारे लगाने लगे।
सज्जन सिंह वर्मा, जीतू पटवारी, विजयलक्ष्मी साधौ ने रामेश्वर शर्मा से माफी मांगने को कहा। इस पर स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने कहा- कोई माफी नहीं मांगेगा। जीतू पटवारी ने स्पीकर से कहा- अगर ये माफी नहीं मागेंगे तो हम मुख्यमंत्री का भाषण नहीं सुनेंगे।
झूठ बोलो, जोर से बोलो, बार-बार बोलो, ये कोई जीतू से सीखे: CM
इससे पहले सीएम शिवराज ने सदन में बैठे रहने की बात पर कहा कि अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा हो रही हो और सीएम न हो ऐसा नहीं हो सकता, इसलिए मैं यहां बैठा हूं। सीएम की बात पर कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी ने कहा- आप तो जाने वाले?… इस पर सीएम ने कहा- झूठ बोलो, जोर से बोलो, बार-बार बोलो, ये कोई जीतू से सीखे।
कमलनाथ सदन में मौजूद नहीं रहे
कमलनाथ अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान सदन में मौजूद नहीं रहे। वे विदिशा जिले के सिरोंज जिले के दौरे पर रहे। उन्होंने वहां कहा कि मैंने पहले ही कह दिया था कि सिरोंज आऊंगा, मैं वचन का पक्का हूं, इसलिए अविश्वास प्रस्ताव छोड़कर आपके बीच आया हूं।