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सीएम ने छिंदवाड़ा में जिस CMHO को मंच से किया निलंबित, उसे हाईकोर्ट से मिला स्टे

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TIO छिंदवाड़ा

छिंदवाड़ा में जन सेवा अभियान और हितग्राही सम्मेलन में शामिल हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जिस स्वास्थ्य अधिकारी को आयुष्मान कार्ड में लापरवाही बरतने के चलते दो बार मंच से सस्पेंड किया था, उसके सस्पेंशन पर बुधवार को हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है। यह ऐसा दूसरा मौका है, जब सीएमएचओ ने दोबारा अपने सस्पेंशन आर्डर पर स्टे पा लिया है। दरअसल हिंदी फिल्म नायक की तरह फैसल ऑन द स्पॉट करते हुए पिछले दिनों मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने छिंदवाड़ा में सीएमएचओ डॉ. गिरीश चंद्र चौरसिया को मंच पर बुलाकर आयुष्मान कार्ड बनाने में हो रही देरी पर सवाल पूछा था, जिसके बाद वह जब जवाब नहीं दे पाए तो तत्काल उन्हे मंच से हटाने का निर्देश कलेक्टर को देते हुए सीएम ने यह कहा था कि लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी, लेकिन पहली दफा हुए सस्पेंशन के ऑर्डर के खिलाफ सीएमएचओ हाईकोर्ट से स्टे लेकर आ गए थे, वहीं दोबारा सीएम जब हितग्राही सम्मेलन में छिंदवाड़ा पहुंचे तो उन्हें जैसे ही सीएमएचओ के दोबारा पदभार संभालने की जानकारी लगी तो उन्होंने इन्हें फिर से हटाने के निर्देश मंच पर दे दिए। जिसके खिलाफ दोबारा डॉ. गिरीश स्टे लेकर आ गए।

सीएम के फैसले पर हाईकोर्ट की रोक
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सीएमएचओ डॉ. गिरीश चौरसिया को पहली बार 23 सितंबर को सौंसर में आयोजित जनसेवा शिविर में मंच पर सस्पेंड करने के आदेश दिए, जिसके खिलाफ वह हाईकोर्ट गए थे, यहां हाईकोर्ट ने उन्हे स्टे देकर निलंबन के आदेश को रद्द कर दिया था, वहीं दूसरी बार जब दोबारा मुख्यमंत्री 9 दिसंबर को छिंदवाड़ा पहुंचे तो उन्होंने सीएमएचओ को तत्काल पद से हटाने के आदेश दे दिए, जिसके चलते एक बार फिर डॉ. गिरीश ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया और हाईकोर्ट ने सस्पेंशन को निरस्त करते हुए प्रदेश सरकार समेत नौ लोगों को नोटिस जारी किया है।

देश में कोरोना का खतरा:मोदी की समीक्षा बैठक 3:30 बजे, IMA बोला- लॉकडाउन के हालात नहीं, भारतीयों की इम्यूनिटी चीनियों से मजबूत

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TIO BHOPAL

भारत में एक बार फिर कोरोना का खतरा मंडराने लगा है। इसे देखते हुए केंद्र सरकार भी अलर्ट हो गई है। बुधवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया ने सीनियर अधिकारियों और विशेषज्ञों के साथ बैठक की। जिनमें उन्होंने कहा कि कोरोना अभी खत्म नहीं हुआ है।

इस बीच इंडियन मेडिकल एसोसिएशन का कहना है कि देश में लॉकडाउन की स्थिति नहीं होगी, क्योंकि यहां के 95% लोगों को टीका लग चुका है। डॉ. अनिल गोयल ने कहा कि भारतीयों की इम्यूनिटी चीन के लोगों से ज्यादा मजबूत है। भारत में T-3 का ध्यान रखने की जरूरत है यानी टेस्टिंग, ट्रीटिंग और ट्रेसिंग।

वहीं, PM मोदी आज दोपहर 3:30 बजे कोरोना को लेकर समीक्षा बैठक करेंगे। इसके अलावा दिल्ली, UP, कर्नाटक, महाराष्ट्र, MP, छत्तीसगढ़ में भी इमरजेंसी मीटिंग होगी। इस बीच अच्छी खबर यह है कि कोरोना के इलाज में काम आने वाली पैरासिटामॉल, एमोक्सीसिलिन और रेबेपैराजोल जैसी दवाओं के दाम कम होंगे।

देश में कोरोना से जुड़े अपडेट्स…

  • देश में BF.7 वैरिएंट के 4 केस मिले। इसी वैरिएंट से चीन में संक्रमण बढ़ा।
  • दिल्ली में कोरोना से पिछले 24 घंटे में एक मौत। केजरीवाल ने अधिकारियों मंत्रियों की इमरजेंसी मीटिंग बुलाई।
  • UP में विदेश से आने वाले यात्रियों की जांच की जाएगी।
  • उत्तराखंड सरकार नई SOP जारी करेगी।
  • ओडिशा में कोविड नियमों के पालन की गाइडलाइन्स जारी।

घोड़ी पर सवार होकर गाजे-बाजे के साथ कुंआरे पहुंचे कलेक्टर दफ्तर, दुल्हनों की मांग की

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TIO NEW DELHI

महाराष्ट्र के सोलापुर से कुंआरों के जुलूस की चौंकाने वाली खबर आई है। बुधवार को शहर के कुंआरे युवकों ने शादी की पोशाक पहनकर और घोड़ी पर सवार होकर जुलूस निकाला। उन्होंने कलेक्टर कार्यालय जाकर ज्ञापन दिया और उनके लिए दुल्हनों के इंतजाम की मांग की।

दरअसल, देश के कई हिस्सों में स्त्री पुरुष अनुपात गड़बड़ा गया है। इस कारण युवक-युवतियों की शादियां नहीं हो रही हैं। बुधवार को सोलापुर के एक संगठन ने ‘दुल्हन मोर्चा’ निकाला। इसमें कई कुंआरे दूल्हे की वेशभूषा में घोड़े पर सवार होकर बैंड बाजों के साथ सोलापुर कलेक्टर कार्यालय पहुंचे। उन्होंने वहां अधिकारियों को ज्ञापन देकर उनके लिए दुल्हनों के इंतजाम की मांग की।

सोनोग्राफी से लिंग परीक्षण पर सख्त पाबंदी की मांग
कुंआरे के ज्ञापन में महाराष्ट्र में स्त्री-पुरुष अनुपात में सुधार के लिए प्री-कंसेप्शन एंड प्री-नेटल डायग्नोस्टिक टेक्निक्स (PCPNDT) एक्ट को सख्ती से लागू करने की भी मांग की गई है। उनका कहना है कि गर्भावस्था में लिंग परीक्षण के बाद कन्या भूण हत्याओं के कारण यह अनुपात गड़बड़ा गया है।

इस जुलूस का आयोजन ज्योति क्रांति परिषद ने किया था। इसके संस्थापक रमेश बारास्कर ने कहा कि लोग भले ही कुंआरों के मार्च की हंसी उड़ा सकते हैं, लेकिन कड़वी सचाई यह है कि राज्य में स्त्री पुरुष अनुपात घटने के कारण कई विवाहयोग्य लड़कों को लड़कियां नहीं मिल रही है।

1000 लड़कों पर 889 लड़कियां
बोरास्कर ने दावा किया कि महाराष्ट्र में स्त्री पुरुष अनुपात घट कर 1000 लड़कों पर 889 लड़कियां रह गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि इस असमानता के लिए सरकार जिम्मेदार है। कन्या भ्रूण हत्याओं के कारण यह स्थिति बनी है।

कांग्रेस सरकार क्यों गई? ये सोचो: मैं CM नहीं था, तो वल्लभ भवन दलालों का अड्‌डा बन गया था: शिवराज सिंह चौहान

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TIO BHOPAL

मध्यप्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र के चौथे दिन गुरुवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का वक्तव्य हो रहा है। वे विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव का जवाब दे रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा, हर बार ये कहा जाता है कि हमने सरकार गिराई। 11 दिसंबर को रात में कांग्रेस 110-112 सीटों पर आगे थी। रात में ये निश्चय करके सोया था कि सुबह इस्तीफा दे दूंगा। कई मित्रों का कहना था कि बहुमत तो उनका नहीं है। मैं सीएम हाउस में था। भूपेंद्र जी आए। मुझे जोर देकर कहा गया कि इस्तीफा नहीं देना है, लेकिन मैंने कहा कि मेरा जमीर अनुमति नहीं देता। कांग्रेस की संख्या ज्यादा है। मैं सीधे घर से निकला और मीडिया से कहा कि मैं इस्तीफा देने जा रहा हूं।

सीएम ने कहा- कमलनाथ जी को फोन करके कहा कि सीटें आपकी ज्यादा हैं, आपको बधाई। हम सरकार बना सकते थे, लेकिन हमने ये तय किया कि प्रतिपक्ष जो विपक्ष में रहे हैं, उन्हें सत्ता में आने का मौका मिलना चाहिए। इसके बाद मैंने उन्हें बधाई दी। मुझे उम्मीद थी कि कांग्रेस 15 साल बाद सत्ता में आई है, ढंग से काम करेगी। वचन निभाएगी।

सीएम ने कहा- हेलिकॉप्टर से बात हो रही थी कि मैं हेलिकॉप्टर से जाता हूं। मैं कमलनाथ जी तो हूं नहीं कि हेलिकॉप्टर से चलता हूं। मैं सीएम नहीं था तो कार से जाता था। गोविंद सिंह ने सर्किट हाउस में खराब कमरा मिलने की बात कही थी। मैं बताना चाहता हूं कि मंदसौर में एक बार गया था, तो हमारे कमरे पर ताला लगा था। हमारे साथी यशपाल सिंह नाराज होने लगे कि पूर्व मुख्यमंत्री के साथ ये कैसा व्यवहार है, लेकिन हमने कहा कोई बात नहीं, हम दूसरे कमरे में रुक गए। सरकार क्यों गई? ये सोचो।

कमलनाथ की सरकार में पैसे लेकर अधिकारी बदले गए
सीएम ने कहा- आपने पांच महान काम किए। इस पर विधायक लक्ष्मण सिंह ने सीएम को टोकते हुए कहा कि अविश्वास के विषय पर जवाब दें। सीएम ने फिर कहा- कमलनाथ की सरकार ने भ्रष्टाचार का लोकव्यापीकरण किया। कभी कलेक्टर-एसपी की पोस्टिंग में पहले पैसे नहीं लिए गए। लेकिन, कमलनाथ जी की सरकार में पैसे लेकर कई अधिकारी बदले गए। तीन-तीन कलेक्टर बदले। बात ये होती थी कि कौन कितने ज्यादा देने वाला है। मप्र के इतिहास में पदों की बंदरबांट की गई। अभी इसकी जांच चल रही है।

सीएम के इस बयान पर खरगोन की कसरावद सीट से विधायक सचिन यादव ने कहा कि इनके पास प्रमाण हैं क्या? सीएम ने जवाब देते हुए कहा- मामला लोकायुक्त में चल रहा है।

कमलनाथ विधायकों से कहते थे- चलो-चलो, मिलते नहीं थे
सीएम ने कहा, कमलनाथ सरकार में 165 दिन में 450 आईएएस और आईपीएस के ट्रांसफर किए। 15 हजार से ज्यादा तबादले किए गए। वल्लभ भवन दलालों का अड्‌डा बन गया था। सीएम के ओएसडी का जो वीडियो वायरल हुआ, उसके कारण भ्रष्टचार की विषबेल ऐसी फैली कि पूरे मप्र में त्राहि-त्राहि मच गई।

अगर पूछ रहे तो मैं बताना चाहता हूं कि एक नहीं, कई मामले हैं। सिंचाई परियोजना में घोटाला किया गया। विधायकों को मिलने के लिए समय नहीं दिया जाता था। विधायकों से कहते थे चलो-चलो…। कोई बड़ा ठेकेदार आ जाए, तो उसे बैठाते थे।

टेंडर शर्तें बदल दी गईं

सीएम ने कहा, टेंडर की शर्तों में बांध की नींव बनने तक भुगतान का प्रावधान था। छिंदवाड़ा कॉम्प्लेक्स में पाइपलाइन वितरण प्रणाली में लगने वाली सामग्री के 2 हजार करोड़ एडवांस दे दिए गए। सामग्री मिली नहीं। पाइपलाइन प्रणाली में कौन से पाइप लगेंगे, ये पहले तय था। उनकी शर्तों में 25-4- 2019 को शर्तों को बदल दिया गया। संदिग्ध गुणवत्ता की जीआरपी पाइपलाइन लगाने का प्रावधान किया गया।

मुझसे कह रहे 16 साल में आपको ऐसा नहीं देखा
सीएम ने कहा, जब कांग्रेस सरकार जा रही थी, इस्तीफा देने के 15 मिनट पहले आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को मोबाइल देने के लिए 63 करोड़ का सौदा किया था। उद्योगपतियों पर दबाब डाला गया। निर्दोषों पर कार्रवाई की गई। नरोत्तम मिश्रा, भूपेंद्र सिंह, विश्वास सारंग, संजय पाठक को परेशान किया। मेरे विस क्षेत्र में एक कार्यकर्ता शांत हो गया, मैं उनके यहां बैठने गया, एक शिक्षक मुझसे मिलने आ गया, तो उसे सस्पेंड कर दिया।

मैंने आरिफ भाई से और कमलनाथ से कहा कि उसे बहाल कर दो। कई दिन बोलने के बाद भी मैं उसे न्याय नहीं दिला पाया। मुझसे कह रहे थे कि 16 साल में आपको ऐसा नहीं देखा। मैंने नहीं, शुरुआत आपने की थी। कांग्रेस की सरकार में हमारे साथियों पर झूठे केस लादे गए। हमने गुंडों, दबंगों, माफियाओं पर कार्रवाई की। कोई इसे अहंकार न कहे। गुंडे, माफिया, जनता की जिंदगी से खेलने वाले नहीं बचेंगे। हम निर्दोषों को छेड़ेंगे नहीं, दोषियों को छोड़ेंगे नहीं।​​​​​​​

नेता प्रतिपक्ष की मां की तबीयत बिगड़ी

नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह की मां की तबीयत बिगड़ गई है। वे देर रात ढाई बजे भोपाल से लहार के लिए रवाना हो गए। आज सदन में नहीं रहेंगे।

अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान तीसरे दिन रात में क्या-क्या हुआ…

इससे पहले बुधवार को अविश्वास प्रस्ताव पर रात 1 बजे तक चर्चा हुई। बीच-बीच में हंगामा होता रहा। सदन में जय श्री राम और जय जय सियाराम के नारे गूंजे। बीजेपी विधायक रामेश्वर शर्मा ने चर्चा के दौरान कहा- कमलनाथ टुच्चे और ओछे शब्द बोलना बंद कर दो। हम भी इसी भाषा में जवाब दे सकते हैं। कांग्रेस की सरकार मंदिरों की जमीन बेच रही थी। राम काल्पनिक हैं, सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दिया गया। तुम्हारा नेता अभी दाढ़ी बढ़ाकर त्रिपुंड लगाकर घूम रहा है और हमसे कह रहा है कि जय श्री राम क्यों बोलते हो। अरे राम तो हमारे हैं तुम्हारा क्या?

कांग्रेस विधायक विजयलक्ष्मी साधौ ने कहा- सीता माता पर प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री ने जो बयान दिया, उस पर भी दो शब्द बोल दो। विपक्षी विधायकों ने रामेश्वर शर्मा से माफी मांगने की मांग की। सत्तापक्ष और विपक्ष के विधायक जयश्री राम, जय जय सियाराम के नारे लगाने लगे।

सज्जन सिंह वर्मा, जीतू पटवारी, विजयलक्ष्मी साधौ ने रामेश्वर शर्मा से माफी मांगने को कहा। इस पर स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने कहा- कोई माफी नहीं मांगेगा। जीतू पटवारी ने स्पीकर से कहा- अगर ये माफी नहीं मागेंगे तो हम मुख्यमंत्री का भाषण नहीं सुनेंगे।

​​​​​झूठ बोलो, जोर से बोलो, बार-बार बोलो, ये कोई जीतू से सीखे: CM

इससे पहले सीएम शिवराज ने सदन में बैठे रहने की बात पर कहा कि अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा हो रही हो और सीएम न हो ऐसा नहीं हो सकता, इसलिए मैं यहां बैठा हूं। सीएम की बात पर कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी ने कहा- आप तो जाने वाले?… इस पर सीएम ने कहा- झूठ बोलो, जोर से बोलो, बार-बार बोलो, ये कोई जीतू से सीखे।

कमलनाथ सदन में मौजूद नहीं रहे

कमलनाथ अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान सदन में मौजूद नहीं रहे। वे विदिशा जिले के सिरोंज जिले के दौरे पर रहे। उन्होंने वहां कहा कि मैंने पहले ही कह दिया था कि सिरोंज आऊंगा, मैं वचन का पक्का हूं, इसलिए अविश्वास प्रस्ताव छोड़कर आपके बीच आया हूं।

जंग हल नहीं तो संवाद की पहल क्यों नहीं होती

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TIO राजेश बादल


रूस और यूक्रेन के बीच जंग फिलहाल थमने का नाम नहीं ले रही है । लेकिन ताज़ा ख़बरें बताती हैं कि दोनों मुल्क अब समाधान चाहते हैं । वे शांति चाहते हैं , लेकिन इसके लिए उन्हें एक मेज़ पर बिठाने वाली शक्ति कौन सी है ? कमोबेश सारे विश्व को यह सवाल झिंझोड़ रहा है । संसार का स्वयंभु चौधरी अमेरिका आग में घी डालने का काम कर रहा है और चीन रूस का मित्र होते हुए भी इस महाशक्ति को कमज़ोर होते देखना चाहता है क्योंकि तब दुनिया दो ताकतवर ध्रुवों में बंट जाएगी और उसका दबदबा क़ायम हो जाएगा । ऐसे में हिंदुस्तान ही शेष रहता है, जो मध्यस्थ की भूमिका निभा सकता है । अतीत में उसका रिकॉर्ड भी शानदार है । लेकिन वह इसके लिए बहुत उत्सुक नज़र नही आता। उसका यह अनमनापन क्या भारतीय विदेश नीति में अनिश्चितता का संकेत है । यदि ऐसा है तो यकीनन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर यश अर्जित करने का वह अवसर खो रहा है । भारत ही एकमात्र देश है, जो अमेरिका , रूस और यूक्रेन को चर्चा के लिए साथ बिठा सकता है ।इसके बाद भी संवाद के प्रयास क्यों नहीं हो रहे हैं ?


भारत ने बीते दिनों इस बात पर ज़ोर दिया था कि मौजूदा दौर जंग का नही है । शांति और संवाद ही एकमात्र उपाय है । इसके बाद भी यूरोपीय देशों और अमेरिका की ओर से युद्ध रोकने के लिए कोई उत्साहजनक प्रतिक्रिया नहीं आई ।एक ठंडा सा रवैया था। खीजे हुए रूस ने तब आक्रामक बयान दिया कि वह यूक्रेन के खिलाफ़ सभी विकल्पों का उपयोग करने के लिए आज़ाद है । इसके बाद फिर भारत और चीन ने परमाणु हथियारों के विकल्प को नही इस्तेमाल करने की बात कही । अमेरिका और उसके सहयोगी अभी भी ख़ामोश हैं । अमेरिकी खुफिया एजेंसी सी आई ए के मुखिया विलियम बर्न्स ने अवश्य इसके बाद भारत और चीन के रवैए पर प्रसन्नता जताई और कहा कि रूस के दो शुभचिंतक देशों के इस कथन से उस पर दबाव पड़ा है ।बर्न्स ने कहा कि चीन के राष्ट्रपति और भारत के प्रधानमंत्री ने परमाणु हथियारों को लेकर जो आशंका जताई गई है ,उसने भी रूस पर काफी असर डाला है। लेकिन दूसरी तरफ अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने फिर एक उत्तेजक बयान दे दिया । उन्होंने कहा कि रूस की तरफ से परमाणु हथियारों के प्रयोग की आशंका प्रबल है ।

उन्होंने यह भी कहा कि जब पुतिन यह कहते हैं कि वे रूस की रक्षा के लिए अपने सभी साधनों का इस्तेमाल करेंगे तो ज़ाहिर है कि वे मजाक नहीं कर रहे हैं। इसके उत्तर में रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन ने याद दिलाया कि विश्व में जापान पर परमाणु बम तो अमेरिका ने ही गिराया था ।वह किस मुंह से शांति की बात कर सकता है । इस समूची अंताक्षरी का अर्थ निकलता है कि वास्तव में शांति के लिए कोई पक्ष गंभीर नहीं दिखाई देता ।
इन संदर्भों को दोहराने का मक़सद यह है कि शांति के लिए संवाद आवश्यक है और उसके लिए दोनो पक्ष ही सकारात्मक रुख नही दिखा रहे हैं ।जहां तक यूक्रेन का सवाल है तो यह एकदम साफ है कि राष्ट्रपति जेलेंस्की के कंधे का सहारा लेकर यूरोपीय देश और अमेरिका रूस को निशाना बना रहे हैं । नक़ली राष्ट्रवाद के ज़रिए जेलेंस्की अपने मुल्क को विनाश के कगार पर ले जा चुके हैं । वे अभिनय करते हुए सियासत में आए हैं , लेकिन उसका ककहरा नही सीखे । वे कुछ कुछ पाकिस्तान जैसा व्यवहार कर रहे हैं ,जो कश्मीर के लिए दूर बसे देशों की चिरौरी तो करता है मगर जिस कोख से वह निकला है, उससे बात नहीं करना चाहता । आख़िर रूस अपनी सीमा पर नाटो की सेनाओं को क्यों तैनात होने देगा ।यह छोटी सी बात यूक्रेन नही समझ रहा है ।कोई भी राष्ट्र अपनी तमाम महत्वाकांक्षाएं रख सकता है पर अपनी सीमाओं और भौगोलिक स्थितियों का ख्याल तो उसे रखना ही होगा ।आज नेपाल भी हिंदुस्तान या चीन को जीतने के सपने पाल सकता है मगर क्या उसके संसाधन, क्षमता और भौगोलिक स्थिति उसे इतना सक्षम बनाते हैं ? जनाब जेलेंस्की नहीं समझ रहे हैं कि अमेरिका और उसके साथी उसकी बरबादी की क़ीमत पर अपनी आर्थिक हालत सुधार रहे हैं ।वे गोला बारूद मुहैया करा रहे हैं और जब जंग रुक जाएगी तो इसका खर्चा मय ब्याज के वसूलेंगे ।इतना ही नहीं, यूक्रेन के पुनर्निर्माण के नाम पर अपने क़र्ज़ के जाल में उसे फांस लेंगे ।इस क़र्ज़ से मुक्त होने में यूक्रेन को कई दशक लग सकते हैं । यूक्रेन को समझना होगा कि रूस ही उसका स्वाभाविक संरक्षक हो सकता है ।अमेरिका नही। फिर उसकी ओर से संवाद की पहल क्यों नहीं हो रही है ?

तो क्या यूक्रेन इस कड़वे सच को नही जानता ? या फिर वह मुल्क को मलबे का ढेर बन जाने देना चाहता है । यदि वह ऐसा करता है तो उसे इस सदी का सबसे नासमझ राष्ट्र क्यों नहीं समझा जाना चाहिए ? आज नही तो कल उसे और रूस को वार्ता के लिए आमने सामने आना ही होगा । चर्चा के लिए हिंदुस्तान को तनिक और सक्रिय होना होगा । रूस चीन की महत्वाकांक्षा समझता है ।रूस जानता है कि उसके कमज़ोर होने से चीन प्रसन्न ही होगा। इसी कारण हाल ही में जब रूस ने चीन से यूक्रेन के ख़िलाफ़ जैसी सैनिक मदद माँगी थी ,चीन ने उससे इंकार कर दिया था। सिर्फ़ भारत ही ऐसा है ,जिसका कोई निहित या छिपा हुआ हित नही दिखाई देता । इसलिए संवाद की पहल भी भारत की ओर से होनी चाहिए । चाहे उससे अमेरिका कितना ही नाराज़ क्यों न हो जाए ।एक बार चर्चा की मेज़ पर आने के बाद शर्तों और एक दूसरे की चिंताओं तथा सरोकारों पर बातचीत होगी। ज़ाहिर है कि तब दोनों ही पक्ष थोड़ा थोड़ा झुकेंगे। अंततः जंग की समाप्ति में उनकी भलाई है। यह बात अब तक रूस और यूक्रेन को समझ में आ जानी चाहिए। यह भी उन्हें ध्यान देना होगा कि जंग अपने आप में एक समस्या है। वह किसी भी मसले का समाधान नहीं है। समस्या को हल समझने की भूल नहीं की जाए तो बेहतर।

देशहित में स्थगित कर दें भारत जोड़ो यात्रा’: केंद्रीय मंत्री ने राहुल गांधी को लिखी चिट्ठी

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TIO NEW DELHI

दुनियाभर में कोरोनावायरस के फिर से बढ़ते मामलों के बीच केंद्र सरकार ने चौकसी बढ़ा दी है। केंद्र ने सभी राज्यों से नए मामलों पर नजर रखने और जीनोम सीक्वेंसिंग बढ़ाने के लिए कहा है। इस बीच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया की एक चिट्ठी सामने आई है, जो उन्होंने कांग्रेस नेता राहुल गांधी और राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को लिखी है। इसमें दोनों नेताओं से भारत जोड़ो यात्रा में कोविड प्रोटोकॉल का पालन कराने की अपील की गई है। साथ ही यह भी कहा गया है कि अगर यह संभव न हो तो यात्रा को देशहित में स्थगित करने का निर्णय लिया जाए।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने पत्र में कहा, “चूंकि कोरोनावायरस महामारी एक सार्वजनिक आपात स्थिति है। इसलिए भारत जोड़ो यात्रा को स्थगित करने पर फैसला लिया जा सकता है।” उन्होंने सलाह देते हुए कहा, “राजस्थान में चल रही भारत जोड़ो यात्रा में कोविड गाइडलाइंस का सख्ती से पालन होना चाहिए। मास्क और सैनिटाइजर का उपयोग कराया जाए और सुनिश्चित हो कि सिर्फ कोरोना के प्रति वैक्सीनेटेड लोग ही इस यात्रा में हिस्सा लें। यात्रा में जुड़ने से पहले और बाद में यात्रियों को आइसोलेट किया जाए।”

इसी चिट्ठी में मंडाविया ने आगे कहा कि अगर कोरोनावायरस प्रोटोकॉल का पालन करना संभव नहीं हो तो सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल की स्थिति को ध्यान में रखते हुए कोविड महामारी से देश को बचाने के लिए भारत जोड़ो यात्रा को देशहित में स्थगित करने का अनुरोध है।

चीन में कोरोना संक्रमण के हालात साल 2020 की याद दिला रहे हैं। स्थिति इतनी खराब है कि यहां अस्पतालों के सभी बेड भरे हैं। मेडिकल स्टोर्स में दवाएं खत्म हो रही हैं। मरीज इलाज के लिए डॉक्टर के सामने गिड़गिड़ाते देखे जा सकते हैं।

बीजिंग के सबसे बड़े श्मशान में 24 घंटे अंतिम संस्कार हो रहे हैं। एक्सपर्ट्स का कहना है कि इसकी वजह चीन में फैल रहा नया वैरिएंट हो सकता है। इसका नाम BA.5.2.1.7 है। साइंटिस्ट्स इसे BF.7 भी कह रहे हैं। चीन में जीरो-कोविड पॉलिसी खत्म होने के बाद अचानक से बढ़े मामलों की वजह यही बताई जा रही है। एक्सपर्ट्स के मुताबिक यह ओमिक्रॉन का सबसे खतरनाक म्यूटेशन है।

मुझ पर लग रहे आरोपों की रिपोर्टिंग न की जाए: दत्तीगांव

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TIO BHOPAL

उद्योग मंत्री राजवर्धन सिंह दत्तीगांव पर एक युवती द्वारा आरोप लगाकर पलट जाने वाली घटना हाईकोर्ट पहुंच गई है। मंत्री ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कहा कि सोशल मीडिया और दूसरे माध्यमों पर मेरे खिलाफ भ्रामक खबर प्रचारित हो रही है।

हाईकोर्ट डीजीपी व पुलिस कमिश्नर को मीडिया रिपोर्टिंग पर रोक का आदेश दे। इस याचिका पर सोमवार को सुनवाई में कोर्ट ने मौखिक रूप से कहा कि ऐसी रिपोर्टिंग रोके जाने के आदेश कैसे दे सकते हैं। याचिकाकर्ता खुद डीजीपी के समक्ष बात रख सकते हैं। हाईकोर्ट बुधवार को फिर मामले की सुनवाई करेगा।

ये है पूरा मामला

15 दिसंबर को धार जिले के बदनावर के होटल में एक युवती ने दत्तीगांव का नाम इस्तेमाल करते हुए हंगामा किया था। युवती प्राचीश्री रिसॉर्ट में पूर्व विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति के बेटे नीर प्रजापति के साथ आकर रुकी थी। आईडी मांगने काे लेकर होटल स्टाफ से युवती की बहस हो गई थी। युवती ने मंत्री दत्तीगांव को रेपिस्ट तक कह दिया था। साथ ही कहा था कि मंत्री आकर उसके पैर छुएगा। उसकी इस बात पर वहां मौजूद होटल मालिक नितिन नांदेचा और एक भाजपा नेता ने आपत्ति जताई थी।

इस पूरे विवाद का VIDEO भी सामने आया था। VIDEO में नजर आ रहा है कि युवती होटल स्टाफ को अपने मोबाइल में कुछ दिखाती है। इसके बाद स्टाफ बैकफुट पर आ जाता है और युवती से नरमी से पेश आने लगता है। इसके दूसरे ही दिन एक और VIDEO आया। इसमें उसने कहा- सोशल मीडिया पर उसके नाम से वायरल वीडियो से उसका कोई लेना-देना नहीं है। इस मामले में कांग्रेस हमलावर है। पीसी शर्मा ने शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा- युवती का मोबाइल जब्त कर जांच करनी चाहिए।

नए विवाद में फंसे इमरान खान

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TIO NEW DELHI

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान नए विवाद में फंस गए हैं। उनका एक कथित ऑडियो वायरल हुआ है, जिसमें पीटीआई प्रमुख किसी महिला के साथ गंदी बातें करते सुनाई दे रहे हैं। हालांकि किसी ने अभी इस ऑडियो की पुष्टि नहीं की है, लेकिन इमरान खान के विरोधियों को एक और मौका मिल गया है। यह पाकिस्तान का आज का सबसे बड़ा मुद्दा बन गया है। पाकिस्तानी मीडिया के एक धड़े ने दावा किया है कि यह ऑडियो क्लिप पीएमओ यानी प्रधानमंत्री कार्यालय से लीक किया गया है।

ऑडियो क्लिप दो भाग में है, जिसे पाकिस्तानी पत्रकार सैयद अली हैदर ने अपने यूट्यूब चैनल पर शेयर किया था। ऑडियो क्लिप में इमरान खान नाम के शख्स को एक महिला से अभद्र भाषा में बात करते हुए सुना जा सकता है।इमरान खान समर्थकों का कहना है कि यह सत्ता में बैठे लोगों की साजिश है। इमरान खान के समर्थक मान रहे हैं कि उनके प्रधानमंत्री पद से हटने के बाद से ऐसे कई फर्जी मामले सार्वजनिक किए गए हैं। इसमें सेना भी शामिल है। इमरान खान और उनकी पार्टी को दोबारा सत्ता में आने से रोकने के लिए इस तरह की साजिशें रची जा रही हैं।

पाकिस्तानी मीडिया के साथ ही सोशल मीडिया पर भी इसका जबरदस्त चर्चा हो रही है। डेली पाकिस्तान के अनुसार, एक फेसबुक वीडियो में पत्रकार मंसूर अली खान ने दावा किया कि वह लीक हुए ऑडियो में अज्ञात महिला के बारे में जानता है, लेकिन उसका नाम लेने से परहेज करता है। पाकिस्तानी पत्रकार नैला इनायत ने कहा, ‘कथित सेक्स कॉल लीक मामले में इमरान खान इमरान हाशमी बन गए हैं।’ इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) ने ऑडियो क्लिप को फर्जी करार दिया है। पीटीआई नेता डॉ अर्सलान खालिद ने कहा, पीटीआई अध्यक्ष के राजनीतिक विरोधी नकली ऑडियो और वीडियो बनाने से परे नहीं सोच सकते हैं।

ईश्वर ने हम सभी को सेवा के लिए बनाया है लेकिन सेवा में अहंकार नहीं आना चाहिए

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ऊर्जस्विता सम्मान समारोह 2022: 20 ऊर्जस्विताओं का सम्मान

TIO भोपाल

प्रकृति परिवर्तनशील है। हर समय बदलती है। हर व्यक्ति की अपनी भूमिका और सीमाएं तय हैं। ईश्वर ने हम सभी को सेवा के लिए बनाया है। लेकिन यह भी हमें ध्यान रखना होगा कि सेवा में अहंकार नहीं आना चाहिए।

यह उद्गार मध्यप्रदेश शासन के उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव ने अनुनय एजुकेशन एंड वेलफेयर सोसायटी की ओर से आयोजित ऊर्जस्विता सम्मान समारोह 2022 के मुख्य अतिथि के तौर पर व्यक्त किए। समारोह में 20 ऊर्जस्विताओं का सम्मान किया गया। भोपाल की महापौर श्रीमती मालती राय ने समारोह की अध्यक्षता की। भोपाल नगर निगम के अध्यक्ष श्री किशन सूर्यवंशी, आईएचएम के प्राचार्य डॉ. आनंद कुमार सिंह, मध्यप्रदेश बाल आयोग के पूर्व सदस्य श्री विभांशु जोशी और आईएफएस अधिकारी (रिटायर्ड) डॉ. एके भट्टाचार्य विशेष रूप से मौजूद थे।

इस अवसर पर डॉ. यादव ने अनुनय एजुकेशन एंड वेलफेयर सोसायटी की ओर से बच्चों को शिक्षित करने के उपक्रम की सराहना करते हुए कहा कि एक बच्चा भी ज्ञान की बात कर सकता है। इसके जरिये उन्होंने उज्जैन के राजा भोज के बचपन का एक किस्सा भी सुनाया। उन्होंने कहा कि राजा मुंज ने बचपन में ही राजा भोज का सिर अलग करने का आदेश दिया था। तब राजा भोज ने न केवल अपने ज्ञान का सदुपयोग करते हुए अपनी जान बचाई, बल्कि राजा मुंज के हाथों होने वाले अन्याय को भी रोक दिया।

महापौर श्रीमती मालती राय ने कहा कि आज भोपाल में कई नवाचार किए जा रहे हैं। इसमें सबसे महत्वपूर्ण है अपने-अपने इलाकों में हरियाली लाकर उद्यानों को बेहतर बनाना। साथ ही हम सामाजिक मुद्दों को उठाकर बुराइयों को दूर करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने सभी से भोपाल को नशामुक्त बनाने के लिए कदम उठाने की अपील भी की। कार्यक्रम में श्री किशन सूर्यवंशी, डॉ. आनंद कुमार सिंह और श्री विभांशु मिश्रा ने भी संबोधित किया। समारोह में मेघा सोनी ने दुर्गा स्तुति पर अपनी कथक प्रस्तुति देकर माहौल बना दिया।

अनुनय एजुकेशन एंड वेलफेयर सोसायटी की अध्यक्ष श्रीमती माही भजनी ने संस्था की गतिविधियों की जानकारी दी। डॉ. भट्टाचार्य ने ऊर्जस्विता सम्मान समारोह की परिकल्पना साझा की। कार्यक्रम का संचालन तनिष्का पांडेय और तनिष्का आहूजा ने किया। आभार श्री अनुराग द्विवेदी ने माना।

इस साल के अवार्डीः डॉ. सुचित्रा बनर्जी को शिक्षा के क्षेत्र में योगदान के लिए लाइफटाइम अचीवमेंट सम्मान से सम्मानित किया जाएगा। इसी तरह सुश्री नेहा बग्गा (राजनीति), सुश्री सौम्या तिवारी (खेल), श्रीमती शिबानी घोष (समाज सेवा), सुश्री शेफाली गुप्ता (इलेक्ट्रॉनिक मीडिया), श्रीमती अर्चिता पाठक (साहित्य), डॉ. अभिलाषा द्विवेदी (शिक्षा), सुश्री रश्मि गोल्या (अभिनय), डॉ. शिखा जैन (कृषि), श्रीमती सरिता राठौड़ (मोटिवेशनल स्पीकर), डॉ. अर्चना जाधवानी (सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर), सुश्री मधुरिमा राजपाल (प्रिंट मीडिया), श्रीमती मेहबूब जहां मीर (शिक्षा), सुश्री एम. पूर्णिमा (बाल संरक्षण), श्रीमती मनीषा सिंह सिसौदिया (बालिका सुरक्षा), श्रीमती नीता दीप बाजपेयी (कला), डॉ. रेणु श्रीवास्तव (कम्युनिकेशन स्किल्स), श्रीमती गायत्री टेकाम (स्पेशल अवार्ड) को भी सम्मानित किया गया।

माही भजनी, अध्यक्ष,
अनुनय एजुकेशन एंड वेलफेयर सोसायटी

एमपी में कथा की राजनीति: आधा दर्जन से अधिक मंत्री, विधायक करवा चुके हैं कथा, कमलनाथ भी कतार में

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योगीराज योगेश

मध्य प्रदेश की राजनीति इन दिनों आध्यात्मिक रंग में रंगी नजर आ रही है। आधा दर्जन के करीब मंत्री, विधायक भागवत कथाओं और अन्य धार्मिक आयोजनों के जरिए पुण्य लाभ प्राप्त कर चुके हैं और कई राजनेता अभी कतार में है। कथा के दौरान कन्या विवाह हो रहे हैं तो कई जगह नशा मुक्ति के संकल्प दिलाए जा रहे हैं। कई जगह तो आमजन को भी मुख्य यजमान बनने का पुण्य अवसर प्रदान किया गया। कथा के लिए कुछ एक जगह तो बकायदा आदेश निकलवा कर स्कूलों की छुट्टी भी करा दी गई। कथा के समापन पर विशाल भंडारे हो रहे हैं। इनमें 50 हजार से लेकर एक लाख लोगों को भोजन प्रसादी दिलाई जा रही है।दिलचस्प बात यह है कि जो लोग घरों में भी खाना हाथ से परोसकर नहीं खाते वे इन भंडारों में अपने हाथ से लोगों को भोजन प्रसादी परोस रहे हैं।

कृषि मंत्री मंत्री कमल पटेल :

हरदा में कृषि मंत्री कमल पटेल के यहां आयोजित जया किशोरी जी की कथा सबसे चर्चित रही। यहां डेढ़ सौ के लगभग कन्याओं के विवाह हुए। इस मौके पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह द्वारा दिया आध्यात्मिक भाषण प्रदेश भर में चर्चा का विषय रहा। मुख्यमंत्री ने ज्ञान मार्ग, भक्ति मार्ग और कर्म मार्ग पर ऐसा धाराप्रवाह बोला कि व्यास पीठ पर विराजित विदुषी कथा वाचक जया किशोरी जी भी गदगद हो गईं। उन्होंने प्रसन्नमन से मुख्यमंत्री की जमकर तारीफ की और उन्हें भरपूर आशीर्वाद भी दिया।

नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह :

खुरई में नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह ने अंतर्राष्ट्रीय संत कमल किशोर नागर जी की कथा कराई। पूरे क्षेत्र में अब तक की यह सबसे विशाल कथा बताई जा रही है। कथा श्रवण का लाभ ज्यादा से ज्यादा लोगों को मिले इसके लिए एसडीएम ने बकायदा आदेश जारी कर स्कूलों की छुट्टी करा दी। बाद में यह आदेश कैंसिल करना पड़ा।

पीडब्ल्यूडी मंत्री गोपाल भार्गव :

पीडब्ल्यूडी मंत्री गोपाल भार्गव ने गढ़ाकोटा विधानसभा क्षेत्र में डॉ राजेंद्र दास देवाचार्य द्वारा कथा का आयोजन करवाया गया। इसमें 3 दर्जन से अधिक संतो को बुलाया गया। कथा के पहले निकाली गई शोभायात्रा आकर्षण का केंद्र रही। इसमें 5000 से अधिक महिलाओं ने शिरकत की।

मंत्री सुरेश राठखेड़ा ने भी कराई स्कूलों की छुट्टी:

दरअसल कथाओं का यह सिलसिला बीते कई दिनों से चल रहा है। अप्रैल माह में राज्य सरकार के मंत्री दर्जा प्राप्त सिंधिया समर्थक सुरेश राठखेड़ा ने अपने गांव में कथा कराई। यहां कथावाचकों और उनकी टीम के रहने, ठहरने के इंतजाम के लिए 7 दिनों तक स्कूल की छुट्टी करा दी गई। कथा आयोजन में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा समेत कई राजनेता शामिल हुए।

सिर मुड़ाते ही ओले पड़े :

बीते माह अशोक नगर में भाजपा विधायक जजपाल सिंह जज्जी ने बागेश्वर धाम सरकार पंडित धीरेंद्र शास्त्री की कथा का विशाल आयोजन किया। अब इसे महज संयोग ही कहें या जज्जी के कर्मों का फल कि कथा के चंद दिनों बाद ही उनकी विधायकी चली गई। उन पर गलत जाति प्रमाण पत्र लगाकर चुनाव लड़ने का आरोप है। हालांकि इस मामले में बाद में उन्हें कोर्ट से स्टे मिल गया।

विधायक जीतू पटवारी :

कांग्रेस के तेजतर्रार विधायक जीतू पटवारी ने जुलाई माह में इंदौर में पंडित प्रदीप मिश्रा की शिव महापुराण कथा करवाई। इस दौरान कराए गए अभिषेक में लोगों ने बढ़-चढ़कर हिस्सेदारी की। यही नहीं कथा के लाइव प्रसारण के माध्यम से भी लोगों ने अपने घर में बैठकर भगवान शिव का अभिषेक किया। इसके पहले जीतू पटवारी ने मार्च में रामचरित मानस का निशुल्क वितरण भी किया था।

संजय शुक्ला कराते हैं धार्मिक यात्रा:

कांग्रेस विधायक संजय शुक्ला भी धार्मिक आयोजन में बढ़-चढ़कर हिस्सेदारी करते हैं। वे हर साल अपने एक वार्ड के 600 लोगों को अयोध्या तीर्थ यात्रा पर ले जाते हैं। इसके पूर्व संजय शुक्ला भी पंडित प्रदीप मिश्रा की कथा करा चुके हैं।

पंडित प्रदीप मिश्रा को छिंदवाड़ा बुलाने की तैयारी में कमलनाथ:

भागवत कथा और धार्मिक आयोजनों की इसी श्रृंखला को आगे बढ़ाते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अब पंडित प्रदीप मिश्रा को छिंदवाड़ा बुलाने की तैयारी में हैं। अगले माह छिंदवाड़ा में भव्य और विशाल धार्मिक आयोजन होने की संभावना है। कमलनाथ के अलावा कई अन्य मंत्री, विधायकों को कथावाचकों से डेट मिलने का इंतजार है। तारीख फाइनल होते ही भव्य आयोजन होंगे।

मंत्री तुलसी सिलावट:
विधानसभा सांवेर के सिंगापुर सिटी में श्री राजेंद्र दास महाराज द्वारा श्रीमद् भागवत कथा सप्ताह का आयोजन किया गया।

मंत्री इंदर सिंह परमार:
स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने अपने विधानसभा क्षेत्र लालपुर में 240 जोड़ों का सामूहिक विवाह संपन्न कराया।

मंत्री ओपीएस भदोरिया :
राज्य सरकार में मंत्री ओपीएस भदोरिया ने भिंड के ददरुआ में पंडित धीरेंद्र शास्त्री बागेश्वर धाम द्वारा कथा का आयोजन करवाया।

नरोत्तम मिश्रा भी करा चुके हैं कथा:

इसके पूर्व ग्रह मंत्री नरोत्तम मिश्रा द्वारा दतिया में पार्थिव शिवलिंग का निर्माण और कथा का आयोजन कराया जा चुका है। अब परिजनों द्वारा ग्राम बरौनी में भागवत कथा के आयोजन की तैयारी की जा रही है।

(लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं।)