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चंद्रचूड़ के सीजेआई बनने के बाद 6,844 मामलों का हुआ निपटारा

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TIO NEW DELHI

चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ के पदभार ग्रहण करने के बाद से सुप्रीम कोर्ट ने अब तक 6,844 मामलों का निस्तारण किया है। सूत्रों के मुताबिक, इनमें जमानत व स्थानांतरण याचिकाओं के 2,511 मामले शामिल हैं। जस्टिस चंद्रचूड़ के कार्यभार संभालने यानी नौ नवंबर से 16 दिसंबर तक 5,898 मामले दायर हुए।

नवंबर में सीजेआई ने निर्णय लिया था कि सभी 13 पीठ प्रतिदिन 10 स्थानांतरण याचिकाओं और इतनी ही जमानत याचिकाओं की सुनवाई करेंगी। सीजेआई बनने के बाद उन्होंने कहा था, जमानत के मामलों को प्राथमिकता देने की जरूरत है। शीर्ष अदालत ने कहा था, वैवाहिक मामलों से संबंधित 3,000 याचिकाएं लंबित हैं, जहां पक्षकार मामलों को स्थानांतरित करने की मांग कर रहे हैं।
केंद्र और आईआईटी प्रवेश व भर्ती में आरक्षण नीति का करें पालन
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को केंद्रीय शैक्षिक संस्थान (शिक्षक संवर्ग में आरक्षण) अधिनियम, 2019 के तहत अनुसंधान डिग्री कार्यक्रमों में प्रवेश और आईआईटी में संकाय सदस्यों की भर्ती के लिए आरक्षण नीति का पालन करने का निर्देश दिया है। शीर्ष अदालत एसएन पांडे की याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें केंद्र और आईआईटी को अनुसंधान कार्यक्रमों में प्रवेश और संकाय सदस्यों की भर्ती के संबंध में आरक्षण नीति का पालन करने का निर्देश देने की मांग की गई थी। याचिका में दावा किया गया था कि दिशा-निर्देशों का उल्लंघन किया जा रहा है। जस्टिस एमआर शाह और जस्टिस सीटी रविकुमार की पीठ के समक्ष याचिकाकर्ता के वकील ने बताया कि केंद्रीय शैक्षिक संस्थान (शिक्षक संवर्ग में आरक्षण) अधिनियम, 2019 इस तरह के आरक्षण को निर्धारित करता है।

भाजपा में बदलाव की आहट-गुजरात – हिमाचल के चुनाव हुए, बदलेंगे अध्यक्ष…

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राघवेंद्र सिंह

गुजरात और हिमाचल प्रदेश में विधानसभा के साथ दिल्ली नगर निगम चुनाव के बाद भाजपा में नेतृत्व बदलाव की आहट तेज हो गई है। गुजरात में 156 विधायकों के साथ जबरदस्त जीत के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह गदगद है। मोदी ने पार्टी नेताओं की एक अहम बैठक में मुक्त कंठ से गुजरात भाजपा अध्यक्ष सीआर पाटिल की प्रशंसा की। उन्होंने संकेत दिए हैं कि राष्ट्रीय और प्रदेश स्तर पर पाटिल की तरह लो प्रोफाइल लीडर और साइलेंट वर्कर की जरूरत है। गुजरात की प्रचंड सफलता के बाद पाटिल रातोंरात पार्टी के आइकॉन बन गए हैं। ऐसा तमगा कभी मध्यप्रदेश के कार्यकर्ताओं को देवदुर्लभ कार्यकर्ता के रूप में हासिल था। इसका श्रेय प्रदेश में पार्टी के पितृ पुरुष कहे जाने वाले कुशाभाऊ ठाकरे के साथ प्यारेलाल खंडेलवाल, नारायण प्रसाद गुप्ता राजमाता विजयराजे सिंधिया, सुंदरलाल पटवा, कैलाश जोशी, लखीराम अग्रवाल जैसे रूप से जाता है।
बहरहाल संगठन की उजागर हुई बदहाली के चलते राष्ट्रीय अध्यक्ष जयप्रकाश नड्डा से लेकर मप्र समेत जिन प्रदेशों में विधानसभा चुनाव होने हैं वहां बदलाव के बड़े फैसले कभी भी हो सकते हैं। राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद पर गुजरात के श्री पाटिल की ताजपोशी की प्रबलतम सम्भावना है। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री नड्डा के गृह राज्य हिमाचल प्रदेश में भाजपा के सत्ता से बाहर होने और संगठन की गलाकाट गुटबाजी को लेकर जो हालात बने हैं उसने तो पार्टी की ही एकतरह से जान ले ली। टिकट वितरण के बाद बगावत से हालात टीम नड्डा के काबू से बाहर हुए तो पीएम मोदी को खुद मोर्चे पर आना पड़ा था। लेकिन कामयाबी नही मिली। इससे शीर्ष नेताओं के दिमाग झनझना उठे। हिमाचल के नतीजों ने बता दिया कि मोदी के नाम पर सवार होकर कितने अकर्मण्य और अयोग्य नेता हां में हां मिलाकर खुद मलाई काट पार्टी का बेड़ागर्क कर रहे हैं। संगठन का सिस्टम निष्क्रिय पड़ा है।वह तो केवल काम कर रहा है ऐसा करता हुआ नजर आ रहा है। ग्राउंड जीरो पर हालात चिंताजनक है। मोदी के नाम पर लोकसभा में भरपूर बहुमत लेकिन विधानसभा और नगर निगमों में हार मिल रही है। इसका मतलब सूबों में संगठन की कमान अयोग्य, अपरिपक्व, अकर्मण्य, ऐशोआराम करने वाले नेताओं के हाथों में चली गई है। वे काम के नाम पर कागजों का पेट भरने में लगे हैं। उन्हें पता है मोदी हैं तो जीत तो जाएंगे ही।

लेकिन नगर निगम और विधानसभा के चुनावों में उनके फैलाए रायते को मोदी शाह कैसे समटेंगे..? दिल्ली के साथ हिमाचल के चुनावों ने मोटा भाई और छोटा भाई चौकन्ना कर दिया है। अध्यक्षों के साथ संगठन मंत्री और केंद्र के प्रभारियों की भी कलई खुल गई है। मप्र समेत अन्य राज्यो में जिला अध्यक्षों को मनमाने तरीके से कभी नियुक्त करते हैं तो कभी मनमर्जी से हटा देते हैं। प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक ही नहीं होती है। पदाधिकारियों की विस्तारित बैठक को कार्यकारिणी बता दिया जाता है। ऐसे में नेता और कार्यकर्ताओं को अपनी बात कहने, संगठन – सरकार की कमी के मुद्दे कहां उठाएं। बाहर बोलें तो अनुशासनहीनता सच्चाई न बताएं तो दमघुटता है। ऐसे में चुनाव ही एक मंच है जहां कार्यकर्ता अपनी अनदेखी और पार्टी के साथ हो रहे अन्याय का हिसाब करता है। जैसा दिल्ली और हिमाचल और बहुत हद तक मप्र के नगर निगम चुनाव के नतीजों से पता चलता है।

दिल्ली नगर निगम में हार के बाद वहां के प्रदेश अध्यक्ष ने तो पद त्याग कर दिया लेकिन पार्टी ने हिमाचल की हार के जिम्मेदारों पर कार्रवाई लगता है अगले महीने जनवरी में करने का मानस बनाया है। सूत्र बताते हैं कि संघ परिवार ने भी परिवर्तन के लिए सहमति दे दी है।


मप्र में पूर्व मंत्री दीपक जोशी भी भड़के
मध्यप्रदेश में पूर्व मुख्यमंत्री कैलाश जोशी के चिरंजीव और पूर्व मंत्री दीपक जोशी अपने विधानसभा क्षेत्र में भ्रष्टाचार और गड़बड़ियों की हालत में घुटन महसूस कर रहे हैं उन्होंने एक वीडियो जारी कर अपनी पीड़ा को व्यक्त किया है। श्री जोशी ने अपने स्वर्गीय पिता कैलाश जोशी का जिक्र करते हुए कहा कि वे विपक्ष में रहकर भी 8 बार विधायक बने थे और उन्हें राजनीति का इमानदारी और सच बोलने के कारण संत कहा जाता था लेकिन अब उनके क्षेत्र में भ्रष्टाचार का बोलबाला है उन्होंने कहा है यदि नए कलेक्टर ने भ्रष्टाचार को नहीं रोका तो अगले महीने वह सड़क पर भी उतर सकते हैं। इसे हांडी के चावल की तरह माना जाना चाहिए। ऐसी व्यथा और पीड़ा भाजपा के लाखों कार्यकर्ताओं की होगी जिन्हें बोलने के लिए ना तो कोई मंच है और ना सुनने के लिए कुछ संगठन और सरकार है। ऐसे नेता- कार्यकर्ता कुकर की तरह कहीं भी और कभी भी फट सकते हैं। चुनाव इसके लिए सबसे मुफीद समय होता है। यदि नही सम्हाला गया तो हिमाचल की तरह नतीजों के लिए तैयार रहना चाहिए।


पुराने भाजपाई किनारा कर रहे हैं…
मध्य प्रदेश सरकार की वरिष्ठ नेता और शिवराज सरकार के मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया जब ग्वालियर पहुंचती है तो विमानतल पर उनके स्वागत के लिए जो कार्यकर्ता पहुंचे उनमें पुराने भाजपाई नदारद थे। इसका उन्होंने वहां जिक्र भी किया और पूछा पुराने भाजपा नेता कहां है..? भाजपा में बगावत की परंपरा नहीं है इसलिए दुखी और उपेक्षित कार्यकर्ता अक्सर घर बैठ जाते हैं और बस इतने में नतीजे बदल जाते हैं इस संकेत को समझने की जरूरत है। क्योंकि हिमाचल में बागियों से पीएम मोदी की अपील भी प्रभावकारी साबित नहीं हुई थी। ग्वालियर संभाग में कांग्रेस से आए ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थकों को दर्जी मिलने के कारण पुराने भाजपाई हाशिए पर चले गए हैं। नगरनिगम में भाजपा की हार ने इसके संकेत पहले ही दे दिए हैं।

ऊर्जस्विता सम्मान समारोह 19 दिसंबर को होगा 21 ऊर्जस्विताओं का सम्मान

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TIO BHOPAL

भोपाल. अनुनय एजुकेशन एंड वेलफेयर सोसायटी 19 दिसंबर 2022 को ऊर्जस्विता सम्मान समारोह का आयोजन कर रही है। इस कार्यक्रम में देश-प्रदेश की 21 महिला विभूतियों का अपने-अपने क्षेत्रों में विशेष योगदान के लिए सम्मान किया जाएगा। मध्यप्रदेश शासन में उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव समारोह में मुख्य अतिथि होंगे। भोपाल की महापौर श्रीमती मालती राय कार्यक्रम की अध्यक्षता करेंगी। भोपाल नगर निगम के अध्यक्ष श्री किशन सूर्यवंशी, आईएचएम भोपाल के प्राचार्य डॉ. आनंद कुमार सिंह, बाल आयोग के पूर्व सदस्य श्री विभांशु जोशी और आईआईएफएम के डायरेक्टर डॉ. के रविचंद्रन कार्यक्रम में विशेष अतिथि के तौर पर शिरकत करेंगे।

अनुनय एजुकेशन एंड वेलफेयर सोसायटी की अध्यक्ष श्रीमती माही भजनी ने बताया कि इस वर्ष हमारी संस्था ने 11 सफल वर्ष पूरे किए हैं। हम देश-प्रदेश में अपने-अपने क्षेत्रों में सफलता का परचम फहराने वाली महिला विभूतियों का सम्मान कर रहे हैं। पिछले साल संस्था की ओर से प्रदेश की 16 महिला विभूतियों का सम्मान किया गया था। इस बार पहली बार सम्मान समारोह में प्रदेश के बाहर की महिला विभूतियों का भी सम्मान किया जा रहा है।

सोसायटी के सीईओ आईएफएस अधिकारी (सेवानिवृत्त) डॉ. एके भट्टाचार्य ने बताया कि इस बार जिन महिलाओं का चयन किया गया है, उन्होंने खेल, साहित्य, मनोरंजन, पत्रकारिता से लेकर प्रशासनिक कार्यों में उपलब्धियों के जरिये अपने लिए खास मुकाम बनाया है। हमारा प्रयास उनकी उपलब्धियों को पहचान देकर उन्हें समाज के सामने लाना है। यह अन्य महिलाओं को भी आगे आकर अपने सपने पूरे करने के लिए प्रोत्साहित करता है।

इस साल के अवार्डीः डॉ. सुचित्रा बनर्जी को शिक्षा के क्षेत्र में योगदान के लिए लाइफटाइम अचीवमेंट सम्मान से सम्मानित किया जाएगा। इसी तरह सुश्री नेहा बग्गा (राजनीति), सुश्री सौम्या तिवारी (खेल), श्रीमती शिबानी घोष (समाज सेवा), सुश्री शेफाली गुप्ता (इलेक्ट्रॉनिक मीडिया), श्रीमती अर्चिता पाठक (साहित्य), डॉ. अभिलाषा द्विवेदी (उच्च शिक्षा), सुश्री रश्मि गोल्या (अभिनय), डॉ. शिखा जैन (कृषि), श्रीमती सरिता राठौड़ (मोटिवेशनल स्पीकर), डॉ. अर्चना जाधवानी (सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर), सुश्री मधुरिमा राजपाल (प्रिंट मीडिया), श्रीमती मेहबूब जहां मीर (शिक्षा), सुश्री एम. पूर्णिमा (बाल संरक्षण), श्रीमती मनीषा सिंह सिसौदिया (बालिका सुरक्षा), टीना (मनोरंजन), श्रीमती नीता दीप बाजपेयी (कला), डॉ. रेणु श्रीवास्तव (कम्युनिकेशन स्किल्स), श्रीमती गायत्री टेकाम (स्पेशल अवार्ड)।

माही भजनी, अध्यक्ष,
अनुनय एजुकेशन एंड वेलफेयर सोसायटी

बुंदेली सिनेमा को राष्ट्रीय स्तर तक पहुंचाने का काम कर रही फिल्म “घोड़ी पे होके सवार”

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TIO मुंबई

डिजनी प्लस हॉटस्टार पर हालिया रिलीज हुई फिल्म “घोड़ी पे होकर सवार ” आजकल ट्रेंडिंग होने के साथ साथ काफी चर्चा में भी है। फिल्म की सबसे खास बात ये है कि फिल्म के संवाद और गानों का बुंदेली भाषा में होते हुए भारत के हर क्षेत्र में सराहा जाना ही इसकी सबसे बड़ी खासियत है। “घोड़ी पे होके_ सवार” एक 45 मिनट की लघु फिल्म है जो एक संवेदनशील विषय के बारे में सामाजिक व्यंग्य है जो 21वीं शताब्दी में भारत में अभी भी मौजूद हैं । समाज के कुछ वर्गों के जीवन में वो बातें बहुत बड़ी होती हैं जो शायद ज्यादातर लोगों के लिए आम बातें हैं । फिल्म की कहानी ऐसे ही एक वर्ग के नायक के इर्दगिर्द घूमती है कि कैसे फिल्म का नायक अपनी बारात को घोड़े पर बिठाकर हास्यपूर्ण तरीके से लाने के लिए संघर्ष करता है….हर दूसरे प्रोजेक्ट की तरह, यह फिल्म भी शुरू से लेकर अब तक कई उतार-चढ़ाव से गुजरी है। फिल्म को बड़े उत्साह, ढेर सारे प्यार और कड़ी मेहनत के साथ शूट किया गया है।

मशरूम वर्ल्ड फिल्म्स के बैनर तले बनी इस के फिल्म के निमार्ता भूपेश वर्मा हैं जो पिछले 25 सालों से फिल्म इंडस्ट्री में अपना महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं। निर्माता फिल्म का आधार होता है और बुंदेली भाषा में बनी ये फिल्म आज देश के इतने बड़े प्लेटफॉर्म पे रिलीज होकर जो कमाल कर रही है उसका श्रेय फिल्म के निर्माता भूपेश वर्मा और मशरूम वर्ल्ड फिल्म्स के M.D. समीर सागर को ही जाता है। फिल्म के लेखक और निर्देशक आकाश निंदाने हैं जिन्होंने अपने विजन से फिल्म को ग्लोबल बनाया… फिल्म के निर्देशक आकाश जी का कहना है कि ये फिल्म न कवेल लोगो की मानसिकता बदलेंगी बल्कि जीवन को नए सिरे से देखने का जज्बा भी देगी। फिल्म के विसुअल प्रमोशन की जिम्मेदारी कनुप्रिया ऋषिमम ने बखूबी निभाई है । कनुप्रिया कहती हैं कि ये उनके लिए सिर्फ प्रोजेक्ट नहीं था , ये एक मौका था अपने सिनेमा को लोगों तक पहुँचाने का । फिल्म के मुख्य कलाकारों में जैकी भावसर जो कि भोपाल के रंगमंच और फिल्म जगत के जाने माने कलाकार हैं , का साथ “गुड़िया हमारी सबपे भारी ” फेम सारिका बहरोलिया ने दिया है । इसके अलावा अजय पाल, प्रतीक पचौरी भी प्राथमिक भूमिकाओं में दिखाई देंगे। फिल्म को मुम्बई फिल्म जगत के लोगों ने भी काफी सराहा है। फिल्म के निर्माताओं का कहना है कि फिल्म के रेस्पॉन्स को देखते हुए इसे नेशनल और इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल्स में भेजा जाएगा और बुंदेली भाषी सिनेमा को क्षेत्रीय स्तर से राष्ट्रीय स्तर तक स्थापित किया जाएगा । कनुप्रिया मुंबई में काफी लंबे समय से फिल्मों मेंंकार्यरत है और उन्होंने अनेकों ऐसे कार्य किए है, जिससे उनका नाम जाना जाता है। खुद बुंदेली होने की वजह से बुंदेली की बारिकीयों में बहुत ध्यान दिया गया है इसी की वजह से फिल्म अंतराष्टÑीय स्तर की नजर आ रही है।

हमारा सीएम कैसा हो, सचिन पायलट जैसा हो

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TIO BHOPAL

राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा राजस्थान में अपने अंतिम पड़ाव पर है। भारत जोड़ो यात्रा के राजस्थान में प्रवेश से पहले राजस्थान कांग्रेस में गुटबाजी खुलकर देखने को मिली। एक बार फिर प्रदेश कांग्रेस की गुटबाजी सामने है। रविवार को भारत जोड़ो यात्रा में सचिन पायलट के समर्थन में जमकर नारेबाजी हुई।


राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा रविवार को दौसा के कलाखो से शुरू हुई। दौसा सचिन पायलट का गढ़ है। पहली बार पायलट यहीं से जीतकर विधायक बने थे। अब राहुल गांधी की यात्रा के दौरान रविवार को पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के समर्थन में जमकर नारे लगे। जिसका एक वीडियो सामने आया है। 


भारत जोड़ो यात्रा में शामिल कुछ युवकों ने सचिन पायलट जिंदाबाद के नारे लगाए। इतना ही नहीं, उन्होंने ‘हमारा सीएम कैसा हो? सचिन पायलट जैसा हो’। का नारा लगाया। इससे पहले शुक्रवार को भी दौसा जिले में भारत जोड़ो यात्रा के 100वें दिन पायलट के समर्थन में नारेबाजी की गई थी। दौसा में भारत जोड़ो यात्रा में बड़ी संख्या में लोग पहुंचे। 


भारत जोड़ो यात्रा का राजस्थान में 15वां दिन है। यात्रा सोमवार को दौसा के बांदीकुई से शुरू हुई। आज भारत जोड़ो यात्रा दौसा से अलवर जिले में प्रवेश करेगी। राहुल के साथ सीएम अशोक गहलोत, सचिन पायलट और अन्य नेता कदमताल कर रहे हैं। यात्रा राजगढ़ से सुबह 9 बजे अलवर में प्रवेश करेगी। मालाखेड़ा में आज राहुल सभा को संबोधित करेंगे।

सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की बिलकिस बानो की पुनर्विचार याचिका, दोषियों की रिहाई को दी थी चुनौती

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TIO NEW DELHI

सुप्रीम कोर्ट ने बिलकिस बानो की पुनर्विचार याचिका खारिज कर दी है। बिलकिस बानो ने 2002 में उसके साथ गैंगरेप और उसके परिवार के सदस्यों की हत्या के 11 दोषियों की रिहाई के फैसले को चुनौती दी थी। इस साल 15 अगस्त को गुजरात सरकार ने अपने 1992 के जेल नियमों के तहत 11 दोषियों को समय से पहले रिहा कर दिया था।

क्या है इस याचिका से जुड़ा पूरा मामला?
गौरतलब है कि साल 2002 के गोधरा दंगों के दौरान बिलकिस के साथ सामूहिक दुष्कर्म और उनके परिवार के सदस्यों की हत्या करने के मामले में 11 दोषियों को उम्रकैद की सजा हुई थी। हालांकि, गुजरात सरकार ने दोषियों को रिहा 15 साल जेल की सजा काटने के बाद रिहा कर दिया। गुजरात सरकार का कहना है कि उसने अपनी सजा माफी नीति के अनुरूप 11 दोषियों को छूट दी है। इन दोषियों को इसी साल 15 अगस्त को जेल से रिहा किया गया। दोषियों को गोधरा उप-जेल में 15 साल से अधिक की सजा काटने के बाद छोड़ा गया है। 

दोषियों की इसी रिहाई को चुनौती देते हुए समय से पहले रिहाई को चुनौती देते हुए बिलकिस बानो ने सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल कर दी है। इसमें 13 मई के आदेश पर दोबारा विचार करने की मांग की गई है। इसमें सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि गैंगरेप के दोषियों की रिहाई में 1992 में बने नियम लागू होंगे। इसी आधार पर 11 दोषियों की रिहाई हुई थी। वहीं बिलकिस बानो के वकील ने लिस्टिंग के लिए भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ के समक्ष मामले का उल्लेख किया था। 

जानें 13 मई के आदेश में सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा था?
बता दें कि 13 मई को सुप्रीम कोर्ट ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा था कि सजा 2008 में मिली, इसलिए रिहाई के लिए 2014 में गुजरात में बने कठोर नियम लागू नहीं होंगे। 1992 के नियम ही लागू होंगे जिसके तहत  गुजरात सरकार ने 14 साल की सजा काट चुके लोगों को रिहा किया था। अब बिलकिस बानो 13 मई के आदेश पर पुनर्विचार की मांग कर रही हैं। उनका कहना है कि जब मुकदमा महाराष्ट्र में चला, तो नियम भी वहां के लागू होंगे गुजरात के नहीं।

शराब पर प्रतिबंध फिर भी सबसे ज्यादा दारू पी रहे लोग: कुलस्ते

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TIO BHOPAL

कुलस्ते ने भोपाल के वाल्मी परिसर में नेहरू युवा केन्द्र द्वारा आयोजित 14 वें जनजातीय युवा आदान प्रदान कार्यक्रम कार्यक्रम में कहा-अमरकंटक में नर्मदा के किनारे मप्र सरकार ने शराब पर प्रतिबंध लगा दिया। एक आदमी ने मुझसे कहा कि गुजरात में शराब पर प्रतिबंध है, लेकिन सबसे ज्यादा दारू पीने वाले लोग गुजरात में हैं। कौन रहता है वहां? उद्योग, धंधे मेहनत करने वाले लोग, मजदूर क्या करें। अब कहां से आता-जाता है ये बाद का विषय है। एक आदमी ने कहा कि ये लोग चोरी से बहुत करते हैं।मप्र में शराबबंदी की मांग को लेकर पूर्व सीएम उमा भारती सरकार के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं। 17 जनवरी के बाद उमा ने सरकार को आर-पार की लड़ाई की चेतावनी दी है। उमा और शिवराज सरकार के बीच शराबबंदी को लेकर बढ़ती खींचतान के बीच केन्द्रीय मंत्री और मंडला से भाजपा सांसद फग्गन सिंह कुलस्ते ने बड़ा बयान दिया है। 
सरकार ने प्रतिबंध लगा दिया। ऐसा ही हमारे शिवराज जी ने बहुत अच्छा काम किया है। इसके लिए हमको वातावरण बनाने के लिए हमारे समाज में इसके लिए बहुत कमी है। मैं ये दुराग्रह से नहीं बल्कि मन से बोलता हूं । काम उनके पास है नहीं। खेती बाड़ी करने के बाद शाम को घर में थोड़ा बहुत मौज-मस्ती की या उत्साह से कुछ सांस्कृतिक कार्यक्रम करते हैं। कुछ अपनी संस्कृति मिलना-जुलना जैसे कार्यक्रमों को प्रोत्साहित करते हैं। मैं नौजवान बच्चों से कहूंगा कि गांव में जो थोड़ी बहुत बुराईयां हैं , उनको छोड़कर हम एक अच्छे माहौल में अपनी परंपरा को आगे बढ़ाएंगे तो 21वीं सदी में भारत के विश्व गुरु बनने वाली स्थिति में हम पहुंच जाएंगे।

पीएम मोदी आज के विवेकानंद
कुलस्ते ने कहा कि जैसे स्वामी विवेकानंद का नाम नरेन्द्र था वैसे ही आज लोग नरेन्द्र मोदी को विवेक कहते हैं। वास्तव में मोदी आज का विवेकानंद है। कई बार लोग भाषा, बोली, माहौल का उपयोग जरूर करते हैं। गरीब आदमी से एक बडे़ आदमी की शिक्षा, आवास, रहन-सहन, आवागमन की चिंता नरेन्द्र मोदी ने की है। आज दुनिया के लोग भारत की तरफ देख रहे हैं।

जिससे नागालैंड की जनता और सरकार परेशान उनके चीफ ने मेरे पैर छुए

केन्द्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते ने कार्यक्रम में कहा- मेरे पास कल नागालैंड के रोमू आए थे। नागा पीपुल्स फ्रंट एक पार्टी है। उनसे सरकार और उस राज्य के लोग परेशान हैं। नागा पीपुल्स फ्रंट के चीफ मेरे पास आए थे। मुझे बड़ा अजीब लगा कि मेरे एक आदमी ने मेरे पैर छुए तो उसने भी मेरे पैर छू लिए। कभी ये सोच नहीं सकते। वो भी ट्रायबल था। जो लोग मुख्यधारा से बाहर हैं उनसे सरकार भी परेशान है। उनके साथ कई प्रकार के समझौते हुए लेकिन वो मूलधारा से जुडे़ नहीं। लेकिन जब कल वो मुझसे मिलने के लिए आए तो उन्होंने कई सुझाव दिए मैंने उन्हें भी समझाया। मेरे कहने का मतलब ये है कि इस प्रकार के लोग पूरे देश में जुड रहे हैं।

जनजातीय युवा आदान प्रदान कार्यक्रम के उद्घाटन में शामिल हुए कुलस्ते
नेहरू युवा केंद्र संगठन द्वारा भोपाल में 14 वें जनजातीय युवा आदान प्रदान कार्यक्रम की शुरुआत हुई। 16 दिसंबर से 22 दिसंबर तक चलने वाले इस कार्यक्रम का उद्घाटन विजय दिवस के दिन वाल्मी में केंद्रीय इस्पात एवं ग्रामीण विकास राज्य मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते ने किया। इस मौके पर विशिष्ट अतिथि के रूप में शौर्य चक्र से सम्मानित शहीद कैप्टन देवाशीष शर्मा की मां निर्मला शर्मा मौजूद रहीं।

नक्सल प्रभावित 5 राज्यों के 200 आदिवासी युवा पहुंचे भोपाल
कार्यक्रम में देश भर से 5 राज्यों के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों से 250 से अधिक चयनित युवा भाग ले रहे हैं। यह दूसरा मौका है कि जब भोपाल में यह कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। शुभम चौहान ने बताया कि नेहरू युवा केंद्र संगठन प्रतिवर्ष देश के अलग-अलग हिस्सों में नक्सल प्रभावित क्षेत्रों से युवाओं का चयन कर गृह मंत्रालय के सहयोग से यह कार्यक्रम आयोजित किया जाता है। इस कार्यक्रम में महाराष्ट्र, तेलंगाना, झारखण्ड, बिहार, उड़ीसा राज्य के 250 जनजातीय युवा भागीदारी कर रहें है।

जनजातीय समाज का इतिहास गौरवशाली- कुलस्ते
मुख्य अतिथि केंद्रीय इस्पात एवं ग्रामीण विकास राज्य मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते ने युवाओं को संबोधित करते हुए कहा कि हम सभी जानते हैं कि जनजातीय समाज लोक परंपराओं व अपनी विशेषताओं के लिए जाना जाता है, मुझे खुशी है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पहल पर जनजातीय क्षेत्रों के युवा इस आदान-प्रदान कार्यक्रम का हिस्सा बन रहे हैं। यह एक सार्थक पहल है। इस कार्यक्रम से युवाओं को नये आयाम मिलेंगे । मध्यप्रदेश में विविध, समृद्ध व गौरवशाली जनजातीय विरासत है, जिसका न केवल संरक्षण व संवर्द्धन किया जा रहा है बल्कि जनजातीय क्षेत्रों के समग्र विकास और जनजातीय वर्ग के कल्याण के लिये लगातार काम किए जा रहे हैं। भारत को अपनी भव्य और विराट जनजातीय विरासत से सीखकर अपने भविष्य को आकार देना है, उन्होंने कहा कि जनजातीय युवा आदान प्रदान कार्यक्रम इसके लिए एक अवसर और माध्यम बनेगा।

सूर्य का धनु में प्रवेश किसे मिलेगी खुशी किसे मिलेगा क्लेश खरमास प्रारंभ

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TIO डा पंडित गणेश शर्मा स्वर्ण पदक प्राप्त ज्योतिषाचार्य सीहोर


शुक्रवार, 16 दिसंबर 2022, को खरमास आरंभ हो रहा है। हिन्दू धर्म और ज्योतिष की दृष्टि से खरमास में शुभ कार्य वर्जित माने जाते हैं।
वैसे तो इस महीने भर में किसी भी प्रकार के शुभ कार्यों को नहीं किया जाता हैं, लेकिन कुछ विशेष परिस्थितियों में आप अतिआवश्यक शुभ कार्यों को संपन्न कर सकते हैं। खरमास समाप्ति के बाद रोक लगे सभी तरह के शुभ कार्यों को पुन: शुरू किया जाता है।
किन परिस्थितियों में कर सकते हैं खरमास में शुभ कार्य

  1. नियमित किए जाने वाले शुभ कार्य या धार्मिक अनुष्ठान में खरमास का कोई बंधन नहीं होता।
  2. अगर कुंडली में बृहस्पति धनु राशि में हो तो इस स्थिति में भी इस माह में शुभ कार्य किए जा सकते हैं।
  3. यदि आप गया तीर्थ पर किसी का श्राद्ध करना चाहते हैं तो इसमें खरमास का कोई बंधन नहीं होता।
  4. अन्नप्राशन, सीमान्त और जातकर्म आदि कर्म पहले से ही तय होने पर इस अवधि में किए जा सकते हैं।
  5. अगर आप प्रेम-विवाह करना चाहते हैं, तो इस समय कर सकते हैं। खरमास कोर्ट मैरिज में किसी प्रकार से बाधक नहीं बनता।
    अत: इस प्रकार के कार्य आप खरमास में करके भी सफलता प्राप्त कर सकते है
    धनु संक्रांति सूर्य का धनु राशि में प्रवेश, किसे मिलेगी खुशी, किसे होगा क्लेश।
    सूर्य का धनु राशि में प्रवेश 16 दिसंबर 2022 शुक्रवार को सुबह 09:38 बजे होगा। इस प्रवेश को धनु संक्रांति कहते हैं। 16 दिसंबर को बुध, शुक्र और सूर्य का धनु राशि में मिलन भी होगा। इस संयोग से बुधादित्य योग, लक्ष्मी नारायण योग और सूर्य एवं शुक्र की युति से युति योग भी बन रहा है। सूर्य के धनु में गोचर को वैसे तो शुभ नहीं माना जाता है लेकिन तीन ग्रहों का योग शुभ है।
    मेष राशि :- आपकी राशि के नौवें भाव में सूर्य का गोचर होगा। आपके लिए यह गोचर शुभ है। आपको भाग्य का साथ मिलेगा। करियर और नौकरी में सफलता मिलेगी। व्यापार में उन्नति होगी।
    वृषभ राशि :- आपकी राशि के आठवें भाव में सूर्य का गोचर होगा। इस गोचर के दौरान आपको मिश्रित परिणाम की प्राप्ति होगी। आपको अपनी सेहत का ध्यान रखना होगा।
    मिथुन राशि :- आपकी राशि के सातवें भाव में सूर्य का गोचर होगा। सूर्य के इस गोचर से जीवनसाथी को लेकर तनाव उत्पन्न हो सकता है। हालांकि साझेदारी के व्यापार में आपको सफलता मिल सकती है। विशेष ध्यान रखना होगा।
    कर्क राशि :-आपकी राशि के छठे भाव में सूर्य का गोचर होगा। आपको शत्रु परास्त होंगे। हालांकि आपको लड़ाई झगड़े से दूर रहना चाहिए। नौकरी या व्यापार में आप सकारात्मक परिणाम देख पाएंगे। बनाए रखने की जरूरत है।
    सिंह राशि :- आपकी राशि के पांचवें भाव में सूर्य का गोचर होगा। आपकी राशि का स्वामी सूर्य है लेकिन आपको इस गोचर के दौरान मिश्रित परिणाम देखने को मिल सकते हैं। हालांकि भविष्य को लेकर आपका भ्रम दूर होगा। आपको आपकी मेहनत का फल मिलेगा।
    कन्या राशि :-आपकी राशि के चतुर्थ भाव में सूर्य का गोचर होगा। कार्यक्षेत्र के लिए यह गोचर शुभ माना जा रहा है, लेकिन गृहस्थ जीवन थोड़ा अस्त-व्यस्त हो सकता
    तुला राशि :- आपकी राशि के तीसरे भाव में सूर्य का गोचर होगा। आपको पिता, भाई एवं बहनों का सहयोग प्राप्त होगा। आत्मविश्‍वास में वृद्धि होगी। कार्यक्षेत्र में उन्नति करेंगे।
    वृश्‍चिक राशि :- आपकी राशि के दूसरे भाव में सूर्य का गोचर होगा। आपको अचानक से धन लाभ हो सकता है। आपकी वाणी के दम पर परिवार में अच्छा माहौल बनेगा। पारिवारिक व्यवसाय है तो उन्नति होगी।
    धनु राशि :-आपकी राशि के प्रथम यानी लग्न भाव में सूर्य का गोचर होगा। आपके आपके मान-सम्मान और पद-प्रतिष्ठा में वृद्धि के योग हैं। नौकरी में पदोन्नति होगी। खुद का व्यापार है तो मेहतन का फल मिलेगा
    मकर राशि :-आपकी राशि के 12वें भाव में सूर्य का गोचर होगा। इस दौरान आपको अपनी सेहत को लेकर सचेत रहना चाहिए। वाहन चलाते समय भी सावधानी रखना होगी।
    कुंभ राशि :- आपकी राशि के एकादश भाव में सूर्य का गोचर होगा। आपको परिवार के सदस्यों का सहयोग मिलेगा। जीवनसाथी से संबंध मधुर बनेंगे। नौकरी में वेतनवृद्धि के योग हैं। व्यापार में अच्‍छा मुनाफा अर्जित करने में सफल होंगे।
    मीन राशि :- आपकी राशि के दसम भाव में सूर्य का गोचर होगा। कार्यक्षेत्र में आप प्रगति को देख पाएंगे। नौकरी में अधिकारी आपकी सराहना करेंगे। व्यापार में उन्नति होगी। पारिवारिक जीवन भी सुखद रहेगा। 9229112381

रशीदा को मिला सिल्वर और ब्रांज मैडल

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भोपाल

राजधानी के बीएचईएल मैदान पर मास्टर एथलीट स्टेट लेवल का आयोजन किया गया। इसमें छोटे-छोटे जिलों की बहुत सारी महिलाओं ने भाग लेकर अपनी प्रतिभा दिखाई। इसमें शार्टपुट, शार्टपुट थ्रो, लांग जम्प, जैमलिंग, हेंड थ्रो और रनिंग हुई।

जिसमें भोपाल की रशीदा रियाज, फातिमा हुसैन, रश्मी, पूजा, शीतल, अर्चन, सोनाली, डॉक्टर गौरव, कोच एजाज, अनुराग सर व अन्य कई महिलाओं ने भाग लिया। जिसमें रशीदा रियाज को एक सिल्वर और एक ब्रांज मैडल मिला। इस आयोजन के लिए लंबे समय से महिलाएं तैयारी कर रही थी।

परिजनों ने हीरामन की किडनी ट्रांसप्लांट कराने सरकार से मांगी आर्थिक मदद

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बेटे की जान बचाने मां किडनी देने को तैयार

सीहोर। मां आखिर मां है। उसकी जगह कोई नहीं ले सकता। अपने जिगर के टुकड़े की जान बचाने के लिए वो मौत से भी लड़ सकती हैं। मां के बलिदान के यूं तो हजारों किस्से हैं लेकिन यहां हम ऐसी माता का जिक्र कर रहे हैं, जिन्होंने अपने बेटे की जान बचाने अपनी किडनी बेटे को देने का फैसला लिया है। जी हां हम बात कर रहे है मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के गृह जिले सीहोर के ग्राम दुपाड़िया दांगी की काकड़ कॉलोनी की। यहां के रहने वाले हीरामन मेवाड़ा की किडनी खराब हो गई है। उसकी मां का एक ही सवाल  है उनका लाल जल्द ठीक हो जाए। आज भी वो खुद से ज्यादा अपने बेटे का ख्याल रखती हैं।
गौरतलब है कि सीहोर जिले के ग्राम दुपाड़िया दांगी की काकड़ कॉलोनी निवासी रामनारायण के पुत्र हीरामन मेवाड़ा की कुछ दिन तो दवा चली लेकिन बाद में डॉक्टरों ने कह दिया कि बगैर ट्रांसप्लांट के काम नहीं चलेगा। डॉक्टरों ने जब जवाब दे दिया तो सबसे बड़ा सवाल यह उठा कि किडनी देगा कौन। आखिरकर उसकी मां ने अपने जिगर के टुकड़े की जान बचाने किडनी देने का फैसला लिया।


इलाज के पैसे नहीं, सरकार से लगाई मदद की गुहार
हीरामन मेवाड़ा के पिता रामनारायण मेवाड़ा ने बताया कि पिछले छह माह से हीरामन का इलाज चल रहा है अभी तक चार लाख रुपए का इलाज करा चुके है, लेकिन अभी बेटे की किडनी ट्रांसप्लाट कराने में बहुत पैसे लगेंगे, सम­ा नहीं आ रहा है कि इतने पैसे का इंतजाम कैसे होगा। हमारी आर्थिक स्थिति बहुत खराब हो गई है, यदि इसमें सरकार या जनप्रतिनिधि कुछ मदद कर दे तो उनके हम सदैव अभारी रहेंगे। परिजनों ने बताया कि अब तो जमीन बेचने की नौबत आ गई है।


इंदौर के चौथराइम अस्पताल में चल रहा इलाज
परिजनों का कहना है कि हीरामन मेवाड़ा का डायलिसिस करवा रहे हैं लेकिन डॉक्टरों ने कहा मरीज को डायलिसिस पर ज्यादा दिन नहीं रखा जा सकता। जितनी जल्दी हो सके मरीज को किडनी लगाना होगा।

Father Name: Ramnaratan mewada