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भोपाल की आर्टिस्ट ने गौंड आर्ट के साथ पहली बार इस्तेमाल किया 24 कैरेट गोल्ड

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TIO MUMBAI

भोपाल की आर्टिस्ट नवाब जहां बैगम ने वर्ली मुम्बई स्थित कला स्पंदन आर्ट एग्जिबिशन में भाग लिया। 24 से 27 नवंबर तक चलने वाली इस एग्जिबिशन में उन्होंने करीब 19 पीस आर्ट वर्क एग्जिबिट किए। जिसमें मुख्य रूप से प्रदेश की ट्राइबल आर्ट (गौंड) वहां आए कला प्रेमियों द्वारा बहुत पसंद की गई। नवाब जहां ने बताया कि ऐसा पहली बार है कि गौंड आर्ट के साथ रियल 24 कैरेट गोल्ड का इस्तेमाल किया गया है। इसमें मैंने मुख्य रूप से लिक्विड गोल्ड का उपयोग किया। जिसे यहां आने वाले लोगों द्वारा बहुत पसंद किया जा रहा है। इस दौरान कई लोगों ने मध्य प्रदेश की ट्राइबल आर्ट को बहुत सराहा। इसके अलावा मैंने एक मध्य प्रदेश की ही ट्राइबल आर्ट मांडना को भी एग्जिबिट किया है, यह आर्ट वर्क एक प्रकार का तिरंगे जैसा दिखने वाला चक्र है। इन सब आर्ट वर्क को तैयार करने में करीब 6 महीने से अधिक का समय लगा है। बता दें कि इस एग्जीबिशन का उद्घाटन बॉलीवुड अदाकारा अनिता राज ने किया।

-कंवर्टेबल आर्ट पीस: तीन पेंटिंग्स से बनते हैं 10 फ्रेम
नवाब जहां ने बताया कि इसके अलावा मैंने यहां कंवर्टेबल आर्ट पीस भी एग्जिबिट किए हैं जिसमें तीन पेंटिंग्स हैं इससे करीब 10 फ्रेम यानी 10 अलग अलग पेंटिंग्स बनती हैं यह वर्क भी अपने आप में एक अलग काम है। जिसे यहां सभ के द्वारा बहुत पसं किया जा रहा है। इसके अलावा हिंदी कैलीग्राफी के आर्ट वर्क भी शामिल हैं।

नवाब जहां बैगम से परिचय
भोपाल की रहने वाली नवाब जहां बैगम ने हमीदिया कॉलेज से टअ किया है। नवाब की 10 पेंटिंग्स भोपाल एयरपोर्ट पर लगी हैं इसके अलावा एक अन्य गोल्ड पेंटिंग भोपाल ही होटल ताज में लगी है। नवाब जहां को अबूधाबी स्थित फरारी वर्ल्ड में खास तौर पर आमंत्रित किया गया था जो कि दुनिया में इकलौता फरारी का अम्यूजमेंट पार्क है। इसके अलावा नवाब अपने आप में एक स्पेशल आर्ट यानी किचन नाइफ से गोल्ड पेंटिंग वर्क करती हैं।

एक नजर
-गोल्ड से पेंटिंग बनाने वाली शहर की पहली आर्टिस्ट।
-इससे पहले नवाब जहां ने स्वराज भवन स्थित में गु्रप एग्जिबिशन में भाग लिया।
-नवाब जहां की पेटिंग्स भारत के अलग अलग राज्यों के अलावा विदेश में सऊदी अरब, दुबई, अबूधाबी और आॅस्ट्रेलिया तक लोगों ने खरीदीं हैं।

सीहोर से मोंटी राठौर दो दिनों से लापता, परिजन तलाश में जुटे

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सीहोर

मोंटी राठौर पिता दीपक राठौर, पता साइंर्नाथ मंदिर रोड गंज सीहोर उम्र 21 वर्ष 26 नवंबर 2022 को परिजनों को बिना बताए लापता हो गया। जिसकी सूचना परिजनों ने थाने में दर्ज करवाई है। परिजनों का मोबाइल नंबर 9009240775 है। जिस किसी को भी यह लड़का मिल जाए वो इस नंबर पर कॉल कर परिजनों को सूचना दे सकते है।

Rajaborari Job Placement Camp by SPHEEHA

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TIO BHOPAL

Since its inception in 2006, SPHEEHA (Society for Preservation of Healthy Environment and Ecology and Heritage of Agra- a registered NGO) has been a flag bearer for various launches to sensitize public for preservation of environment and ecology of the planet. It now has spread its wings across the Globe to four continents in over 200 locations. Activities of SPHEEHA include extensive tree plantation drives, workshops, conferences and other activities viz. drawing painting competitions etc., focusing on various strategies pertaining to conserving environment.

Now SPHEEHA is going in for social upliftment work also. In this connection, a three day placement camp was organised at Rajaborari from 25th to 27th Nov 2022 for the students graduating from various educational institutions located in Rajabirari and attached to Dayalbagh Educational Institute, a Deemed University. The charter of Educational institutions at Rajaborari is to cater to the last, the lost, the least and the lowest members of society and enable them to rise from where they are to a happier, more satisfactory state.

Famed institutions like MSME Recruiter, Force Motors Ltd. and Crompton and Greaves Power & Industrial Solution shall be recruiting students from Rajaborari Educational Institutions from amongst various streams.  

SPHEEHA Volunteers led by Ms. Rachna Singh, Mr. Guru Charan Suri, Mr. Pankaj Sharan and Mr. Amit Shrivastava helped organise the camp.

The spirit of the placement camp is to give students not only a chance to earn by putting their education to use but also to give direction to their lives. This is a big service by SPHEEHA to the students as well as their families, to the nation and also to mankind. With gainful employment, students can rightly direct their energies to themselves and their families for overall better social milieus.

Due to the prevailing pandemic conditions, social distancing norms and other safety measures were duly exercised.

Speaking on the occasion, SPHEEHA President, Mr. M A Pathan (Former Chairperson of Indian Oil Corporation and Former Resident Director, Tata Sons) said that, “SPHEEHA continues its tradition of the past 16 years with its commitment of improving the environment and social upliftment. We hope to do more in the coming years.”

मंत्री भूपेंद्र सिंह के लिए चुनौती बनी बीएसपी

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खस्ताहाल सड़कों को लेकर मुख्यमंत्री जता चुके हैं नाराजगी, केंद्रीय मंत्री गडकरी को तो जनता से माफी मांगनी पड़ी

योगीराज योगेश

निकाय चुनाव में अपनी विधानसभा सीट खुरई की सभी सीटें भाजपा को दिलवा कर नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह ने इस क्षेत्र को भले ही कांग्रेस मुक्त कर दिया हो और कांग्रेस के पूर्व कद्दावर नेता अरुणोदय चौबे के पार्टी छोड़ देने के बाद तो यह सीट उनके लिए एक तरह से चुनौतीविहीन हो गई हो लेकिन भूपेंद्र सिंह के सामने अब नई चुनौतियां मुंह बाए खड़ी हैं। यह चुनौती है बीएसपी यानी बिजली, सड़क और पानी। गौरतलब है कि इन्हीं मुद्दों के सहारे 2003 में साध्वी ने अहंकारी राजा की सत्ता पलटी थी। लेकिन बीते कुछ घटनाक्रमों पर गौर फरमाएं तो स्पष्ट होता है कि ये मुद्दे आज भी प्रासंगिक हैं। इन मुद्दों के मूल में कहीं न कहीं अफसरों की मनमानी और गैर जिम्मेदाराना पूर्ण कार्यप्रणाली निहित है।

सबसे पहले सड़क की बात :

प्रदेश में इंदौर को छोड़कर 3 बड़े प्रमुख शहर भोपाल, ग्वालियर और जबलपुर की सड़कों की हालत खस्ता है। दूरस्थ अंचल की सड़कों की बात तो छोड़िए राजधानी की सड़कें गड्ढमगड्ढा हो रही हैं। कुछ दिनों पहले जब मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भोपाल की व्यस्ततम हमीदिया रोड से निकले तो सड़क की खस्ता हालत देखकर उनका गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया। उन्होंने अफसरों को चेताया कि यह स्थिति बर्दाश्त नहीं होगी। मैं 15 दिन बाद आकर फिर स्थिति का जायजा लूंगा। दिलचस्प बात यह है की प्रकाश पर्व के मौके पर मुख्यमंत्री 15 दिन बाद जब इसी सड़क पर स्थित गुरुद्वारे पहुंचे तब भी सड़क की हालत वैसी की वैसी ही थी। यानी अफसरों के कान में जूं तक नहीं रेंगी। दूसरी ओर अपने क्षेत्र ग्वालियर में एक सड़क की खस्ता हालत देखकर मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने जूते चप्पल का त्याग कर दिया। उन्होंने शपथ ली कि जब तक सड़क ठीक नहीं होगी तब तक वे जूते चप्पल नहीं पहनेंगे। इसमें भी तुर्रा यह है सड़क निर्माण के लिए जिम्मेदार एजेंसी के एक अफसर ने उनसे कह दिया कि अब आपको 3 महीने तक नंगे पैर ही रहना पड़ेगा, क्योंकि सड़क बनने में कम से कम 3 महीने लगेंगे। यानी अफसरों की हिमाकत देखिए कि वे सड़क बनाने की डेडलाइन तय नहीं कर रहे बल्कि मंत्री के जूते चप्पल पहनने की डेडलाइन तय कर रहे हैं।
सड़कों को लेकर एक और वाकया तब हुआ जब केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी हाल ही में मंडला आए। यहां वे बरेला से मंडला तक 400 करोड़ रुपए की लागत से बनने वाली 63 किलोमीटर लंबी टू लेन रोड के काम को देख कर इतने नाराज हुए कि उन्होंने इसके लिए मंच से जनता से माफी मांगी।
कहने का अर्थ यह है कि प्रदेश में सड़कों की खस्ताहाल से मंत्री खुश नहीं है। मुख्यमंत्री भी नाराज हैं। और केंद्रीय मंत्री को तो माफी मांग कर प्रदेश से रुखसत होना पड़ा। इन खस्ताहाल सड़कों में कुछ सड़कें पीडब्ल्यूडी की हैं और कुछ नगर निगम की। सड़कों को लेकर जब पीडब्ल्यूडी मंत्री गोपाल भार्गव से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि हमारे पास सड़कों की मरम्मत के लिए बजट ही नहीं है। वहीं नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह ने कहा कि बजट की कोई कमी नहीं है। मतलब सड़क को लेकर दो मंत्रियों के दो अलग-अलग बयान। यानी कोआर्डिनेशन का अभाव। सवाल यह भी है कि जब बजट की कमी नहीं है तो प्रदेश की सड़कें खराब क्यों है? इसका जवाब किसी के पास नहीं है। इस बीच 2023 के चुनाव को देखते हुए विधायकों ने अपने क्षेत्र की सड़कों को दुरुस्त करने के लिए मंत्रियों पर दबाव बढ़ाना शुरू कर दिया है। अब यह दबाव कितना काम आएगा और यह सड़कें कब तक दुरुस्त होंगी यह तो फिलहाल तय नहीं है लेकिन इतना तय जरूर है कि जल्दी ही सड़कें दुरुस्त नहीं की गई तो जनता भाजपा को भी सड़कों पर ला देगी।

अब बात बिजली की :

बीते दिनों प्रदेश की राजधानी भोपाल में बिजली कंपनी के अफसरों ने मनमानीपूर्ण रवैया अख्तियार करते हुए स्ट्रीट लाइट बंद कर दी। यह स्ट्रीट लाइट एक-दो दिन नहीं बल्कि पूरे 11 दिन बंद रही। कंपनी के अफसरों का कहना था कि नगर निगम ने बिजली बिल के ₹ 24 करोड़ बकाया जमा नहीं कराए हैं। इस बीच नगर निगम ने भी बिजली कंपनी पर 46 लाख से ज्यादा की रिकवरी निकाल दी। विवाद बढ़ा तो भूपेंद्र सिंह ने दोनों विभागों के अफसरों की बैठक बुलाई तब जाकर मामला शांत हुआ। फिर भी राजधानी के कई इलाकों की स्ट्रीट लाइट बंद रही। यह विवाद फिलहाल तो टल गया है, लेकिन इसका स्थाई समाधान निकालना जरूरी है। यह बात सही है कि नगर निगम को सही समय पर बिजली बिल जमा करना चाहिए लेकिन अफसरों को यह अधिकार किसने दिया कि वे नगर निगम की की आड़ में भोली-भाली जनता को बिजली जैसी मूलभूत सुविधाओं से ही वंचित कर दे। आखिर नगर निगम की कारगुजारी की सजा जनता क्यों भुगते। स्ट्रीट लाइट बंद करने से पहले बिजली कंपनी के अफसरों के मन में यह सवाल क्यों नहीं आया? सवाल यह भी है कि बिजली समस्या का जो हल मंत्री के हस्तक्षेप के बाद निकाला गया वह पहले भी निकाला जा सकता था। कम से कम लोगों को परेशान तो होना नहीं पड़ता।

और अंत में बात बात पानी की :

नगर निगम के अफसरों की कारगुजारियों की वजह से इस बार मई माह की भरी गर्मियों में भोपाल की आधी आबादी को 6 दिन तक पीने का पानी नहीं मिला। 44 डिग्री टेंपरेचर में जब लोग पसीने – पसीने हो रहे थे तो पीने के पानी के लिए तरस गए। कारण यह था कि कोलार पाइप लाइन ठीक करने के लिए अफसरों ने भरी गर्मी का समय चुना। पाइपलाइन की कमिश्निंग का काम 3 दिन की बजाए 5 दिन में पूरा हुआ। तब जाकर 6 दिन बाद लोगों को पानी नसीब हुआ, जबकि यह काम समय रहते पहले भी पूरा किया जा सकता था। यही नहीं जब काम चल रहा था तब राजधानी के बाशिंदों ने आवाज उठाई कि यह काम मानसून आने के बाद कर लें ताकि पानी की किल्लत न हो, लेकिन अफसरों ने एक न सुनी। इसके लिए लोग नगर निगम अधिकारी एके पवार की कार्यप्रणाली को जिम्मेदार ठहरा चुके हैं। इस पूरे मसले को लेकर जब मीडिया में खबरें चलीं तब अफसरों की तंद्रा टूटी। सवाल यह है कि विभागीय मंत्री के संज्ञान में लाए बिना अफसर ऐसे डिसीजन कैसे ले रहे हैं? क्या भूपेंद्र सिंह जी सहज, सरल स्वभाव के व्यक्ति हैं इसलिए अफसर उनके इन गुणों का फायदा उठाना चाहते हैं ? या विभागों में आपसी तालमेल नहीं है या अफसरों के बीच टकराव इतना बढ़ गया है कि वह मनमानी पूर्ण फैसले लेने से भी नहीं चूक रहे? इन सवालों का हल निकाला जाना जरूरी है क्योंकि इससे विभाग की छवि खराब होती है। और लोगों को मंत्री को कटघरे में खड़ा करने का बहाना मिल जाता है। इसलिए अफसरों को ऐसी विषम परिस्थितियों को योजनाबद्ध तरीके से हैंडल करना चाहिए ।

सीएम का गिरीश कुमार सोलंकी ने किया स्वागत

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भोपाल

प्रदेश के यशस्वी मुख्य मंत्री शिवराज सिंह का सीहोर हेलिपेड पर सीहोर विकाश पुरुष सीहोर विधायक सुदेश राय एवं भाजपा मंडल अध्यक्ष देवीपुरा गिरिश् सोलंकी (लालू बना) चाँदबड़ जागीर व देवीपुरा मंडल के कार्यकर्ताओ द्वारा पुष्पगुछ देकर स्वागत किया गया।

Bharat Jodo Yatra: बुरहानपुर के रास्ते राहुल का मध्यप्रदेश में प्रवेश, बोले- डर से मुक्ति हमारा लक्ष्य

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TIO BHOPAL

कांग्रेस सांसद राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा बुधवार को महाराष्ट्र से मध्यप्रदेश पहुंची। यात्रा का पहला पड़ाव बुरहानपुर जिले का बोदरली गांव रहा। यहां सुबह 7 बजे राहुल का आरती उतारकर स्वागत किया गया। ​​बंजारा लोक नृत्य कलाकार रीना नरेंद्र पवार ने उनके स्वागत में लोक नृत्य की प्रस्तुति दी। एमपी में अपने पहले भाषण में ही उन्होंने भाजपा पर हमला बोला। कहा- BJP पहले डर फैलाती है फिर हिंसा। हिंदुस्तान में किसी को डरने की जरूरत नहीं है।

राहुल का काफिला सुबह 6 बजे महाराष्ट्र के जलगांव जामोद से रवाना हुआ। एमपी में यात्रा की शुरुआत बोदरली से हुई है। यहां पूर्व मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने स्वागत किया। कहा- भारत जोड़ो यात्रा को मध्यप्रदेश में सबसे ज्यादा जन समर्थन मिलेगा। यात्रा साढ़े तीन घंटे चलकर बुरहानपुर पहुंची।

– बुरहानपुर के सेंट जेवियर स्कूल के बाहर भारत जोड़ो यात्रा में शामिल लोगों के बीच धक्का-मुक्की हुई। कुछ मीडियोकर्मियों के साथ भी ऐसा हुआ।

– राहुल गांधी सुबह करीब सवा 11 बजे बुरहानपुर के सेंट जेवियर स्कूल पहुंचे। यात्रा यहां विश्राम करेगी। बुरहानपुर में दोपहर साढ़े तीन बजे यात्रा दोबारा शुरू होगी। शाम 7 बजे ट्रांसपोर्ट नगर में सभा होगी। सभा के बाद राहुल गांधी झिरी में रात रुकेंगे।

जयराम बोले- दिग्विजय सबसे युवा भारत यात्री
भारत जोड़ो यात्रा के मीडिया प्रभारी जयराम रमेश ने बताया कि यात्रा अब तक 32 जिलों से गुजर चुकी है। देश का ध्यान सिर्फ राहुल गांधी पर है। 120 यात्री और राहुल गांधी के साथ चल रहे हैं। इन 120 में से करीब एक तिहाई महिलाएं हैं। इनकी औसत आयु इनकी साल है। मध्यप्रदेश के 11 यात्री हैं। इनमें से 4 महिलाएं। सबसे युवा और सबसे सक्रिय भारत यात्री दिग्विजय सिंह हैं। राहुल के अलावा अगर कोई यात्री चलता है तो वो हैं दिग्विजय सिंह। राहुल का 28 नवंबर को 40 मिनट के लिए इंदौर में प्रेस कॉन्फ्रेंस होगी। जगह अभी निश्चित नहीं है। प्रेस कॉन्फ्रेंस में 18 से 20 सवाल लेंगे। 77 दिन में यह 7वां प्रेस कॉन्फ्रेंस होगा। हम 6 बजे यात्रा शुरू करेंगे। उज्जैन में 29 को पब्लिक रैली होगी। 30 को विश्राम का दिन है। 26 को राहुल महू जाएंगे।

देवताओं के गुरु बृहस्पति का राशि परिवर्तन 4 राशियों पर बरसेगी कृपा

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डा पंडित गणेश शर्मा

24 नवंबर से गुरु का राशि परिवर्तन हो रहा है इस बारे में शहर के ज्योतिषाचार्य डा पंडित गणेश शर्मा स्वर्ण पदक प्राप्त ज्योतिषाचार्य ने बताया की देवताओं के गुरु कहे जाने वाले बृहस्पति ग्रह 24 नवंबर को मार्गी होने जा रहे हैं. उनके मार्गी होने से 4 राशियों की किस्मत संवरने वाली है ज्योतिष शास्त्र के अनुसार हर महीने कोई न कोई ग्रह अपनी राशि में परिवर्तन करता रहता है. जब भी कोई ग्रह अपनी राशि बदलता है तो इसका असर सभी 12 राशियों पर अलग-अलग पड़ता है. देवताओं के गुरू कहे जाने वाले बृहस्पति इस महीने 24 नवंबर को मीन राशि में मार्गी करने जा रहे हैं. उनके मार्गी होने से 4 राशियों का सोया भाग्य जागने वाला है. गुरु बृहस्पति के राशि परिवर्तन करने से उनके में घरसुख-समृद्धि का अंबार लगने लगेगा और खूब पैसा बरसेगा 29 जुलाई को वक्री हुए थे देवगुर। बृहस्पतिअब मार्गी होंगे
डा पंडित गणेश शर्मा स्वर्ण पदक प्राप्त ज्योतिषाचार्य के मुताबिक गुरु बृहस्पति इस साल 29 जुलाई को मीन राशि में वक्री हुए थे. अब वे 24 नवंबर को इसी राशि में मार्गी हो जाएंगे. बृहस्पति ग्रह को किसी एक राशि से दूसरी राशि में प्रस्थान करने के लिए करीब 1 वर्ष का समय लग जाता है. मान्यता है कि बृहस्पति सभी 12 ग्रहों में सबसे ज्यादा शुभ फल देने वाला ग्रह है. उसे धन, वैभव, शिक्षा, संतान, आध्यात्म, विवाह, मान-सम्मान और भाग्य का प्रतीक माना जाता है. इस गोचर से काफी सारे लोगों की उम्मीदें पूरी होने जा रही हैं.


न 4 राशियों पर बरसेगी बृहस्पति की कृपा
डा पंडित गणेश शर्मा का कहना है कि देवगुरू बृहस्पति के मार्गी होने से कर्क, वृश्चिक, कन्या और वृषभ राशि वालों की किस्मत संवरने वाली है. उन्हें नौकरी-व्यापार में भारी धनलाभ मिल सकता है. कईयों को प्रमोशन और इंक्रीमेंट मिलने के भी योग हैं. उन्हें बिजनेस में बढ़िया ऑर्डर भी मिल सकते हैं. कोर्ट-कचहरी के पुराने मुकदमे फेवर में हल हो सकते हैं. लंबे समय से चली आ रही बीमारी से निजात मिल सकती है. संतान की पढ़ाई की ओर से खुशखबरी मिल सकती है.
बृहस्पति ग्रह को मीन और धनु राशि का स्वामी माना जाता है. इसलिए इन राशियों पर उनकी हमेशा विशेष कृपादृष्टि रहती है. वहीं जिन लोगों की कुंडली में बृहस्पति की स्थिति अच्छी नहीं होती, उन्हें विशेष उपाय करने की जरूरत होती है. उन्हें हर गुरुवार को भगवान विष्णु की पूजा करनी चाहिए. साथ ही यथासंभव पीली चीजों का दान और गायों को चारा खिलाना चाहिए. मान्यता है कि ये उपाय करने से देव गुरु बृहस्पति प्रसन्न होते हैं और जातक पर अपनी कृपा बरसाते हैं.

सयाजी होटल रीवा में शुरू

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TIO रीवा

सयाजी ग्रुप आफ होटल्स ने रीवा में एक नई संपत्ति ‘एनराइज बाय सयाजी’ लॉन्च की है। रेलवे, सड़क और हवाई मार्ग से सभी प्रमुख शहरों से अच्छी तरह जुड़ा हुआ, यह होटल कॉपोर्रेट और अवकाश यात्रियों दोनों के लिए यात्रा में आसानी प्रदान करता है। रीवा भारत में मध्य प्रदेश राज्य के उत्तर-पूर्वी भाग में स्थित एक शहर है। यह रीवा जिले और रीवा संभाग का प्रशासनिक केंद्र है।

शानदार कमरे, रेस्तरां, दो विशाल लॉन और एक विशाल बैंक्वेट हॉल शामिल है। सभी अतिथि कमरे पूरी तरह से वातानुकूलित हैं और समकालीन तत्वों, हाई स्पीड वाई-फाई कनेक्टिविटी, एलईडी टीवी, वार्डरोब, चाय-कॉफी मेकर, मिनीबार और सुरक्षा लॉकर्स से परिपूर्ण हैं। सयाजी होटल्स के प्रबंध निदेशक, रूफ धनानी ने कहा, “हम अपने मेहमानों का स्वागत करने के लिए उत्साहित हैं और यह सुनिश्चित करते हैं कि उनके अनुभव का हर विवरण वास्तव में अविस्मरणीय है। गुणवत्तापूर्ण आवास प्रदान करने पर हमारे अत्यधिक ध्यान के साथ हम इस शहर की यात्रा करने वाले हमारे सभी मेहमानों के लिए एक सुखद प्रवास सुनिश्चित करने की उम्मीद करते हैं।

सयाजी होटल्स भारत का प्रमुख अपस्केल लाइफस्टाइल हॉस्पिटेलिटी ब्रांड है, जो अपने बेस्पोक अनुभवों, सिग्नेचर हॉस्पिटेलिटी और 4-स्टार और 5-स्टार होटलों की श्रेणी में संपन्नता के नए मानकों के लिए प्रसिद्ध है। प्रत्येक संपत्ति में भोज और भोजन एवं पेय सुविधाओं की मेजबानी के साथ शानदार कमरे हैं।

कांग्रेस विधायक सिंघार पर पत्नी ने कराया रेप का केस

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TIO BHOPAL

आदिवासी विधायक उमंग सिंघार MP की पूर्ववर्ती कमलनाथ सरकार में वन मंत्री रहे हैं। सिंघार धार जिले की गंधवानी विधानसभा से 3 बार के विधायक हैं। सिंघार कांग्रेस में राष्ट्रीय सचिव होने के साथ ही कई प्रदेशों के प्रभारी भी हैं। धार पुलिस ने पूर्व मंत्री उमंग सिंघार के खिलाफ घरेलू हिंसा और रेप का केस दर्ज किया है। शिकायतकर्ता 38 वर्षीय महिला ने पुलिस को दिए आवेदन में खुद को सिंघार की पत्नी बताया है। उसने पहले जबलपुर थाने में शिकायत की थी, जहां से धार पुलिस को सूचना मिली। इसके बाद प्रकरण दर्ज किया गया। पीड़िता ने विधायक पर मानसिक रूप से प्रताड़ित करने का भी आरोप लगाया है।

धार एसपी आदित्य प्रताप सिंह ने केस दर्ज होने की पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि पीड़िता की शिकायत पर दुष्कर्म सहित अप्राकृतिक कृत्य की धारा 376, 377, 498 ए सहित अन्य धाराओं में मामला दर्ज किया गया है।

‘मैं PWD के पीछे धार में रहती हूं। मेरे पति उमंग सिंघार से मेरी जान पहचान पब्लिक प्रोग्राम में हुई थी। तब से मेरी उमंग सिंघार से फोन पर बातचीत होने लगी। उमंग सिंघार ने मुझसे कहा था कि मैं तुमसे शादी करूंगा। तुम मेरे साथ चलो। मैं उनके साथ भोपाल में और धार में भी रही। धार में PWD के ऑफिस के पीछे रही।

यहां पर उमंग सिंघार ने मुझे शादी का झांसा देकर शारीरिक संबंध बनाए। फिर मैंने उमंग से शादी करने का बोला तो आनाकानी करने लगे। मैंने उन्हें बोला कि तुमने मेरा इतने दिन शारीरिक शोषण किया। अब तुम शादी के लिए मना कर हो। मैं तुम्हारे खिलाफ कार्रवाई करूंगी। इस पर उमंग सिंघार ने मुझसे दिनांक 16 अप्रैल 2022 को भोपाल में शादी कर ली। शादी के बाद मेरे पति उमंग सिंघार का बर्ताव मेरे साथ बदल गया। वे मुझे मानसिक रूप से प्रताड़ित करने लगे।

शादी के 2 माह बाद ही मेरे पति मुझसे लगातार गाली-गलौज करने लगे। मेरी इच्छा के विरूद्ध मेरे साथ शारीरिक संबंध बनाते थे। मैं मना करती थी तो बेरहमी से मारपीट करते थे। मुझे धक्का देते थे और कई बार मुझे जान से मारने की धमकी देते थे। मेरे अश्लील वीडियो बनाकर मुझे ब्लैकमेल करते थे। मेरे साथ अप्राकृतिक संबंध बनाते थे। कुछ सामान लेकर आते थे अलग-अलग प्रकार के और उनका उपयोग करने को कहते थे। फिर दिखाने को भी कहते थे। कुछ ऐसा कृत्य करने को भी मजबूर करते थे, जिनके लिए मैं शारीरिक व मानसिक रूप से तैयार नहीं रहती थी। फिर वो भी मेरे साथ करते थे।

26 अक्टूबर 2022 को मेरे पति ने शराब पीकर मुझे कई बार बोला कि जमीन में जो कट्टा गढ़ा है, उसे लेकर आओ आज तुम्हारा काम खत्म कर देते हैं। उसके बाद मेरा हाथ पकड़ा और मुझे जबरदस्ती बालकनी से लटका दिया था, तब भी मैंने बड़ी मुश्किल से अपनी जान बचाई थी। 27 अक्टूबर 2022 को दोपहर 12 बजे धार में जबरदस्ती शारीरिक संबंध बनाने की कोशिश की। मैंने मना किया तो मेरे साथ मारपीट की और मेरा रेप किया। इसके बाद मुझे कमरे में बंद कर दिया। मैंने उसी दिन 3 बजे करीब पुलिस 100 डायल को फोन किया। इसके कुछ देर बाद पुलिस आई। फिर पुलिस के जाने के बाद मुझसे मेरे पति ने मोबाइल छीना और मुझे कमरे में दोबारा बंद कर दिया। मेरे पति की बहन टीना उर्फ शिवानी जिसका तलाक हो चुका है, वो आए दिन धार वाले घर पर आती-जाती है। उसने पुलिस को बाहर से ही रवाना कर दिया था। उसके बाद में बहुत डर गई।

इसके बाद 02 नवंबर 2022 को फिर मेरे साथ जोर जबरदस्ती की गई और उमंग सिंघार बार-बार बोल रहा था तुझे खत्म ही कर दूंगा। जैसे पहली वाली अंकिता को मारा है, ऐसे ही तुमको मार दूंगा। किसी को कुछ पता भी नहीं चलेगा। इस पर फिर मैंने रात 9-10 बजे के लगभग पुलिस को फोन किया, तब पुलिस घर के अंदर आई। पुलिस ने मुझे छुड़ाया। इस पर सिंघार ने काफी देर तक पुलिस को रोककर रखा। पुलिस पर अपना रौब दिखाने की कोशिश की। पुलिस मुझे थाना नौगांव धार ले गई, जहां मैने पति के विरुद्ध आवेदन दिया था। जिस पर उस समय मेरे द्वारा लिखित में एफआईआर नहीं करने के संबंध में दिया गया था। पर थाने में मुझे पता चला कि मेरे पति ने थोड़ी देर पहले मुझ पर घर में काम करने वाली नौकरानी से मेरे ऊपर झूठी शिकायत थाने में करवाई है, जबकि गायत्री का पति गणेश मेरे पति के पास कई वर्षों से काम कर रहा है। मेरे पति ने गणेश के नाम से बेनामी संपत्ति ले रखी है। ये सब जालसाजी मेरे पति द्वारा की गई है।

परिवार की प्रतिष्ठा और डर से थी चुप

सिंघार के द्वारा सेक्टर-43 हाउस नंबर 7517 में भी मेरे साथ मारपीट की गई थी और अनैतिक कृत्य भी किया गया था। उस समय सिंघार ने दोस्तों को भी घर बुला रखा था। ऐसे में जबरदस्ती का विरोध करना काफी मुश्किल रहा। आवाज सुनकर घर के ऊपर रहने वाले पड़ोसियों ने 100 डायल पर फोन कर पुलिस को बुलाया। पुलिस घर आई उस दिन भी सिंघार ने पुलिस को भगा दिया, जिसकी शिकायत मैंने थाना सेक्टर-43 में दर्ज कराई थी। मेरे पति द्वारा लगातार मुझे जान से मारने की धमकियां देकर मानसिक प्रताड़ना दी जा रही है और दबाव बनाया जा रहा है कि मैं अपना मुंह बंद रखूं। सिंघार लगातार मेरे विरुद्ध जालसाजी कर मुझे झूठे प्रकरण में फंसाने की कोशिश कर रहा है। मैं पिछले 4 महीने से प्रताड़ित हो रही हूं। अपने परिवार की प्रतिष्ठा और पति के डर से चुप थी, लेकिन अब अति होने के बात मैंने ये एफआईआर की है।’

राहुल की यात्रा से BJP डरी, इसीलिए झूठे हथकंडे अपना रही
कांग्रेस के सीनियर लीडर और पूर्व मंत्री पीसी शर्मा ने कहा है कि यह प्रेशर पॉलिटिक्स है। कांग्रेस का विधायक टूटेगा नहीं। राहुल गांधी की यात्रा से BJP डरी हुई है, इसलिए झूठे हथकंडे अपना रही है। मामले की उच्च स्तरीय जांच होना चाहिए।

राहुल गांधी सरकार के ख़िलाफ़ जन-आंदोलन खड़ा करेंगे ?

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श्रवण गर्ग

‘भारत जोड़ो यात्रा’ दो सप्ताह बाद तीन महीने पूरे कर लेगी। राहुल गांधी तब तक यात्रा के निर्धारित लक्ष्य का आधे से ज़्यादा फ़ासला तय कर चुके होंगे। अद्भुत नज़ारा है कि लोगों के झुंड बावन-वर्षीय नेता के आगे और पीछे टूटे पड़ रहे हैं। सत्तारूढ़ भाजपा सहित विपक्षी दलों के नेता हतप्रभ हो देश के भावी राजनीतिक परिदृश्य का अनुमान लगा रहे हैं। यात्रा के सहभागियों को लेकर अब तो प्रधानमंत्री ने भी राहुल पर हमलों की शुरुआत कर दी है। उन्होंने इसकी शुरुआत गुजरात से की है जहां राहुल के कदम पड़ना अभी बाक़ी हैं। कांग्रेस के नेताओं के बीच होड़ मची है कि राहुल का हाथ थामकर साथ चलते का कोई फ़ोटो मीडिया में जगह पा जाए। उनके लिए पार्टी में अपनी हैसियत उजागर करने का अब यही आधार कार्ड बन गया है।

दूसरी ओर, वह जनता जो यात्रा के गुज़र जाने के बाद सड़कों पर पीछे छूटती जा रही है और जिसे आने वाले दिनों में पहले की तरह ही ज़मीनी हक़ीक़तों से जूझना है, उसके मन में एक महत्वपूर्ण सवाल उठ रहा है ! सवाल यह है कि तीन हज़ार सात सौ पचास किलो मीटर या उससे ज़्यादा चल लेने , महात्मा गांधी की नज़रों से असली भारत देख लेने, लाखों लोगों के ‘मन की बात’ और तकलीफ़ें सुन-समझ लेने के बाद यात्रा जब एक दिन पूरी हो जाएगी, सभी सहयात्री अपने ठिकानों के लिए रवाना हो जाएँगे, राहुल के कदम किस दिशा की तरफ़ पड़ने वाले हैं ? तब तक उन्हें यह भी पता चल जाएगा कि दिन सड़कों पर और कंटेनरों में कष्ट-साध्य रातें बिताने के बाद जितना भी पुण्य उन्होंने अर्जित किया है वह हिमाचल और गुजरात के चुनावों में पार्टी के लिए कितनी सीटों में तब्दील हुआ है। परिस्थितियों के मुताबिक़ जवाब के लिए इस तर्क को तो सुरक्षित रखा ही जा सकता है कि यात्रा राजनीतिक उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए थी ही नहीं !

राहुल प्रधानमंत्री को तो जनता के ‘मन की बात’ भी सुनने की चुनौती दे रहे हैं पर ख़ुद अपनी आधी यात्रा के बाद भी जनता के मन में उठ रहे सवाल का कोई यक़ीनी जवाब देने से कतरा रहे हैं। वे कहते हैं यात्रा के बाद क्या करना है इसका उत्तर कांग्रेस अध्यक्ष से पूछिए ! वे जैसा भी आदेश देंगे। राहुल इस बारे में भी कोई भविष्यवाणी नहीं करना चाहते हैं कि यात्रा से कांग्रेस को कितना लाभ मिलेगा। राहुल के मुताबिक़, कांग्रेस को इतना ज़रूर लगता है कि यात्रा से रास्ता निकलता है।

कांग्रेस और स्वयं के भविष्य को लेकर बात करने से राहुल चाहे जितना बचना चाह रहे हों, यात्रा की समाप्ति के दिन जैसे-जैसे नज़दीक आ रहे हैं, पार्टी में उनके लिए कामों का ढेर जमा होता जा रहा है जबकि उन्होंने अपने आप को सभी ज़िम्मेदारियों से आज़ाद कर रखा है। मसलन, राजस्थान में यात्रा के प्रवेश के ठीक पहले अजय माकन ने राज्य के प्रभारी पद से यह कहते हुए इस्तीफ़ा दे दिया कि इतने दिनों के बाद भी नए पार्टी अध्यक्ष मल्लीकार्जुन खड़गे ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के समर्थक बग़ावती नेताओं के ख़िलाफ़ कोई अनुशासनात्मक कार्रवाई नहीं की। ऐसे में अपमानजनक तरीक़े से राज्य का प्रभारी बने रहने का कोई औचित्य नहीं है। इस बीच खड़गे ने एक काम अवश्य कर दिखाया :

‘भारत जोड़ो यात्रा’ के हैदराबाद पड़ाव के दौरान एक नवंबर को हुई एक जनसभा में खड़गे ने घोषणा कर दी कि कांग्रेस राहुल गांधी के नेतृत्व में 2024 में केंद्र में सरकार बनाएगी। यानी राहुल संयुक्त विपक्ष के पीएम उम्मीदवार होंगे। राहुल गांधी इस अवसर पर उपस्थित थे। उन्होंने खड़गे के कहे पर कोई टिप्पणी नहीं की। ‘भारत जोड़ो यात्रा’ जब हैदराबाद पार कर महाराष्ट्र के अकोला पहुँची तो 2024 में पीएम पद की उम्मीदवारी को लेकर पत्रकार वार्ता में पूछे गए एक सवाल के जवाब में उनका उत्तर था : हम अभी इस बारे में नहीं सोच रहे हैं । हमारा काम अभी भारत जोड़ो यात्रा है।

इस सवाल को लेकर चिंता ज़ाहिर करना प्रारंभ हो जाना कि चाहिए कि अपनी महत्वाकांक्षी यात्रा की समाप्ति के बाद राहुल गांधी कांग्रेस और देश को किस तरह का नेतृत्व और दिशा प्रदान करने वाले हैं ! वे देश की जनता को निराश तो नहीं करने वाले हैं ? राहुल गांधी द्वारा अचानक से उठा लिए जा सकने वाले कदमों को लेकर कांग्रेस और देश में हमेशा धुकधुकी बनी रहती है। इसमें यह भी शामिल है कि छुट्टियाँ मनाने के लिए वे किसी विदेश यात्रा पर तो नहीं निकल जाएँगे ?

इस बात से संदेह दूर हो जाना चाहिए कि ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के ज़रिए राहुल ने 137-वर्षीय पुरानी कांग्रेस को अब अपने अस्तित्व के लिए पूरी तरह से अपने ऊपर निर्भर कर दिया है। वे कांग्रेस के नरेन्द्र मोदी बन गए हैं। आश्चर्य नहीं होना चाहिए कि 26 अक्टूबर को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष पद का कार्यभार ग्रहण कर लेने के बाद से खड़गे ने कोई भी साहसपूर्ण निर्णय नहीं लिया है। क्या निर्णयों के लिए खड़गे ,राहुल की दिल्ली वापसी की प्रतीक्षा कर रहे है ?

महाराष्ट्र के एक प्रतिष्ठित नेता और पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के अपने राज्य में प्रवेश के दौरान राहुल गांधी से मुलाक़ात के बाद एक महत्वपूर्ण खुलासा किया था। बहुत लोगों ने उस पर ध्यान नहीं दिया। चव्हाण ने कहा था कि राहुल का इरादा मोदी सरकार के ख़िलाफ़ एक मज़बूत ‘जन आंदोलन’ खड़ा करने का है। चव्हाण ने यह भी कहा था राहुल नहीं चाहते हैं कि ‘भारत जोड़ो यात्रा’ कांग्रेस आधारित आंदोलन हो। सवाल यह है कि क्या चव्हाण द्वारा किया गया खुलासा सही है ? उस पर भरोसा किया जा सकता है ? ऐसा तो नहीं होगा कि अपनी किसी अगली पत्रकार वार्ता में राहुल इस संबंध में पूछे जाने वाले प्रश्न का भी उसी तरह से जवाब पेश कर दें जैसा उन्होंने अकोला में अपनी पीएम पद की उम्मीदवारी को लेकर दिया था ?