राकेश अचल
भले ही देश आजादी की 75 वीं सालगिरह मना रहा हो किन्तु दुर्भाग्य ये है कि इस देश ने अभी तक राजनीति में सक्रिय महिलाओं की इज्जत करना नहीं सीखा है | लोकसभा में बीते रोज जो हुआ वो सदन को जख्मी और शर्मसार करने वाला था | इस एपिसोड से लोकतंत्र का वकार भी जाता रहा | राजनीति के ताश में शामिल इक्के से लेकर जोकर तक ने अपनी जहालत का सार्वजनिक प्रदर्शन किया |
इस आलेख को पढ़ने से पहले आपको ये भरोसा करना होगा कि लेखक की किसी दल या व्यक्ति के प्रति कोई आशक्ति नहीं है | सदन में कांग्रेस के अधीररंजन चौधरी ने नव निर्वाचित राष्ट्रपति को राष्ट्रपत्नी कहकर अपनी जहालत का परिचय दिया तो समूचे सत्ता पक्ष ने इस जहालत के बदले अपनी घोर जहालत को उड़ेलकर दिखा दिया | सदन में शायद अब कोई इस कद का नेता नहीं बचा है जो इस बेहूदगी को खड़ा होकर रोक सके | आसंदी के बारे में कुछ कहना सदन के विशेषाधिकार का हनन करना होगा |
अंग्रेजी शब्दों के अनुवाद में विसंगतियां और उन्हें लेकर हास-परिहास,व्यंग्य कोई नया विषय नहीं है | सावरकर के वंशज आज भी मोहनदास करम चंद गांधी को राष्ट्रपिता कहने पर आपत्ति कहते हैं | कुछ को भारत को माता कहने पर आपत्ति है ,क्योंकि भारत पुलिंग है | आपत्ति करने वालों के अपने तर्क और कुतर्क हैं ,लेकिन राष्ट्र में जो पिता है ,जो पति है सो पचहत्तर साल से है }| मुमकिन है कि देश के तमाम शहरों ,रेलवे स्टेशनों के नाम बदलने वाली सरकार अब ताजा हंगामे के बाद इन शीर्ष सम्बोधनों को भी बदल दे ,ताकि’ न रहे बांस और न बजे बांसुरी ‘ बांसुरी यदि बेसुरी हो तो न ही बजे |
.लोकसभा में जिस तरह से अतीत की अभिनेत्री और वर्तमान में केंद्र सरकार की मंत्री श्रीमती स्मृति ईरानी ने अपनी बात रखी उसे देखकर लगा की उनकी डायलॉग डिलेवरी अब पहले जैसी सुचितापूर्ण नहीं रही | वे अपनी बारबाला बेटी की जालसाजी उजागर होने के बाद कांग्रेस के प्रति न सिर्फ आक्रामक हुईं हैं बल्कि उन्होंने तमाम मर्यादाओं को भी भुला दिया है | बहरहाल ये उनका अपना मामला है | मै इस मामले में कुछ नहीं कहना चाहता | उन्होंने श्रीमती सोनिया गाँधी के प्रति किस भाषा का इस्तेमाल किया इसे पूरे देश ने देखा है | वैसे भी गोस्वामी तुलसी दास कह गए हैं कि -‘ नारी न मोहे ,नारी के रूपा,पन्नगारि यह नीति अनूपा ‘.
बात सदन की गरिमा की है | वे लोग सौभाग्यशाली हैं जो इस समय संसद में नहीं हैं ,जिन्हें मौजूदा नेतृत्व ने घर बैठा दिया है यानि मार्गदर्शक मंडल में डाल दिया है | वे यदि सदन में होते तो उन्हें मुंह छिपाने की भी जगह न मिलती | हमारा सौभाग्य है कि हम लोग संसद की कार्रवाई में रूचि रखते हैं और एक जमाने में संसद की कार्रवाई के बारे में जानने के लिए रात ग्यारह बजे के बाद आने वाले रेडियो कार्यक्रम के लिए जागते रहते थे | तब कार्रवाई का सीधा प्रसारण नहीं होता था ,लेकिन जो पढ़कर सुनाया जाता था उसी से तृप्ति हो जाती थी | अब जो सजीव देखते हैं उससे विरक्ति और कोफ़्त होने लगी है | भरोसा नहीं होता कि ये वो ही संसद है जिसमें कांग्रेस,समाजवादी पार्टी,जनसंघ और वामपंथी दलों के दिग्गज भी हुआ करते थे |
मुझे हैरानी हुई जब अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद में प्रशिक्षण के बाद अपनी साधना से आईएएस बने एक सेवानिवृत्त मित्र ने लोकसभा में अधीर रंजन की टिप्पणी पर अपना रोष जताते हुए कहा कि -‘आपको याद है कि इंदिरा गाँधी ने किस तरह अपनी भटियारिन प्रतिभा पाटिल को राष्ट्रपति बनाया था ?’ मैंने प्रतिप्रश्न किया – ‘तो क्या इसी तरह मोदी जी ने मुर्मू को राष्ट्रपति बनाया है ?’ वे चुप हो गए |बगलें झाँकने लगे | कहने का असहय ये है कि महिलाओं के प्रति हमारे समाज का दृष्टिकोण आज भी नहीं बदला है | हम सोनिया गाँधी को ‘बारबाला’ कहने में नहीं हिचकते | कांग्रेस के ही लोग इंदिरा गाँधी को ‘गूंगी गुड़िया’ कहते रहे | स्मृति ईरानी हों या रेणुका ,सबके बारे में कुछ न कुछ अभद्र कहा गया | यहां तक कि कहने वाले देश के भाग्यविधाता भी इसमें शामिल हैं |
जब मुझे याद है तो आपको भी याद होगा कि आज के पंत प्रधान ने सत्तारूढ़ होने के पहले और बाद में किस महिला को ‘जर्सी गाय’ कहा था,किस महिला को ‘ करोड़ों की गर्लफ्रेंड ‘ कहा था,किस महिला को ‘कांग्रेस की विधवा’ कहा था ,किस महिला की हंसी को ‘सूर्पणखा की हंसी’ बताया था | कहने के मामले में सब एक से बढ़कर एक हैं | जो दुस्साहसी हैं वे सदन के भीतर निर्लज्ज होकर बोलते हैं और जो सदन का मान रखना जानते हैं वे सदन के बाहर निर्लज्ज होकर बोलते हैं | कांग्रेस के मणिशंकर अइय्यर हों या भाजपा के कोई विद्वान नेता .भाषा कि दरिद्रता अब किस एक राजनीतिक दल संकट नहीं है | ये संकट चौरफा है ,और इस संकट को राष्ट्रीय संकट मानकर इसके निवारण की दिशा में काम कारणे की आवश्यकता है |
दुनिया ने बीते रोज भारत की उस निर्लज्ज संसद को सजीव देखा जो विश्व गुरु बनने का ख्वाब देखता है | भारत की गरिमा को बचाये रखने के लिए बेहतर है कि संसद की कार्रवाई का सजीव प्रसारण बंद कर दिया जाये ,.क्योंकि आशंका इस बात कि है कि ये निर्लज्जता अब कम होने के बजाय बढ़ती होई जाएगी | मुमकिन है कि मेरा सुझाव सभी को रास न आये ,लेकिन मुझे ऐसा लगता है | सदन की कार्रवाई के पारदर्शी होने का मै भी पक्षधर हूँ किन्तु जब परिदृश्य शर्मनाक हो,खौफनाक हो तब पारदर्शिता का क्या अर्थ ?
देश पर भाजपा ने बड़ी कृपा की है कि जो गा-बजाकर आदिवासी समाज की श्रीमती द्रोपदी मुर्मू जी को राष्ट्रपति
[ विवादास्पद शब्द ] पद पर बैठा दिया है ,लेकिन राजनीति में सक्रिय द्रौपदियों का चीरहरण आज भी जारी है |.हर राजनीतिक दल में जारी है | हर सदन में जारी है | इसे जब तक नहीं रोका जाता तब तक श्रीमती द्रोपदी मुर्मू को राष्ट्रपति बनाने का कोई लाभ नहीं | महिला होना और महिला होकर राजनीति में सक्रिय होना कोई पाप नहीं है | पाप तो राजनीति में जड़ें जमाये बैठे पुरुष प्रधान चरित्र के मन में है | पुरुष प्रधान राजनीति में महिलाओं को स्वतंत्र हैसियत देना ही नहीं चाहती | कोई उसे पटरानी बनाना चाहता है तो कोई गूंगी गुड़िया | राजनीति में सक्रिय महिलाओं को कोई सती-सावित्री मानने के लिए तैयार ही नहीं है ,जबकि वे सावित्री हैं | भले ही वे विवाहित हों या न हों |
देश में लोकतंत्र और लोकतान्त्रिक संस्थाओं की गरिमा को बचाये रखने का दायित्व सभी दलों और व्यक्तियों का है | एक अकेले मोदी जी या एक अकेली सोनिया गाँधी ये नहीं कर सकतीं | एक अधीर या एक स्मृति को सदन की गरिमा से खिलवाड़ करने की इजाजत नहीं दी जा सकती | यदि अब भी सब न जगे तो फिर क्या होगा इसकी कल्पना मात्र से सिहरन होने लगती है .जय श्रीराम
इंदिरा गाँधी से द्रोपदी मुर्मू तक अपमान
सदस्यों की बाड़ेबंदी- अज्ञातवास होगा खत्म
TIO BHOPAL
मध्यप्रदेश में नवनिर्वाचित जिला पंचायत सदस्यों का अज्ञातवास शुक्रवार को खत्म हो जाएगा। 51 जिला पंचायत अध्यक्षों और उपाध्यक्षों का फैसला शुक्रवार दोपहर तक हो जाएगा। चुनाव प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। जिलाें में सरकार बनाने के लिए भाजपा-कांग्रेस के कई बड़े नेताओं ने सदस्यों की बाड़ेबंदी कराई है। कई जिलों में बहुमत का आंकड़ा छूने वाले संभावित अध्यक्ष, सदस्यों की भोपाल में सीएम से मुलाकात भी करा चुके हैं। सीधी जिले में जिला पंचायत अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का चुनाव फिलहाल नहीं हो रहा है। इनका मामला कोर्ट में विचाराधीन है।
उमा की बहू और पूर्व मंत्री की पत्नी के बीच मुकाबला
पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती की बहू उमिता-राहुल सिंह लोधी टीकमगढ़ से जिला पंचायत अध्यक्ष बनने के प्रयास में हैं। उमिता के पति और उमा के भतीजे राहुल सिंह लोधी खरगापुर से बीजेपी विधायक हैं। राहुल लोधी के मुताबिक उमिता को आठ अन्य जिला पंचायत सदस्यों ने समर्थन दिया है। इनमें भक्ति तिवारी, मोहनी भक्ति तिवारी, छत्रपाल सिंह (छोटू राजा), संजू सुमन यादव, प्रतिभा ब्रजेंद्र यादव, अंजना मनोज जैन, अनिल प्रताप सिंह और पुन्नी परिक्षित कुशवाहा शामिल हैं। उमा की बहू उमिता के अलावा एक और भतीजे अनिल लोधी भी जिला पंचायत सदस्य का चुनाव जीते हैं।
उमिता का मुकाबला पूर्व मंत्री और कांग्रेस नेता यादवेन्द्र सिंह की पत्नी सुषमा सिंह से होगा। यादवेन्द्र पर हाल ही नगर पालिका चुनाव की वोटिंग के दिन विधायक राकेश गिरि से विवाद हुआ था। मामले में पुलिस ने यादवेन्द्र सिंह पर मामला दर्ज किया है। इसे लेकर नेता प्रतिपक्ष की अगुवाई में टीकमगढ़ में कांग्रेस प्रदर्शन भी कर चुकी है। टीकमगढ़ में जिला पंचायत के अध्यक्ष की कुर्सी का फैसला दोपहर तक हो जाएगा।
पुलिस ने किया जिला पंचायत सदस्यों का अपहरण
चंबल की घाटी में खूंखार डकैतों द्वारा अपहरण के किस्से बहुत सुने होंगे, लेकिन पुलिसकर्मियों द्वारा किसी जनप्रतिनिधि का अपहरण करने का मामला पहली बार सुना होगा और अजीब भी लगा होगा। लेकिन कुछ ऐसा ही आरोप पुलिस पर लगा हैं। आरोप है कि श्योपुर जिले के जिला पंचायत सदस्य मुरैना के कैलारस से गायब हो गए है। कांग्रेसी नेताओं ने पुलिसकर्मियों पर अपहरण का आरोप लगाते हुए गुरूवार रात मुरैना एसपी कार्यालय के बाहर धरना दिया और प्रदर्शन किया। साथ ही पुलिसकर्मियां के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। कांग्रेस नेताओं का आरोप है कि पुलिस ने जिला पंचायत सदस्य का अपहरण कर नकाबपोशों को सौंपा है। एसपी ऑफिस पर धरना-प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने 5 विधायक और एक पूर्व मंत्री समेत 31 कांग्रेस नेताओं को गिरफ्तार कर बाद में जमानत पर छोड़ दिया है।
बता दें कि, जिला पंचायत सदस्यों के चुनाव के बाद अब जिला अध्यक्ष पद के लिए जोड़-तोड़ शुरू हो गया है। जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर भाजपा और कांग्रेस दोनों ही बड़ी पार्टियां अपने-अपने समर्थकों के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रही है। जिला अध्य्क्ष के लिए सदस्यों के माध्यम से निर्वाचन की प्रक्रिया संपन्न होनी है। लेकिन चुनाव से ठीक एक दिन पहले गुरुवार को श्योपुर जिले से जिला पंचायत सदस्य संदीप शाक्य और गिरधारीलाल बैरवा मुरैना के कैलारस कस्बे से अचानक गायब हो गए है। जिला पंचायत सदस्यों के गायब होने पर कांग्रेस के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष रामनिवास रावत, विधायक राकेश मावई, बैजनाथ कुशवाह, रविन्द्र सिंह तोमर, अजब सिंह कुशवाह और ग्वालियर विधायक संतीश सिंह सिकरवार एसपी कार्यालय के बाहर धरने पर बैठ गए है।
कांग्रेस नेताआें का आरोप है कि संदीप शाक्य को कैलारस थाना पुलिस और गिरधारीलाल को चिन्नोनी थाना पुलिस ने पकडककर नकाबपोशों के हवाले कर दिया है। विरोध में कांग्रेसियों ने एसपी कार्यालय के बाहर करीब दो घंटे तक धरना.प्रदर्शन किया। उसके बाद पुलिस ने धरना प्रदर्शन कर रहे कांग्रेसी नेताओं को गिरफ्तार कर लिया और सभी कांग्रेसियों को पुलिस वैन में पुलिस लाईन भेज दिया। जहां पर जमानत-मुचलके पर उन्हें छोड़ दिया गया ।
इन जिलों पर सभी की निगाहें
राजधानी भोपाल के अलावा, सीएम के गृह जिले सीहोर, कमलनाथ के छिंदवाड़ा, दिग्विजय सिंह के गुना, राजगढ़, नेता प्रतिपक्ष के जिले भिंड में अध्यक्ष के फैसले पर सबकी निगाहें टिकी हैं। सीहोर के सदस्यों को भोपाल के खजूरी थाने की पुलिस ले आई। कई जिलों में सदस्यों के गायब होने और अपहरण की शिकायतें भी पुलिस के पास पहुंची हैं।
मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग 28 जुलाई को पन्ना में जनसुनवाई करेगा
TIO BHOPAL
मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग द्वारा आयोग आपके द्वार कार्यक्रम के तहत मानव अधिकार के उल्लंघन से संबंधित मामलों की जिलास्तर पर सीधी जनसुनवाई की जाती है। इसी श्रृंखला में आयोग द्वारा 28 जुलाई (गुरूवार) को जिला कलेक्टर कार्यालय, पन्ना के सभागृह में सुबह 11 बजे से केवल मप्र मानव अधिकार आयोग में पहले से लम्बित मामलों की ही जनसुनवाई की जायेगी। इस जनसुनवाई में स्वयं आयोग के माननीय अध्यक्ष न्यायमूर्ति श्री नरेन्द्र कुमार जैन, आयोग में पन्ना जिले के मामलों के प्रस्तुतकर्ता अधिकारी सहित आयोग के अन्य अधिकारी, कर्मचारी भी मौजूद रहेंगे।
थाने में षिकायत/रिपोर्ट पर संज्ञेय या असंज्ञेय मामला आने पर दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 154 या 155 के अनुसार हो कार्यवाही
थानास्तर पर किसी रिपोर्टकर्ता की षिकायत/रिपोर्ट पर संज्ञेय मामला पाया जाता है या असंज्ञेय मामला पाया जाता है, तो उसपर विधि के प्रावधानों के अनुसार दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 154 या 155, जैसी भी परिस्थिति हो, तद्नुसार कार्यवाही की जाये। मप्र मानव अधिकार आयोग में एक मामले में राज्य शासन को यह अनुषंसा की है। अपनी अनुषंसा में आयोग ने यह भी कहा है कि थानास्तर पर आई रिपोर्टों पर कार्यवाही/पर्यवेक्षण वरिष्ठ पर्यवेक्षक अधिकारियों द्वारा सुनिष्चित किया जाये। अनाधिकृत रूप से षिकायत जांच या रोजनामचा सान्हा जांच की कार्यवाहियों पर अंकुष लगाया जाये। यदि पुलिस को प्राप्त सूचना पर प्रतिबंधात्मक कार्यवाही की आवष्यकता पाई जाती है, तो उस पर त्वरित कार्यवाही सुनिष्चित की जाये। मामला छतरपुर जिले का है। आयोग के प्रकरण क्र. 5400/छतरपुर/2020 के संदर्भ में आयोग ने यह अनुषंसा की है। मामले के अनुसार आवेदिका श्रीमती शांतिबाई ने आरोपियों द्वारा उसकी भूमि पर रखे पेड़ ट्रेक्टर में भरकर ले जाने, मना करने पर उसे जातिसूचक गालियां देने, बुरी तरह मारपीट करने तथा रिपोर्ट दर्ज करने के लिये थाने जाने पर पुलिस द्वारा रूपयों का लेनदेन करने, तथापि पुलिस द्वारा कोई कार्यवाही नहीं करने की षिकायत अपने आवेदन में आयोग से की थी। मामला आयोग में 18 सितम्बर 2020 को पंजीबद्ध हुआ था। तब से आयोग ने मामले की लगातार सुनवाई कर मुख्य सचिव, मप्र शासन को यह अनुषंसा की है।
श्री सत्य सांई यूनिवर्सिटी प्रबंधन ने बच्चों के भविष्य के साथ तो खिलवाड़ कर रहा
TIO BHOPAL
सीहोर के श्री सत्य सांई यूनिवर्सिटी प्रबंधन ने बच्चों के भविष्य के साथ तो खिलवाड़ कर रहा ही है। लेकिन यूनिवर्सिटी प्रबंधन की मनमानी से आसपास के कई गांवों के किसानों की फसलें भी खराब हो रही है। ऐसा इसलिए कहा जा रहा है, क्योंकि यूनिवर्सिटी ने अब्दुल्लापुरा नाला के कैचमेंट एरिया में भी निर्माण कार्य करवा डाला। इसके कारण अब्दुल्लापुरा नाले की दिशा भी बदल गई। नाले पर निर्माण कार्य होने से बारिश के दिनों में आने वाला दर्जनों गांवों का पानी नहीं निकल पाता और इसके चलते यहां के किसानों की फसलें खराब हो रही है।
श्री सत्य सांई यूनिवर्सिटी अपनी कार्यप्रणाली को लेकर हमेशा चर्चाओं में रहती है। पिछले दिनों जहां यूनिवर्सिटी में बीएससी नर्सिंग के छात्र-छात्राओें नें हंगामा करके यूनिवर्सिटी प्रबंधन पर आरोप लगाया था कि इन्होंने फर्जी आईएनसी की मान्यता दिखाकर उनका एडमिशन कर लिया और अब उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। मामला प्रकाश में आने के बाद यूनिवर्सिटी प्रबंधन द्वारा एक पत्र जारी करके सफाई दी गई थी, लेकिन इस पत्र में भी प्रबंधन ने यह स्वीकारा था कि उनके पास आईएनसी की मान्यता नहीं है। अब यूनिवर्सिटी प्रबंधन की यह करतूत भी सामने आई हैै कि उन्होंने अब्दुल्लापुरा नाले पर अतिक्रमण करके यहां पर निर्माण कार्य भी करवा डाला है। ऐसे में जमोनिया तालाब कैसे भरेगा।
इन गांवों के किसान हैं परेशान
अब्दुल्लापुरा नाले से पीलिया, शेरपुरा, तकीपुरा, लसुड़िया, पचामा सहित दर्जनभर गांवों का पानी निकलता है। इन गांवों में बारिश के पानी की निकासी के लिए एकमात्र अब्दुल्लापुरा नाला ही है, लेकिन पिछले दिनों हुई मूसलाधार बारिश में नाले पर निर्माण कार्य करवाने के चलते बारिश का पानी नालें से कम निकला औैर किसानों के खेतों में भरा गया। दरअसल श्री सत्य सांई यूनिवर्सिटी प्रबंधन द्वारा अब्दुल्लापुरा नाला के कैचमेंट एरिया में भी निर्माण कार्य करवाया गया है। इसके कारण नाले की दिशा भी बदल गई है।
एसडीएम अमन मिश्रा ने बताया कि श्री सत्य सांई यूनिवर्सिटी द्वारा यदि अब्दुल्लापुरा नाला पर अतिक्रमण करके निर्माण कार्य कराया गया है तो इसकी जांच कराएंगे औैर कार्रवाई भी करेंगे।
अधीर रंजन ने मुर्मू को राष्ट्रपत्नी कहा, संसद में हंगामा
TIO NEW DELHI
कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने बुधवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपत्नी कह दिया। इसके बाद गुरुवार को इस बयान को लेकर महिला भाजपा सांसदों ने सदन में हंगामा किया। हाथों में सोनिया माफी मांगें का पोस्टर लेकर उन्होंने नारेबाजी की। स्मृति ईरानी ने कहा कि सोनिया गांधी को माफी मांगनी होगी। लोकसभा और राज्यसभा में हुए हंगामे के कारण दोनों सदनों की कार्यवाही स्थगित की गई।
हंगामे के बीच अधीर रंजन ने गुरुवार को संसद के बाहर अपने बयान पर सफाई दी। उन्होंने माफी मांगने से साफ इनकार किया पर बोले- गलती से मैंने मुर्मू को राष्ट्रपत्नी कह दिया, अब आप मुझे फांसी पर चढ़ाना चाहते हैं तो चढ़ा दीजिए। सत्ताधारी दल तिल का ताड़ बनाने की कोशिश कर रहा है।
स्मृति ने सदन में कहा- कांग्रेस गरीब और आदिवासियों की विरोधी है। अपनी गलती पर माफी मांगने की जगह कांग्रेस सीनाजोरी कर रही है। सोनिया गांधी को कांग्रेस की तरफ से माफी मांगनी चाहिए। कांग्रेस ने हर भारतीय नागरिक का अपमान किया है।
इस पर मीडिया को जवाब देते हुए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा कि अधीर पहले ही अपनी गलती मान चुके हैं।
अधीर रंजन ने कहा था- राष्ट्रपत्नी सबके लिए हैं
अधीर रंजन से बुधवार को जब मीडिया ने पूछा था कि आप राष्ट्रपति भवन जा रहे थे, जाने नहीं दिया गया। तब उन्होंने कहा था कि आज भी जाने की कोशिश करेंगे। हिंदुस्तान की “राष्ट्रपत्नी’ सबके लिए हैं। हमारे लिए क्यों नहीं।
पहली बार संसद की कार्यवाही भाजपा के कारण रुकी
मौजूदा सत्र में विपक्ष लगातार महंगाई और GST के मुद्दे पर हंगामा कर रहा है। 18 जुलाई से शुरू हुए मानसून सत्र के पहले दिन महंगाई को लेकर राज्यसभा में हंगामा हुआ था। इसके बाद दोनों सदनों की कार्यवाही 19 जुलाई तक के लिए स्थगित कर दी गई थी। 20 जुलाई को लोकसभा पहले शाम 4 बजे तक, फिर पूरे दिन के लिए रोकी गई। इसके बाद GST को लेकर हंगामे के बाद राज्यसभा दोपहर से ही पूरे दिन के लिए स्थगित रही। इस सप्ताह संसद में हंगामा करने के कारण लोकसभा के चार और राज्यसभा के 20 सांसद सस्पेंड किए गए हैं।
जहां देखो वहीं से निकल रहा था कैश
TIO NEW DELHI
शिक्षक भर्ती घोटाले मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने अब तक अर्पिता मुखर्जी के दो फ्लैटों पर छापेमारी की है। छापेमारी के दौरान सोने, डॉलर और कुछ दस्तावेजों के अलावा, 51 करोड़ रुपये की नकदी का एक बड़ा भंडार मिला है। बंगाली और उड़िया फिल्म उद्योग में काम करने वाली अभिनेत्री और मॉडल अर्पिता मुखर्जी फिलहाल ईडी की हिरासत में हैं। माना जाता है कि उसने जांचकर्ताओं को खुलासा किया था कि पार्थ चटर्जी ने अपने फ्लैटों को मिनी बैंक के रूप में इस्तेमाल किया था। वहीं बरामद पैसे से तृणमूल कांग्रेस पहले ही दूरी बना चुकी है।
पहली छापेमारी में ईडी ने किया बरामद-
- 21 करोड़ रुपये के करेंसी नोट
- 70 लाख रुपये से अधिक मूल्य का सोना
- डॉलर में 50 लाख रुपये से अधिक की नकदी
- 20 मोबाइल फोन
बुधवार को दूसरी छापेमारी में ईडी ने बरामद किया
- ₹28 करोड़
- सोने की छड़ों सहित 5 किलो सोना
पार्थ चटर्जी के घर से मिले 17 सामान
कम से कम 44 पन्नों की एक डीड, 2012 की है, जो बताती है कि दोनों एक-दूसरे को कम से कम पिछले 10 सालों से जानते थे।
हार्ड डिस्क, मोबाइल फोन
नियुक्ति (स्कूलों में ग्रुप डी स्टाफ की) और पदों के स्थानांतरण से संबंधित दस्तावेज
उम्मीदवारों के प्रवेश पत्र
वॉशरूम में , वार्डरोब और संदूक भी मिला नोटों का जखीरा
ईडी ने पश्चिम बंगाल शिक्षक भर्ती घोटाले को लेकर अर्पिता मुखर्जी के चार ठिकानों को खंगाला है। कमरों के अलावा वॉशरूम, वार्डरोब और संदूक में भी नकदी छिपाकर रखी गई थी। अब तक 51 करोड़ से ज्यादा की नकदी और सोना व डॉलर आदि मिले हैं। इसे देखते हुए ईडी को आशंका है कि यह घोटाला 100 करोड़ से ज्यादा का हो सकता है।
ईडी के अधिकारियों को अर्पिता मुखर्जी के बेलघरिया स्थित आवास के बारे में पूछताछ के बाद पता चला जिसमें वह कथित तौर पर सहयोग कर रही हैं। कैश की गिनती बुधवार शाम करीब छह बजे शुरू हुई और गुरुवार सुबह चार बजे तक चली। नोट गिनने के लिए बड़ी-बड़ी मशीनें लाई गईं और सुबह ट्रकों में नकदी भरी गई।
क्या है अर्पिता का पार्थ चटर्जी से कनेक्शन?
रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि अर्पिता मुखर्जी दुर्गा पूजा कमेटी के जरिए मंत्री पार्थ चटर्जी के संपर्क में आई थीं। इतना ही नहीं वह 2019 और 2020 में नकटला उदयन संघ नामक पार्थ चटर्जी की दुर्गा पूजा समिति के प्रचार अभियानों का चेहरा भी थीं।
अर्पिता मुखर्जी, अभिनेत्री और मॉडल हैं। अर्पिता ने न केवल ओडिया में बल्कि बंगाली और तमिल फिल्मों में भी अभिनय किया है। अभिनेत्री के फेसबुक बायो में लिखा है, “एक मल्टी-टैलेंटेड वर्सेटाइल एक्टर, जिन्होंने टॉलीवुड में कई फिल्मों में काम किया है।” बता दें कि अभिनेत्री 2009 में आई फिल्म ‘मामा भगने’ में बंगाली सुपरस्टार प्रोसेनजीत चटर्जी के साथ और 2008 में रिलीज हुई फिल्म ‘पार्टनर’ में काम कर चुकी हैं।
मध्यप्रदेश के कई शहरों में 72 घंटे से लगातार हो रही बारिश ने हालात बिगाड़ दिए
TIO BHOPAL
मध्यप्रदेश के कई शहरों में 72 घंटे से लगातार हो रही बारिश ने हालात बिगाड़ दिए हैं। नदी-नाले उफनाकर सीमाएं तोड़ने लगे हैं। प्रदेश में आज बाढ़ का अलर्ट जारी किया गया है। तवा, नर्मदा, शिप्रा, बेतवा और पार्वती किनारे बाढ़ का खतरा है। भोपाल-नर्मदापुरम रोड पर समरधा के पास ढलान पर पुल की मिट्टी धंस गई। यहां ट्रैफिक वन-वे कर दिया गया है। कलियासोत नदी पर पुल इसी साल बनाया गया था। गुना के जिला अस्पताल के कई वार्ड में बारिश का पानी भर गया। सीवेज पाइप ओवरफ्लो हो जाने से नर्सों के कमरों में भी पानी घुसने लगा है। शहर के दोनों तालाब फुल हो गए हैं। कभी भी ओवरफ्लो हो सकते हैं।
पार्वती उफनाने से श्योपुर-कोटा हाईवे 30 घंटे बंद रहा। श्योपुर में अमराल नदी पर बने सोंई भीखापुर का रपटा डूब गया। इसे पार करने की कोशिश में बाइक सवार बहने लगा। हालांकि, वहां मौजूद लोगों ने उसे बचा लिया। भोपाल में एयरपोर्ट, लालघाटी, ऐशबाग और नारियलखेड़ा समेत कई इलाकों में सड़कों पर 3-3 फीट तक पानी भर गया। कोलांस नदी का पानी भदभदा के आगे सीहोर रोड पर आ गया। भोपाल-सीहोर मार्ग पानी उतरने तक बंद रहा।
शिवपुरी के मोहिनी सागर और मड़ीखेड़ा बांध के गेट खोलने से सिंध नदी में भी पानी बढ़ गया है। क्वारी नदी का जलस्तर भी तेजी से बढ़ रहा है। खंडवा में इंदिरा सागर बांध के 12 गेट खोलने पड़ गए। सीहोर के नसरुल्लांगज और रेहटी में भारी बारिश से निचले इलाकों में पानी भर गया। शिवपुरी में बेतवा में नदी उफना गई। टापू पर फंसे दो चरवाहे और उनके जानवरों को रेस्क्यू किया गया।
24 घंटे के दौरान भोपाल में 3 इंच से सबसे ज्यादा बारिश हुई। गुना, सागर, बैतूल में 1 इंच से ज्यादा पानी गिरा। सतना, मंडला, जबलपुर और नर्मदापुरम में एक-एक इंच बारिश हुई। पचमढ़ी, रीवा, नौगांव सीधी छिंदवाड़ा, दतिया, रतलाम, धार, खजुराहो में आधा-आधा इंच, इंदौर,दमोह और रायसेन में भी बारिश हुई। भोपाल शहर में सबसे ज्यादा साढ़े 3 इंच बारिश रिकॉर्ड की गई। यह रिकॉर्ड कल सुबह 8:30 से आज सुबह 8:30 बजे तक का है
द्रौपदी मुर्मू ने देश के 15वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली
TIO NEW DELHI
द्रौपदी मुर्मू को देश की 15वीं राष्ट्रपति के तौर पर चीफ जस्टिस एनवी रमना ने शपथ दिलाई। वह देश की पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति हैं। सुबह सवा 10 बजे द्रौपदी मुर्मू ने संसद भवन के सेंट्रल हॉल में देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद की शपथ ली। उन्हें 21 तोपों की सलामी दी गई। “मैं जिस जगह से आती हूं, वहां प्रारंभिक शिक्षा भी सपना होता है। गरीब, पिछड़े मुझे अपना प्रतिबिंब दिखाते हैं। मैं भारत के युवाओं और महिलाओं को विश्वास दिलाती हूं कि इस पद पर काम करते हुए उनका हित मेरे लिए सर्वोपरि रहेगा।
संसद में मेरी मौजूदगी भारतीयों की आशाओं और अधिकारों का प्रतीक है। मैं सभी के प्रति आभार व्यक्त करती हूं। आपका भरोसा और समर्थन मुझे नई जिम्मेदारी संभालने का बल दे रहा है।
मैं पहली ऐसी राष्ट्रपति हूं जो आजाद भारत में जन्मी। हमारे स्वतंत्रता सेनानियों ने भारतीयों से जो उम्मीदें लगाई थीं, उन्हें पूरा करने का मैं पूरा प्रयास करूंगी।
राष्ट्रपति के पद तक पहुंचना मेरी निजी उपलब्धि नहीं है, यह देश के सभी गरीबों की उपलब्धि है। मेरा नॉमिनेशन इस बात का सबूत है कि भारत में गरीब न केवल सपने देख सकता है, बल्कि उन सपनों को पूरा भी कर सकता है।’
हे पार्थ ! क्या खाते हो रुपया ?
राकेश अचल
पार्थ नाम बहुत ऐतिहासिक है ,शायद इसीलिए माश्चिम बंगाल के मंत्री पार्थ चटर्जी ने भी भ्र्ष्टाचार के मामले में भाजपा की बराबरी करने के लिए अपने और अपने चाहने वालों के घर में रुपयों का पहाड़ बना लिया | पार्थ के घर ईडी का छापा परोक्ष रूप से मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के घर छापा है | पार्थ की करीबी के घर मिले नोटों की गिनती के लिए ईडी को मशीन का सहारा लेना पड़ रहा है | कोई पार्थ से पूछकर बताये कि क्या वे रूपये खाते हैं ?
भ्र्ष्टाचार के मामले में अभी तक प्रतिस्पर्द्धा कांग्रेस और भाजप्पा के बीच ही चल रही थी, किन्तु अब इसमें तृण मूल कांग्रेस भी शामिल हो गयी है | मध्य प्रदेश में जैसा व्यापम घोटाला एक दशक पूर्व हो चुका है वैसा ही भर्ती घोटाला अब पश्चिम बंगाल में पकड़ा गया है .मध्यप्रदेश में नोट गिनने की मशीनें सिर्फ इसलिए नहीं आयीं क्योंकि यहां घोटाले के इपिक सेंटर पर ईडी को भेजा ही नहीं गया ,फिर भी खबरें खूब चलीं कि मध्यप्रदेश में भी व्यापम घोटाले से मिला रुपया गिनने के लिए श्यामला हिल वालों के यहां एटीएम लगी हुई थी | राष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष को एक करने का अभियान चलने वाली पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के राज्य में भर्ती घोटाले की भनक मिलने के बाद प्रवर्तन निदेशालय ने कई ठिकानों पर छापेमारी की |
बंगाल के एक मंत्री पार्थ चटर्जी की करीबी अर्पिता चटर्जी के घर से ईडी ने करीब 20 करोड़ नगद मिले | 20 करोड़ रुपए के नोट गिनने के लिए मशीन के साथ बैंक के अधिकारियों को भी लगाया गया. अर्पिता मुखर्जी के घर से 20 मोबाइल फोन भी जब्त किए गए हैं. मंत्री पार्थ चटर्जी के घर भी छापा मारा गया | ईडी पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग और पश्चिम बंगाल प्राथमिक शिक्षा बोर्ड में भर्ती घोटाले से जुड़े अलग-अलग जगहों में तलाशी अभियान चला रहा है| फिलहाल इस पूरे विवाद से टीएमसी ने खुद को दूर कर लिया है. जो विवाद पार्टी और सरकार के लिए किरकिरी का सबब बन सकता है, इस मुद्दे से बचने की जद्दोजहद शुरू.हो गयी है |
तृण मूल कांग्रेस ने एक आधिकारिक बयान जारी खुद को इस घोटाले से दूर कर लिया है. कहा गया है कि पार्टी का इन पैसों से कोई लेना देना नहीं है | जांच में जिनके भी नाम सामने आए है जवाब देना उनका और उनके वकीलों का काम है. टीएमसी अभी पूरे मामले को करीब से देख रही है. समय आने पर प्रतिक्रिया दी जाएगी | अब ममता की पार्टी ने तो ये कह कर पल्ला झाड़ लिया, लेकिन बंगाल में बीजेपी ने इसे बड़ा मुद्दा बनाने में जरा भी देरी नहीं की. बीजेपी नेता शुभेंदू अधिकारी ने ट्वीट कर कहा कि अर्पिता मंत्री की करीबी हैं |
मध्यप्रदेश के बाद बंगाल में भर्ती घोटाले से अवैध कमाई की पुष्टि से जाहिर हो गया है कि देश में अब कोई भी दूध का धुला नहीं है | दूध से धुले नेताओं का युग बीत चुका है | ईडी चाहे तो हर राज्य में ऐसे घोटाले उजागर कर सकती है ,क्योंकि देश में इन दिनों विधायक और सांसद ही करोड़ों में बिक रहे हैं ,किन्तु ईडी को शिकार चिन्हित कर दिए जाते हैं | ईडी अपने आप कुछ नहीं कर सकती | ईडी एक पालतू श्वान है ,जो मालिक की ‘ छू ‘ सुनकर ही अपने शिकार पर झपट्टा मरती है | पिछले आठ साल में ईडी ने भाजपा शासित एक भी सूबे में इस तरह की कार्रवाई नहीं की | हालाँकि पहले इस तरह की कार्रवाइयां हुईं | मध्यप्रदेश में तो तत्कालीन शिक्षा मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा को तो इस मामले में जोड़े जाने के बाद अपनी जान से भी हाथ धोना पड़ा |एक आईएएस अफसर अरविंद जोशी गुमनाम मौत मर गए |
मै शुरू से कहता आया हूँ कि राजनीति में अधिकाँश लोग या तो रुपया कमाने आते हैं या फिर अपना जमा किया हुया रुपया बचाने के लिए आते हैं | राजनीति है ही रुपया कमाने की मशीन | कोई अपने लिए रुपया कमाता है तो कोई पार्टी के लिए | पकड़ा जाता है तो सब पल्ला झाड़ लेते हैं ,शहादत देना पड़ती है उस आदमी को जो कमाए गए रूपये का असल मालिक नहीं होता | मध्यप्रदेश में करोड़ों रुपया कमाने वाले मंत्री ,आईएएस अफसर और ठेकेदारों की एक लम्बी फ़ौज थी और है | बंगाल का मामला सामने आने के बाद लगता है कि ऐसी फौजें हर सूबे में होती होंगीं | बिना इनके सरकारें चल ही नहीं सकतीं |
अवैध रूप से धन कमाने की इन फौजों के खिलाफ केंद्र की मुहिम का स्वागत किया जाना चाहिए,पर ऐसा होगा नहीं | हो भी नहीं सकता क्योंकि ये कार्रवाई दलगत विद्वेष की गरज से की जाती है | मध्यप्रदेश में डम्पर घोटाले से लेकर व्यापम घोटाले तक में नाम आने के बाद किसी का कुछ नहीं बिगड़ा | सब के सब सत्ता के केंद्र में हैं क्योंकि मोदी जी की कृपा उनके ऊपर बरस रही है | मोदी जी खुद एक सूबे के डेढ़ दशक तक मुख्यमंत्री रहें हैं इसलिए खूब जानते हैं कि राज्यों में धनकुबेर कैसे बना जाता है ? उनकी किस्मत है कि उनके या उनकी सरकार के खिलाफ ईडी का इस्तेमाल होने से पहले ही वे केंद्र की सत्ता में आ गए | लेकिन कहते हैं की – बकरे की माँ कब तक खैर मनाएगी ? ऊँट एक न एक दिन तो पहाड़ के नीचे आएगा |
देशको रुपया कमाने का रास्ता कांग्रेस ने दिखाया |आपको हिमाचल वाले सुखराम याद होंगे ही ! फिर तो हर पार्टी कांग्रेस के दिखाए इस ‘ मुद्रा मार्ग ‘ पर चल पड़ी | बंगारू लक्ष्मण और ठाकुर दिलीप सिंह जो देव जैसों की एक लम्बी फेहरिश्त देश के पास है | हर दल के लोग इसमें शामिल हैं | पकड़े केवल वे लोग जाते हैं जिनका नसीब खराब होता है | वे खुशनसीब हैं जो इस समय सत्तारूढ़ दल की छत्रछाया में हैं |सत्ता का छाता हर ऐब को छिपा लेता है ,बल्कि रुपया कमाने की सहूलियत भी देता है | सत्ता के संरक्षण के बिना आप एक फूटी कौड़ी भी नहीं कमा सकते | कोई आपको कमाने ही नहीं देगा |
बहरहाल केंद्र सरकार आगामी चुनाव से पहले इसी तरह के धनपशुओं को खोज-खोज कर अपना काम आसान करने में जुटी है | जो सत्ता के अनुकूल हैं वे धनपशु बचे हैं और बचे रहेंगे |वे चाहें तो दही,मही बेचकर भी रुपया कमा सकते हैं ,क्योंकि अब इन उत्पादों पर भी जीएसटी लगती है | रूपये कमाने के लिए भ्र्ष्टाचार अनिवार्य शर्त नहीं है | आप ईमानदारी से सरकार के साथ रहकर भी दुसरे अडानी,अम्बानी या बाबा रमदेव बन सकते हैं |कोशिश तो कीजिये | फिलहाल ममता बनर्जी के प्रति देश की सहानुभूति होना चाहिए |
होटल सायाजी में चल रहा सीजलर फेस्टीवल लोगों के आकर्षण का केंद्र बना

SHASHI KUMAR KESWANI
भोपाल के होटल सायाजी में चल रहा सीजलर फेस्टीवल लोगों के आकर्षण का केंद्र बना हुआ है, वैसे भी भोपाल में सायाजी अलग पहचान रखता है। पूलसाईड डिनर का मजा अलग ही है। साथ में बारिश का मौसम, ऊपर से गरमागरम सीजलर मिल जाए बस मजा ही आ जाता है।

संडे तक चलने वाला यह फेस्टीवल भोपाल वालों के लिए एक सुनहरा अवसर है जहां भोपाल में सीजलर का चयन कम है हालांकि लोगों को सीजलर खाना बहुत पसंद है और साथ में बारह तरह के सीजलर वेज नॉनवेज मिल जाए तो मजा ही आ जाता है। साथ में बुफे डिनर जिसमें बहुत तरह का खाना परोसा गया है। गजल सुनते हुए खाने का मजा और भी बढ़ जाता है। ऊपर से अनेकों तरह के मीठे मिल जाए तो यह लगता है कि जीवन में जैसे कुछ मिठास सी घुल गई है। ऐसे सुहाने मौसम में सीजलर का मजा उठाना बनता है। इस सबको तैयार करने के लिए होटल के जीएम एंड डॉयरेक्टर विनोद त्रिपाठी के अथक प्रयास है। साथ ही साथ शेफ की एक लंबी टीम भी काम कर रही है।